सभी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में

पुलिस गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर इस गिरोह के प्रसार के बारे में जानकारी हासिल करने का प्रयास कर रही है. पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कितने पैसों का लेन-देन हुआ, क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल हुआ या नहीं. इन सभी मामलों की जांच के साथ ही फरार अभियुक्तों की भी तलाश की जा रही है.
AIIMS का सर्वर क्रैश, सभी कंप्यूटरों को किया जाएगा फॉर्मेट, विभागों को बैकअप रखने का आदेश
AIIMS server crash: तीसरे दिन भी डाउन रहा AIIMS का server। दिल्ली के अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (AIIMS) में हुए साइबर अटैक (AIIMS Cyber Attack) के बाद संस्थान में लगे हर कंप्यूटर को फॉर्मेट किया जा रहा है. इसके मद्देनजर एम्स प्रशासन ने सभी विभागाध्यक्षों व सभी सेंटरों के प्रमुख को आदेश दिया है कि वे कंप्यूटर से बैकअप डाटा अलग हार्ड सभी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में डिस्क में ले लें. इस सप्ताह सभी कंप्यूटर को फॉर्मेट कर लिया जाएगा. बता दें कि एम्स के कंप्यूटर्स पर रैनसमवेयर (Ransomware) नाम का साइबर अटैक हुआ था. एम्स में करीब 5 हजार कंप्यूटर सिस्टम और 50 सर्वर हैं.
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हैकर्स ने हैक के छे दिन बाद आखिरकार अपनी मंशा जाहिर कर दी है. हैकर्स ने सर्वर रिलीज करने के बदले 200 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी है. हैकर्स यह पैसा भारतीय करेंसी या अमेरिकी डॉलर्स में नहीं बल्कि वर्चुअल क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में लेना चाहते हैं, ताकि उन्हें ट्रेस नहीं किया जा सके. दिल्ली पुलिस और CERT-IN के एक्सपर्ट्स के साथ ही इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रेटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) डिविजन ने इस मामले में फिरौती का मुकदमा दर्ज कर लिया है.
Binance ने 16 हजार करोड़ से ज्यादा के Bitcoin अज्ञात वॉलेट में किए ट्रांस्फर, ट्विटर पर आई सवालों की बाढ़
Binance अपने FTX क्रिप्टो एक्सचेंज के पतन के बाद अपने प्रूफ-ऑफ-रिजर्व का ऑडिट करवा रही है। क्रिप्टो एक्सचेंज ने कुछ विवादों का सामना किया, जब यह पता चला कि BTC 127,000 को एक ट्रांजेक्शन में ‘गुमनाम’ वॉलेट में भेजा गया। लगभग 16,250 डॉलर (करीब 13 लाख रुपये) पर BTC ट्रेडिंग के साथ, Binance ने BTC को 800 बिलियन (लगभग 16,324 करोड़ रुपये) से अधिक ट्रांस्फर कर दिया, जिससे क्रिप्टो कम्युनिटी के सदस्यों के बीच तनाव बढ़ गया।
इन शहरों से होंगी डिजिटल रुपया पायलट प्रोजेक्ट की शुरुवात
खुदरा लेन-देन के लिए डिजिटल रुपये के पहले चरण के पायलट प्रोजेक्ट में मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु व भुवनेश्वर जैसे शहरों को शामिल किया गया है। उसके बाद के चरणों में अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला शहर शामिल होंगे शामिल होंगे। रिजर्व बैंक ने कहा है आवश्यकतानुसार अधिक बैंकों, उपयोगकर्ताओं और स्थानों को शामिल करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट का दायरा धीरे-धीरे बढ़ाया जा सकता है।
पायलट वास्तविक समय में डिजिटल रुपये के निर्माण, वितरण और खुदरा उपयोग की पूरी प्रक्रिया की मजबूती का परीक्षण करेगा। इस पायलट से मिले अनुभवों के आधार पर भविष्य के पायलटों में e₹-R टोकन और आर्किटेक्चर की विभिन्न विशेषताओं और अनुप्रयोगों का परीक्षण किया जाएगा।
क्या है CBDC
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (central bank digital currency) किसी केंद्रीय बैंक की तरफ से उनकी मौद्रिक नीति के अनुरूप नोटों का डिजिटल स्वरूप है। इसमें केंद्रीय बैंक पैसे छापने के बजाय सरकार के पूर्ण विश्वास और क्रेडिट द्वारा समर्थित इलेक्ट्रॉनिक टोकन या खाते जारी करता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी डिजिटल एक करेंसी कानूनी टेंडर है। 30 मार्च, 2022 को सीबीडीसी जारी करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 में संशोधनों को सरकार ने राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से अधिसूचित की गई। CBDC फिएट मुद्रा के समान है और फिएट करेंसी के साथ इसे वन-ऑन-वन एक्सचेंज किया जा सकता है। सीबीडीसी, दुनिया भर में, वैचारिक, विकास या प्रायोगिक चरणों में है।
दो तरह की होगी CBDC
– Retail (CBDC-R): Retail CBDC संभवतः सभी को इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी
– Wholesale (CBDC-W) : इसे सिर्फ चुनिंदा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के लिए डिजाइन किया गया है
आरबीआई CBDC की शुरुआत क्यों कर रहा है?
भारतीय रिजर्व बैंक सीबीडीसी को वैध मुद्रा (लीगल मनी) के रूप में जारी करेगा। ये देश की करेंसी का एक डिजिटल रिकॉर्ड या टोकन होगा जिसे लेनदेन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। RBI को सीबीडीसी की शुरूआत से कई तरह के लाभ मिलने की उम्मीद है, जैसे कि नकदी पर निर्भरता कम होना, मुद्रा प्रबंधन की कम लागत और निपटान जोखिम में कमी। यह आम जनता और व्यवसायों को सुरक्षा और तरलता के साथ केंद्रीय बैंक के पैसे का एक सुविधाजनक, इलेक्ट्रॉनिक रूप प्रदान कर सकता है और उद्यमियों को नए उत्पाद और सेवाएं बनाने के लिए एक मंच प्रदान कर सकता है।
भारत में मुद्रा का डिजिटलीकरण मौद्रिक इतिहास में अगला मील का पत्थर है। रिजर्व बैंक का कहना है कि डिजिटल रुपये से पेमेंट सिस्टम और सक्षम बन जाएगा। ट्रांजेक्शन कॉस्ट घटने के अलावा CBDC की सबसे खास बात है कि RBI का रेगुलेशन होने से मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग, फ्रॉड की आशंका नहीं होगी। इस डिजिटल करेंसी से सरकार की सभी अधिकृत नेटवर्क के भीतर होने वाले ट्रांजेक्शंस तक पहुंच हो जाएगी। सरकार का बेहतर नियंत्रण होगा कि पैसा कैसे देश में प्रवेश करता है और प्रवेश करता है, जो उन्हें भविष्य के लिए बेहतर बजट और आर्थिक योजनाओं के लिए जगह बनाने और कुल मिलाकर अधिक सुरक्षित वातावरण बनाने की अनुमति देगा।
पश्चिम बंगाल : फुटबॉल विश्व कप में ऑनलाइन सट्टा चलाने वाला गिरोह का भंडाफोड़, 5 गिरफ्तार
पश्चिम बंगाल के फुटबॉल विश्व कप को लेकर धड़ल्ले से ऑनलाइन सट्टा चलाने वाले एक गिरोह का कोलकाता पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. कोलकाता पुलिस को जानकारी मिली थी कि सोमवार को कोरिया गणराज्य और घाना के मैच को लेकर कोलकाता के पार्क स्ट्रीट के एक होटल में ऑनलाइन सट्टा लगाने का धंधा चल रहा सभी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में था. कोलकाता पुलिस के एआरएस अधिकारियों ने गुप्त सूत्रों से सूचना मिलने के बाद होटल में तलाशी अभियान चलाकर के 5 लोगों को गिरफ्तार किया है . घटना स्थल से 6 मोबाइल फोन, 1 टीवी और कई दस्तावेज बरामद किए गए हैं.
गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने की थी छापामारी
कतर में चल रही फुटबाॅल मैच को लेकर बंगाल के लोगों में क्रेज अलग ही देखने को मिल रहा है. ऐसे में धड़ल्ले से लोग ऑनलाइन सट्टा में पैसा लगा रहा है. पुलिस को सूचना मिली थी कि इलियट रोड सभी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में स्थित एक होटल में ऑनलाइन जुआ चल रहा था. कोलकाता पुलिस ने गुप्त सूत्रों से सूचना मिलने के बाद सोमवार शाम को छापेमारी शुरू की. कार्रवाई में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. कई मोबाइल फोन भी पुलिस ने जब्त किए हैं. मामले की कार्रवाई जारी है.
17 दिसंबर को ममता व शाह होंगे आम
एक सप्ताह से हैक पड़ा है AIIMS का सर्वर, क्रिप्टोकरेंसी में ₹200 करोड़ माँग रहे हैकर्स: मैन्युअली हो रहा सारा काम, 4 करोड़ मरीजों का डेटा भगवान भरोसे
दिल्ली एम्स से हैकर्स ने की 200 करोड़ की माँग, लगातार छठे दिन भी डाउन रहा सर्वर (फोटो साभार: Mint)
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (दिल्ली एम्स) का सर्वर बुधवार (23 नवंबर, 2022) को हैक किया गया था। अब हैकर्स ने दिल्ली एम्स सभी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में प्रबंधन से क्रिप्टोकरेंसी के रूप में 200 करोड़ रुपए की माँग की है। यह माँग सामने आने के बाद जाँच एजेंसियाँ अलर्ट मोड पर हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली एम्स (Delhi AIIMS) का सर्वर हैक होने के बाद 3-4 करोड़ मरीजों का डेटा प्रभावित हो सकता है। सर्वर हैक होने के बाद से मरीजों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। यहाँ पूरा काम मैन्युअल तरीके से हो रहा है। भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (ICERT), दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय की टीम एम्स के सर्वर में हुए रैंसमवेयर अटैक की जाँच कर रहे हैं। बता दें कि इस मामले में दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) यूनिट ने शुक्रवार (25 नवंबर, 2022) को जबरन वसूली और साइबर आतंकवाद का मामला दर्ज किया है।