शेयर की ट्रेडिंग कैसे होती है?

इस कंपनी ने सिर्फ 6 महीनों में दिया 344% का ताबड़तोड़ रिटर्न अब 1 शेयर पर 6 मुफ़्त शेयर देने की घोषणा
प्लास्टिक उत्पादों के कारोबार से जुड़ी स्मॉल-कैप कंपनी जीएम पॉलीप्लास्ट (GM Polyplast) ने अपने निवेशकों के सिर्फ 6 महीनों की अवधि में 344% से अधिक का शानदार रिटर्न दिया है, लेकिन हाल ही में हुई कंपनी के निदेशक मण्डल की बैठक में लिए गए बोनस इश्यू के फैसले से निवेशकों को और तगड़ा मुनाफा हो सकता है। बता दें कि, कंपनी ने निवेशकों को 6:1 के रेशियो में बोनस इश्यू की घोषणा की है।
दूसरे शब्दों में कंपनी निवेशकों को 1 शेयर के बदले 6 शेयर बोनस के रूप में जारी करेगी, उदाहरण के तौर पर यदि आपके पास कंपनी के 100 शेयर थे तो बोनस शेयर जारी होने के बाद आपके डीमैट खाते में कंपनी के 100+600= 700 शेयर हो जाएंगे। हालांकि शेयरों की संख्या बढ़ने शेयर की ट्रेडिंग कैसे होती है? से आपके पोर्टफोलियो पर इसका कोई असर नहीं पड़ता है।
शेयर का पास्ट परफॉर्मेंस
शेयर के पिछले एक साल के प्रदर्शन को देखें तो एक साल में यह 372.69% ऊपर चढ़ा है और कंपनी द्वारा लिए गए बोनस इश्यू के फैसले के बाद से निवेशकों के बीच इसे खरीदने की होड़ मची है। शेयर के ताज़ा भाव को देखें तो आज शेयर 4.99% के उछाल के साथ 52 वीक का नया हाई बनाते हुए 827.20 रुपये के रेट पर ऊपरी सर्किट को हिट कर चुके हैं। पिछले 1 साल में इसने निवेशकों के पैसे को 3.5 गुना से अधिक किया है, इस दौरान GM Polyplast के शेयर प्राइज ₹180 से बढ़कर ₹827 के पार चला गया।
बोनस इश्यू के लिए रिकॉर्ड डेट
एक्सचेंज के साथ कंपनी की फाइलिंग के अनुसार कंपनी ने अभी बोनस इश्यू के लिए रिकॉर्ड डेट (Record Date) की घोषणा नहीं करी है। इसका ऐलान आने वाले कुछ दिनों में कर दिया जाएगा, बताया दें कि, रिकॉर्ड डेट वह तिथि होती है जिसके आधार पर यह निर्धारित किया जाता है कि, कौन से निवेशक बोनस शेयर प्राप्त करने के लिए पात्र हैं।
अतः बोनस शेयर प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक है कि, रिकॉर्ड डेट को आपके डीमैट खाते में कंपनी के शेयर मौजूद हों, चूंकि भारत में किसी कंपनी के शेयर शेयर ट्रेडिंग के दो दिन बाद आपके डीमैट खाते में डिपॉजिट होते हैं अतः यदि आप बोनस शेयर का लाभ लेना चाहते हैं तो आपको कंपनी के शेयर रिकॉर्ड डेट से 2 दिन पहले खरीदने चाहिए।
कारोबार एवं वित्तीय स्थिति
कंपनी के अनुसार यह HIPS, ABS, PET, PP, HDPE शीट्स और प्रीमियम गुणवत्ता वाले ग्रैन्यूल्स के अग्रणी निर्माताओं में से एक है, जिसने 2003 में अपना परिचालन शुरू किया। वर्तमान के कंपनी के उत्पादों की मांग भारत समेत USA, UK, चीन, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, नेपाल, UAE, सऊदी अरब समेत कई अन्य देशों में है।
कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो वित्त वर्ष 2021-22 में कंपनी की कुल 73.87 करोड़ की सेल हुई, जिसमें कंपनी का शुद्ध लाभ देखें तो यह 4.19 करोड़ रहा। इसके साथ ही Q2FY23 में कंपनी ने एक साल पहले इसी अवधि में ₹1.76 करोड़ के लाभ की तुलना में ₹2.53 लाख करोड़ का स्टैंडअलोन प्राॅफिट हुआ है।
ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग कैसे करे – Online Trading In Hindi
ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग कैसे करे – Online Trading In Hindi
Online Trading In Hindi – स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेडिंग ( शेयरों की खरीद – फरोख्त ) के कई तरीके मौजूद है ! हालाँकि ट्रेडिंग की एक सुनिश्चित प्रक्रिया होती है ! इस प्रक्रिया में कई सारे लोग भाग लेते है ! जो व्यक्ति शेयर खरीदता है वह अपने ब्रोकर से जुड़ा होता है और ब्रोकर का लिंक स्टॉक एक्सचेंज के साथ होता है ! इसी प्रकार इस ट्रांजेक्शन के दूसरी तरफ बिक्रीकर्ता अपने ब्रोकर के द्वारा एक्सचेंज से जुड़ा होता है !
स्टॉक एक्सचेंज एक ऐसा प्लेटफार्म बन जाता है जहाँ सभी एक साथ इकठे हो जाते है और उस जगह पर डिमांड तथा सप्लाई का मिलान होता है और खरीद – बिक्री होती है ! वर्तमान में आधुनिक तकनीक के आ जाने से स्टॉक मार्केट में होने – वाले लेन – देन ( ट्रेडिंग ) के तरीके में भी बदलाव आया है ! आज इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि शेयरों की ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे होती है तथा ऑनलाइन ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या है ? तो आइये जानते है Online Share Kaise Kharide In Hindi
ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है ? ( What Is Online Trading In Hindi )
ऑनलाइन ट्रेडिंग में शेयरों की ट्रेडिंग ब्रोकर के माध्यम से ही की जाती है ! यद्यपि ऑनलाइन ट्रेडिंग में ब्रोकर अदृश्य रहता है तथा इसका कोई नाम या पहचान नहीं होती है ! वर्तमान में ऑनलाइन ट्रेडिंग में ब्रोकर की भूमिका इन्टरनेट तथा अन्य सिस्टम , जो वेबसाइट के माध्यम से कार्य करते है , ने ले ली है ! इस प्रकार पारम्परिक तरीके से अलग ऑनलाइन ट्रेडिंग में कुछ बदलाव आ गया है तथा इसमें निवेशक का अनुभव भी पुर्णतः अलग रहता है !
ऑनलाइन ट्रेडिंग करने के लिए निवेशक को ब्रोकर की वेबसाइट पर निवेशक को Registration करवाना पड़ता है तथा उसके नाम से ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट खोला जाता है ! जब कभी निवेशक को ट्रेडिंग करनी होती शेयर की ट्रेडिंग कैसे होती है? है , वह ब्रोकर की वेबसाइट पर जाकर अपना नाम तथा पासवर्ड डालकर ब्रोकर की वेबसाइट के ट्रेडिंग पेज पर अपनी निर्धारित खरीद – बिक्री करते है ! इसमें निवेशक को मार्केट ऑर्डर तथा लिमिट ऑर्डर दोनों सुविधाये उपलब्ध होती है ! निवेशक के खाते में आवश्यक फण्ड रहने पर तथा पासवर्ड सही होने पर उसके द्वारा किया गया लेन – देन मान्य हो जाता है !
निवेशक के खाते में शेयरों का खरीद मूल्य एवं ब्रोकर का कमीशन निकल जाता है तथा उसके डी – मेट खाते में ख़रीदे गए शेयर जमा हो जाते है ! शेयरों की बिक्री की अवस्था में निवेशक के डी – मेट खाते से शेयर स्थान्तरित हो जाते है तथा उसके बैंक अकाउंट में शेयरों का बिक्री मूल्य कमीशन घटा कर दर्ज हो जाता है !
ऑनलाइन ट्रेडिंग के फायदे ( Online Trading Benefits )
- ऑनलाइन ट्रेडिंग में निवेशक अपने समय व् सुविधानुसार ट्रेडिंग कर सकता है !
- निवेशक को फिजिकली उपस्थित होने की जरुरत नहीं होती !
- फॉर्म आदि भरने की प्रक्रिया का कोई झंझट नहीं होता है !
- निवेशक के लिए प्राथमिक बाजार व् द्वितीयक बाजार में निवेश बहुत ही आसान व् सरल होता है !
- इसमें आप मोबाइल से भी कही भी ट्रेडिंग कर सकते है !
- इसमें गलती की सम्भावना बहुत ही कम होती है !
ऑनलाइन ट्रेडिंग के नुकसान ( Disadvantages of Online Trading )
- आपका अकाउंट हैकर्स द्वारा हैक किया जा सकता है !
- जो लोग कंप्यूटर और नेट की जानकारी नहीं रखते है वे ऑनलाइन ट्रेडिंग का लाभ नहीं उठा सकते है !
- इलेक्ट्रॉनिक गति से transaction होने के कारण निवेशक को अपना निर्णय बदलने की सुविधा नहीं होती है !
दोस्तों उम्मीद करते है Online Trading In Hindi लेख आपको पसंद आया होगा ! अगर Online Share Kaise Kharide In Hindi लेख आपको पसंद आया है तो प्लीज इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करे !
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आ गए सेबी के नए नियम, जो आपको जरूर पता होने चाहिए
SEBI new rules-कैपिटल मार्केट रेग्युलेटर सेबी ने नए नियम जारी किए है. नए नियमों के तहत रेग्युलेटर से शेयर ब्रोकर का रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र प्राप्त किए बिना कोई भी व्यक्ति 'ऑनलाइन बॉन्ड' प्लैटफॉर्म प्रोवाइडर के रूप में काम नहीं करेगा. आइए नए नियमों के बारे में जानते है.
कैपिटल मार्केट रेग्युलेटर सेबी ने लिस्टेड डेट सिक्योरिटीज बेच रहे ऑनलाइन बॉन्ड प्लैटफॉर्म प्रोवाइडर्स के लिए रेग्युलेटरी फ्रेमवर्क लॉन्च किया है. बॉन्ड मार्केट पूरी तरह कंट्रोल नहीं है. अभी यहां एंट्री को लेकर कोई रोक-टोक नहीं है. इससे निवेशकों के बीच संबंधित व्यक्ति को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा होती है. नियमों से निवेशकों की भागीदारी बढ़ने की उम्मीद है.
आपको बता दें कि एक नियम और सेबी ने बदला है. उदाहरण के तौर पर देखें तो या तो ट्रेडर्स को फंड सेटलमेंट हर महीने के पहले शुक्रवार को करना होगा, या हर तिमाही (इस हिसाब से जनवरी 2023, अप्रैल 2023, जुलाई 2023, अक्टूबर, 2023) के पहले शुक्रवार को करना होगा. इसके अलावा अगर वो शुक्रवार को ट्रेडिंग नहीं हो रही है, यानी छुट्टी है तो यह सेटलमेंट उसके पहले पड़ रहे गुरुवार को ही कर शेयर की ट्रेडिंग कैसे होती है? लेना होगा.सेबी ने रनिंग अकाउंट्स के लिए इस साल जुलाई में यह नई गाइडलाइंस जारी की थीं. इसके लिए रेगुलेटर ने स्टॉक एक्सचेंज, इंडस्ट्री शेयर की ट्रेडिंग कैसे होती है? के प्रतिनिधियों और सेकेंडरी मार्केट एडवाइजरी कमिटी के साथ सलाह-मशविरा किया था. नए नियम अक्टूबर में लागू हो गए है.
इस नियम को लेकर सेबी ने अपना एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि सेबी यह नया नियम "क्लाइंट्स के फंड के गलत इस्तेमाल के जोखिम को कम करने के लिए एक फ्रेमवर्क तैयार करने की दिशा में लाया जा रहा है. इस सर्कुलर में एजेंसी ने कहा कि क्लाइंट के मैंडेट के हिसाब से ट्रेडर को फंड या सिक्योरिटी का एक्चुअल सेटलमेंट करना होगा और इसके तहत एक रनिंग अकाउंट के हर सेटलमेंट के बीच कम से कम 30 दिन और अधिकतम 90 दिनों का गैप होना चाहिए. इस नियम के साथ सेबी का लक्ष्य सिक्योरिटी निवेश में निवेशकों के हितों की सुरक्षा करना और सिक्योरिटी मार्केट के रेगुलेशन और डेवलपमेंट को प्रोटेक्ट करना भी है.
अब बात करते हैं बॉन्ड मार्केट के नए नियमों की..नए नियमों के तहत रेग्युलेटर से शेयर ब्रोकर का रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र प्राप्त किए बिना कोई भी व्यक्ति 'ऑनलाइन बॉन्ड ' प्लेटफॉर्म प्रोवाइडर के तौर पर काम नहीं करेगा. ऐसे व्यक्ति को रजिस्ट्रेशन की शर्तों के साथ समय-समय पर रेग्युलेटर की तरफ से निर्धारित अन्य जरूरतों का पालन करना होगा.
एक्सपर्ट्स का शेयर की ट्रेडिंग कैसे होती है? कहना है कि इस कदम से निवेशकों, विशेष रूप से नॉन-इंस्टिट्यूशनल निवेशकों के बीच भरोसा बढ़ेगा, क्योंकि प्लेटफॉर्म पर सुविधा सेबी-रेग्युलेटेड इंटरमीडियरीज प्रदान करेगा.
एक्सपर्ट्स ने सेबी के कदम को बॉन्ड मार्केट के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया है. यह रिटेल निवेशकों के बीच भरोसा बढ़ाने और बॉन्ड बाजार में को रफ्तार देने में मदद करेगा.
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अडानी-अंबानी के नाम से लगातार अपर सर्किट में था शेयर, अब ट्रेडिंग पर लगी रोक
बिज़नेस न्यूज डेस्क - कर्ज के बोझ से दबे किशोर बियानी की कंपनी फ्यूचर ग्रुप के शेयरों में पिछले हफ्ते जबरदस्त तेजी रही। हालांकि आज एक बार फिर कंपनी के शेयरों की ट्रेडिंग पर रोक लगा दी गई है। इससे पहले पिछले महीने फ्यूचर रिटेल की ट्रेडिंग रोक दी गई थी। दरअसल, कंपनी दिवालिया होने की प्रक्रिया से गुजर रही है। बता दें कि डी-लिस्टिंग आमतौर पर तब होती है जब कोई कंपनी अपना संचालन बंद कर देती है या विलय, विस्तार या पुनर्गठन करना चाहती है। एक कंपनी जो नियमों का ठीक से पालन नहीं करती है या दिवाला प्रक्रिया में है, उसे अभी भी व्यापार करने से प्रतिबंधित किया गया है। आपको बता दें कि शुक्रवार को कंपनी के शेयर शुरुआती कारोबार में करीब 5 फीसदी की तेजी के साथ 3.83 रुपये पर पहुंच गए थे। यह लगातार दो कारोबारी दिनों से अपर सर्किट दिखा रहा था। अब खबर है कि मुकेश अंबानी और गौतम अडानी जैसे दिग्गजों ने फ्यूचर रिटेल को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। सूत्रों के मुताबिक, अदानी ग्रुप और फ्लेमिंगो ग्रुप, रिलायंस रिटेल वेंचर्स और अप्रैल मून रिटेल प्राइवेट के संयुक्त कारोबार समेत 13 कंपनियों ने दिवालिया कंपनी के अधिग्रहण में दिलचस्पी दिखाई है।
मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा कि इन कंपनियों ने फ्यूचर रिटेल एसेट्स में अपनी रुचि इस उम्मीद में व्यक्त की है कि उन्हें एक अन्य सूचीबद्ध कंपनी फ्यूचर सप्लाई चेन सॉल्यूशंस में भी हिस्सेदारी मिलेगी। वहीं, अधिक बोली लगाने वाले नागपुर में आपूर्ति शेयर की ट्रेडिंग कैसे होती है? श्रृंखला गोदामों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। बता दें कि फ्यूचर सप्लाई चेन सॉल्यूशंस को वित्त वर्ष 2022 में 700 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। कंपनी 65 वितरक सेटर्स का संचालन करती है, जिसका कुल क्षेत्रफल 8.02 मिलियन वर्ग फुट है। देश भर में कंपनी के 13 हब और 123 शाखाएं हैं। कंपनी फ्रेंचाइजी भी देती है। दिवालियेपन के दौर से गुजर रही कंपनी फ्यूचर रिटेल के शेयर 10 अक्टूबर से बीएसई-एनएसई पर कारोबार नहीं कर रहे थे। यानी इस शेयर की ट्रेडिंग रोक दी गई थी। उस वक्त फ्यूचर रिटेल के शेयर 3.60 रुपये पर बंद हुए थे। हालांकि बीच में कंपनी के शेयरों में कारोबार खुला। फ्यूचर रिटेल के शेयरों में इस साल अब तक अपने निवेशकों के मुकाबले 95 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
अडानी-अंबानी के नाम से लगातार अपर सर्किट में था शेयर, अब ट्रेडिंग पर लगी रोक
बिज़नेस न्यूज डेस्क - कर्ज के बोझ से दबे किशोर बियानी की कंपनी फ्यूचर ग्रुप के शेयरों में पिछले हफ्ते जबरदस्त तेजी रही। हालांकि आज एक बार फिर कंपनी के शेयरों की ट्रेडिंग पर रोक लगा दी गई है। इससे पहले पिछले महीने फ्यूचर रिटेल की ट्रेडिंग रोक दी गई थी। दरअसल, कंपनी दिवालिया होने की प्रक्रिया से गुजर रही है। बता दें कि डी-लिस्टिंग आमतौर पर तब होती है जब कोई कंपनी अपना संचालन बंद कर देती है या विलय, विस्तार या पुनर्गठन करना चाहती है। एक कंपनी जो नियमों का ठीक से पालन नहीं करती है या दिवाला प्रक्रिया में है, उसे अभी भी व्यापार करने से प्रतिबंधित किया गया है। आपको बता दें कि शुक्रवार को कंपनी के शेयर शुरुआती कारोबार में करीब 5 फीसदी की तेजी के साथ 3.83 रुपये पर पहुंच गए थे। यह लगातार दो कारोबारी दिनों से अपर सर्किट दिखा रहा था। अब खबर है कि मुकेश अंबानी और गौतम अडानी जैसे दिग्गजों ने फ्यूचर रिटेल को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। सूत्रों के मुताबिक, अदानी ग्रुप और फ्लेमिंगो ग्रुप, रिलायंस रिटेल वेंचर्स और अप्रैल मून रिटेल प्राइवेट के संयुक्त कारोबार समेत 13 कंपनियों ने दिवालिया कंपनी के अधिग्रहण में दिलचस्पी दिखाई है।
मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा कि इन कंपनियों ने फ्यूचर रिटेल एसेट्स में अपनी रुचि इस उम्मीद में व्यक्त की है कि उन्हें एक अन्य सूचीबद्ध कंपनी फ्यूचर सप्लाई चेन सॉल्यूशंस में भी हिस्सेदारी मिलेगी। वहीं, अधिक बोली लगाने वाले नागपुर में आपूर्ति श्रृंखला गोदामों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। बता दें कि फ्यूचर सप्लाई चेन सॉल्यूशंस को वित्त वर्ष 2022 में 700 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। कंपनी 65 वितरक सेटर्स का संचालन करती है, जिसका कुल क्षेत्रफल 8.02 मिलियन वर्ग फुट है। देश भर में कंपनी के 13 हब और 123 शाखाएं हैं। कंपनी फ्रेंचाइजी भी देती है। दिवालियेपन के दौर से गुजर रही कंपनी फ्यूचर रिटेल के शेयर 10 अक्टूबर से बीएसई-एनएसई पर कारोबार नहीं कर रहे थे। यानी इस शेयर की ट्रेडिंग रोक दी गई थी। उस वक्त फ्यूचर रिटेल के शेयर 3.60 रुपये पर बंद हुए थे। हालांकि बीच में कंपनी के शेयरों में कारोबार खुला। फ्यूचर रिटेल के शेयरों में इस साल अब तक अपने निवेशकों के मुकाबले 95 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।