ADRs का वास्तविक

मतदाता सूची में यहां के वास्तविक पते से नहीं जुड़ता नाम, मकान नंबर भगतसिंह नगर का और पता मारुति नगर लिखवाना पड़ रहा
शहर की सीमा से लगे भगतसिंह नगर की अजीब कहानी है। यहां के लोगों के मतदाता सूची में नाम वास्तविक पते से नहीं जुड़ते हैं। पास की कॉलोनी मारुति नगर में निवासरत बताना पड़ता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस कॉलोनी को न तो झाबुआ नगरपालिका अपनी सीमा में मानती है और न ही पास की ग्राम पंचायत मिंडल। इसी कारण न तो झाबुआ नगरपालिका क्षेत्र और न ही ग्राम ADRs का वास्तविक ADRs का वास्तविक पंचायत मिंडल की वोटर लिस्ट में कॉलोनी का नाम सूचीबद्ध हो पाया। इस कॉलोनी में जो भी रहने आता है, जब वह अपना नाम मतदाता सूची में कॉलोनी के पते से जोड़ने के लिए बीएलओ को देता है तो वह पड़ोस की कॉलोनी मारुति नगर के पते से ही जुड़ पाता है।
रोचक तो यह है कि क्षेत्र की बीएलओ ज्योत्सना मालवीय खुद इस कॉलोनी में रहती हैं। वे बताती हैं-मेरा और मेरे पति का नाम भी वोटर लिस्ट में जुड़वाया तो कॉलोनी के नाम से नहीं जुड़ पाया। मकान नंबर भगतसिंह नगर का और पता मारुति नगर का रखना पड़ा। यह कॉलोनी हाउसिंग बोर्ड ने बनाई है। 52 मकान बनाए गए थे, जिनमें निवास करने के लिए मार्च 2017 में पजेशन देना शुरू कर दिया था। अब तक 30 परिवार रहने के लिए आ चुके हैं। सभी की यही विडंबना है।
हाउसिंग बोर्ड हैंडओवर करना चाहती है, नपा सीमा से बाहर बता कर टेकओवर नहीं करती
भगतसिंह नगर
निर्माण पूरा होने के बाद हाउसिंग बोर्ड ने कॉलोनी झाबुआ नगरपालिका को हैंडओवर करने के लिए पत्र लिखा था। नगरपालिका कर्मचारियों ने साइट विजिट कर विकास शुल्क का डिमांड नोट तैयार कर दिया लेकिन 25 जुलाई 2017 को नगरपालिका ने हाउसिंग बोर्ड को पत्र में यह लिख कर कॉलोनी को टेकओवर करने से इंकार कर दिया कि यह कॉलोनी झाबुआ नगरपालिका क्षेत्र में नहीं है। पास की ग्राम पंचायत मिंडल ने 4 अगस्त 2017 को पत्र के जरिए बताया कि यह कॉलोनी उनके ग्राम पंचायत क्षेत्र में नहीं आती है। हल्का पटवारी और तहसीलदार ने अपनी रिपोर्ट में लिख कर दिया है कि कॉलोनी पटवारी हल्का नंबर के गांव रतनपुरा में बनी है जो नगरीय क्षेत्र में है। बावजूद नगरपालिका कॉलोनी को टेकओवर नहीं कर रही है।
प्रभारी मंत्री बघेल की बहन भी यहीं रहती है
इसी कॉलाेनी में झाबुआ जिले के प्रभारी मंत्री सुरेंद्रसिंह (हनी) बघेल की बहन निवास करती हैं। जिले का प्रभार मिलने के बाद पिछले दिनों जब वे पहली बार झाबुआ आए तो अपनी बहन के घर रात का भोजन करने बघेल कॉलोनी में पहुंचे थे।
स्ट्रीट लाइट बंद, झाड़ू नहीं निकलती
अभी कॉलोनी में नागरिक सुविधाएं देने का जिम्मा हाउसिंग बोर्ड के हाथ है लेकिन संसाधन नहीं होने से यहां के अफसर सुविधाएं दे नहीं पा रहे। कॉलोनी में स्ट्रीट लाइट बंद है। झाड़ू नहीं निकलती। गार्डन के नाम पर जमीन उजाड़ पड़ी है। पानी सप्लाई भी नियमित नहीं है। केवल कचरा गाड़ी आती है।
परिसीमन होगा, तब ही जोड़ सकते हैं नगरीय सीमा में : नगरपालिका
कॉलोनी झाबुआ नगरपालिका क्षेत्र में नहीं आती है। हमें कॉलोनी को टेकओवर करने में परेशानी नहीं है लेकिन जब तक परिसीमन होकर कॉलोनी नगरपालिका क्षेत्र में नहीं आ जाती, तब तक वैधानिक रूप से हम ऐसा नहीं कर सकते। एलएस डोडिया, सीएमओ नगरपालिका झाबुआ
खसरा नंबर की दो अन्य कॉलोनी है नपा में : हाउसिंग बोर्ड
जिस खसरा नंबर पर यह कॉलोनी है, उसी पर बनी दो अन्य कॉलोनी चंद्रशेखर नगर और सुखदेव विहार नगरपालिका ने टेकओवर कर ली। भगतसिंह नगर को नगरीय सीमा से बाहर बता रहे हैं। जबकि हमने राजस्व विभाग की रिपोर्ट भी उन्हें दी है। एके माहोर, सहायक यंत्री हाउसिंग बोर्ड
सीएमओ/सचिव के प्रस्ताव पर सूचीबद्ध होती है कॉलोनी
मतदाता सूची में कॉलोनी तभी सूचीबद्ध होती है, जब संबंधित नपा सीएमओ या ग्रापं सचिव प्रस्ताव भेजते हैं। उनके प्रस्ताव को शासन को भेजते हैं। अधिसूचना जारी होती है, उसके बाद मतदाता सूची में कॉलोनी सूचीबद्ध होती है। केसी परते, एसडीएम झाबुआ
Subhash Chandra Address: डॉक्टर सुभाष चंद्रा का हैदराबाद IIIT में सेमिनार, स्टूडेंट्स से किया संवाद
Subhash Chandra Address: राज्य सभा सांसद डॉक्टर सुभाष चंद्रा ने आज (शुक्रवार को) IIIT हैदराबाद में टेक फ्यूचर ऑफ मीडिया एंड मूवीज मसले पर सेमिनार को संबोधित किया. कार्यक्रम के दौरान उन्होंने IIT स्टूडेंट्स के साथ भी बातचीत की.
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उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी की मदद से नए विचारों का सृजन किया जा सकता है. आज डिलीवरी के लिए ADRs का वास्तविक ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. उम्र कम करने की तकनीक भी उपलब्ध हो रही है. तकनीक के फायदे और नुकसान दोनों हैं.
राज्य सभा सांसद सुभाष चंद्रा ने कहा कि इस लिहाज से देखें तो ओटीटी, थिएटर भविष्य में भी साथ-साथ चलेंगे. ओटीटी में एक अतिरिक्त ADRs का वास्तविक सुविधा कंटेंट को कंट्रोल करने की है. एक दौर था जब लोग वीसीआर में मूवीज देखते थे. अब हम लोग ओटीटी पर चल रहे लाइव को कंट्रोल करते हुए मूवीज देख रहे हैं.
डॉक्टर सुभाष चंद्रा ने कहा कि मनुष्य तीन अवस्थाओं में रहता है. एक तो जागना, दूसरी सोना और सपने देखना, तीसरी अवस्था गहरी नींद में सोना. आइए हम सब मिलकर एक साथ काम करें और नए आइडिया पैदा करें.
राज्य सभा सांसद सुभाष चंद्रा ने OTT के भविष्य के बारे में कहा कि इसको कहा ही Over The Top जाता है. बदलते परिवेश के ADRs का वास्तविक बावजूद टीवी चैनलों की जड़ें मजबूत हुई हैं और उनके कंटेंट को पहले की तुलना में अधिक देखा जाता है. यानी ये डिस्ट्रब्यूशन का एक नया मीडियम है. इसलिए OTT आने के बाद पुरानी चीजों का क्या होगा, इस सवाल के जवाब में कहा जा सकता है कि टेक्नोलॉजी के कारण रूप का परिवर्तन जरूर हो रहा है लेकिन समानांतर में चीजें चलती रहेंगी.
उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी किस तरह बदल रही है उसका उदाहरण चार हफ्ते पहले मैंने दुबई में देखा. इजरायल की एक कंपनी का प्रेजेंटेशन देखा जिसमें वह इंसान की आयु को रोकने का प्रयोग कर रही है. यानी कि वह बूढ़ा नहीं होगा. प्रयोग में धरती के नीचे ऐसी दशाएं विकसित करने की कोशिशें की जा रही हैं जिससे कि इस तरह की संभावना पैदा की जा सके.
डॉक्टर सुभाष चंद्रा ने कहा कि मैंने अपनी किताब में भी लिखा है कि अगर उस समय इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री होतीं तो ज़ी टीवी कभी शुरू नहीं हो पाता. अगर ज़ी टीवी शुरू नहीं हुआ होता तो आज भारत में लगभग 563 टीवी चैनल हैं, जिसमें करीब 1.2 करोड़ लोग काम करते हैं. तो ये सब नहीं हो पाता.
डॉक्टर सुभाष चंद्रा ने कहा कि टेक्नोलॉजी के संबंध में एक बात कहना चाहते हैं कि जिस तरह अच्छाई और बुराई एक साथ चलती है उसी तरह टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल भी अच्छे और बुरे कामों के लिए हो सकता है. इसलिए जहां टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अच्छे के लिए होगा वहीं इसका इस्तेमाल बुराई के लिए भी किया जा सकता है.
राज्य सभा सांसद सुभाष चंद्रा ने कहा कि इतिहास में बहुत सारी ऐसी चीजें हैं जिनका वास्तविकता से नाता नहीं है. इसका एक उदाहरण है कि जैसे बताया जाता है कि महाराणा प्रताप मुगलों से युद्ध में हार गए थे. लेकिन यह सच नहीं है. जब रिसर्च हुई तो पाया गया कि महाराणा प्रताप ने मुगलों को हराया था. इसके ऐतिहासिक सबूत जोधपुर यूनिवर्सिटी और अन्य लोग जो इसपर रिसर्च कर रहे हैं वो जानते हैं.
उन्होंने कहा कि मैंने एक जगह पढ़ा कि अंबेडकर ने एक बार संविधान सभा में कहा था कि हम लोगों को किस तरह का संविधान दे रहे हैं. हमने इस तरह के सेंट्रल रूल के लिए आजादी की लड़ाई नहीं लड़ी थी.
राज्य सभा सांसद सुभाष चंद्रा ने कहा कि 1990 के दशक में जब हमने Zee Tv शुरू किया तब से टेक्नोलॉजी में आमूलचूल परिवर्तन हो गया है.
डॉक्टर सुभाष चंद्रा ने कहा कि टेक्नोलॉजी का मनुष्य से गहरा नाता ADRs का वास्तविक है. इसके लिए जरूरी है कि पहले इंसान को समझा जाए. वेदांत में कहा गया है कि मनुष्य तीन दशाओं में रहता है. एक जागृत अवस्था में, दूसरी अवस्था-सपने देखने की है और तीसरी अवस्था वो होती है जब मनुष्य सोता है. उस वक्त वह मृत व्यक्ति की तरह होता है.
राज्य सभा सांसद सुभाष चंद्रा ने कहा कि आज संविधान वैसा नहीं है जैसा महात्मा गांधी जी ने सोचा था. गांधी जी के स्वराज का मतलब गर्वनेंस का कंट्रोल ग्रामीण स्तर पर देना था.
हैदराबाद IIIT के सेमिनार में सुभाष चंद्रा ने कहा कि गांधी जी ने गांवों की मजबूती पर काम किया.
प्रसारण पते - Broadcast Address का क्या अर्थ है?
प्रसारण पता एक विशेष इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) पता है जिसका उपयोग संदेशों और डेटा पैकेटों को नेटवर्क सिस्टम में प्रसारित करने के लिए किया जाता है। नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर (एनए) प्रसारण पते के माध्यम से सफल डेटा पैकेट ट्रांसमिशन को सत्यापित करते हैं।
डायनेमिक होस्ट कॉन्फ़िगरेशन प्रोटोकॉल (डीएचसीपी) और बूटस्ट्रैप प्रोटोकॉल (बीओओटीपी) क्लाइंट संबंधित सर्वर अनुरोधों का पता लगाने और उन्हें प्रसारित करने के लिए प्रसारण आईपी पते का उपयोग करते हैं।
जब आईपी वर्ग डिजाइन किए गए थे, तो कुछ आईपी पते विशिष्ट कार्यों के लिए आरक्षित थे। ब्रॉडकास्ट एड्रेसिंग को सभी नेटवर्क उपकरणों के लिए संदेश प्रसारण की सुविधा के लिए डिज़ाइन किया गया था।
निम्नलिखित एक प्रसारण संबोधित सादृश्य है:
एक शिक्षक एक छात्र प्रतियोगिता के विजेता की घोषणा करने की तैयारी कर रहा है और निम्नलिखित में से किसी एक दृष्टिकोण का उपयोग कर सकता है: (1) शिक्षक प्रत्येक छात्र के डेस्क के पास रुक सकता है और विजेता के नाम का खुलासा कर सकता है, या (2) शिक्षक विजेता के नाम की घोषणा कर सकता है कक्षा के लिए और फिर विजेता को मान्यता के लिए खड़े होने के लिए कहें। दूसरा विकल्प, जो अधिक कुशल है, वास्तविक दुनिया में प्रसारण को संबोधित करना है।
कंप्यूटिंग में, एक प्रसारण एड्रेसिंग उदाहरण इंटरनेट प्रोटोकॉल संस्करण 6 (आईपीवी 6) है, जो आईपीवी 4 के शून्य नेटवर्क प्रसारण पते (255.255.255.255) का समर्थन नहीं करता है। वैकल्पिक हल के रूप में, IPv6 प्रत्येक होस्ट समूह सदस्य को एक मल्टीकास्ट संदेश भेजता है।
बांग्लादेशी युवक के नाम-पते का सत्यापन कराएगी पुलिस
अयोध्या : रामनगरी में पकड़े गए बांग्लादेशी युवक के नाम-पते का सत्यापन पुलिस कराएगी। उसके पास से अलग-अलग पते वाला आधार कार्ड बरामद होने के बाद उसके बताए गए वास्तविक नाम और पते पर भी संदेह उत्पन्न हो गया है। युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेजने के बाद अब पुलिस उसे लेकर पड़ताल का दायरा बढ़ा रही है। गिरफ्तार युवक अनिबेश चंद्र दास बांग्लादेश के चरहोगला मेंहदीगंज वारिसल का रहने वाला है, लेकिन उसके पास से मिले आधार कार्डों में एक पर दिल्ली के कतिया बाबा आश्रम डेरी लिबासपुर और दूसरे पर वृंदावन का पता अंकित है। आधार कार्डों पर मिले पतों के आधार पर पुलिस संबंधित प्रांत एवं जिलों की पुलिस से संपर्क कर उन स्थानों पर भी जांच के लिए जाने की तैयारी में है, इसी के साथ पुलिस का पहला प्रयास अनिबेश के बांग्लादेशी पते और नाम का सत्यापन करना है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच एक देश से दूसरे देश में करनी है, इसलिए पुलिस नियमानुसार प्रदेश के गृह विभाग की मदद लेगी। इसलिए पूरे प्रकरण की समग्र रिपोर्ट तैयार कर पड़ताल के लिए केंद्र को भेजी जाएगी। ताकि संबंधित एजेंसियों एवं बांग्लादेशी दूतावास की मदद से अनिबेश के नाम-पते की शिनाख्त हो सके।
गिरफ्तारी के बाद गिड़गिड़ाने लगा था अनिबेश
-पुलिस से हुई पूछताछ के दौरान अनिबेश गलती के लिए क्षमा याचना करता नजर आया। एक पुलिस कर्मी ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद अनिबेश से पुलिस एवं खुफिया एजेंसियों से लंबी पूछताछ की। इस पर ADRs का वास्तविक अपने बचाव के लिए वह पुलिस के सामने क्षमा याचना कर रहा था। नेशनल आईडी की वास्तविक प्रति के बारे में पूछने पर उसका कहना था कि वह कतिया बाबा आश्रम दिल्ली में है।
एड्रेस वेरिफिकेशन सिस्टम क्या है?
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यह पृष्ठ मूल रूप से अंग्रेजी में लिखा गया था। अभी आप एक मशीनी अनुवादित संस्करण हिंदी में देख रहे हैं।
एक प्रणाली जो कार्डधारक के बिलिंग पते को सत्यापित करने की अनुमति देती है। बिलिंग पते की पुष्टि करके, लेनदेन को एक भौतिक पते से जोड़ा जाएगा और धोखाधड़ी की संभावना कम हो जाएगी।
जब आप इंटरनेट पर खरीदारी करते हैं, उदाहरण के लिए जब आप ऑनलाइन हवाई टिकट आरक्षित करते हैं, तो एक बार जब आप बिलिंग पृष्ठ पर पहुंच जाते हैं, तो यह आपको अपना बिलिंग पता प्रदान करने के लिए कहेगा। यदि आपके द्वारा प्रदान किया गया बिलिंग पता आपके कार्ड में पंजीकृत होने वाले से मेल नहीं खाता है, तो लेनदेन को अस्वीकार कर दिया जाएगा और आपको अपने विवरण को फिर से भेजने के लिए कहा जाएगा।
जारी करने वाले बैंक में फ़ाइल पर वास्तविक परिणामों के साथ बिलिंग पते के लिए दर्ज किए गए सिस्टम की तुलना करके वास्तविक पता सत्यापन होता है। AVS सिस्टम पोस्टल कोड और स्ट्रीट एड्रेस दोनों के लिए परिणाम लौटाएगा।
किस बैंक ने क्रेडिट कार्ड जारी किया है, इसके आधार पर, एक एवीएस घरेलू या अंतर्राष्ट्रीय हो सकता है। अमेरिकी बैंकों द्वारा जारी किए गए कार्ड के लिए, एवीएस घरेलू होगा, और विदेशी बैंकों द्वारा जारी किए गए कार्ड के लिए एवीएस अंतर्राष्ट्रीय होगा। वीजा के लिए कुछ एवीएस कोड वास्तव में अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के लिए विशिष्ट हैं।
यदि आप ऑनलाइन ईकॉमर्स स्टोर संचालित करते हैं, तो आपको घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय एवीएस कोड दोनों को संभालने के लिए तैयार रहना चाहिए। आप जल्दी से पाएंगे कि आपको दोनों प्रकार के AVS कोड प्राप्त होंगे।
कई बार ऐसा होता है जब आपको एवीएस में गिरावट आती है क्योंकि पते को मान्य नहीं किया जा सकता है, भले ही प्राधिकरण के बारे में बाकी सब कुछ मान्य हो। आप निश्चित रूप से इन प्राधिकरणों ADRs का वास्तविक पर कब्जा कर सकते हैं, लेकिन आपको इन आदेशों की समीक्षा करने के लिए एक समीक्षा प्रणाली जोड़ने पर भी विचार करना चाहिए और ADRs का वास्तविक यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे वैध हैं।
आपको यह भी लग सकता है कि आपके द्वारा कैप्चर किए गए प्राधिकरण एवीएस चेक विफल हो गए हैं, आपके बैंक द्वारा उन पर लगाए गए सामान्य शुल्क से अधिक होंगे। यह एक सामान्य परिस्थिति है, और आपको अपने बैंक से संपर्क करना चाहिए यदि आपके पास कोई सवाल है कि आप एवीएस प्रबंधन के माध्यम से अपनी छूट की दर को कैसे प्रभावित कर सकते हैं।