बिटकॉइन किसने बनाया था?

बिटकॉइन क्या है किसने बनाया और कैसे खरीदें | Bitcoin In Hindi
Bitcoin Kya Hai In Hindi: बिटकॉइन का नाम तो आप लोगों ने जरुर सुना होगा, क्योंकि आज के समय में यह Crptocurrency बहुत चर्चा में है इसलिए सभी लोग बिटकॉइन के बारे में जानना चाहते हैं. बिटकॉइन या टेक्नोलॉजी में रूचि रखने वाले लोग अक्सर इंटरनेट पर सर्च करते हैं कि Bitcoin क्या होता है.
अगर आपको भी बिटकॉइन के बारे में जानना है तो यह लेख आपके लिए ही है. हमने इस लेख के द्वारा कोशिस की है कि आपको बिटकॉइन के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करा सकें.
इस लेख में आपको जानने को मिलेगा कि Bitcoin क्या है इन हिंदी, बिटकॉइन का आविष्कार किसने किया, बिटकॉइन का उपयोग कहाँ किया जाता है, आप कैसे एक बिटकॉइन खरीद सकते हैं, बिटकॉइन के फायदे और नुकसान क्या हैं और क्या भारत में बिटकॉइन लीगल है.
हमें पूरी उम्मीद है कि इस लेख में आपके बिटकॉइन से सम्बंधित अनेक सारे Confusion दूर हो जायेंगे, लेकिन उसके लिए आपको इस लेख को पूरा पढना होगा. तो चलिए शुरू करते हैं आज का यह लेख और जानते हैं बिटकॉइन क्या होता है विस्तार बिटकॉइन किसने बनाया था? से.
बिटकॉइन किसने बनाया था? रहस्य्मय सातोशी नकामोटो [2022] | Who is The Owner or Founder of Bitcoin in Hindi?
दोस्तों क्या आप भी यह जानना चाहते हो की बिटकॉइन किसने बनाया था और इसका मालिक या फाउंडर कौन है? तो यह पोस्ट पूरा पढ़ें आपके सवाल का जवाब आपको आसान भाषा में मिल जाएगा – Who is The Owner or Founder of Bitcoin in Hindi?
Table of Contents
बिटकॉइन किसने बनाया था? – Who is The Owner or Founder of Bitcoin in Hindi?
बिटकॉइन का फाउंडर सातोशी नकामोटो है लेकिन इसका मालिक सभी हैं (जो बिटकॉइन नेटवर्क से जुड़े हैं) क्यूंकि यह decentralize है मतलब इसे कोई एक इंसान या कंपनी कण्ट्रोल नहीं करता है। क्रिप्टोकोर्रेंसी के दुनिया में वैसे तो बहुत सारे सवाल हैं लेकिन उनमे से सबसे बड़ा सवाल यह है की बिटकॉइन को किसने बनाया था?
साल 2008 में वैश्विक आर्थिक मंदी के बाद सातोशी नकामोटो नामक इंसान द्वारा एक वेबसाइट पर एक रिसर्च पेपर अपलोड किया गया जिसका नाम था “Bitcoin : Peer-to-Peer Network Electronic Cash System”.
इस रिसर्च पेपर में बिटकॉइन के बारे में सब कुछ बताया गया था जैसे की बिटकॉइन क्या है? यह कैसे काम करता है? दुनिया में कुल कितने बिटकॉइन होंगे? Bitcoin की जरुरत क्यों हैं इत्यादि।
लेकिन आज तक यह नहीं मालूम चल सका की सातोशी नकामोटो जिसने बिटकॉइन का निर्माण किया था वह कौन हैं? कई लोगों का कहना है की Satoshi Nakamoto कंपनी का नाम भी हो सकता है जैसे की Samsung Toshiba Nakamichi Motorola.
हालाँकि अभी तक यह बात साबित नहीं हो पाया है की असल में सातोशी नकामोटो अर्थात बिटकॉइन का फाउंडर कौन है?
बिटकॉइन डिजिटल मुद्रा का एक रूप है जो बिटकॉइन किसने बनाया था? 12 साल से थोड़ा अधिक पुराना है। 2008 में रहस्यमय सातोशी नाकामोतो द्वारा इसका आविष्कार किया गया था और 2009 की शुरुआत में ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में जारी किया गया था। पहला बिटकॉइन लेनदेन नाकामोटो और जनवरी 2009 में बिटकॉइन के शुरुआती अपनाने वाले के बीच हुआ था।
एक बार बिटकॉइन किसने बनाया था? जब आप अपने फोन या कंप्यूटर पर बिटकॉइन वॉलेट स्थापित करते हैं, तो एक बिटकॉइन पता उत्पन्न होता है। आप इस पते को उन परिचितों के साथ साझा कर सकते हैं जो इसका उपयोग आपको भुगतान करने के लिए कर सकते हैं या इसके विपरीत। यह ठीक उसी तरह है जैसे ईमेल काम करता है। पकड़ यह है कि बिटकॉइन पते केवल एक बार उपयोग किए जाने के लिए हैं
चूंकि वे डिजिटल में मौजूद हैं न कि भौतिक दुनिया में, बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को डिजिटल मुद्रा के रूप में भी जाना जाता है। बिटकॉइन 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के परिणामस्वरूप अस्तित्व में आए। आलोचकों का मानना है कि संकट ने बिटकॉइन का जन्म देखा, जो बैंकिंग प्रणाली को बायपास कर सकता था।
बिटकॉइन तीन मुख्य सिद्धांतों पर काम करते हैं – क्रिप्टोग्राफी, मांग और आपूर्ति, और विकेंद्रीकृत नेटवर्क। विकेंद्रीकृत नेटवर्क में, डेटा हर जगह होता है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान रेडियो संदेशों को कोड में कैसे परिवर्तित किया गया था, बिटकॉइन लेनदेन डेटा को सुरक्षित रखने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करता है।
पिछले 7 वर्षों में (2014 की रिपोर्ट के बाद से) बिटकॉइन का उठाव काफी असाधारण रहा है। लगभग 6.2 बिलियन डॉलर के बाजार मूल्य से, फरवरी 2021 में बिटकॉइन का बाजार पूंजीकरण बढ़े हुए उपयोग और मूल्य के कारण $ 1 ट्रिलियन तक पहुंच गया। इसने इसके चारों ओर एक नया पारिस्थितिकी तंत्र भी बनाया है।
बिटकॉइन पारिस्थितिकी तंत्र के विकास से निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों को नई चुनौतियों, अवसरों और जिम्मेदारियों का सामना करना पड़ेगा। सरकारें नियामक और कानून प्रवर्तक के रूप में अपने मिशन को क्रियान्वित करने के लिए नए तरीकों की खोज कर सकती हैं। कॉर्पोरेट इस तकनीक का उपयोग नवीन उत्पादों और सेवाओं के साथ आने के लिए कर सकते हैं।
सार्वजनिक खाता बही में लेन-देन जोड़ने से बिटकॉइन खनन से बिटकॉइन बनते हैं। एक एल्गोरिथम खनन कठिनाई को नियंत्रित करता है और कुल सिक्का निर्माण को 21 मिलियन तक सीमित करता है। चूंकि सिक्के एक नियंत्रित एल्गोरिथम के माध्यम से बनाए और वितरित किए जाते हैं, सिस्टम मुद्रा की मुद्रास्फीति से बचा जाता है और नए सिक्कों का एक स्थिर प्रवाह सुनिश्चित करता है।
बिटकॉइन कैसे खरीदें?
आज के समय में बिटकॉइन खरीदना काफी आसान हो गया है:
- सबसे पहले Wazirx एक्सचेंज पर अपना अकाउंट खोलें (code: wpmxdhmr)
- उसके बाद अपना KYC पूरा करें
- अपने बैंक अकाउंट को Wazirx के अकाउंट से लिंक करें
- अब अपने wazirx अकाउंट में पैसे जोड़ें
- उसके बाद Wazirx 100 रुपये में भी बिटकॉइन खरीद सकते हैं
अगर आप क्रिप्टोकोर्रेंसी की दुनिया में नए हैं तो आपको सबसे पहले कम पैसों में बिटकॉइन खरीदना है और कुछ समय तक इसे अच्छे से समझना है की यह काम कैसे करता है उसके बाद ही इसमें बड़ा अमाउंट इन्वेस्ट करें।
हमे आशा है की यह पोस्ट पढ़ने के बाद आपके सवाल बिटकॉइन का मालिक या फाउंडर कौन है? (Bitcoin Ka Malik aur Founder बिटकॉइन किसने बनाया था? Kaun बिटकॉइन किसने बनाया था? Hai) इसका जवाब आपको मिल गया होगा तो बिना देर किये आप भी बिटकॉइन टेक्नोलॉजी को समझें और इन्वेस्ट करें।
विकास तिवारी इस ब्लॉग के मुख्य लेखक हैं. इन्होनें कम्प्यूटर साइंस से Engineering किया है और इन्हें Technology, Computer और Mobile के बारे में Knowledge शेयर करना काफी अच्छा लगता है.
क्रिप्टो करेंसी की कब हुई थी शुरुआत, क्या हैं इसके फायदे और नुकसान, समझिए पूरा हिसाब
इन दिनों जिस क्रिप्टो करेंसी का जलवा है, ये डिजिटल करेंसी है. इसे आप छू नहीं सकते, लेकिन हां अमीर जरूर हो सकते हैं. आमतौर पर इसका इस्तेमाल किसी सामान की खरीदारी या कोई सर्विस खरीदने के लिए किया जा सकता है.
डिजिटल होती दुनिया में हर चीज वर्चुअल होती जी रही है. डिजिटल पेंमेट की सुविधा ने लोगों की लाइफ को काफी आसान बना दिया है. डिजिटल होते इस वर्ल्ड में क्रिप्टो करेंसी का क्रेज बढ़ गया है. दुनिया के हर एक देश की अपनी मुद्रा है. जैसे-भारत में रुपया, अमेरिका में डॉलर और ब्रिटेन में पाउंड. लेकिन इन दिनों जिस क्रिप्टो करेंसी का जलवा है, ये डिजिटल करेंसी है. इसे आप छू नहीं सकते, लेकिन हां अमीर जरूर हो सकते हैं. आइए अब समझ लेते हैं इस क्रिप्टो करेंसी का पूरा हिसाब.
कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी क्रिप्टो करेंसी एक इंडिपेंडेंट मुद्रा है. यह करेंसी किसी भी एक अथॉरिटी के काबू में भी नहीं होती. जैसे रुपया, डॉलर, यूरो या अन्य मुद्राओं का संचालन देश की सरकारें करती हैं, लेकिन क्रिप्टो करेंसी का संचलान कोई भी अथॉरिटी नहीं करती. यह एक डिजिटल करेंसी बिटकॉइन किसने बनाया था? होती है. इसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है. आमतौर पर इसका प्रयोग किसी सामान की खरीदारी या कोई सर्विस खरीदने के लिए किया जा सकता है.
जापान के एक इंजीनियर ने की थी शुरुआत
सबसे पहले साल 2009 में क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत हुई थी, जो बिटकॉइन थी. जापान के इंजीनियर सतोषी नाकमोतो ने इसे बनाया था. शुरुआत में इसे कोई खास सफलता नहीं मिली, लेकिन धीरे-धीरे इसकी कीमत आसमान छूने लगी और ये पूरी दुनिया में छा गया.
क्रिप्टो करेंसी के क्या हैं फायदे और नुकसान
क्रिप्टो करेंसी के कई फायदे हैं और इसके नुकसान भी हैं. पहला फायदा ये है कि डिजिटल करेंसी होने के कारण धोखाधड़ी की गुंजाइश ना के बराबर है. दूसरा ये कि इसकी कोई नियामक संस्था नहीं है. इसलिए नोटबंदी या करेंसी के अवमूल्यन जैसी स्थितियों असर इसपर नहीं पड़ता. क्रिप्टोकरेंसी में मुनाफा अधिक होता है और ऑनलाइन खरीदारी से लेन-देन आसान होता है. इसका सबसे बड़ा नुकसान है कि वर्चुअल करेंसी में भारी उतार-चढ़ाव आपके माथे पर पसीना ला देगा.
एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच साल में बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी एक ही दिन में बिना किसी चेतावनी के 40 से 50 प्रतिशत गिर गई थी. इसका सबसे बड़ा नुकसान ये होता है कि वर्चुअल करेंसी होने के कारण इसमें सौदा जोखिम भरा होता है. इस करेंसी का इस्तेमाल ड्रग्स सप्लाई और हथियारों की अवैध खरीद-फरोख्त जैसे अवैध कामों के लिए किया जा सकता है. , इसका एक और नुकसान यह है कि यदि कोई ट्रांजेक्शन आपसे गलती से हो गया तो आप उसे वापस नहीं मंगा सकते हैं.
क्रिप्टो करेंसी से क्या भारत में होता है लेनदेन
भारत में क्रिप्टो करेंसी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया था और वर्चुअल करेंसी के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी में लेन देन की इजाजत दी थी. साल 2018 में इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने भारतीय रिजर्व बैंक के सर्कुलर पर आपत्ति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. बिटकॉइन के अलावा भी रेड कॉइन, सिया कॉइन, सिस्कोइन, वॉइस कॉइन और मोनरो कॉइन जैसी अन्य क्रिप्टो करेंसी बाजार में उपलब्ध हैं.
Bitcoin क्या है ? बिटकॉइन के बारे में पूरी जानकारी
बिटकॉइन के बढ़ते उपयोग और दामों को देखकर आज हर कोई बिटकॉइन की बात कर रहा है और आधुनिक ज़माने की इस आधुनिक मुद्रा को अपना रहा है। दोस्तों अगर आपको नहीं पता है की Bitcoin Kya Hai तो इसका मतलब है की आप दुनिया की दौड़ में अभी बहुत पीछे हैं, लेकिन अभी भी समय है आप अपनी जानकारी को बड़ा सकते हैं। अगर आप जानना चाहते हो की बिटकॉइन क्या है, कैसे काम करता है, इसका अविष्कार कब हुआ, और इसके फायदे और नुकसान क्या हैं, तो आज आपको हमारे इस लेख को अवश्य पढ़ना चाहिए।
Bitcoin क्या है ? ( What is Bitcoin in Hindi )
दोस्तों बिटकॉइन दुनिया की पहली cryptocurrency जिसके इस्तेमाल करने के लिए किसी भी मध्यस्थ की आवश्यकता नहीं होती है। यह एक ऐसी वर्चुअल करेंसी हैं जिसे हम देख एवं छू नहीं सकते पर लेन-देन करने में इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसे आप ऑनलाइन स्टोर कर सकते हैं, और इसका उपयोग कर सकते हैं। बिटकॉइन मुद्रा Decentralized System पर काम करती है, इस पर किसी भी देश की सरकार एवं व्यक्ति का स्वामित्व अथवा मालिकाना हक़ नहीं है।
यह ओपन सोर्स है एवं कोई भी इसे यूज़ कर सकता है। बिटकॉइन पीयर टू पीयर नेटवर्क पर काम करता है एवं बिटकॉइन के लेन-देन के लिए बैंक जैसे किसी भी मध्यस्थ की जरुरत नहीं होती है। बीते कुछ वर्षों में बिटकॉइन का इस्तेमाल बढ़ा है। आजकल ज्यादातर websites और online stores बिटकॉइन से पेमेंट एक्सेप्ट कर रहे हैं।
बिटकॉइन की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए कई देशों द्धारा इसे स्वीकार किया जा रहा है। वर्तमान में बिटकॉइन एक ऐसी मुद्रा बन गयी है जिससे आप पुरे विश्व में कहीं पर भी online transaction कर सकते हो।
बिटकॉइन किसने बनाया
बिटकॉइन का आविष्कार जापान के रहने वाले Satoshi Nakamoto ने 2009 में किया था। उनके इस आविष्कार का मकसद दुनिया को यह बताना था की बिना किसी मध्यस्थ के भी दो लोग आपस में पैसों का लेन-देन कर सकते हैं। आपको शायद जानकर हैरानी हो कि अभी तक लोग सिर्फ Satoshi Nakamoto का नाम ही जानते हैं उन्हें किसी ने भी देखा नहीं है।
Bitcoin की कीमत क्या है ?
दोस्तों बिटकॉइन की कीमत बढ़ती-घटती रहती है। पिछले कई सालों में बिटकॉइन की कीमत में बहुत अधिक बढ़ोतरी हुई है। जब बिटकॉइन पहली बार बाजार में आया था तब इसकी कीमत एक डॉलर के बराबर भी नहीं थी, लेकिन आज एक बिटकॉइन हज़ारों डॉलर्स में बिकता है। अभी जब में यह आर्टिकल लिख रहा हूँ, एक बिटकॉइन की कीमत 9283.70 डॉलर ( 7,07,903.01 भारतीय रूपए ) है।
बिटकॉइन की वर्तमान कीमत जानने के लिए गूगल पर सर्च करें “Btc to Inr”.
बिटकॉइन का इस्तेमाल कहाँ कर सकते हैं ?
बिटकॉइन का उपयोग ऐसी किसी भी वेबसाइट जो बिटकॉइन में पेमेंट लेती हो उन पर पेमेंट देने के लिए किया जा सकता है। आप ऑनलाइन शॉपिंग करने के लिए भी बिटकॉइन का इस्तेमाल कर सकते हो।
दुनिया के किसी भी कोने में आप किसी को पैसा भेजने के लिए भी बिटकॉइन का इस्तेमाल कर सकते हो। इसके अलावा कई लोग बिटकॉइन का इस्तेमाल पैसे कमाने के लिए भी करते हैं। बिटकॉइन से पैसे कमाने के लिए लोग उसे खरीद लेते हैं और कीमत ज्यादा होने पर उसे बेच देते हैं।
बिटकॉइन के फायदे क्या है ?
दोस्तों बिटकॉइन का इस्तेमाल करने के कई फायदे हैं, जो हम सभी को इसका यूज़ करने के लिए आकर्षित करते हैं। चलिए जानते हैं कि बिटकॉइन के क्या फायदे हैं:
- सबसे पहला फायदा यह है की बिटकॉइन से लेन-देन करने पर बहुत ही कम चार्ज देना बिटकॉइन किसने बनाया था? होता है। डेबिट एवं क्रेडिट कार्ड अथवा बैंक से ट्रांजेक्शन्स करने पर लगने वाली फीस की अपेक्षा बिटकॉइन के ट्रांजेक्शन पर बहुत कम फीस लगती है।
- बिटकॉइन का इस्तेमाल लगभग हर देश के लोग कर रहे हैं, इसका मतलब आप पुरे विश्व में किसी को भी बिटकॉइन से पेमेंट कर सकते हो।
- इससे लेन-देन करना बहुत ही सुरक्षित और आसान है।
बिटकॉइन के नुकसान क्या है ?
हरचीज़ के दो पहलु होते हैं उसी तरह बिटकॉइन के फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं। चलिए अब जानते हैं कि बिटकॉइन के नुकसान क्या हैं:
- बिटकॉइन पर किसी भी देश की सरकार का नियंत्रण नहीं होता है इसलिए इसकी कीमत बाज़ार में मांग के अनुसार कम और ज्यादा होती रहती है। ऐसे में अगर आप बिटकॉइन में निवेश करते हैं और अगर बिटकॉइन की कीमत कम हो जाए तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। (पिछले कुछ वर्षों में बिटकॉइन की कीमत बहुत तेजी से बड़ी है)
- वैसे तो बिटकॉइन इस्तेमाल करना बहुत सुरक्षित है लेकिन इसमें आपको बहुत सावधानी रखनी पड़ती और अगर आप थोड़ी सी भी गलती करते हैं तो आपका बिटकॉइन अकाउंट हैक होने का खतरा रहता है।
बिटकॉइन वॉलेट क्या है ?
बिटकॉइन को ऑनलाइन स्टोर करने के लिए बिटकॉइन वॉलेट का उपयोग किया जाता है। इंटरनेट पर कई सारे एप्प्स और सॉफ्टवेयर हैं, जिनकी मदद से आप बिटकॉइन को ऑनलाइन स्टोर कर सकते हो इन एप्प्स को ही बिटकॉइन वॉलेट कहा जाता है।
यह सभी बिटकॉइन वॉलेट क्लाउड बेस्ड टेक्नोलॉजी पर काम करते हैं। बिटकॉइन वॉलेट में आपको अपना एक बिटकॉइन एड्रेस मिलता है जिससे आप अपने बिटकॉइन वॉलेट में पेमेंट ले सकते हो। इसके अलावा बिटकॉइन वॉलेट की मदद से आप बिटकॉइन बेचकर पैसों अपने बैंक में भी भेज सकते हो।
Conclusion
दोस्तों अब आपको समझ में आ गया होगा की Bitcoin Kya Hai. बिटकॉइन वाकई में अब एक ग्लोबल करेंसी बन गया है क्यूंकि अब हर जगह इससे लेन-देन स्वीकार किया जा रहा है। आपकी बिटकॉइन के बारे में क्या राय है हमें जरूर बताएं।