विदेशी मुद्रा करियर

विदेशी मुद्रा भंडार 5.2 अरब डॉलर घटकर 545.65 अरब डॉलर पर
मुंबई, 23 सितंबर (भाषा) देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट जारी है। सोलह सितंबर को समाप्त सप्ताह में यह 5.219 अरब डॉलर घटकर 545.652 अरब डॉलर रह गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
विदेशी मुद्रा भंडार इससे पिछले सप्ताह 2.23 अरब डॉलर घटकर 550.87 अरब डॉलर रह गया था। वैश्विक घटनाक्रमों के कारण केंद्रीय बैंक के रुपये की विनियम दर में गिरावट को रोकने के बीच भंडार में यह कमी आई है।
आरबीआई की तरफ से जारी साप्ताहिक सांख्यिकीय आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा आस्तियों (एफसीए) में गिरावट के कारण 16 सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है। एफसीए दरअसल समग्र भंडार का एक प्रमुख हिस्सा होता है।
केंद्रीय बैंक ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान एफसीए 4.698 अरब डॉलर घटकर 484.901 अरब डॉलर रह गया।
डॉलर के संदर्भ में एफसीए में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में वृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल है।
आंकड़ों के अनुसार, सोने के भंडार का मूल्य 45.8 करोड़ डॉलर घटकर 38.186 अरब डॉलर पर आ गया।
इसके अलावा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 3.2 करोड़ डॉलर की गिरावट के साथ 17.686 अरब डॉलर रह गया है।
समीक्षाधीन सप्ताह में आईएमएफ के पास देश की आरक्षित निधि 3.1 करोड़ डॉलर घटकर 4.88 अरब अमेरिकी डॉलर रह गई।
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर रिकॉर्ड स्तर पर
मुंबई, प्रेट्र । देश का विदेशी मुद्रा भंडार आठ अप्रैल को खत्म हुए सप्ताह के दौरान बढ़कर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 15.74 करोड़ डॉलर बढ़कर 359.92 अरब डॉलर हो गया। पिछले सप्ताह भंडार 4.2 अरब डॉलर बढ़कर 359.76 अरब डॉलर हो गया था।
भारतीय रिजर्व बैंक की एक विज्ञप्ति के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार में प्रमुख हिस्सेदारी फॉरेन करेंसी एसेट्स का होती है। आलोच्य सप्ताह के दौरान इसमें 15.93 करोड़ डॉलर की बढ़ोतरी हुई। फॉरेन करेंसी एसेट्स कुल 335.85 अरब डॉलर हो गया। फॉरेन करेंसी एसेट्स की गणना अमेरिकी डॉलर में होती है। इसमें शामिल नॉन-डॉलर करेंसी जैसे यूरो, पाउंड और येन के एक्सचेंज रेट में होने वाली उथल-पुथल का असर भी आता है। इस दौरान सोने के भंडार की वैल्यू 20.12 अरब डॉलर पर स्थिर रही।
क्या विदेशी मुद्रा भंडार का 17% फूंक देगा RBI?
आरबीआई 100 अरब डालर खर्च करके रुपये के दाम को स्थिर करने की कोशिश कर रही है
• इस साल जनवरी से अब तक रुपया सात फीसदी टूट चुका है
• पिछले साल सितंबर में विदेशी मुद्रा का भंडार 642 अरब डालर था . अब ये गिरकर 580 अरब डालर हो गया
• यानी विदेशी मुद्रा करियर साठ अरब डालर विदेशी मुद्रा का भंडार वैसे ही कम हो गया है.
• उपर से क्रूड आयल के इम्पोर्ट पर अंधाधुंध डालर खर्च हो रहा है.
• एक क्वाटर में ही 47 अरब डालर के विदेशी मुद्रा करियर क्रूड आयल का निर्यात बढ़ चुका है. भी
• क्रूड आयल का इम्पोर्ट 89 परसेंट बढ़ गया है.
• इसका मतलब है कि चार महीने में डालर को ऊपर लाने के लिए आप 100 अरब खर्च करेंगे और अतिरिक्त पेट्रोल खरीदने पर ही मुद्राबाजार में चार महीने में इसका आधा खर्च हो जाएगा यानी मेहनत गई पानी में
• एक क्वाटर में इतनी बढ़ोतरी हुई है
• इसके अलावा पेट्रोलियम प्रोडक्ट भी दस दशमलव सात प्रतिशत इम्पोर्ट हुए हैं
• यानी घरेलू जरूरतों के लिए आपको पेट्रोल बाहर से मंगाना पड़ा है
• दशा ये है कि कच्चे तेल का दाम आसमान छूने वाला है . एक आशंका जताई गई है कि रूसी कच्चे तेल पर अहर
• प्रतिबंध लगते हैं तो वो 200 डालर प्रति बैरल बढ़ जएगा यानी दाम होगा डबल से ज्यादा
• उस हालत में होने वाला है ये ऊंट के मुंह में जीरा
• 580 डालर विदेशी मुद्रा भंडार है
• 100 अरब डालर चार महीने में खर्च किया जा सकता है
• 47 अरब डालर तो एक तिमाही में ही क्रूड इम्पोर्ट का खर्च बढ़ गया.
• अब अगर दाम दो सौ विदेशी मुद्रा करियर डालर जाता है तो ये संख्या एक तिमाही में ही 100 अरब डालर पार कर जाएगी
• यानी इम्पोर्ट इतने का बढ़ेगा.
• हम किस ओर बढ़ रहे हैं
• भारत का व्यापार घाटा लगातार बढ़ रहा है यानी आब इम्पोर्ट करने के मुकाबले एक्सपोर्ट ज्यादा कर रहेहैं.
• ये दुगुना हो गया है. 2020 में ये 51000 करोड़ था जो 2021 में एक लाख बारह हजार करोड़ हो गया.
• डालर में ही व्यापारहोता है. जितना ज्यादा व्यपार घाटा उतना डालर का बोझ
• आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक15 जुलाई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 7.541 अरब डॉलर घटकर 572.712 अरब डॉलर रह गया। इससे पहले के सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 8.062 अरब डॉलर घटकर 580.252 अरब डॉलर रह गया विदेशी मुद्रा करियर था। स्वर्ण भंडार का मूल्य भी 83 करोड़ डॉलर घटकर 38.356 अरब डॉलर रह गया।
• कर्ज चुकाने के लिए भी डालर की जरूरत होती है. जितना विदेशी कर्ज होगा उतने ज्यादा डालर नियमित खर्च होंगे
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में फिर आई कमी, जानें कितना रह गया है?
रिजर्व बैंक की ओर से जारी साप्ताहिक आंकड़े के अनुसार, 04 नवंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार के सबसे बड़े घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 12 करोड़ डॉलर कम होकर 470.73 अरब डॉलर रह गई।
देश के विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा करियर भंडार में एक बार फिर कमी आई है। विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति, स्वर्ण, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास आरक्षित निधि घटने से देश का विदेशी मुद्रा भंडार 4 नवंबर को समाप्त सप्ताह में 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.9 अरब डॉलर रह गया, जबकि इसके पिछले सप्ताह विदेशी मुद्रा करियर यह 6.6 अरब डॉलर बढ़कर 531.1 अरब डॉलर पर रहा था।
रिजर्व बैंक की ओर से जारी साप्ताहिक आंकड़े के अनुसार, 04 नवंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार के सबसे बड़े घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 12 करोड़ डॉलर कम होकर 470.73 अरब डॉलर रह गई। इसी तरह इस अवधि में स्वर्ण भंडार में 70.5 करोड़ डॉलर की गिरावट आई और यह घटकर 37.06 अरब डॉलर हो गया।
आलोच्य सप्ताह एसडीआर में 23.5 करोड़ डॉलर की कमी हुई और यह घटकर 17.4 अरब डॉलर पर आ गया। इस अवधि में आईएमएफ के पास आरक्षित निधि 2.7 करोड़ डॉलर घटकर 4.विदेशी मुद्रा करियर 82 अरब डॉलर पर आ गई।
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मैनेजमेंट और स्पेशल एजुकेशन में करियर बनाने से पहले जाने इन सवालों के जवाब
एजुकेशन भास्कर के पाठक ई-मेल और एसएमएस के जरिए लगातार सवाल भेज रहे हैं। इनमें से कुछ चुनिंदा सवालों के जवाब हम एक्सपर्ट्स की मदद से देते रहे हैं। आज मैनेजमेंट की अलग-अलग स्ट्रीम्स और स्पेशल एजुकेशन में करियर से जुड़े सवालों के जवाब.
मेरी रुचि रियल इस्टेट सेक्टर में है। इसमें करियर बनाने विदेशी मुद्रा करियर के लिए कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट का कोर्स करना चाहता हूं। इसके लिए जरूरी योग्यता क्या है?
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मैं बीबीए फाइनल ईयर का छात्र हूं और टेक्सटाइल मैनेजमेंट का कोर्स करना चाहता हूं। इसमें नौकरी की संभावनाएं और संस्थानों के बारे में बताएं।
>> भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टेक्सटाइल और गारमेंट उत्पादक देश है। देश की जीडीपी में इसकी करीब 4 प्रतिशत हिस्सेदारी है और यह विदेशी मुद्रा का भी बड़ा जरिया है। करीब चार करोड़ लोगों के लिए यह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रोजगार का जरिया है। टेक्सटाइल मैनेजमेंट का कोर्स कर कॉरपोरेट मैनेजमेंट, प्रोडक्ट डेवलपमेंट, कॉस्ट एंड इन्वेंट्री कंट्रोल, मार्केटिंग आदि फील्ड में नौकरी मिल सकती है। कोयंबटूर में स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्सटाइल मैनेजमेंट इसके लिए देश के शीर्ष संस्थानों में शामिल है। किसी विदेशी मुद्रा करियर भी स्ट्रीम में ग्रैजुएशन कर चुके छात्र इसके पीजीडीएम कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं।
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मैं ग्रैजुएशन का छात्र हूं और एजुकेशन सेक्टर में करियर बनाना चाहता हूं। स्पेशल एजुकेशन के यूजी और पीजी कोर्स के बारे में बताएं। यह किन संस्थानों से किया जा सकता है।
>> शारीरिक विदेशी मुद्रा करियर या मानसिक रूप से कमजोर छात्रों को रेगुलर शिक्षण संस्थानों में शिक्षा एक बड़ी समस्या है। एक नई रिपोर्ट के अनुसार शारीरिक अक्षमता के शिकार छात्रों को उच्च शिक्षा संस्थानों में 0.56 प्रतिशत सीटों पर ही प्रवेश मिलता है। इसका बड़ा कारण स्पेशल एजुकेशन में प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी है। रिहेबिलिटेशन काउंसिल ऑफ इंडिया, नई दिल्ली में इसका यूजी और पीजी कोर्स मौजूद है। एसएनडीटी वुमन्स यूनिवर्सिटी, मुंबई से स्पेशल एजुकेशन का बीएड कोर्स कर सकते हैं। जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली से भी इसका एमएड कोर्स किया जा सकता है। अधिकतर संस्थानों में क्वालिफाइंग एग्जाम और इंटरव्यू के आधार पर छात्रों को प्रवेश दिया जाता है।
एमबीए करने के बाद मैं एनसीएफएम के बिगनर्स टेस्ट की तैयारी कर रहा हूं। क्या यह सही विकल्प है? जॉब अपॉर्च्युनिटीज बढ़ाने के लिए और कौन सा कोर्स किया जा सकता है।
>> एनसीएफएम का बिगनर्स टेस्ट क्लियर कर आप स्टॉक ब्रोकिंग कंपनियों में नौकरी या स्टॉक ट्रेडिंग के लिए योग्यता हासिल कर सकते हैं। यह कोर्स नेशनल स्टॉक एक्सचेंज द्वारा संचालित है। स्टॉक मार्केट में करियर बनाने के लिए यह बेहतर विकल्प है। इसके अलग-अलग मॉड्यूल हैं और आप एक से ज्यादा मॉड्यूल भी चुन सकते हैं। इसके अलावा आप एसएपी का पैकेज कोर्स भी कर सकते हैं। कॉरपोरेट सेक्टर में फाइनेंस और ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट में इसका इस्तेमाल बढ़ रहा है। चाहें तो कैपिटल मार्केट या इक्विटी से संबंधित कोई कोर्स भी कर सकते हैं।