लघु स्थिति

लघु सिंचाई सांख्यिकी विंग
केन्द्रीय प्रायोजित प्लान लघु स्थिति योजना 'लघु सिंचाई सांख्यिकी युक्तिकरण (आर एम आई एस)'1987 में लघु स्थिति शुरू की गई थी जिसमें राज्यों/ संघ राज्य क्षेत्रों को शत-प्रतिशत केन्द्रीय सहायता प्रदान की गई थी। इस योजना का लक्ष्य भावी आयोजना हेतु लघु सिंचाई क्षेत्र में एक व्यापक और विश्वसनीय डाटाबेस बनाना है। योजना के मुख्य कार्याकलाप के अंतर्गत सभी भूमिगत और सतही लघु सिंचाई योजनाओं को कवर करते हुए राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में पंचवार्षिक आधार पर की गई लघु सिंचाई योजनाओं की अखिल भारतीय गणना करना शामिल है। ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत आरएमआईएस योजना केन्द्रीय क्षेत्र प्लान योजना ''जल संसाधन सूचना प्रणाली का विकास'' का एक भाग बन गई है:-
- संदर्भ वर्ष 1986-67 के संबंध में लघु सिंचाई योजना की पहली गणना राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों लघु स्थिति में की गई थी और नवम्बर, 1993 में रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी।
- संदर्भ वर्ष 1993-94 की दूसरी गणना सितम्बर, 1994 में शुरू की गई और रिपोर्ट मार्च, 2001 में प्रकाशित की गई। इस गणना में जल और ऊर्जा संरक्षण उपायों जैसे- स्प्रिंकलर और ड्रिप सिंचाई प्रणाली तथा सोलर पंपों और पवन चक्कियों जैसे ऊर्जा के गैर-परम्परागत स्रोतों की नव विकसित प्रौद्योगिकी को अपनाने संबंधी जानकारी को एकत्र किया गया है। पहली बार राष्ट्रीय सूचना केन्द्र (एन आई सी) की सहायता से गणना डाटा का कम्प्यूटरीकरण किया गया और उसके परिणाम मंत्रालय की वेबसाइट पर दिखाए गए।
- वर्ष 2000-2001 के संदर्भ में लघु सिंचाई योजना की तीसरी गणना 33 राज्यों/ संघ राज्य क्षेत्रों में की गई। रिपोर्ट नवम्बर, 2005 में जारी की गई।
- यद्यपि वर्ष 2006-07 के संदर्भ में लघु सिंचाई येाजना की चौथी गणना की गई थी, संदर्भ वर्ष 2013-14 हेतु पांचवीं गणना आयोजित की गई है।
गणना में संग्रहित डाटा का प्रयोग आयोजना और नीति निर्माण के प्रयोजनार्थ किया जाएगा। गणना डाटा का उपयोग केन्द्रीय भूमि-जल बोर्ड द्वारा भूमि-जल संसाधनों के अनुमान हेतु भी किया जाता है। इसके अतिरिक्त केन्द्रीय जल आयोग और जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय के विभिन्न विंग लघु सिंचाई गणना डाटा का व्यापक रूप से उपयोग करते हैं।
लघु अवधि में कार कीमतें स्थिर रहेंगी, इस महीने से मांग सुधरेगी: फॉक्सवैगन इंडिया
कारों की कीमतें लघु अवधि में स्थिर रहेंगी क्योंकि कोविड-19 की दूसरी लहर ने मांग-आपूर्ति की स्थिति को काफी हद तक संतुलित कर दिया है। फॉक्सवैगन पैसेंजर कार्स इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह राय जताई।
Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: June 06, 2021 18:58 IST
Photo:VOLKSWAGEN INDIA
लघु अवधि में कार कीमतें स्थिर रहेंगी, इस महीने से मांग सुधरेगी: फॉक्सवैगन इंडिया
मुंबई: कारों की कीमतें लघु अवधि में स्थिर रहेंगी क्योंकि कोविड-19 की दूसरी लघु स्थिति लहर ने मांग-आपूर्ति की स्थिति को काफी हद तक संतुलित कर दिया है। फॉक्सवैगन पैसेंजर कार्स इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह राय जताई। मई महीने में वाहन कंपनियों की बिक्री में गिरावट आई है। 2021 के पहले तीन माह में दबी मांग की वजह से वाहन कंपनियों की बिक्री उल्लेखनीय रूप से बढ़ी थी। कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच कई राज्यों में आवाजाही पर अप्रैल और मई में अंकुश लगाया गया, जिससे कारों की बिक्री पर भी असर पड़ा है।
फॉक्सवैगन पैसेंजर कार्स इंडिया के ब्रांड निदेशक आशीष गुप्ता ने कहा कि जून से मांग में सुधार की उम्मीद है, क्योंकि अंकुशों में ढील दी जा रही है। साथ ही टीकाकरण भी बढ़ रहा है और मानसून सामान्य है। पीटीआई-भाषा को ई-मेल के जरिये दिए जवाब में गुप्ता ने कहा कि कैलेंडर साल की पहली तिमाही में वास्तव में मांग आपूर्ति से अधिक हो गई थी जिसकी वजह से इंतजार की अवधि बढ़ गई और बाजार में कीमतों में ऊपर की ओर करेक्शन हुआ।
प्रमुख वाहन कंपनियों मारुति सुजुकी, हुंदै, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स तथा टोयोटा किर्लोस्कर की बिक्री मई में अप्रैल की तुलना में घटी है। महामारी की दूसरी लहर से उत्पादन और आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। गुप्ता ने कहा, ‘‘फिलहाल मौजूदा लॉकडाउन की वजह से हम बिक्री में गिरावट देख रहे हैं। अप्रैल में ग्राहकों को आपूर्ति 20 प्रतिशत प्रभावित हुई। मई में ज्यादातर देश लॉकडाउन में था। ऐसे में आपूर्ति में करीब 70 प्रतिशत की गिरावट आई।’’
Laghu Kathayen : Franz Kafka
'बहुत दुख की बात है,' चूहे ने कहा, 'दुनिया दिन प्रतिदिन छोटी होती जा रही है। पहले यह इतनी बड़ी थी कि मुझे बहुत डर लगता था। मैं दौड़ता ही रहा था और जब आखिर में मुझे अपने दाएँ-बाएँ दीवारें दिखाई देने लगीं थीं तो मुझे खुशी हुई थी। पर यह लंबी दीवारें इतनी तेजी से एक दूसरे की तरफ बढ़ रही हैं कि मैं पलक झपकते ही आखिर छोर पर आ पहुँचा हूँ; जहाँ कोने में वह चूहेदानी रखी लघु स्थिति है और मैं उसकी ओर बढ़ता जा रहा हूँ।'
'जहाँ दिशा बदलने की जरूरत है, बस ।' बिल्ली ने कहा, और उसे खा गई ।
2. खिड़की
जीवन में अलग-थलग रहते हुए भी कोई व्यक्ति जब-तब कहीं-कहीं किसी हद तक जुड़ना चाहेगा। दिन के अलग-अलग समय, मौसम, काम-धंधे की दशा आदि में उसे कम से कम एक ऐसी स्नेहिल बाँह की ओर खुलने वाली खिड़की के बगैर बहुत अधिक समय तक नहीं रह सकेगा। कुछ भी न करने की मनःस्थिति के बावजूद वह थके कदमों से खिड़की की ओर बढ़ जाता है और बेमन से कभी लोगों और कभी आसमान की ओर देखने लगता लघु स्थिति है, उसका सिर धीरे से पीछे की ओर झुक जाता है। इस स्थिति में भी सड़क पर दौड़ते घोड़े, उनकी लघु स्थिति बग्घियों की खड़खड़ और शोरगुल उसे अपनी ओर खींच लेंगे और अंततः वह जीवन-धारा से जुड़ ही जाएगा।
कृषि सहकारिता कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के मंत्रालय के तहत लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (एसएफएसी) नई दिल्ली की एक सोसायटी में प्रबंध लघु स्थिति निदेशक (एमडी) के पद को भरना
कृषि सहकारिता कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के मंत्रालय के तहत लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (एसएफएसी) नई दिल्ली की एक सोसायटी में प्रबंध निदेशक (एमडी) के पद को भरना ( 2.53 एमबी )
Vacancy Type:
वेबसाइट की सामग्री द्वारा प्रबंधित Department of Agriculture & Farmers Welfare | Mo A&FW | GoI डिजाइन, विकसित और द्वारा होस्ट राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एनआईसी) Last Updated: 14 Jan 2022