भारत में इक्विटी में व्यापार कैसे करें

ऋण और निवेश

ऋण और निवेश
शिमला ब्यूरो
Updated Wed, 20 Apr 2022 10:57 PM IST

तत्काल ऋण लेने और निवेश करने से पहले पड़ताल करें : एसपी

Shimla Bureau

शिमला ब्यूरो
Updated Wed, 20 Apr 2022 10:57 PM IST

नेरचौक मेडिकल कॉलेज में आयोजित पुलिस की पाठशाला में मौजूद प्रशिक्षु डॉक्टर।

मंडी। तत्काल ऋण लेने या निवेश करने से पहले इससे संबंधित सभी प्रकार की जांच-पड़ताल कर लेनी चाहिए। तुरंत ऋण मिलना भी कठिन होता है और अगर कोई आपको बिना शर्त आसानी से ऋण दे रहा है तो एक बार जरूर सोचना चाहिए कि कहीं कोई गड़बड़ है।
यह बात पुलिस अधीक्षक मंडी शालिनी अग्निहोत्री ने लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक में अमर उजाला के पुलिस की पाठशाला कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने एमबीबीएस के प्रशिक्षु डॉक्टरों और मेडिकल के कॉलेज के स्टाफ से कहा कि कभी भी अपने बैंक खाते से संबंधित पिन, ओटीपी और किसी भी अंजान या अविश्वसनीय साइट्स पर शेयर ना करें।
अपनी बैंक की जानकारी जैसे एटीएम पे पिन, एक्सपायरी डेट, एटीएम कार्ड का नंबर, मोबाइल नंबर आदि किसी व्यक्ति से या किसी वेबसाइट पर शेयर न करें। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत जानकारी जैसे जन्मतिथि, पासपोर्ट साइज फोटो, पता, फोटो, लोकेशन आदि सोशल मीडिया साइट्स जैसे फेसबुक पर न डालें। किसी भी अनजान नंबर या साइट से आए लिंक को भी नहीं खोलना चाहिए। इस मौके पर मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य राजेश भवानी ने भी प्रशिक्षु डॉक्टरों को सोशल मीडिया के बुरे प्रभाव से बचने की अपील की। इस अवसर पर संयुक्त निदेशक देवी चंद ठाकुर, एमएस डॉ. पीएल ऋण और निवेश वर्मा ने भी विचार प्रकट किए।
अमर उजाला के पुलिस की पाठशाला कार्यक्रम के माध्यम से पुलिस अधीक्षक ने साइबर क्राइम से बचने के बारे में जानकारी दी। यह आज के हालात में बहुत उपयोगी है।
कुसुम लता भारद्वाज
पुलिस की पाठशाला कार्यक्रम से यह पता चला है कि सोशल मीडिया पर जरा सी लापरवाही आपको बहुत बड़े संकट में डाल सकती है। इस कार्यक्रम से बहुत जरूरी जानकारी मिली हैं।
आयुषी शर्मा
हमें कई बार बहुत अधिक लिंक व्हाट्सएप से आते हैं। कई बार हम इन लिंक को खोल भी देते हैं, मगर हाल ही में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें ऐसे लिंक के जरिए लोग ठगी का शिकार हुए हैं।
-आगणया
पुलिस की पाठशाला कार्यक्रम के माध्यम से साइबर क्राइम से बचने के लिए बहुत सी अहम जानकारी एसपी मंडी के द्वारा प्रदान की गई है। यह जानकारी सभी के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगी।
-कुसंग

मंडी। तत्काल ऋण लेने या निवेश करने से पहले इससे संबंधित सभी प्रकार की जांच-पड़ताल कर लेनी चाहिए। तुरंत ऋण मिलना भी ऋण और निवेश कठिन होता है और अगर कोई आपको बिना शर्त आसानी से ऋण दे रहा है तो एक बार जरूर सोचना चाहिए कि कहीं कोई गड़बड़ है।


यह बात पुलिस अधीक्षक मंडी शालिनी अग्निहोत्री ने लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक में अमर उजाला के पुलिस की पाठशाला कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने एमबीबीएस के प्रशिक्षु डॉक्टरों और मेडिकल के कॉलेज के स्टाफ से कहा कि कभी भी अपने बैंक खाते से संबंधित पिन, ओटीपी और किसी भी अंजान या अविश्वसनीय साइट्स पर शेयर ना करें।


अपनी बैंक की जानकारी जैसे एटीएम पे पिन, एक्सपायरी डेट, एटीएम कार्ड का नंबर, मोबाइल नंबर आदि किसी व्यक्ति से या किसी वेबसाइट पर शेयर न करें। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत जानकारी जैसे जन्मतिथि, पासपोर्ट साइज फोटो, पता, फोटो, लोकेशन आदि सोशल मीडिया साइट्स जैसे फेसबुक पर न डालें। किसी भी अनजान नंबर या साइट से आए लिंक को भी नहीं खोलना चाहिए। इस मौके पर मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य राजेश भवानी ने भी प्रशिक्षु डॉक्टरों को सोशल मीडिया के बुरे प्रभाव से बचने की अपील की। इस अवसर पर संयुक्त निदेशक देवी चंद ठाकुर, एमएस डॉ. पीएल वर्मा ने भी विचार प्रकट किए।
अमर उजाला के पुलिस की पाठशाला कार्यक्रम के माध्यम से पुलिस अधीक्षक ने साइबर क्राइम से बचने के बारे में जानकारी दी। यह आज के हालात में बहुत उपयोगी है।
कुसुम लता भारद्वाज
पुलिस की पाठशाला कार्यक्रम से यह पता चला है कि सोशल मीडिया पर जरा सी लापरवाही आपको बहुत बड़े संकट में डाल सकती है। इस कार्यक्रम से बहुत जरूरी जानकारी मिली हैं।

आयुषी शर्मा
हमें कई बार बहुत अधिक लिंक व्हाट्सएप से आते हैं। कई बार हम इन लिंक को खोल भी देते हैं, मगर हाल ही में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें ऐसे लिंक के जरिए लोग ठगी का शिकार हुए हैं।
-आगणया
पुलिस की पाठशाला कार्यक्रम के माध्यम से साइबर क्राइम से बचने के लिए बहुत सी अहम जानकारी एसपी मंडी के द्वारा प्रदान की गई है। यह जानकारी सभी के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगी।

ऋण और निवेश

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उपभोक्ता आधारित अर्थव्यवस्था बनाम निवेश आधारित अर्थव्यवस्था

उपभोक्ता आधारित अर्थव्यवस्था बनाम निवेश आधारित अर्थव्यवस्था pic

Date: 18-05-16

उपभोक्ता आधारित अर्थव्यवस्था बनाम निवेश आधारित अर्थव्यवस्था

  • उपभोग आधारित ऋण और निवेश अर्थव्यवस्था में उपभोक्ता की क्रय शक्ति को बढ़ा दिया जाता है। जैसे सरकार ने सरकारी नौकरी में सातवें वेतन आयोग तथा वन रैंक वन पेंशन के माध्यम से वेतन में बहुत इजाफा किया। जाहिर है कि इससे लोगों में खरीदारी की हैसियत बढ़ेगी, तो वस्तु की मांग भी बढ़ेगी। इस मांग की तुलना में अगर पूर्ति नहीं हो पाई, तो नतीजा होगा- आयात में वृद्धि। इससे हमारी अर्थव्यवस्था को दीर्घकाल में नुकसान ही होगा।
  • निवेश आधारित अर्थव्यवस्था अधिक निवेश पर जोर देती है। निवेश अधिक होगा, तो उत्पादन में भी वृद्धि होगी। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। रोजगार से लोगों की आमदनी बढ़ेगी और देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होगा।
  • इसलिए मुद्रा स्फीति की स्थिरता तथा अर्थव्यवस्था की दीर्घकाल तक मजबूती के लिए निवेश आधारित अर्थव्यवस्था ही बेहतर मानी जा सकती है। इस अर्थव्यवस्था में मांग और पूर्ति के बीच बेहतर संतुलन की स्थिति होती हैं।
  • निवेश आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है कि आर्थिक नीति निर्माता मांग और पूर्ति के बीच संतुलन की स्थिति बनाए रख्ने की स्थिति निर्मित करते रहे।
  • पिछले कुछ सालों के बैंक ऑडिट आंकड़े बताते हैं कि 2015 अप्रैल से 2016 फरवरी तक रिटेल लोन में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जबकि निवेश आधारित अर्थव्यवस्था के लिए आवश्यक है कि सरकार के अलावा निजी क्षेत्र ऋण और निवेश भी निवेश बढ़ाएं। निजी क्षेत्र निवेश के लिए बैंकों से ऋण लेते हंै। रिटेल या व्यक्ति आधारित ऋण के प्रतिशत में बढ़ोत्तरी उपभोक्ता आधारित अर्थव्यवस्था की ओर इशारा कर रही है, जो देश के लिए सही नहीं है।
  • सरकार और बैंकों को चाहिए कि वे अपनी नीतियों को बदलें। उद्योगों को ऋण लेने में नौकरशाही की अड़चनों को हटाएं, ताकि लोग ऋण लेने को उत्सुक हों। तभी हमारी अर्थव्यवस्था निवेश आधारित हो पाएगी।

दि इकोनॉमिक टाइम्स में प्रकाशित
मैथिली भुस्नूरमल के लेख पर आधारित

स्मार्ट मनीः अभी बनाएं योजना

वित्तीय योजना बनाने से आपको अपने लक्ष्यों की स्पष्ट जानकारी हो जाएगी और शुरुआती वर्षों में ही आप उनके लिए तैयार हो जाएंगे

शटर स्टॉक

मंजीत ठाकुर

  • मुबंई,दिल्ली,
  • 29 अगस्त 2018,
  • (अपडेटेड 29 अगस्त 2018, 7:07 PM IST)

अधितर लोग पर्सनल फाइनेंस के बारे में सुनियोजित रवैया नहीं रखते. वे अपने खर्चों से जो पैसा बच जाता है, उसी को निवेश करते हैं, न कि निवेश के लिए अलग से कोई योजना बनाते हैं. या फिर विभिन्न योजनाओं में पैसा लगा देते हैं, न कि किसी ऐसी योजना में जो उनकी जरूरतों के हिसाब से उपयुक्त हो. इसका नतीजा यह होता है कि वे जिंदगी की जरूरतों को पूरा नहीं कर पाते हैं. वित्तीय योजना आपको भविष्य का लक्ष्य पूरा करने में मददगार साबित होती है. यह सफर शुरू करने के लिए आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

वित्तीय स्थिति जानें

वित्तीय योजना बनाने के लिए बजट की रूपरेखा तैयार करना पहला कदम है. इससे आपको अपनी वित्तीय स्थिति की सही जानकारी हो जाती है. बजट बनाने के लिए सबसे पहले आप अपने स्रोतों जैसे वेतन, किराया, या ब्याज आदि से होने वाली आय की सूची बना लें. इसके बाद अपने सभी खर्चों का हिसाब लगा लें जिसमें बीमा का भुगतान, बच्चों की स्कूल फीस आदि शामिल हों.

ये खर्च अवधि के हिसाब से थोड़े अलग-अलग हो सकते हैं ऋण और निवेश पर इनका योग बनाकर इन्हें प्रतिमाह के अनुसार बांट लें. इससे पता हो जाएगा कि आपके पास निवेश के लिए कितना पैसा बच रहा है. जियोजिट फाइनेंशियल सर्विसेज में निवेश परामर्श के प्रमुख जीवन कुमार कहते हैं, ''यह तैयारी नहीं करेंगे तो आपकी योजना में बजट को लेकर समस्या आ सकती है.''

जोखिम का ध्यान रखें

वित्तीय योजना बनाते समय इसका भी ध्यान रखना जरूरी है कि जीवन में आकस्मिक समस्या भी आ सकती है, जैसे कि नौकरी चली जाना या अचानक कोई बड़ी बीमारी का खर्च आ जाना. इसकी तैयारी पहले कर लेने से आपको अपनी बचत का पैसा निकालने या किसी से उधार लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी. सबसे पहले आप एक आकस्मिक निधि बना लें ताकि आप 3-6 महीने तक अपना खर्च वहन कर सकें. इस पैसे को किसी लिक्विड फंड में रख सकते हैं.

आप इस पैसे को कम अवधि के फिक्स्ड डिपॉजिट में भी रख सकते हैं जिसमें जरूरत पडऩे पर पैसा (50,000 रु. या निवेश का 90 प्रतिशत, जो अपेक्षाकृत कम हो) निकालने की सुविधा हो. मध्यम अवधि (तीन साल से ऊपर) के बैंक एफडी पर टैक्स का भी फायदा मिलता है.

इसके बाद ऋण और निवेश आपको अपने और अपने परिवार के लिए मेडिकल का बीमा भी करा लेना चाहिए. सामान्य नियम के अनुसार आपके मेडिकल की बीमा राशि आपकी मासिक आय की 10 गुना होनी चाहिए जो 20 गुना तक भी हो सकती है.

परिवार के सदस्यों के लिए व्यक्तिगत हेल्थ बीमा पॉलिसी के मुकाबले ऐसी पॉलिसी लेनी चाहिए जिसमें पूरे परिवार के लोगों का बीमा हो. यह सस्ता पड़ता है. आप टॉप-अप प्लान भी ले सकते हैं. इसके साथ आपको एक अच्छी जीवन बीमा पॉलिसी भी लेनी चाहिए. प्योर टर्म प्लान सबसे अच्छे और सस्ते होते हैं क्योंकि ये कम खर्च पर ज्यादा जीवन बीमा उपलब्ध कराते हैं.

अपने लक्ष्य का आर्थिक मूल्य निर्धारित करें

यह बहुत जरूरी है कि आप अपने लक्ष्य का आर्थिक मूल्य निर्धारित करें, ताकि यह तय कर सकें कि आपको कितना पैसा बचाने की जरूरत है. इसमें महंगाई को भी ध्यान में रखें. जीवन कुमार कहते हैं, ''आपको महंगाई की दर की गणना बहुत सावधानी से करनी चाहिए क्योंकि लंबी अवधि में गणना में थोड़ी-सी कमी भी बड़ा अंतर ला सकती है.''

आपको विभिन्न उद्देश्यों के लिए अलग-अलग पोर्टफोलियो बनाना चाहिए. रूल ऑफ 72 की सहायता से आप अपने लक्ष्य की राशि निर्धारित कर सकते हैं. 72 की संक्चया को महंगाई की अनुमानित दर (मान लीजिए 6 प्रतिशत) से विभाजित करें तो आपको उतने वर्षों (इस मामले में 12) का पता चल जाएगा जितने वर्षों में कीमतें दुगनी हो जाएंगी.

जोखिम उठाने की क्षमता निर्धारित करें

जोखिम उठाने की क्षमता मालूम होने से आपको ऋण-इक्विटी अनुपात को निर्धारित करने में मदद मिलती है. इक्विटी के लिए आप कितना जोखिम उठा सकते हैं, इसकी गणना के लिए एक सामान्य नियम हैः 100 में से अपनी उम्र घटा दें. इस तरह अगर आपकी उम्र 30 साल है तो आपकी पोर्टफोलियो का 70 प्रतिशत इक्विटी में होना चाहिए. ऋण में बैंक एफडी, छोटी बचत योजनाएं और ऋण साझा कोष जैसे विकल्प शामिल हैं.

इक्विटी में अपना पैसा लगाने के लिए आप शेयरों या इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश का जरिया अपना सकते हैं. छोटी अवधि के लक्ष्यों के लिए उतार-चढ़ाव वाले स्रोतों जैसे कि शेयर बाजार में निवेश करना ठीक नहीं है. लेकिन दीर्घकालीन लक्ष्यों में जैसे कि रिटायरमेंट को ध्यान रखते हुए आप इक्विटी में ज्यादा पैसा लगा सकते हैं क्योंकि लंबी अवधि में उनसे ज्यादा लाभ होता है. इक्विटी में ज्यादा पैसा लगाना आपके पोर्टफोलियो को जोखिम भरा बना सकता है, हालांकि ऋण वाली योजनाओं में अपेक्षाकृत कम लाभ मिलता है. इसलिए आपको दोनों का सही मिश्रण अपनाने की जरूरत है.

निवेश पर वांछित दर

अपने ऋण-इक्विटी अनुपात पर निर्भर करते हुए आप अपने निवेश पर लाभ की अनुमानित दर का हिसाब लगा सकते हैं. इक्विटी में जितना अधिक निवेश करेंगे, आपके लाभ की दर भी उतनी ही अधिक होने की संभावना होगी.

लक्ष्यों के मूल्य, अवधि और निवेश पर अनुमानित लाभ की दर के आधार पर आप यह गणना कर सकते हैं कि आपको प्रति माह कितना निवेश करने की जरूरत है, वह राशि जो आपकी आय बढऩे के साथ बढ़ाई भी जा सकती है. अगर आप उतनी रकम का निवेश नहीं कर सकते हैं तो बजट पर दोबारा विचार करें और गैर-जरूरी खर्चों में कटौती करें.

टैक्स में बचत

ज्यादातर लोग टैक्स बचाने वाले ऋण और निवेश साझा कोषों या एंडोमेंट योजनाओं में निवेश करते हैं और सोचते हैं कि उन्होंने टैक्स बचाने का काम पूरा कर लिया है. टीबीएनजी कैपिटल ऋण और निवेश एडवाइजर्स के संस्थापक और सीईओ तरुन बीरानी कहते हैं, ''अगर आप अलग-अलग तरीकों से अपने निवेश की योजना बनाते हैं तो आप अपने निवेशों से टैक्स में बचत कर सकते हैं.''

सही योजना का चुनाव बहुत अहम है. आपको ऐसा करते समय मिलने वाले लाभ के साथ-साथ लॉक-इन अवधि, परिपक्वता पर टैक्स आदि का विचार करना चाहिए. जीवन और स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियमों पर आपको टैक्स मेंछूट मिलती है. इसी तरह ईएलएसएस और यूलिप में भी, साथ ही आप इक्विटी में भी निवेश कर सकते हैं. पांच साल के एफडी और पीपीएफ भी क्रमशः मध्यम और दीर्घ अवधि में इतना ही फायदेमंद होते हैं.

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हैदराबाद: शेयर बाजार में शैक्षिक ऋण निवेश करने के बाद लापता हुआ कॉलेज का छात्र

हैदराबाद : बैंक से लिए गए एजुकेशन लोन को शेयर बाजार में निवेश करने के बाद इंजीनियरिंग का एक छात्र लापता हो गया.

हैदराबाद के एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में बी.टेक तृतीय वर्ष का छात्र राहुल हैदराबाद के पास संगारेड्डी जिले के पाटनचेरु में एक बस स्टैंड से लापता हो गया।

पुलिस के मुताबिक, मेडक के रहने वाले छात्र ने फीस भरने के लिए अपने माता-पिता से एक लाख रुपये लिए थे. उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक से 1.10 लाख रुपये का शिक्षा ऋण भी प्राप्त किया।

जब उसने इस पैसे से फीस का भुगतान नहीं किया, तो उसके माता-पिता ने उसे खींच लिया। उसने उन्हें बताया कि उसने पाटनचेरु में अपने मित्र जयवर्धन को पैसे उधार दिए थे।

राहुल के पिता मधुसूदन ने जोर देकर कहा कि उन्हें जयवर्धन के घर जाना चाहिए। वे 15 ऋण और निवेश सितंबर को दोपहिया वाहन पर पाटनचेरु के लिए निकले। जब वे पाटनचेरु पहुंचे, तो राहुल ने अपने पिता को प्रकृति की पुकार में शामिल होने के लिए बस स्टेशन पर रुकने के लिए कहा। मधुसूदन इंतजार करता रहा लेकिन राहुल नहीं लौटा।

बाद में उस व्यक्ति ने पाटनचेरु पुलिस स्टेशन से संपर्क किया और गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने कहा कि उन्होंने मामला दर्ज कर लिया है और जांच कर रही है।

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