भारत में इक्विटी में व्यापार कैसे करें

क्रिप्टोकरेंसी कानुन तौर पर वैध है या अवैध

क्रिप्टोकरेंसी कानुन तौर पर वैध है या अवैध
Source- Chainalysis

एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध विदेशी विनिमय लेनदेन पर बायनेन्स P2P का कथन

बायनेन्स P2P उपयोगकर्ताओं के लिए एक अनुवर्ती, सुरक्षित और विश्वसनीय डिजिटल असेट ट्रेडिंग वातावरण बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जो दुनिया भर के उपयोगकर्ताओं को पेशेवर और विश्वसनीय डिजिटल असेट ट्रेडिंग और असेट मैनेजमेंट सेवाएं प्रदान करता है। विशेष कथन इस प्रकार है:

उपयोगकर्ताओं को देश या जिस क्षेत्र में वे स्थित हैं, में एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग, विदेशी विनिमय और आतंकवाद विरोधी वित्तपोषण पर कानून और नियमनों का पालन करना चाहिए, और इन दिशा-निर्देशों के प्रावधानों को उस क्षेत्र में कानून के दायरे में लागू करना चाहिए जहां उपयोगकर्ता मौजूद हैं। जिस देश या क्षेत्र में उपयोगकर्ता मौजूद हैं, यदि वहां के लिए सख्त आवश्यक हो, तो उपयोगकर्ताओं को इसके नियमों का पालन करना आवश्यक है। यदि आपका देश या क्षेत्र ऐसे क्षेत्राधिकार से संबंधित है जो विशेष रूप से डिजिटल असेट लेनदेन को प्रतिबंधित करता है या प्रासंगिक स्वीकृत देशों की सूची में शामिल है, तो आपको P2P प्लेटफॉर्म पर सेवाओं का उपयोग बंद कर देना चाहिए।

बायनेन्स P2P उपयोगकर्ताओं को किसी भी अवैध गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्लेटफॉर्म का उपयोग करने से सख्ती से प्रतिबंधित करता है जैसे कि मनी लॉन्ड्रिंग, तस्करी, वाणिज्यिक रिश्वतखोरी और मुद्राओं का अवैध विनिमय। प्लेटफॉर्म, सर्वोत्तम प्रयास के आधार पर, उपयोगकर्ताओं के वैध अधिकारों और हितों की सुरक्षा को अधिकतम करने के लिए प्रभावी सुरक्षा जोखिम नियंत्रण उपायों को लागू करता है; यदि कोई संदिग्ध अवैध लेनदेन या अवैध कार्य पाया जाता है, तो प्लेटफॉर्म उपयोगकर्ता के खिलाफ कार्रवाई करेगा, जिसमें खाते को फ्रीज करना, संबंधित अधिकारियों को सूचित करना आदि शामिल है, लेकिन ये प्रावधान इन्हीं तक सीमित नहीं है। हम नियमों को मजबूत करने से उत्पन्न होने वाले किसी भी दायित्व को स्वीकार नहीं करते हैं और उपयोगकर्ता को अवैध कार्यों के लिए कानूनी रूप से जिम्मेदार ठहराने का अधिकार सुरक्षित रखते हैं।

नोट: अवैध व्यापारिक गतिविधियों या अवैध कृत्यों में शामिल होने से बचने के लिए, उपयोगकर्ताओं को निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए:

  • उपयोग के लिए उपयोगकर्ता द्वारा अपने स्वयं के खाते को दूसरों को उधार देना मना है;
  • उपयोगकर्ता का व्यक्तिगत ID को किराए पर देना या उधार देना मना है;
  • उपयोगकर्ता के खाते, बैंक कार्ड, पासबुक, पासवर्ड, आदि जैसी महत्वपूर्ण व्यक्तिगत असेट की जानकारी किराए पर देना, उधार देना या साझा करना मना है।;
  • उपयोगकर्ताओं की पहचान सत्यापित करने के लिए उपयोगकर्ताओं को प्लेटफॉर्म के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करना चाहिए;
  • भुगतान के लिए सुरक्षित और विश्वसनीय तृतीय-पक्ष वित्तीय संस्थानों का चयन करें और उनका उपयोग करें।

जब आधिकारिक नियामक और कानून प्रवर्तन वैध जांच अनुरोध दस्तावेज प्रस्तुत करते हैं और प्लेटफॉर्म से जांच में सहयोग करने या किसी नामित उपयोगकर्ता के फंड को प्रतिबंधित करने का अनुरोध करते हैं, तो प्लेटफॉर्म न्यायिक दस्तावेजों की वैधता और प्रामाणिकता की जांच करेगा और अनुरोध को वैध मानते हुए अनुपालन करेगा। प्लेटफॉर्म उपयोगकर्ता की गोपनीयता के लीक होने, खाता की निष्क्रियता और अन्य नुकसान के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है।

नोट: प्रासंगिक कानूनों और नियमनों और प्रासंगिक क्षेत्रीय और राष्ट्रीय मानकों के अनुसार, निम्नलिखित स्थितियों में, हम आपकी सहमति के बिना कानून के अनुसार आपकी व्यक्तिगत जानकारी एकत्र और उपयोग कर सकते हैं:

(4) आपके जीवन या संपत्ति और अन्य महत्वपूर्ण कानूनी अधिकारों और हितों की सुरक्षा के लिए, लेकिन आपकी अपनी सहमति प्राप्त करना कठिन है;

(6)कानूनी रूप से सार्वजनिक रूप से प्रकट की गई जानकारी से व्यक्तिगत जानकारी एकत्र कर, जैसे: कानूनी समाचार रिपोर्ट, सरकारी सूचना प्रकटीकरण और अन्य चैनल;

(8) प्रदान की गई सेवाओं के सुरक्षित और स्थिर संचालन को बनाए रखने के लिए आवश्यक, उदाहरण के लिए: सेवा विफलताओं का पता लगाना और उन्हें संभालना;

इस प्लेटफॉर्म की सेवाओं का उपयोग करने वाले सभी उपयोगकर्ताओं को लेनदेन से पहले पता होना चाहिए: डिजिटल असेट किसी भी सरकार या केंद्रीय बैंक द्वारा सपोर्ट प्राप्त नहीं है, और डिजिटल असेट की कीमत में बहुत उतार-चढ़ाव होता है। डिजिटल असेट रखने या उपयोग करने में उच्च जोखिम होता है। व्यापारिक निर्णय लेने से पहले, आपको यह निर्धारित करने के लिए अपनी वित्तीय स्थिति की सावधानीपूर्वक समीक्षा करनी चाहिए कि क्या यह आपके लिए उपयुक्त है।

कोई भी व्यक्ति जो किसी भी तरह से या प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इस वेबसाइट की सेवाओं का उपयोग करता है, तो समझा जाता है कि वे इस प्लेटफॉर्म पर बताई गई बाधाओं को स्वेच्छा से स्वीकार करते हैं।

अवैध रूप से नियुक्‍त‍ कर्मी को हटाना छंटनी जैसा, मुआवजा देना होगा : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में व्यवस्था दी है कि यदि किसी कर्मचारी को अवैध नियुक्ति के कारण हटाया जाता है तो उसे भी छंटनी माना जाएगा। वह औद्योगिक विवाद एक्ट, 1947 की धारा 25 एफ के तहत उचित.

अवैध रूप से नियुक्‍त‍ कर्मी को हटाना छंटनी जैसा, मुआवजा देना होगा : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में व्यवस्था दी है कि यदि किसी कर्मचारी को अवैध नियुक्ति के कारण हटाया जाता है तो उसे भी छंटनी माना जाएगा। वह औद्योगिक विवाद एक्ट, 1947 की धारा 25 एफ के तहत उचित रूप से मुआवजा का हकदार होगा।

जस्टिस अरुण मिश्रा और एमआर शाह की पीठ ने यह फैसला बिहार राज्य अनुसूचित जाति सहकारी विकास लिमटेड की अपील को खारिज करते हुए दिया। पीठ ने कहा कि इस मामले में धारा 2 (ओ ओ) का अपवाद लागू नहीं होगा। धारा 2 (ओ ओ) के अनुसार छंटनी का मतलब कर्मचारी को बर्खास्त करना है जो किसी सजा के रूप में नही है। लेकिन स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति, अनुबंध की समाप्ति और खराब स्वास्थ्य के कारण सेवा की समाप्ति छंटनी नहीं होगी। इस मामले में लेबर कोर्ट में संदर्भ दिया गया था कि बिहार एससी निगम के कर्मियों की बर्खास्तगी वैध थी या नहीं। क्या उन्हें पुन: बहाल करना चाहिए और मुआवजा देना चाहिए।

लेबर कोर्ट में दलील दी गई कि कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करना धारा 25 एफ का उल्लंघन है। क्योंकि कर्मचारियों ने साल में 240 दिनों से ज्यादा काम किया है। उनकी सेवाएं समाप्त करना अवैध है और उन्हें सेवा में बहाल कर पूरा पिछला वेतन दिलवाया जाए।
लेबर कोर्ट ने अवार्ड में कहा कि चूंकि श्रमिकों ने एक साल लगातार सेवा की है, उनकी सेवाएं धारा 25 एफ में दी गई प्रक्रिया के अनुसार ही समाप्त की जा सकती हैं। इसलिए उनकी छंटनी आईडी एक्ट की धारा 25 एफ का उल्लंघन है और यह अवैध है। हालांकि लेबर कोर्ट ने उन्हें पिछले वेतन के साथ सेवा पर बहाल करने को आदेश नहीं दिया लेकिन कहा कि उन्हें तीन साल के बराबर का वेतन और भत्ते दिए जाएं।

इस फैसले को प्रबंधन और श्रमिक दोनों ने हाईकोर्ट में चुनैाती दी। हाईकोर्ट की फुल बेंच ने इस मामले पर विचार किया। बेंच ने सवाल तैयार किया कि क्या ऐसे श्रमिक जिनकी शुरूआती नियुक्ति ही गलत हो, उन्हें हटाने को छंटनी माना जा सकता है। और क्या नियोक्ता को उन्हें इस बिना पर धारा 25 एफ के तहत मुआवजा देने के लिए आदेशित किया जा सकता है कि उन्होंने एक साल लगातार सेवा की है।

हाइकोर्ट ने कहा हम यह नहीं कहते कि कर्मचारियों को हटाना छंटनी थी और वे मुआवजे के हकदार हैं। यदि उनकी शुरुआती नियुक्ति ही अवैध थी तो उन्हें बर्खास्तगी का आदेश देने की जरूरत भी नहीं थी, उन्हें सेवा में बहाल नहीं किया जा सकता। उच्च अदालत ने यह आदेश दिया लेकिन कहा कि उनसे लेबर कोर्ट द्वारा दिया गया मुआवजा न वसूला जाए।

मुआवजा वसूली का आदेश न देने को प्रबंधन ने सुप्रीम कोर्ट में चुनैाती दी। उसने कहा कि जब नियुक्ति ही अवैध थी तो धारा 25 एफ कैसे लगाई जा सकती है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अपील खारिज कर दी और कहा कि धारा 25 एफ उस मामले में भी लागू होगी जिसमें कमचारी की नियुक्ति अवैध/अयोग्य हो।

क्रिप्टोकरेंसी का वो नकारात्मक पहलू जिस पर कोई प्रकाश नहीं डाल रहा

Bitcoin

क्रिप्टोकरेंसी जब से मार्केट में आया है इसने लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। दुनिया बिटकॉइन जैसे कई क्रिप्टोकरेंसी को स्वीकार करने के लिए उत्साहित दिखाई दे रही है। हालांकि, मीडिया केवल क्रिप्टोकरेंसी में अपना अव्वल स्थान बना चुके बिटकॉइन के सकारात्मक पक्ष को दिखाने में व्यस्त है, जबकि इसका एक नकारात्मक पक्ष भी है, जिसपर चर्चा करना अति आवश्यक है। इस लेख में बिटकॉइन के नकारात्मक पक्ष को विस्तार से समझेंगे और यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि क्या हमें वास्तव में बिटकॉइन को स्वीकार करना चाहिए?

बिटकॉइन की लोकप्रियता इस तथ्य से परिलक्षित होती है कि 2020 में बिटकॉइन की कीमत चार गुना बढ़ चुकी थी और वर्ष के अंत तक इसकी कीमत 29,000 डॉलर के करीब पहुंच गयी थी। मौजूदा समय में इसकी कीमत 60,290 डॉलर के करीब पहुंच गई है। वैश्विक ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी बाजार में साल 2025 तक इसकी कीमत 57 बिलियन डॉलर से अधिक तक पहुंचने का अनुमान है। समस्या यह है कि वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी कानुन तौर पर वैध है या अवैध क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार के लिए कोई कानूनी नियम नहीं हैं। यहां तक कि कई देशों की सरकार भी बिटकॉइन जैसे क्रिप्टोकरेंसी को लेकर संशय में हैं। यही कारण है कि कोई भी विनियमित वित्तीय संस्थान क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन का समर्थन नहीं करता है।

इसके अलावा नियमों की कमी के कारण क्रिप्टोकरेंसी को ट्रैक करना बेहद मुश्किल है और इसलिए लोग अक्सर इसका क्रिप्टोकरेंसी कानुन तौर पर वैध है या अवैध इस्तेमाल डार्क ट्रेडिंग के लिए करते हैं। इस प्रकार यदि यह सभी लेनदेन नियामकों के नियंत्रण से बाहर हैं, तो बिटकॉइन वित्तीय बाजार में उथल-पुथल लाने में प्रवण है।

उभरता हुआ खतरा है क्रिप्टोकरेंसी

जब आप पैसे को ट्रैक नहीं कर सकते, तो लोग अवैध लेनदेन के लिए इसका फायदा उठाना शुरू कर देते हैं। डार्क वेब पर इसका उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग, फिरौती की मांग जैसे मामलों के लिए किया जा रहा है। साल 2017 और 2020 के बीच सबसे अधिक क्रिप्टोकरेंसी फंडिंग प्राप्त करने वाले अपराध के उदाहरण देखें, तो इसमें आतंकवादियों की फंडिंग, डार्क वेब पर ड्रग्स और हथियार का क्रय-विक्रय, कई तरह के घोटाले आदि शामिल हैं। इसके अलावा क्रिप्टो का इस्तेमाल आपराधिक गतिविधियों जैसे कि मनी लॉन्ड्रिंग और कर चोरी तथा अंतरराष्ट्रीय व्यापार के प्रतिबंधों से बचने के लिए किया जाता है।

हम देख सकते हैं कि कानून प्रवर्तन और सुरक्षा संगठनों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी को एक उभरता हुआ खतरा क्यों माना जाता है। उदाहरण के लिए अगर भारत ने क्रिप्टोकरेंसी को वैध बना दिया तो फिर न तो मनी लॉन्ड्रिंग के स्रोतों का पता चलेगा और न ही आतंकी फंडिग का। पाकिस्तानी आतंकियों के लिए भी फंडिंग के नए रास्ते खुल जाएंगे और अमेरिका तथा अन्य देशों में बैठी भारत-विरोधी ताकतें इसका सबसे अधिक फायदा उठाएंगी तथा सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रह जाएगा। यही कारण है कि भारत सरकार ने हाल ही में बजट सत्र के दौरान क्रिप्टो करेंसी से जुड़ा बिल, “The Cryptocurrency and Regulation of official digital currency Bill 2021” पारित किया था।

Source- Chainalysis

तथ्य यह है कि ये समस्याएं वैसी ही हैं, जैसी हमारे पास नकदी अर्थव्यवस्था के साथ हैं। यदि समस्या बनी रहती है (या बढ़ जाती है जो कि स्पष्ट है), तो डिजिटल मुद्रा को चुनने का कोई मतलब नहीं है।

फरवरी 2021, की शुरुआत में जब टेस्ला ने बिटकॉइन में 1.5 बिलियन डॉलर की खरीददारी की और साथ ही यह घोषणा भी किया कि आगे जाकर वह भुगतान के रूप में क्रिप्टोकरेंसी को स्वीकार करेगा, तब बिटकॉइन की ओर लोगों का झुकाव ज्यादा बढ़ा था। टेस्ला के महत्वपूर्ण निवेश के साथ-साथ इस मामले पर हो रहे अन्य विकास से यह समझा जा सकता है कि ये नई डिजिटल मुद्राएं विश्व के वित्तीय मार्केट में अपने-अपने पांव जमा रही हैं और साथ ही साथ कई उद्योगों को बाधित भी कर रही हैं।

एक तरफ बिटकॉइन जैसे क्रिप्टोकरेंसी वैध लेन-देन और उपभोक्ताओं के बीच अपनी वैधता साबित करने में लगे हैं, तो दूसरी ओर ये अवैध गतिविधियों और अपराधियों के लिए फायदेमंद साबित हो रहे हैं। क्रिप्टोकरेंसी पर Chainalysis की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 में अवैध क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन का मूल्य 10 बिलियन डॉलर पहुंच चुका था। हालांकि, वैश्विक स्तर पर लेन-देन देखा जाए, तो यह आंकड़े अधिक नहीं है, लेकिन यह इतने कम भी नहीं है कि इसे नजरअंदाज किया जा सके।

इससे मिलेगा वित्तीय अपराधों को बढ़ावा

ब्लॉकचेन एक बेहतरीन तकनीक है और वास्तव में वित्तीय लेनदेन के लिए उपयोगी भी है। हालांकि, यह दिन-प्रतिदिन के लेनदेन को लक्षित नहीं करता है। क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन के लिए ब्लॉकचेन तकनीक पर निर्भर करता है जो एक पारस्परिक समझौता आधारित Mutual Agreement पर आधारित प्रणाली है। ब्लॉकचेन तकनीक में कई स्थानों पर शेयरिंग और अपडेटिंग की आवश्यकता होती है, जिससे खुदरा लेनदेन के लिए सिस्टम बहुत धीमा हो जाता है।

अगर देखा जाये तो क्रिप्टोकरेंसी किसी भी तरह से विश्वसनीय नहीं है। नकारात्मक पक्ष सीधे तौर पर किसी भी देश की आंतरिक सुरक्षा को निशाना बनाते हैं। क्रिप्टोकरेंसी की चलन बढने से न सिर्फ देश में आतंकी गतिविधियों के बढने का डर रहेगा, बल्कि हर प्रकार के वित्तीय अपराधों को बढ़ावा मिलेगा। ऐसे में यह आवश्यक है कि हम इस सवाल पर दोबारा विचार करें कि क्या हमें वास्तव में बिटकॉइन को स्वीकार करना चाहिए?

Cryptocurrency क्या है – संक्षिप्त जानकारी।

Cryptocurrency kya hai

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के क्रिप्टोकरेंसी कानुन तौर पर वैध है या अवैध बारे में जानने से पहले यह जान लेते हैं करेंसी क्या होती है। करेंसी एक प्रकार की मुद्रा प्रणाली है। ऐसी मुद्रा प्रणाली जो धन के रूप में इस्तेमाल की जाती हो, देश की सरकार द्वारा उसे मान्यता मिली हो, जिसका कोई मूल्य हो और जिसके माध्यम से वस्तुओं को ख़रीदा या बेचा जा सके।

दुनिया में प्रारंभ में कोई मुद्रा या करेंसी प्रचलन में नहीं थी। उस समय वस्तु विनिमय प्रणाली का चलन था। इसी प्रणाली द्वारा खरीदने और बेचने का काम होता था। वस्तु विनिमय प्रणाली में एक वस्तु देकर दूसरी वस्तु ली जाती थी। इसके बाद सिक्कों का दौर आया। विभिन्न प्रकार की धातुओं के सिक्कों के द्वारा लेन – देन होने लगा।

सिक्कों के बाद कागज़ के नोट आये जिससे हमारे लेन – देन का तरीका बिलकुल बदल गया। इन सब प्रणालियों के अलावा भी एक मुद्रा है, जिसे क्रिप्टोकरेंसी के नाम से जाना जाता है, जो वर्तमान में धीरे – धीरे प्रचलित हो रही है।

क्रिप्टोकरेंसी से आप क्या समझते हैं

क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की डिजिटल (DIGITAL) मुद्रा है। यह एक ऐसी मुद्रा प्रणाली है जो ब्लोकचेन (BLOCKCHAIN) तकनीक पर आधारित है। अर्थात यह क्रिप्टोकरेंसी कानुन तौर पर वैध है या अवैध क्रिप्टोकरेंसी कानुन तौर पर वैध है या अवैध एक ऐसी तकनीक पर आधारित है जिसमे बहुत से ब्लोक होते हैं जो एक दुसरे से जुड़े होते हैं। क्रिप्टो-करेंसी एक पियर टू पियर (PEER TO PEER) धन प्रणाली है।

पियर टू पियर प्रणाली से तात्पर्य है जिसमे एक कंप्यूटर सिस्टम से दुसरे कंप्यूटर सिस्टम में डाटा भेज सकते हैं बिना किसी केंद्रीकृत सर्वर के माध्यम से। यह मुद्रा प्रणाली कंप्यूटर अल्गोरिथम पर आधारित है, अर्थात शारीरिक रूप से इसका अस्तित्व नहीं है, यह सिर्फ आंकड़ों के रूप में ऑनलाइन रहती है।

क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल या क्रिप्टोकरेंसी का मूल्य

क्रिप्टोकरेंसी का भी बाकि करेंसी की क्रिप्टोकरेंसी कानुन तौर पर वैध है या अवैध तरह मूल्य है। क्रिप्टो-करेंसी से भी हम सामान खरीदने और बेचने का कार्य कर सकते हैं। इसका हम कहीं निवेश भी कर सकते हैं। लेकिन जैसा की उपरोक्त वर्णित है यह एक डिजिटल मुद्रा है इसलिए हम इसको छू नहीं सकते इसलिए इसको हम तिजोरी या बैंक के लॉकर इत्यादि में नहीं रख सकते।

क्रिप्टो-करेंसी की मूल्य की बात करें तो इसकी कीमत बाकी मुद्राओं से बहुत ज्यादा है। कुछ श्रेष्ठ क्रिप्टो-करेंसी की बात करें तो इनकी कीमत डॉलर से भी हजारों गुना ज्यादा है। लेकिन क्रिप्टो-करेंसी का मूल्य घटता बढ़ता रहता है। क्रिप्टो-करेंसी बाजार में उतार चढाव आते रहते हैं, इसलिए इसकी कीमत दिन में ही कई बार बदलती रहती है।

क्रिप्टोकरेंसी कैसे काम करती है

जैसा की हमने आपको बताया क्रिप्टोकरेंसी ब्लोकचेन (Cryptocurrency block chain)तकनीक पर आधारित है। इसमें जब भी कोई लेन – देन होता है तो उसका रिकॉर्ड रख लिया जाता है, और इनको बड़े पावरफुल कंप्यूटरों की निगरानी में रखा जाता है। इस प्रक्रिया को क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग कहा जाता, और जो ये काम करता है उसे माइनर कहते हैं।

इसके बाद ब्लोकचेन में रिकॉर्ड उस लेन – देन को एक ब्लॉक में रखा जाता है जिसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी माइनर की होती है। माइनर उस लेन – देन को सुरक्षित रखने के लिए एक क्रिप्टोग्राफिक पहेली को हल करके एक कोड का पता लगते हैं, जिसका पता लगने के बाद उसे ब्लोकचेन में जोड़ा जाता है। इसके बाद नेटवर्क में उपस्थित दुसरे कंप्यूटर द्वारा उसको सत्यापित किया जाता है।

क्रिप्टोकरेंसी के लाभ

  1. यह एक विकेंद्रीकृत डिजिटल मुद्रा है इसलिए इस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं
  2. इसमें फ्रॉड की सम्भावना बहुत कम है
  3. इसमें निवेश करना फायदेमंद है क्योंकि इसकी कीमतों में बहुत उछाल होता है
  4. इस मुद्रा को संभालने के लिए बैंक की आवश्यकता नहीं है
  5. इसको खरीदना बेचना और इसमें निवेश करना आसान है
  6. यह एक सुरक्षित मुद्रा है
  7. क्रिप्टोकरेंसी का बाजार 24 घंटे ऑनलाइन खुला रहता है

क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान

  1. क्रिप्टोकरेंसी एक ऐसी मुद्रा है जिस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है, इसलिए इसकी कीमतों में स्थिरता नहीं होती। इसकी कीमतों में उतर चढाव लगा ही रहता है यहाँ तक की इसकी कीमतें एक दिन में ही कई बार बदल जाती हैं
  2. इस मुद्रा का इस्तेमाल अवैध कार्यों में किया जा सकता है
  3. यह एक डिजिटल मुद्रा है और ऑनलाइन उपलब्ध है इसलिए इसको हैक किया जा सकता है
  4. यह मुद्रा सब देशों में वैध नहीं है, बीटकोइन की प्रसिद्धी के कारण कुछ देशों ने इसको मान्यता दे दी है लेकिन अब भी बहुत देशों में क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं मिली है
  5. क्रिप्टोकरेंसी कोई भौतिक मुद्रा नहीं है अर्थात इसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है, इसलिए इस मुद्रा पे भरोसा करना मुश्किल है।

क्या क्रिप्टोकरेंसी कानूनी है ?

क्रिप्टोकरेंसी को सीधे शब्दों में कहे तो अब तक कानूनी मान्यता नहीं मिली है। पूरी दुनिया के कुछ देशों ने ही इसको मान्यता दी है, जबकि दुनिया के बहुत से देशों में तो ऐसी कोई मुद्रा होती है ये भी नहीं पता है। लेकिन धीरे धीरे क्रिप्टो-करेंसी का प्रचलन बढ़ रहा है, दिन प्रतिदिन हम क्रिप्टोकरेंसी से सम्बंधित खबर सुनते हैं। जिस गति से क्रिप्टो-करेंसी का इस्तेमाल बढ़ रहा है, उसको देखते हुए हम कह सकते हैं की आने वाले समय में क्रिप्टो-करेंसी हर जगह पूर्ण रूप से मान्य होगी।

भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य

भारत में क्रिप्टोकरेंसी को अवैध घोषित किया गया था, लेकिन अब भारत में क्रिप्टो-करेंसी को मान्य दे दी गई है। क्रिप्टो-करेंसी मुद्रा प्रणाली में उपस्थित जोखिम को देखते हुए भारत सरकार और रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने कमर कस ली है ताकि इसको हैक होने से बचाया जा सके।

रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने भारतीय निवेशकों के निवेश की सुरक्षा के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भी सोंपे हैं। आने वाले समय में किसी संसद के सत्र में भारत सरकार क्रिप्टो-करेंसी या डिजिटल मुद्रा से सम्बंधित कोई विधेयक पास कर सकती है। क्रिप्टो-करेंसी को लेकर रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया और भारत सरकार का रुख सख्त हुआ है, क्योंकि पिछले कुछ समय से भारत में क्रिप्टो-करेंसी में निवेश करने वालों की संख्या में बहुत इजाफा हुआ है।

भारत में तक़रीबन 1.5 करोड़ निवेशक हैं जो किसी न किसी क्रिप्टो-करेंसी विनमय में पंजीकृत हैं। भारत में बढ़ते हुए निवेशकों की संख्या के कारण भारत सरकार और रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया सचेत है और निवेशकों की सुरक्षा के लिए कदम उठा रही है।

Cryptocurrency में ट्रेडिंग के लिए भारत में App – WazirX

रेटिंग: 4.82
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 186
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *