गलत ब्रेकआउट

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आपने संभवतः किसी व्यक्ति को वाक्यांश कहते सुना होगा की “मैं हमेशा सही समय पर सही जगह पर होता हु”I स्टॉक ट्रेडिंग भी इससे अलग नहीं है, इसमें भी हमें सही समय पर सही स्थिति में होना चाहिए। यही कारण है कि कई स्टॉक व्यापारियों के बीच आरोही त्रिकोण पैटर्न एक पसंदीदा है। जो लोग इस चार्ट पैटर्न को समझते हैं और इसे सही तरीके से व्यापार करते हैं, उनके लिए यह एक व्यापारिक रणनीति है जिसके परिणामस्वरूप उन्हें एक बड़ा मुनाफा हो सकता है।
यह शास्त्रीय तकनीकी विश्लेषण द्वारा परिभाषित तीन महत्वपूर्ण त्रिभुज पैटर्न में से एक है। अन्य दो अवरोही त्रिकोण और सममित त्रिकोण हैं।
आरोही त्रिकोण एक निरंतरता पैटर्न है जिसे एक प्रवेश बिंदु, स्टॉप लॉस और प्रॉफिट लक्ष्य द्वारा परिभाषित किया गया है। मूल्य चार्ट पर, यह एक क्षैतिज समर्थन रेखा के रूप में दिखाई देता है जो ऊंचे हिस्से को चढ़ाव के लिए एक ऊपर की ओर बढ़ते ट्रेंडलाइन से जोड़ता है। प्रत्येक आरोही त्रिकोण में न्यूनतम दो उच्च और दो चढ़ाव होते हैं। इसकी तुलना में, एक अवरोही त्रिकोण में एक क्षैतिज निचली रेखा और एक अवरोही ऊपरी ट्रेंडलाइन है।
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आरोही त्रिभुज पैटर्न कैसे काम करता है ? How Ascending Triangle Pattern works?
उपरोक्त चार्ट एक आरोही त्रिकोण का प्रतिनिधित्व है। इसमें एक क्षैतिज प्रतिरोध रेखा होती है, जो मामूली ऊँचाइयों को जोड़ने वाली एक छोटी प्रवृत्ति के साथ ऊंची ऊँचाई पर खींची जाती गलत ब्रेकआउट है, जो एक त्रिकोणीय पैटर्न बनाती है।
आरोही त्रिकोण निरंतरता पैटर्न हैं क्योंकि मूल्य आमतौर पर उस दिशा में टूट जाता है जिस तरफ पैटर्न पहले से गलत ब्रेकआउट जा रहा होता है। अन्य प्रकार के त्रिकोणों के साथ, वॉल्यूम अक्सर चार्ट पैटर्न के दौरान सिकुड़ता है। झूठे ब्रेकआउट पर नज़र रखते हुए, आमतौर पर निवेशक तब प्रवेश करते हैं जब मूल्य ब्रेकआउट होता है।
उनकी स्थिति ब्रेकआउट की दिशा पर निर्भर कराती है – ऊपर की दिशा में खरीदें और निचली दिशा में बिक्री करें। स्टॉप लॉस त्रिकोण के बाहर रखा जाता है। लाभ लक्ष्य की गणना करने के लिए, व्यापारी अधिकतम चौड़ाई पर त्रिकोण की ऊंचाई को ध्यान में रखते हैं और ब्रेकआउट मूल्य के अनुसार उस माप को समायोजित करते हैं।
आरोही त्रिकोण पैटर्न (Ascending Triangle Pattern ) का मतलब है की जितना व्यापक पैटर्न, उतना ही अधिक जोखिम और इनाम होता है । संकीर्ण पैटर्न के लिए, स्टॉप लॉस छोटा हो जाता है; हालांकि, लाभ लक्ष्य अभी भी पैटर्न के सबसे महत्वपूर्ण हिस्से पर आधारित है। इस चार्ट का उपयोग करने के इच्छुक व्यापारियों के लिए चुनौतियों के संदर्भ में, गलत ब्रेकआउट एक महत्वपूर्ण विचार है। मूल्य आंदोलन में उतार-चढ़ाव होने के कारन ऊपरी प्रतिरोध स्तर को तोड़ने में विफल रहता है।
आरोही त्रिभुज पैटर्न (Ascending Triangle Pattern ) क्यों बनता है ?
हेज फंड और अन्य संस्थागत संगठन एक कंपनी में सैकड़ों हजारों शेयर खरीद सकते हैं। स्टॉक बढ़ने के बाद, और ऐसा निष्कर्ष निकलने के बाद उनको लगता है कि कहीं और बेहतर अवसर हैं तो संगठन ऐसे स्थिति से बाहर निकल जाएगा। यहां उन्हें अपना स्टॉक एक निश्चित बिंदु तक बेचना होगा, इस उदाहरण में, हम ₹ १५० का उपयोग करते हैं। बाजार में बड़ी मात्रा में स्टॉक डंप होने के कारण, उस स्टॉक की कीमत ₹ १५० से ऊपर नहीं जा सकती है, क्योंकि जैसे ही यह होता है, यह संगठन से बिक्री को ट्रिगर करता है।
जब सब लोग स्टॉक बेच रहे होते है तो अन्य विक्रेता भी इसमे पर कूदते हैं और स्टॉक को और भी नीचे लेके आते हैं। एक बार जब सभी विक्रेता संतुष्ट हो जाते हैं, तो खरीदार आते हैं, यह सोचकर कि स्टॉक इस कम कीमत पर सस्ता है और उन शेयरों को वापस पहले से ज्यादा ऊपर लिया जाता है।
आरोही त्रिभुज पैटर्न (Ascending Triangle Pattern ) के गुण :
पैटर्न प्रकार : निरंतरता
संकेत : बुलिश
ब्रेकआउट की पुष्टि : इस पैटर्न की पुष्टि औसत ट्रेडिंग वॉल्यूम पर उच्च स्तर को दर्शाती है।
वॉल्यूम : आरोही त्रिकोण निर्माण के दौरान वॉल्यूम में गिरावट आती है, जब ब्रेकआउट होता है।
निष्कर्ष :
आरोही त्रिकोण पैटर्न (Ascending Triangle Pattern ) एक उच्च जोखिम / इनाम परिदृश्य का प्रतिनिधित्व करता है, अन्य पैटर्न को छंद करता है जो समय के साथ संकीर्ण हो जाते हैं। इस चार्ट पैटर्न के साथ सबसे बड़ा मुद्दा झूठे ब्रेकआउट की संभावना है। नतीजन, चार्ट पैटर्न को कई बार फिर से परिभाषित किया जा सकता है क्योंकि मूल्य कार्रवाई प्रतिरोध स्तर से पहले होती है, लेकिन ब्रेकआउट मूल्य बनाए रखने में विफल रहती है।
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क्यों टेक्निकल एनालिसिस कभी काम करता है और कभी नहीं करता ?
टेक्निकल एनालिसिस में कीमतों का अभ्यास किया जाता है , जो की बाज़ार में लोंगो के मनोदशा और भावनावो का प्रतिनिधित्व स्वरुप है | इसी वजह से टेक्निकल एनालिसिस ज्यादातर बार काम करता है , क्योकि सामान्य रूप से लोग समान परिस्थितियों में एक जैसे निर्णय या फिर गलतिया करते है | जो चार्ट पर समान प्राइस पैटर्न्स या फिर टेक्निकल पैटर्न बनाते रहते है और यह प्रक्रिया बार बार होती रहती है | कीमतों की दिशा या ट्रेंड्स चार्ट पर मूविंग अवेरेजेस और इंडीकेटर्स की मदत से खोजी जा सकती है | और उनकी हद या फिर सीमा चार्ट पर सपोर्ट और रेजिस्टेंस खीचकर निर्देशित किये जा सकते है | ये एक सीधी और साधा तरीका है मगर इसमें अनुभव जरुरी होता है | जब कीमते रेजिस्टेंस को लांघकर ट्रेड करने लगाती गलत ब्रेकआउट है तो उसे “बुलिश ब्रेकआउट” कहा जाता है , उसी तरह जब कीमते सपोर्ट क निचे टूट जाती है तो उसे “बिअरिश ब्रेकडाउन” कहा जाता है | ब्रेकआउट की घटना एक ट्रेडर के लिए बहुत महत्व पूर्ण होती है और वो ट्रेडर्स के लिए एक शक्तिशाली हत्यार की तरह काम करता है | ब्रेकआउट कीमतों और इंडीकेटर्स में भी देखा जा सकता है और उपयोगी होता है | ब्रेकआउट लगभग ८०-९०% समय काम करता है और सही दिशा में ट्रेड करने वालो को मोटा मुनाफा कमाकर देता है | ज्यादातर ब्रेकआउट और ब्रेकडाउन मुख्य दिशा परिवर्तन के समय होता है और ट्रेडर्स को एक मुनाफे वाली रैली मिल जाती है |
कभी कभी टेक्निकल एनालिसिस क्यों काम नहीं करता ?
टेक्निकल एनालिसिस कभी कभी किसी ट्रेडर के लिए कम नहीं करता और उसका मुख्य कारण होता है , अनुभव की कमी | जो लोग या ट्रेडर्स मार्केट में नए है वो ज्यादातर पकीमतों को या फिर इंडीकेटर्स को अच्छे से नहीं समज पाते और गलती कर बैठते है | इसी कहते है की लिए एक यशस्वी ट्रेडर्स के पीछे उसके अनुभव का हाथ होता है | ज्यादातर व्यावसायिक और नए ट्रेडर्स एक ही तकनीक अपनाते है मगर व्यवसायिक ट्रेडर मुनाफा कमाता है और उसी तकनीक से नए ट्रेडर्स को नुकसान होता है | यह कही बार देखा गया है | दूसरा यह की बहुत बार ट्रेडर्स चार्ट्स, प्राइस पैटर्न और इंडीकेटर्स के ऊपर इतना निर्भर हो जाते है की वो मार्केट की परिस्थितियों को जानना और समज़ना भूल जाते , और अपने इस छोटे कोष से बाहर न आने की वजह से गलत साबित होते रहते है | यही व्यवसायिक ट्रेडर्स मार्केट और उतार-चढाव के हिसाब से अपनी तकनीक और इंडीकेटर्स को ट्यून करते रहते है | जैसे की ज्यादा चढ़ उतार वाले मार्केट में चार्ट पर फाल्स ब्रेकआउट या ब्रेकडाउन होने पर ट्रेडर्स को मुख्य ट्रेंड के साथ रहना चाहिए | दूसरा उदहारण में बुल मार्केट में कीमते ओवर बाउट स्थिति में हप्ते या फिर महीनो तक ट्रेंड करती है और बीच बिच में गलत सेल सिग्नल निर्माण होते है गलत ब्रेकआउट | कभी कभी कुछ तकनीक कुछ वक्त तक ही काम करते जाते है क्योकि मुख्य मार्केट मेकर्स वही टेक्निक्स उपयोग में लाते है और उनपर ही उस वक्त भरोसा बैठ होता है , इसे “सेल्फ फुल फिलिंग प्रोफेसी” भी कहा जाता है | कुछ ट्रेडर्स बहुत सामान्य तकनीक उपयोग करते है और फिर भी मुनाफा कमाते है और कुछ जटिल और महंगी ट्रेडिंग सिस्टम का उपयोग करके भी सदा नुकसान में ही बैठे होते है | ये इस लिए होता है क्योकि व्यावसायिक ट्रेडर्स जो गैर प्रचलित ट्रेडिंग की रणनीति बनाते है वो अनुभव पर आधारित होती है और उसकी मार्केट पर पूरी पकड़ होती है | ट्रेडिंग का मुख्य उद्देश मुनाफा कमाना है न की वैज्ञानिक तरीकेसे सही रहना |
टेक्निकल एनालिसिस की पड़ताल
टेक्निकल एनालिसिस कीमतों का पूर्वानुमान लगाने का शास्त्र है जो की हर समय १००% काम नहीं करता है मगर इसका अर्थ यह नहीं की ये भरोसा करने के लायक नहीं है | जितने भी पूर्वानुमान लगाने के शास्त्र और व्यवसाय है उनकी खुद की कुछ कमिया हमेशा रहती है मगर इसका ये अर्थ नहीं होता की वे सब बेकार है , जैसे की मौसम अनुमान इत्यादी | स्टॉक मार्केट में किसी भी विश्लेषनात्मक पद्धति का मूल्य उसकी कामयाबी या फिर मुनाफा बनानेकी शक्ति पर निर्भर होती है | अगर वो पद्धति लगतार मुनाफा बनती हो तो वो वैज्ञानिक दृष्टी से शायद गलत हो मगर ट्रेडर्स के लिए उपयोगी होती है | गलत ब्रेकआउट क्योकि मार्केट से ट्रेडिंग में मार्केट से पैसे बनाना ही उद्देश होता है न की वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सही होना |
गलत ब्रेकआउट
आजकल मार्केट में कई तरह के स्किन केयर प्रोडक्ट्स अवेलेबल हैं, जो आपकी स्किन की बेहतर केयर करने में मदद करते हैं। साथ ही, कई तरह की स्किन प्रॉब्लम्स को भी गलत ब्रेकआउट दूर करते हैं। यह देखने में आता है कि महिलाएं कई तरह की ब्रांडेड व महंगे स्किन केयर प्रोडक्ट्स को खरीद भी लेती हैं, लेकिन फिर भी उन्हें निराशा होती है। ऐसा इसलिए भी होता है, क्योंकि वह कभी-कभी गलत स्किन केयर प्रोडक्ट्स का चयन कर लेती हैं।
यह सच है कि स्किन की केयर करने के लिए आपको कई तरह के प्रोडक्ट्स की आवश्यकता होती है। लेकिन इससे भी ज्यादा जरूरी होता है कि आप सही स्किन केयर प्रोडक्ट का चयन करें। हालांकि, अगर आप गलत स्किन केयर प्रोडक्ट्स का चयन करती है तो आपकी स्किन खुद इसके बारे में बताती है।
इतना ही नहीं, लगातार गलत स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने से आपकी स्किन में भी कुछ बदलाव आते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही संकेतों के बारे में बता रहे हैं, जो यह बताते हैं कि आप गलत स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कर रही हैं-
स्किन का अधिक रूखा बन जाना
जब आप गलत प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करती हैं, तो इससे आपकी स्किन अधिक रूखी हो जाती है। दरअसल, जब स्किन केयर प्रोडक्ट्स आपकी स्किन टाइप के अनुसार नहीं होती, तो इससे आपकी स्किन की प्रॉब्लम्स और भी ज्यादा बढ़ जाती है। साथ ही, एसिड-बेस्ड प्रोडक्ट्स का उपयोग करने से गलत ब्रेकआउट स्थिति और खराब हो सकती है। कभी-कभी यह केमिकल्स आपकी स्किन को और भी ज्यादा रूखा बना देते हैं।
स्किन में रैशेज होना
यूं तो स्किन में रैशेज होने की कई वजहें हो सकती हैं। लेकिन अगर आपने अपने स्किन केयर प्रोडक्ट को स्विच किया है और आपको रैशेज की समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो यह संकेत है कि आप गलत स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कर रही है। दरअसल, विभिन्न स्किन केयर प्रोडक्ट्स को स्किन टाइप के अनुसार तैयार किया जाता है, लेकिन जब आप गलत प्रोडक्ट्स को चुनती हैं तो वह आपकी स्किन को परेशान कर सकते हैं, जिससे आपको रैशेज व एलर्जी हो सकती है।
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स्किन में ब्रेकआउट्स होना
स्किन ब्रेकआउट्स की एक मुख्य वजह गलत स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना भी हो सकता है। ऐसा इसलिए भी होता है, क्योंकि आपकी स्किन उस स्किन केयर प्रोडक्ट के साथ रिएक्ट करती है और आपको अपनी स्किन में छोटे-छोटे दाने व ब्रेकआउट्स नजर आते हैं।
स्किन में अनइवन टेक्सचर नजर आना
गलत स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने से स्किन में अनइवन टेक्सचर नजर आने लगता है। दरअसल, गलत स्किन केयर प्रोडक्ट्स को यूज करने से आपको रेडनेस, ब्रेकआउट, सूखे पैच, अनइवन टेक्सचर और सूजन जैसे संकेत नजर आते हैं। इसलिए आपको स्किन में होने वाले इन बदलावों को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
स्किन का ऑयली नजर आना
मौसम में बदलाव होने पर स्किन में भी अंतर नजर आते हैं। लेकिन कभी-कभी गलत स्किन केयर प्रोडक्ट्स भी आपकी स्किन को प्रभावित कर सकते हैं और आपकी स्किन अधिक ऑयली नजर आ सकती है। हमारी स्किन में ऑयल की एक नेचुरल लेयर होती है, जो एक प्रोटेक्टिव बैरियर की तरह काम करती है।
लेकिन गलत स्किन केयर प्रोडक्ट का चयन करने से इस बैरियर को नुकसान पहुंचता है। जिससे स्किन रिपेयर मोड में आ जाती है और वह आवश्यकता से अधिक ऑयल का उत्पादन करती है, जिससे ऑयली स्किन व ब्रेकआउट्स की समस्या होती है।
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तो अब आपको भी यह संकेत नजर आते हैं तो आप अपने स्किन केयर प्रोडक्ट्स को स्विच करने पर विचार करें। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।