कॉल ऑप्शन का उदाहरण

कॉल करने योग्य पसंदीदा स्टॉक का क्या अर्थ है?
कॉल करने योग्य पसंदीदा स्टॉक का क्या अर्थ है?: कॉल करने योग्य पसंदीदा स्टॉक निगम को एक विशिष्ट भविष्य के समय और आमतौर पर जारी करने पर निर्धारित मूल्य पर अपने शेयरधारकों से स्टॉक को खरीदने / सेवानिवृत्त करने या “कॉल” करने का अधिकार देता है। दूसरे शब्दों में, कंपनी शेयरधारक को भविष्य में एक निश्चित तिथि पर कंपनी को अपना स्टॉक वापस बेचने के लिए बाध्य कर सकती है।
कॉल करने योग्य पसंदीदा स्टॉक का क्या अर्थ है?
पसंदीदा स्टॉक कई लाभों और कुछ कमियों के साथ आता है। पसंदीदा स्टॉक के मालिक होने का सबसे बड़ा लाभ तरजीही लाभांश उपचार है। जब कोई कंपनी लाभांश का आह्वान करती है, तो किसी भी सामान्य शेयरधारक को लाभांश भुगतान प्राप्त करने से पहले कंपनी को सभी पसंदीदा शेयरधारकों के लाभांश का भुगतान करना होगा।
एक विकल्प जिसे पसंदीदा स्टॉक की कमी के रूप में देखा जा सकता है, वह है कॉल करने योग्य विकल्प।
उदाहरण
कॉल मूल्य में आम तौर पर बराबर स्टॉक मूल्य, शेयरधारक को निवेश पर थोड़ा अधिक रिटर्न देने के लिए प्रीमियम और बकाया लाभांश शामिल होता है। निगमों को निश्चित रूप से ऐसा करने से पहले पसंदीदा स्टॉक को कॉल करने पर ध्यान से विचार करना होगा। मान लें कि आपके पास पसंदीदा स्टॉक था जिसे पांच वर्षों में लाभांश नहीं मिला है। ये लाभांश खो नहीं गए हैं; वे सिर्फ एक होल्डिंग टैंक में हैं जिसे बकाया लाभांश कहा जाता है।
यह शेयरधारकों के लिए निगम की देनदारी की तरह है। जब निगम आपके स्टॉक को कॉल करता है और रिटायर करता है, तो उसे आपको अपने स्टॉक के बराबर मूल्य और प्रीमियम (दोनों जारी करने पर सेट) और पांच साल के लाभांश जो आपको प्राप्त नहीं हुए हैं, का भुगतान करना होगा। यदि बकाया में कॉल ऑप्शन का उदाहरण बहुत अधिक लाभांश हैं तो यह निगम के लिए एक बहुत ही महंगा प्रस्ताव हो सकता है।
शेयर मार्केट में ऑप्शन ट्रेडिंग को आसान भाषा में समझें।
Option Trading के बारे में विस्तार से जानने से पहले जानते हैं कि ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है? ऑप्शन एक कॉन्ट्रेक्ट है जो विक्रेता द्वारा लिखा जाता है, जो खरीदार को अधिकार देता है कि वह भविष्य अपने कॉन्ट्रेक्ट को पूरा करने के लिए बाध्य नहीं है। इस आर्टिकल में ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में विस्तार से बताया गया है। जानते हैं- शेयर मार्केट में ऑप्शन ट्रेडिंग को आसान भाषा में समझें। Option tarding in stock market kya hai Hindi.
Option trading in Stock market
शेयर मार्किट में वैसे को बहुत सारे तरीके हैं पैसे कमाने के उन्ही में से एक तरीका ऑप्शन ट्रेडिंग भीं है। शेयर मार्किट एक्सपर्ट अक्सर रिटेल ट्रेडर को ऑप्शन मार्केट से दूर रहने की सलाह देते रहते हैं। लेकिन रिटेल ट्रेडर भी ऑप्शन मार्केट को अच्छे से समझकर और कॉल ऑप्शन का उदाहरण सीखकर इससे थोड़े समय में ही अच्छा पैसा कमा सकते हैं। Price Action क्या है?
ऑप्शन एक डेरिवेटिव प्रोडक्ट है, जिसमे आपको केवल प्रीमियम देना होता है। जिसकी वैल्यू उसके Underlying asset में निहित होती है। डेरीवेटिव दो प्रकार के होते हैं- फ्यूचर एंड ऑप्शन। एक फ्यूचर कॉन्ट्रेक्ट आपको भविष्य की एक निश्चित तारीख (Expiry Date) को एक निश्चित मूल्य पर शेयर खरीदने या बेचने का अधिकार देता है लेकिन ऑप्शन कॉन्ट्रेक्ट में ऐसा नहीं है, ऑप्शन कंट्रेक्ट में आप निश्चित तारीख (Expiry date) पर आप सौदा पूरा करने के लिए बाध्य नहीं हैं।
उदाहरण के द्वारा ऑप्शन ट्रेडिंग को समझें
Option trading in Stock market को एक उदाहरण के द्वारा इस तरह समझा जा सकता है- माना रमेश और आकाश दो दोस्त हैं। रमेश के पास दो बीघा जमीन है और वह उस जमीन को बेचना चाहता है। आकाश उस जमीन को खरीदना चाहता है, उस जमीन की कीमत मार्केट रेट के हिसाब से दस लाख रूपये है। आकाश दस लाख रूपये मैं उस जमीन को खरीदने के लिए तैयार हो जाता है लेकिन आकाश के पास अभी पूरे पैसे नहीं है। एल्गो ट्रेडिंग क्या है?
इस वजह से दोनों के बीच एक महीने का कॉन्ट्रैक्ट साइन होता है, कॉन्ट्रैक्ट एक सितंबर से तीस सितंबर तक का होता है। रमेश आकाश से एक लाख रूपये टोकन अमाउंट ले कर एक रिसीप्ट बनाता है। जिसमे उन दोनों के बीच यह समझौता होता है कि आकाश बाकी के पैसे कॉन्ट्रैक्ट की अवधि पूरी होने तक रमेश को दे देगा।
रमेश यह जमीन कॉन्ट्रैक्ट का समय पूरा होने तक किसी और को नहीं बेचेगा यह कॉन्टेक्ट दोनों को मंजूर होती है। इस बीच जमीन के भाव में परिवर्तन हो सकता है, कांटेक्ट का समय पूरा होने तक जमीन के भाव मार्केट रेट से कम या ज्यादा भी हो सकते हैं।
यदि इस बीच जमीन के भाव दस लाख से बढ़कर बीस लाख रूपये हो जाते हैं। तो इसमें रमेश को नुकसान होगा अगर जमीन के भाव दस लाख रूपये से कम हो जाते हैं तो इसमें आकाश को नुकसान है। अगर आकाश कहता है कि मेरे एक लाख रूपये जाएं तो जाएं मुझे जमीन नहीं खरीदनी है तो आकाश ऐसा कर सकता है। उपर्युक्त उदाहरण में, तीस सितंबर एक्सपायरी डेट है, जमीन शेयर है, दस लाख रुपए शेयर का प्राइस है, एक लाख रुपए प्रीमियम है और दो बीघा क्वांटिटी है। स्टॉक चार्ट को कैसे समझें?
Option trading को ऑप्शन मार्केट भी बोल सकते हैं। ऑप्शन मार्केट एक हेजिंग बेस्ट प्रोडक्ट है. जैसे कि फ्यूचर मार्केट एक ट्रेडिंग बेस्ट प्रोडक्ट है। इसी तरह इक्विटी मार्केट एक इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट है। हेजिंग से आप दोनों तरफ की पोजीशन पर प्रॉफिट कमा सकते हैं, जब मार्केट ऊपर जाता है तब भी और जब मार्केट नीचे जाता है तब भी आप ऑप्शन के द्वारा प्रॉफिट कमा सकते हैं।
ऑप्शन मार्केट में स्क्रिप्ट होती है उसका स्ट्राइक प्राइस होता है और उसका लॉट साइज और एक्सपायरी डेट होती है। इसमें भी तीन महीने तक और उससे भी ज्यादा की एक्सपायरी डेट होती है। सबसे कम समय की एक्सपायरी डेट एक सप्ताह की होती है जोकि प्रत्येक सप्ताह बृहस्पतिवार को एक्सपायर होती है। मंथली एक्सपायरी प्रत्येक महीने के आखिरी बृहस्पतिवार को होती है। लॉट में शेयरों की संख्या फिक्स होती है, इसमें निफ़्टी इंडेक्स और बैंक निफ़्टी इंडेक्स के भी लॉट होते हैं जिनमें सबसे ज्यादा ट्रेडिंग होती है। Stock Broker and Brokrage fee
Option trading के लिए शेयर लॉट में खरीदे और बेचे जाते हैं, जितने शेयर लॉट में होंगे आपको उतने ही शेयर खरीदने पड़ेंगे। ऑप्शन मार्केट में काम करने के लिए दो ऑप्शन होते हैं Call option और Putt option अगर आपका किसी शेयर या इंडेक्स को लेकर तेजी का रुख है तो आपको कॉल ऑप्शन खरीदना चाहिए। इसी तरह अगर किसी शेयर या इंडेक्स को लेकर आपका मंदी का है तो आपको पुट ऑप्शन खरीदना चाहिए।
Call option और Putt option क्या हैं ?
Call option उसके होल्डर को शेयर खरीदने का अधिकार देता है, ऐसे ही Putt option उसके होल्डर को शेयर बेचने का अधिकार देता है। इसके लिए आपको शेयर की पूरी कीमत नहीं चुकानी पड़ती, उसका केवल प्रीमियम चूकाना होता है। Option trader कॉल और पुट ऑप्शन को बेच भी सकता है। यदि आप भविष्य में अपने कॉल ऑप्शन के खरीदने के अधिकार का उपयोग करना चाहते हैं तो आपको उसकी सम्पूर्ण धनराशि का भुगतान भी करना पड़ेगा, आपको यह बात भी ध्यान रखना चाहिए।
Option Trading में जोखिम भी शामिल होता है इसका भी ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इसकी सबसे महत्वपूर्ण समझने वाली बात यह कि ऑप्शन पुट और कॉल खरीदने में नुकसान लिमिटेड होता है। आपने जितने का पुट या कॉल खरीदा है ज्यादा से ज्यादा उतने का ही नुकसान हो सकता है। किन्तु अगर आपने पुट या कॉल को बेच दिया तो आपको अनलिमिटेड नुकसान हो सकता है। इसलिए पुट या कॉल ऑप्शन बेचने से पहले सौ बार सोचें।
उम्मीद है आपको शेयर मार्केट में ऑप्शन ट्रेडिंग को आसान भाषा में समझें। Option tarding in stock market kya hai Hindi. पसंद आया होगा। अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आये तो इसे अपने दोस्तों से भी जरूर शेयर करें ताकि वह भी इससे लाभ उठा सकें। यदि आपके पास इस आर्टिकल से सम्बंधित कोई सवाल या सुझाव हो तो कृपया कमेंट करके जरूर बताये। आप मुझे facebook कॉल ऑप्शन का उदाहरण पर भी फॉलो कर सकते हैं।
कॉल करने योग्य पसंदीदा स्टॉक का क्या अर्थ है?
कॉल करने योग्य पसंदीदा स्टॉक का क्या अर्थ है?: कॉल करने योग्य पसंदीदा स्टॉक निगम को एक विशिष्ट भविष्य के समय और आमतौर पर जारी करने पर निर्धारित मूल्य पर अपने शेयरधारकों से स्टॉक को खरीदने / सेवानिवृत्त करने या “कॉल” करने का अधिकार देता है। दूसरे शब्दों में, कंपनी शेयरधारक को भविष्य में एक निश्चित तिथि पर कंपनी को अपना स्टॉक वापस बेचने के लिए बाध्य कर सकती है।
कॉल करने योग्य पसंदीदा स्टॉक का क्या अर्थ है?
पसंदीदा स्टॉक कई लाभों और कुछ कमियों के साथ आता है। पसंदीदा स्टॉक के मालिक होने का सबसे बड़ा लाभ तरजीही लाभांश उपचार है। जब कोई कंपनी लाभांश का आह्वान करती है, तो किसी भी सामान्य शेयरधारक को लाभांश भुगतान प्राप्त करने से पहले कंपनी को सभी पसंदीदा शेयरधारकों के लाभांश का भुगतान करना होगा।
एक विकल्प जिसे पसंदीदा स्टॉक की कमी के रूप में देखा जा सकता है, वह है कॉल करने योग्य विकल्प।
उदाहरण
कॉल मूल्य में आम तौर पर बराबर स्टॉक मूल्य, शेयरधारक को निवेश पर थोड़ा अधिक रिटर्न देने के लिए प्रीमियम और बकाया लाभांश शामिल होता है। निगमों को निश्चित रूप से ऐसा करने से पहले पसंदीदा स्टॉक को कॉल करने पर ध्यान से विचार करना होगा। मान लें कि आपके पास पसंदीदा स्टॉक था जिसे पांच वर्षों में लाभांश नहीं मिला है। ये लाभांश खो नहीं गए हैं; वे सिर्फ एक होल्डिंग टैंक में हैं जिसे बकाया लाभांश कहा जाता है।
यह शेयरधारकों के लिए निगम की देनदारी की तरह है। जब निगम आपके स्टॉक को कॉल करता है और रिटायर करता है, तो उसे आपको अपने स्टॉक के बराबर मूल्य और प्रीमियम (दोनों जारी करने पर सेट) और पांच साल के लाभांश जो आपको प्राप्त नहीं हुए हैं, का भुगतान करना होगा। यदि बकाया में बहुत अधिक लाभांश हैं तो यह निगम के लिए एक बहुत ही महंगा प्रस्ताव हो सकता है।
फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है | Basics of Future and Option trading for Beginners in Hindi
शेयर मार्केट में आप अलग अलग प्रकार से शेयर खरीद और बेच सकते है जैसे इंट्राडे (Intraday ), डिलीवरी (Delivery) अदि। इसी प्रकार से शेयर मार्केट में हम इसमें फ्यूचर एंड ऑप्शन (Future And Option Trading) ट्रेडिंग भी कर सकते है। फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है
अगर आप फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग करना चाहते है और इसके बारे में सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो इस लेख को अंतिम तक जरूर पढ़े क्योकि इसमें आपको शेयर मार्केट के बारे में और फ्यूचर एंड ऑप्शन (Future and Option) के बारे में सभी प्रकार की जानकारी उपलब्ध कराई है।
फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है Basics of Future and Option trading for Beginners in Hindi
Derivative Market क्या है ? (What is Derivative Market?)
सिम्पल शब्दो में बोले तो, डेरीवेटिव मार्केट (Derivative Market) एक प्रकार का कांटेक्ट (Contract) होता है जिसका वैल्यू कोई भी एक तारीख तक सिमित होता है उसके बाद कॉन्ट्रैक्ट (contact) का वैल्यू जीरो हो जाता है जिसे हम डेरीवेटिव मार्केट (Derivative कॉल ऑप्शन का उदाहरण Market) कहते है।
डेरीवेटिव मार्केट, दो संस्थाओ के बिच एक कॉन्ट्रैक्ट को दर्शाता है इसमें दरअसल शेयरों का आदान प्रदान करके पैसा कमाया जाता है। what are Future and Option
Derivative Market के प्रकार (Types of Derivative Markets)
- Forward
- Future
- Option
- Swap
फ्यूचर्स ट्रेडिंग क्या है ? (What is Futures Trading?)
स्टॉक मार्केट (Stock Market) में फ्यूचर्स ट्रेडिंग (Futures Trading) का अहम रोल होता है फ्यूचर्स ट्रेडिंग (Future trading) डेरीवेटिव मार्केट (Derivative Market) का एक अहम हिस्सा है जिसका एक अपना ट्रेडिंग Base होता है इसमें लोग फ्यूचर को को आधार मानकर ट्रेडिंग करते है। इसे हम उदाहरण से समझते है –
माना एक लड़का है जिसे फ्यूचर में आईपीएल के एक मैच का टिकट खरीदना है लेकिन मैच के दिनांक के समय उस टिकट का प्राइस बढ़ने वाला है तो वह लड़का अभी के प्राइस में उस टिकट को न खरीद कर उसके बदले एक डील या कॉन्ट्रैक्ट करता है कि आने वाले समय में उस टिकट का भाव बढ़े या घटे उसे अभी के प्राइस पर वह टिकट मिल जायगा लेकिन उस टिकट की समय अवधि उस मैच के दिनांक पर निर्धारित करेगा।
इस लेख में हम फ्यूचर्स ट्रेडिंग की सारी जानकारी आपको देंगे कि फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है ?, इसमें कितना प्रॉफिट और लॉस हो सकता है ?
फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है ? (How is future trading done?)
फ्यूचर ट्रेडिंग में हमे फ्यूचर के हिसाब से शेयर खरीदना और फिर बेचना होता है इसमें समय सिमा निर्धारित होता है जिसमे आपको अपने खरीदे गए शेयर को समय से पहले बेचना होता है इसका समय निर्धारित महीने के अंतिम सप्ताह में होता है। फ्यूचर एंड ऑप्शन के बारे में जाने।
ऑप्शंस ट्रेडिंग क्या है ? (What is Options Trading?)
जिस प्रकार स्टॉक मार्केट (Stock Market) में फ्यूचर्स ट्रेडिंग (Futures Trading) का अहम रोल है उसी प्रकार ऑप्शंस ट्रेडिंग (Options Trading) का भी महत्व पूर्ण भूमिका होता है ऑप्शंस ट्रेडिंग का अर्थ विकल्प होता है जो अपने अर्थ के अनुसार ही स्टॉक मार्केट में कार्य करता है।
ऑप्शंस ट्रेडिंग में आपको शेयर खरीदने के लिए बहोत सारे विकल्प मिल जायेंगे जिसमे आप अपने बजट के अनुसार शेयर को खरीद और बेच सकते है। इसमें कम लागत में अधिक लाभ कमा सकते है वो भी कम जोखिम में।
कॉल ऑप्शन क्या है ? (What is Call Option?)
कॉल ऑप्शन, ऑप्शंस ट्रेडिंग का ही एक हिस्सा होता है जिसमे मार्केट के इंडेक्स के माध्यम से देख कर सावधानी पूर्वक शेयर या लोट को उसके प्रीमियम के कीमत के आधार पर खरीदना होता है।
इसमें एक समय सिमा निर्धारित होती है जिसके अनुसार मार्केट में उतार चढ़ाओ बना रहता है और इसमें आप अपने अनुसार समय सिमा चुन सकते है।
कॉल ऑप्शन में स्ट्राइक प्राइस के ऊपर के खरीद को कॉल ऑप्शन कहते है इसका सही मतलब मार्केट के वृद्धि से होता है अगर मार्केट स्ट्राइक प्राइस से ऊपर चली जाती है जो मार्केट की तेजी को दर्शाता है उस समय हमे कॉल ऑप्शन को खरीदना होता है।
पुट ऑप्शंस क्या है ? (What are put options?)
पुट ऑप्शन में स्ट्राइक प्राइस के नीचे के खरीद को पुट ऑप्शन कहते है पुट ऑप्शन कॉल ऑप्शन की तरह ही काम करता है इसमें भी सारे कॉल ऑप्शन के तरह ही शेयर को खरीदा और बेचा जाता है बस फर्क इतना है कि इसमें स्ट्राइक प्राइस के नीचे या कॉल ऑप्शन के विपरीत शेयर खरीदा जाता है जिसका मतलब मार्केट में मंदी से है अगर मार्केट में गिरावट हो तब हमे पुट ऑप्शन को खरीदना चाहिए।
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फ्यूचर्स ट्रेडिंग क्या है ?
स्टॉक मार्केट (Stock Market) में फ्यूचर्स ट्रेडिंग (Futures Trading) का अहम रोल होता है फ्यूचर्स ट्रेडिंग (Future trading) डेरीवेटिव मार्केट (Derivative Market) का एक अहम हिस्सा है जिसका एक अपना ट्रेडिंग Base होता है इसमें लोग फ्यूचर को को आधार मानकर ट्रेडिंग करते है। इसे हम उदाहरण से समझते है –
ऑप्शंस ट्रेडिंग क्या है ?
जिस प्रकार स्टॉक मार्केट (Stock Market) में फ्यूचर्स ट्रेडिंग (Futures Trading) का अहम रोल है उसी प्रकार ऑप्शंस ट्रेडिंग (Options Trading) का भी महत्व पूर्ण भूमिका होता है ऑप्शंस ट्रेडिंग का अर्थ विकल्प होता है जो अपने अर्थ के अनुसार ही स्टॉक मार्केट में कार्य करता है।
कॉल ऑप्शन क्या है ?
कॉल ऑप्शन, ऑप्शंस ट्रेडिंग का ही एक हिस्सा होता है जिसमे मार्केट के इंडेक्स के माध्यम से देख कर सावधानी पूर्वक शेयर या लोट को उसके प्रीमियम के कीमत के आधार पर खरीदना होता है।
पुट ऑप्शंस क्या है ?
पुट ऑप्शन में स्ट्राइक प्राइस के नीचे के खरीद को पुट ऑप्शन कहते है पुट ऑप्शन कॉल ऑप्शन की तरह ही काम करता है इसमें भी सारे कॉल ऑप्शन के तरह ही शेयर को खरीदा और बेचा जाता है बस फर्क इतना है कि इसमें स्ट्राइक प्राइस के नीचे या कॉल ऑप्शन के विपरीत शेयर खरीदा जाता है जिसका मतलब मार्केट में मंदी से है अगर मार्केट में गिरावट हो तब हमे पुट ऑप्शन को खरीदना चाहिए।