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ETF क्या है

ETF क्या है
जानकारों का मानना है कि कोरोना की पहली लहर के बाद हुई आर्थिक रिकवरी की वजह से भले ही 2020 के मुकाबले ये आंकड़े कम नजर आ रहे हैं लेकिन प्री-कोविड के मुकाबले 2021 में भी गोल्ड ETF का प्रदर्शन बेहतर रहा है. साथ ही उच्च महंगाई दर और अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के रुख की वजह से 2022 में भी गोल्ड ईटीएफ में आकर्षण बना रहेगा.

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Silver ETF : ICICI Prudential फंड सिल्वर ईटीएफ एनएफओ सब्सक्रिप्शन के लिए खुला, क्या आपको करना चाहिए निवेश?

ICICI Prudential Mutual Fund Silver ETF NFO : आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल का सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) बुधवार यानी 5 जनवरी, 2022 को सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया। इसके अलावा, मार्केट रेग्युलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) द्वारा कुछ नियमों के अधीन कई म्यूचुअल फंड अपने सिल्वर ईटीएफ लाने के लिए तैयार हैं।

जानिए क्या है स्कीम?

सिल्वर ईटीएफ अपनी सिल्वर होल्डिंग्स के इनवेस्टमेंट ETF क्या है रिटर्न को ट्रैक करेगा। सेबी नियमों के तहत सिल्वर ईटीएफ को 99.9 फीसदी शुद्धता वाली चांदी रखनी होती है। म्यूचुअल फंड्स को लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (एलबीएमए) के स्टैंडर्ड्स के तहत चांदी का मूल्यांकन करना होता है।

ईटीएफ का एक्सपेंस रेशियो 50-60 बेसिस प्वाइंट्स होगा। यह एक ईटीएफ है, इसलिए इसमें डीमैट अकाउंट रखने वाले इनवेस्टर ही निवेश करेंगे। इनवेस्टर्स को ब्रोकरेज फीस या एक्सचेंज पर ट्रांजैक्शन की दूसरी कॉस्ट चुकानी होगी। आईसीआईसीआई एमएफ 13 जनवरी, ETF क्या है 2022 को सिल्वर ईटीएफ फंड ऑफ फंड लॉन्च करेगी, जिससे इसमें वे लोग भी निवेश कर सकेंगे जिन के पास डीमैट अकाउंट नहीं है।

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यह कैसे करता है काम

कीमती मेटल होने के अलावा, चांदी इंडस्ट्री में काफी इस्तेमाल होती है। इसलिए, इकोनॉमिक रिकवरी और ग्रोथ को देखते हुए यह अच्छा दांव हो सकती है।

चांदी कई इलेक्ट्रॉनिक कम्पोनेंट – इलेक्ट्रिकल सर्किट्स, बैटरीज, एलईडी चिप्स और आरएफआईडी चिप्स में इस्तेमाल होती है। इसका फोटोवोल्टिक सेल्स (सोलर एनर्जी के लिए), मेडिसिन, न्यूक्लियर रिएक्टर्स, गैजेट, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स आदि में भी इस्तेमाल है।

आईसीआईसीआई म्यूचुअल फंड के हेड-प्रोडक्ट डेवलपमेंट एंड स्ट्रैटजी चिंतन हरिया ने कहा, “चांदी का इंडस्ट्री में इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। इस ट्रेंड के कारण चांदी की खपत होती है और यह रिसाइकिल नहीं होती है। इसलिए, यदि मांग बढ़ती है तो चांदी की कीमतें ऊपर जा सकती हैं।”

क्या है गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF), इसमें निवेश करके कैसे मिलता है मुनाफा, जानें यहां

गोल्ड ईटीएफ यानि Gold Exchange Traded Fund

गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF): सोने में निवेश के लिए मार्केट में कई विकल्प मौजूद हैं. हालांकि आप जिस भी विकल्प को निवेश के लिए चुनते हैं उसकी हर बारीकी के बारे में आपको जरूर जानना चाहिए. आज की इस रिपोर्ट में हम गोल्ड ईटीएफ के सभी पहलुओं के बारे में जानने की कोशिश करेंगे. क्या हैं वह बारीकियां आइये जान लेते हैं.

क्या है गोल्ड ईटीएफ
गोल्ड ईटीएफ यानि गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Gold Exchange Traded ETF क्या है Fund) के जरिए सोने में निवेश किया जाता है. मौजूदा समय में देश के सभी बड़े एक्सचेंज के ऊपर गोल्ड ईटीएफ की ट्रेडिंग हो रही है. बता दें कि मार्च 2007 से देश में गोल्ड ईटीएफ की ट्रेडिंग हो रही है. एक्सचेंज के प्लेटफॉर्म के जरिए शेयर की ही तरह से गोल्ड ईटीएफ को खरीदा जा सकता है. यहां ध्यान देने वाली बात हैं कि ETF की खरीदारी और बिकवाली डीमैट अकाउंट (Demat Account) के जरिए ही की जाती है.

आख‍िर क्‍या है भारत बांड ईटीएफ, कितना मिलता है निवेश पर रिटर्न

आख‍िर क्‍या है भारत बांड ईटीएफ, कितना मिलता है निवेश पर रिटर्न

भाजपा के बाद सबसे अधिक चंदा कांग्रेस पार्टी को मिला। (फाइल फोटो)

बांड यील्‍ड में 4.3 फीसदी की गिरावट आने की वजह से अमीर निवेशकों की ओर से टैक्‍स फ्री बांड से रुपया निकाला जा रहा है। वहीं इनमें कुछ भारत बांड ईटीएफ में निवेश कर रहे हैं। भारत बांड ईटीएफ में ट्रिपल ए रेटिंग की कंपनियों को शामिल किया गया है। 2030 और 2031 में मैच्योर करने वाले भारत बॉन्ड ईटीएफ में निवेश से टैक्स कटने के बाद 6 फीसदी रिटर्न हासिल किया जा सकता है।

वैसे भारत भारत बॉन्ड ईटीएफ में निवेश करना काफी आसान है और इसकी प्रक्रि‍या भी काफी आसान है। भारत बॉन्ड ईटीएफ को खरीद-फरोख्त एक्सचेंज में की जाती है। जो अपने फंड का निवेश सरकारी कंपन‍ियों के बांड में करता है। बॉन्ड की मैच्योरिटी अवधि फंड की मैच्योरिटी के करीब होती है।

गोल्ड ETF की ओर आकर्षित हो रहे हैं निवेशक, जानिए क्या ETF क्या है है ये और इसके फायदे

नई दिल्ली। कोरोना काल में लोगों को निवेश ETF क्या है और बचत का महत्व समझ आया है। अगस्त में सोने के एक्सचेंज ट्रेडिड फंड्स (गोल्ड ETF) में सुधार आया है। पिछले महीने इसमें 24 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया गया। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों के दौरान गोल्ड ईटीएफ में कुल प्रवाह 3,070 करोड़ रुपये रहा। इतना ही नहीं, पिछले महीने गोल्ड ईटीएफ में निवेशक फोलियो की संख्या 21.46 लाख तक पहुंच गई।

हालांकि, अगस्त 2019 से इसमें धीमी गति से सुधार हो रहा है। गोल्ड ईटीएफ में नवंबर 2020 में 141 करोड़, फरवरी 2021 में 195 करोड़ और जुलाई 2021 में 61.5 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी दर्ज की गई थी। वैश्विक स्तर पर बने सकारात्कमक रुख से पीली धातु को लेकर धारणा में सुधार आया है। जुलाई 2021 में निकासी के बाद अगस्त में सोने में निवेश सकरात्मक रहा।

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यह निवेश का एक सरल माध्यम है। इसकी खरीद-फरोख्त अन्य शेयरों की तरह स्टॉक एक्सचेंज में ही होती है। इसे स्टॉक एक्सचेंज में खरीद-बिक्री की सुविधा वाला ETF क्या है फंड भी कहा जाता है। यह किसी इंडेक्स या कई एसेट्स के समूह को ट्रैक करता है। पूरे दिन कारोबार होने से इसकी भी कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा जाता है। बेहतर लिक्विडिटी होने की वजह से इसे कभी बेचा जा सकता है।

कैसे करता है काम?
ईटीएफ किसी इंडेक्स या एसेट को ट्रैक करता है। अगर कोई ईटीएफ बीएसई सेंसेक्स को ट्रैक करता है तो यह अपने फंड का निवेश सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों के शेयरों में करेगा। यह निवेश उसी अनुपात में होगा, जितना ETF क्या है हर कंपनी का सेंसेक्स में वेटेज होगा। आपके इस ईटीएफ में निवेश करने पर एसेट मैनेजमेंट कंपनी आपको निवेश के मूल्य के हिसाब से यूनिट्स जारी कर देगी।

निवेशकों का पसंदीदा बनता जा रहा ETF, आखिर क्या है वजह?

निवेशकों का पसंदीदा बनता जा रहा ETF, आखिर क्या है वजह?

डीएनए हिंदी: सोना, हीरे-जवाहरात और ज्वैलरी भारत में निवेश और सरकार की आमदनी का एक बड़ा ज़रिया बनते जा रहे हैं. हाल ही में बजट के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में कटे और पॉलिश डायमंड और रत्नों पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी को घटाकर भी इस सेक्टर को बड़ी राहत दी थी.

ज्वैलरी के एक्सपोर्ट को मिलेगा बढ़ावा

इसके साथ ही अब ज्वैलरी के एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए सरकार ई-कॉमर्स का रुट अपनाने को तैयार है जिससे ज्वैलरी व्यापारी बेहद उत्साहित हैं. फिजिकल फॉर्म में तो भारतीयों की पसंदीदा शॉपिंग यानी ज्वैलरी लगातार बढ़त दर्ज कर ही रही है लेकिन कोरोना काल में जिस तरह से डिजिटल दुनिया ने अपनी धाक जमाई है उसमें गोल्ड का डिजिटल निवेश भी पीछे नहीं ETF क्या है है. दरअसल, बढ़ती महंगाई और कोरोना महामारी में गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी गोल्ड ETF लोगों को लुभा रहा है. इसी का नतीजा है कि 2021 में गोल्ड ETF को 4,814 करोड़ रुपए का निवेश मिला है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया यानी AMFI के मुताबिक 2020 में तो गोल्ड ETF को 6 हज़ार 657 करोड़ रुपए का निवेश मिला था.

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