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बाजार के लिए वैश्विक रणनीति

बाजार के लिए वैश्विक रणनीति

साप्ताहिक निपटान के दिन बाजार गिरावट के साथ बंद

अक्टूबर में रिटेल सेल्स अनुमान से बेहतर रहे। वहीं यूरोप के बाजारों में 0.5-1% तक की गिरावट देखी गई। एसजीएक्स (SGX) निफ्टी की भी कमजोरी के साथ शुरुआत हुई। कमजोर वैश्विक संकेतों से भारतीय बाजार की सुस्त शुरुआत हुई। कारोबार के दौरान ज्यादा समय तक बाजार में उतार-चढ़ाव देखा गया। हालाकि बाजार पर साप्ताहिक निपटान के दिन दबाव देखा गया।

सेंसेक्स (Sensex 30) ने 61,643 का निचला स्तर जबकि 62,051 का ऊपरी स्तर छुआ। वहीं निफ्टी 50 (Nifty 50) ने 18,313 का निचला स्तर जबकि 18,418 का ऊपरी स्तर छुआ। वहीं निफ्टी बैंक ने 42,366 का निचला स्तर जबकि 42,623 का रिकॉर्ड ऊपरी स्तर छुआ। सेंसेक्स 0.37% या 230 अंक गिर कर 61,750 पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी (50) 0.36% या 66 अंक गिर कर 18,344 पर बंद हुआ। निफ्टी बैंक 0.18% या 77 अंक गिर कर 42,458 पर बंद हुआ।

निफ्टी के चढ़ने वाले शेयरों में एलऐंडटी (L&T) 1.30%, आईसीआईसीआई बैंक (ICICI) 0.68%, भारती एयरटेल 0.59% और पावर ग्रिड 0.55% तक चढ़ कर बंद हुए। निफ्टी के गिरने वाले शेयरों में टाइटन 2.36%, एमऐंडएम (M&M) 2.13%, आयशर मोटर्स 1.75% और टाटा मोटर्स 1.95% तक के नुकसान के साथ बंद हुए।

आज के कारोबार में फोकस में टिमकेन इंडिया रहा जिसके नए इकाई पर निवेश के ऐलान के बाद शेयर 20 फीसदी के ऊपरी सर्किट पर बंद हुआ। वहीं श्रीराम ट्रांसपोर्ट के शेयर में 3.40% तक की तेजी देखी गई। वहीं पेटीएम (PAYTM) में सॉफ्टबैंक के 2.95 करोड़ शेयरों की बिक्री के बाद शेयर में 10.25% तक की भारी गिरावट देखी गई। वहीं नजारा टेक भी 5.66% तक के नुकसान के साथ बंद हुआ।

फ्यूचर्स ऐंड ऑप्शंस में चढ़ने वाले शेयरों में जीएमआर (GMR) एयरपोर्ट 3%, एक्साइड 3%, एबीबी (ABB) 3% और टाटा कंज्यूमर 2.60% तक की मजबूती के बाजार के लिए वैश्विक रणनीति साथ बंद हुए। फ्यूचर्स ऐंड ऑप्शंस में गिरने वाले शेयरों में इंफो एज 5.79%, हिंदुस्तान कॉपर 3.98%, डिक्सन टेक 3.19% और एम्फैसिस 3.14% तक की कमजोरी के साथ बंद हुए। इसके अलावा जिन शेयरों में तेजी रही उसमें इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (EIL) 9.95%, यूनियन बैंक 6.36%, इक्विटास होल्डिंग्स 6.06% और एनएलसी इंडिया में 5.99% तक की मजबूती देखी गई। वहीं गिरने वाले शेयरों में आरवीएनएल (RVNL) 4.24%, स्टार हेल्थ 3.99%, सुप्रीम इंडस्ट्रीज 3.81% और गो फैशन इंडिया में 3.81% तक की कमजोरी देखी गई।

Investment Portfolio: अपने निवेश पोर्टफोलियो में शामिल करें ये तीन चीजें, बाजार के उतार-चढ़ाव में भी होगा मुनाफा

Investment Strategy: भारत ही नहीं, दुनिया भर के शेयर बाजारों में लगभग एक साल से उतार-चढ़ाव का दौर जारी है. ऐसे में आपकी निवेश नीति क्‍या हो जो लॉन्‍ग टर्म में फायदा दे, आइए विस्‍तार से जानते हैं.

By: ABP Live | Updated at : 14 Nov 2022 12:58 PM (IST)

अस्थिर बाजार में निवेश की रणनीति

इस साल की शुरुआत से ही ग्‍लोबल और भारतीय बाजार (Indian Equity Market) में अस्थिरता देखी जा रही है. महंगाई में होती लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने ब्‍याज दरों में अच्‍छा-खासा इजाफा किया है और इसे नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि, अगर आप विदेशी बाजारों से तुलना करेंगे तो पाएंगे भारत की अर्थव्‍यवस्‍था (Indian Economy) तुलनात्‍मक रूप से ज्‍यादा स्थिर है. दूसरे उभरती अर्थव्‍यवस्‍थाओं (Emerging Economies) के मुकाबले भारतीय बाजार का प्रदर्शन एक या पांच साल में बेहतर रहा है. इक्विटी वैल्‍यूएशन की बात करें तो भारत का लॉन्‍ग टर्म एवरेज भी दूसरे बाजारों की तुलना में अच्‍छा रहा है. हालांकि, इन सब के बावजूद रिस्‍क के प्रति सचते रहने की जरूरत है क्‍योंकि मार्केट वैल्‍यूएशन सस्‍ता नहीं है.

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड के एमडी और सीईओ निमेश शाह कहते हैं कि दुनिया भर के बाजार एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और इस लिहाज से अगर दुनिया में कोई समस्या आती है तो भारत में भी शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए सफर इतना आसान भी नहीं हो सकता है. हमारा मानना है कि जब यूएस बाजार के लिए वैश्विक रणनीति फेड यह घोषणा करता है कि मुद्रा को सख्ती से साथ निपटा जा चुका है तो यह इक्विटी के लिए एक बड़े असेट क्लास के रूप में उभरने का बड़ा मौका होगा. हमें नहीं पता कि ऐसा कब होगा और तब तक हम उम्मीद करते हैं कि मार्केट में उतार-चढ़ाव बना रहेगा.

शाह ने कहा कि विकसित अर्थव्‍यवस्‍थाओं (Developed Economies) के आर्थिक मंदी या सुस्‍ती (Recession) के दौर से गुजरने के बावजूद भारत पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा. वास्तव में विश्‍व के विकसित देशों में आने वाली मंदी (developed world recession) भारत की कुछ चुनौतियों को बाजार के लिए वैश्विक रणनीति कम कर सकती है. उदाहरण के तौर पर तेल की ऊंची कीमतें, चालू खाता घाटे को लेकर होनी वाली चिंताएं और महगाई के मोर्चे पर हमे फायदा भी हो सकता है. शेयर बाजार में अगर गिरावट भी आती है तो हमें ज्‍यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है. वास्‍तव म भारतीय बाजार संरचनात्‍मक तौर पर मजबूत है.

मौजूदा वैश्विक बाजारों की तुलना में भारतीय बाजार की स्थिति तो हम सब समझते ही हैं, अब बात करते हैं कि ऐसे बाजार परिस्थितियों में एक व्‍यक्तिगत निवेशक को किन बातों का ध्‍यान रखना चाहिए और अपने निवेश पोर्टफोलियो में क्‍या-क्‍या शामिल करना चाहिए. शाह ने निवेशकों को निम्‍नलिखित सुझाव दिए हैं.

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डेट म्‍यूचुअल फंड में करें निवेश

डेट म्‍यूचुअल फंड्स अबतक लोकप्रिय नहीं हो पाए हैं. हालांकि, निवेश के दौरान हायर यील्ड को देखते हुए, एक एसेट क्लास के तौर पर डेट फिर से आकर्षक लग रहा है. शाह के अनुसार, रिजर्व बैंक की आगामी बैठकों में रेपो दर में बढ़ोतरी होगी क्योंकि उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतें ऊंची है और इसने आरबीआई के सामने एक चुनौती खड़ी की है. इसलिए भविष्य में हाई अक्रूअल स्कीम और डायनामिक ड्यूरेशन वाली स्कीम फायदे का सौदा साबित हो सकते हैं. फ्लोटिंग रेट बांड अर्थात एफआरबी भी भविष्‍य में अच्‍छा प्रदर्शन कर सकते हैं. इनवेस्टर्स को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि डेट म्यूचुअल फंड की पोर्टफोलियो में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.

सिस्‍टेमेटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान का लें सहारा

जब तक अमेरिकी फेडरल रिजर्व महंगाई पर नियंत्रण के लिए सभी उपलब्‍ध विकल्‍पों का सहारा ले रहा है, तब तक बाजार में उतार-चढ़ाव का दौर जारी रहेगा. शाह कहते हैं कि बाजार के उतार-चढ़ाव को देखते हुए निवेशकों को आदर्श रूप से तीन से पांच साल के समय के साथ सिस्‍टेमेटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान (SIP) के जरिये इक्विटी म्‍यूचुअल फंडों में निवेश करना चाहिए. योजनाबद्ध, अनुशासित और व्यवस्थित तरीके से विभिन्न फाइनेंशियल गोल्‍स को प्राप्त करने के लिए बूस्टर एसआईपी, बूस्टर एसटीपी, फ्रीडम एसआईपी या फ्रीडम एसडब्ल्यूपी जैसी फीचर्स पर भी विचार किया जा सकता है.

गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ करें पोर्टफोलियो में शामिल

एक डायवर्सिफायड पोर्टफोलिया में निवेश से जुड़ा जोखिम कम हो जाता है. डायवर्सिफायड बाजार के लिए वैश्विक रणनीति पोर्टफोलियो यह सुनिश्चित करता है किकंसेन्‍ट्रेशन रिस्‍क (Concentration Risk) को कम किया जाए. अनिश्चितता को देखते हुए सोना और चांदी निवेश के अच्‍छे विकल्‍प हो सकते हैं. शाह कहते हैं कि ये न सिर्फ महंगाई के खिलाफ, बल्कि रुपये के अवमूल्‍यन (Currency Depreciation) से भी बचाव के रूप में काम करते हैं. निवेश गोल्‍ड और सिल्‍वर में में ईटीएफ (Exchange Traded Funds) के जरिये निवेश करने पर विचार कर सकते हैं. जिनके पास डीमैट खाता नहीं है, उनके लिए गोल्ड या सिल्वर फंड ऑफ फंड्स निवेश का एक विकल्‍प हो सकता है.

Published at : 14 Nov 2022 बाजार के लिए वैश्विक रणनीति 11:52 AM (IST) Tags: Debt Mutual Funds systematic investment plan Gold ETF investment strategy Volatile Market Nimesh Shah हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

मिलेट का निर्यात बढ़ाने के लिए सरकार ने बनाई व्यापक रणनीति

अगला साल अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष है, यह देखते हुए विभिन्न देशों में भारतीय मिलेट की ब्रांडिंग और लोकप्रियता बढ़ाने के लिए भारतीय दूतावासों की भी मदद ली जाएगी। मिलेट का निर्यात बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने 16 अंतरराष्ट्रीय ट्रेड एक्सपो और बायर-सेलर मीट में निर्यातकों, किसानों और व्यापारियों की हिस्सेदारी सुनिश्चित करने की योजना बनाई है

Subhashis Mittra WRITER: Sunil Kumar Singh

मिलेट का निर्यात बढ़ाने के लिए सरकार ने बनाई व्यापक रणनीति

अगले महीने से मिलेट का निर्यात बढ़ाने के लिए सरकार ने व्यापक रणनीति बनाई है। कृषि निर्यात को बढ़ावा देने वाली संस्था एपीडा के माध्यम से वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने इन पोषक अनाजों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजना तैयार की है।

भारत की पहल पर 5 मार्च 2021 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया था। भारत के उस प्रस्ताव का 72 देशों ने समर्थन किया। भारत सरकार अभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय मिलेट और इसके वैल्यू ऐडेड प्रोडक्ट्स को दुनिया भर में लोकप्रिय बनाने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है। भारत ने 2021-22 में 3.43 अरब डॉलर के मिलेट उत्पादों का निर्यात किया था।

अगला साल अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष है, यह देखते हुए विभिन्न देशों में भारतीय मिलेट की ब्रांडिंग और लोकप्रियता बढ़ाने के लिए भारतीय दूतावासों की भी मदद ली जाएगी। मिलेट का निर्यात बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने 16 अंतरराष्ट्रीय ट्रेड एक्सपो और बायर-सेलर मीट में निर्यातकों, किसानों और व्यापारियों की हिस्सेदारी सुनिश्चित करने की योजना बनाई है।

भारतीय दूतावासों से अंतरराष्ट्रीय शेफ और संभावित खरीदारों की पहचान करने के लिए कहा जाएगा। इन खरीदारों में डिपार्टमेंटल स्टोर, सुपरमार्केट और हाइपरमार्केट हो सकते हैं। उनके लिए दूतावास b2b मीटिंग आयोजित करेंगे। इसके अलावा भारत में अन्य देशों के राजदूतों और संभावित खरीदारों को भी आमंत्रित किया जाएगा तथा उन्हें मिलेट से बने प्रोडक्ट के बारे में बताया जाएगा।

एपीडा ने दक्षिण अफ्रीका, दुबई, जापान, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया, सऊदी अरब, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, जर्मनी, इंग्लैंड और अमेरिका में मिलेट का प्रमोशन करने वाली गतिविधियां आयोजित करने की योजना बनाई है। इसके लिए फूड शो, बायर-सेलर मीट और रोड शो आयोजित किए जाएंगे।

एपीडा ने गल्फूड 2023, फूड एक्स, सियोल फूड एंड होटल शो, सऊदी एग्रो फूड, सिडनी के फाइन फूड शो, बेल्जियम के फूड एंड बेवरेज शो, जर्मनी के बायोफेक और अनुगा फूड फेयर तथा सैनफ्रांसिस्को के विंटर फैंसी फूड शो में भी मिलेट और इसके वैल्यू ऐडेड प्रोडक्ट्स को शोकेस बाजार के लिए वैश्विक रणनीति करने की योजना बनाई है।

भारत दुनिया के सबसे बड़े मिलेट उत्पादकों में एक है। इस समय दुनिया में जितने मिलेट का उत्पादन होता है उसका 41% अकेले भारत में होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वर्ष 2020 में पूरे विश्व में 3.04 करोड़ टन मिलेट का उत्पादन हुआ था जिसमें भारत के हिस्सेदारी 1.25 करोड़ टन थी। 2021-22 में यहां 1.59 करोड़ टन मिलेट का उत्पादन हुआ जो उसे पिछले साल की तुलना में 27% ज्यादा है।

भारत के पांच प्रमुख मिलेट उत्पादक राज्य राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात और मध्यप्रदेश हैं। अभी देश में बाजार के लिए वैश्विक रणनीति जितने मिलेट का उत्पादन होता है उसका सिर्फ 1% निर्यात किया जाता है। इसमें मुख्य रूप से होल ग्रेन का ही निर्यात होता है। वैल्यू ऐडेड प्रोडक्ट का निर्यात बहुत ही कम है। आने वाले दिनों में मिलेट का बाजार तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। अभी इसका बाजार करीब नौ अरब डॉलर का है जिसके 2025 तक 12 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।

अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023 की प्री लॉन्चिंग 5 दिसंबर 2022 को होगी। इसमें एफपीओ, स्टार्टअप, निर्यातक, वैल्यू ऐडेड प्रोडक्ट बनाने वाले जैसे स्टेकहोल्डर्स को भी शामिल किया जाएगा। इसके अलावा इंडोनेशिया, जापान और इंग्लैंड में भारतीय मिलेट को प्रमोट करने के लिए बायर-सेलर मीट आयोजित किए जाएंगे। एपीडा विभिन्न देशों के बाजारों में रिटेल स्तर पर फूड सैंपलिंग और टेस्टिंग कार्यक्रम भी आयोजित करेगा जहां परिवार और व्यक्तिगत उपभोक्ता मिलेट उत्पादों को देख समझ सकते हैं।

केंद्र सरकार ने 30 लक्षित देशों के लिए अलग-अलग ई-कैटलॉग तैयार किए हैं जिनमें भारतीय मिलेट और उनके प्रोडक्ट की जानकारी बाजार के लिए वैश्विक रणनीति दी गई है। भारतीय दूतावासों, विदेशी आयातकों, भारतीय निर्यातकों, स्टार्टअप और अन्य भागीदारों के बीच उन्हें वितरित किया जाएगा। नूडल्स, पास्ता, ब्रेकफास्ट मिक्स, बिस्किट, कुकीज, स्नैक्स, मिठाई जैसे रेडी-टू-ईट और रेडी-टू-सर्व कैटेगरी में भी वैल्यू ऐडेड प्रोडक्ट को प्रमोट करने के लिए सरकार स्टार्टअप्स के साथ बातचीत कर रही है।

सरकार की मिलेट प्रमोशन रणनीति के तहत लुलु ग्रुप, केयरफोर, अल जजीरा, अल माया और वॉलमार्ट जैसे अंतरराष्ट्रीय रिटेल सुपरमार्केट में भी मिलेट कॉर्नर स्थापित किए जाएंगे। एपीडा ने भी अपनी वेबसाइट पर मिलेट के लिए अलग सेक्शन तैयार किया है।

सरकार अंतरराष्ट्रीय बाजार में मिलेट और इसके प्रोडक्ट के प्रमोशन के लिए पंचवर्षीय रणनीति भी तैयार कर रही है। इसमें हैदराबाद स्थित आईसीएआर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च (आईआईएमआर), आईसीएमआर नेशनल इंस्टीट्यूट आफ न्यूट्रिशन, मैसूर स्थित सीएसआइआर सेंट्रल फूड टेक्नोलॉजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट और विभिन्न फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन (एफपीओ) की मदद ले रही है। सरकार ने मिलेट और इसके उत्पादों की सप्लाई चेन की दिक्कतों को दूर करने के लिए न्यूट्री सीरियल एक्सपोर्ट प्रमोशन फोरम का भी गठन किया है।

मिलेट रोजाना इस्तेमाल किए जाने वाले चावल और गेहूं जैसे अनाज की तुलना में अधिक पोषक होते हैं। इनमें कैल्शियम, आयरन और फाइबर प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इनसे शरीर को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं और बच्चों का स्वस्थ विकास होता है। इसे देखते हुए छोटे बच्चों के खाने और न्यूट्रिशन प्रोडक्ट में मिलेट का इस्तेमाल बढ़ रहा है। डीजीसीआईएस के आंकड़ों के अनुसार 2021-22 में भारत से मिलेट के निर्यात में 8.02% की वृद्धि हुई। कुल निर्यात 159332 टन का हुआ जबकि इससे पिछले साल 147501 टन का निर्यात हुआ था।

भारत मुख्य रूप से संयुक्त अरब अमीरात, नेपाल, सऊदी अरब, लीबिया, ओमान, मिस्र, ट्यूनीशिया, यमन, इंग्लैंड और अमेरिका को मिलेट का निर्यात करता है। यहां से निर्यात होने वाले मिलेट में मुख्य रूप से बाजरा, रागी, कैनरी, ज्वार और बकव्हीट शामिल हैं। दुनिया में मिलेट का आयात करने वाले प्रमुख देशों में इंडोनेशिया, बेल्जियम, जापान, जर्मनी, मेक्सिको, इटली, अमेरिका, इंग्लैंड, ब्राज़ील और नीदरलैंड हैं।

भारत में मुख्य रूप से 16 तरह के मिलेट का उत्पादन और निर्यात किया जाता है। यह हैं ज्वार, बाजरा, रागी, कांगनी, चीना, कोदो, सावा/सनवा/ झंगोरा, कुटकी, कुट्टू, चौलाई और ब्राउन टॉप शामिल हैं। एपीडा ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए आईआईएमआर के साथ एक एमओयू पर भी दस्तखत किया है। उसने आहार फूड फेयर में 5 से 15 रुपये तक कीमत वाले तरह-तरह के मिलेट प्रोडक्ट भी लॉन्च किए।

टेक सेक्टर में भारी छंटनी के बीच लिंक्डइन ने किया हायरिंग फ्रीज का खुलासा

इसमें कोई संदेह नहीं है कि तकनीकी उद्योग अशांत समय का सामना कर रहा है, और बोर्ड भर में लोगों की छंटनी कर रहा है। मेटा और ट्विटर कुछ सबसे उल्लेखनीय नाम हैं जिन्होंने छंटनी की घोषणा की है। अमेज़ॅन ने भी अपने कर्मचारियों की संख्या में काफी कमी करना शुरू कर दिया है। अमेरिका में स्थित एक अन्य तकनीकी दिग्गज लिंक्डइन ने टेक उद्योग में मंदी से निपटने के लिए अपनी योजनाओं का खुलासा किया है।

CNBC TV18 की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लिंक्डइन फिलहाल किसी तरह की छंटनी की योजना नहीं बना रहा है । हालांकि, लिंक्डइन के सीईओ रयान रोजलांस्की ने कहा कि कंपनी के विभिन्न कार्यक्षेत्रों में हायरिंग फ्रीज होगी।

रयान रोसलांस्की ने कहा, "हमने किसी भी तरह की छंटनी की घोषणा नहीं की है। हमने कंपनी के विभिन्न हिस्सों के लिए अभी खुद को हायरिंग फ्रीज में रखा है। लेकिन फिर से, हर दूसरे नेता की तरह, हम वैश्विक रणनीति को नेविगेट करना जारी रख रहे हैं, जिसकी हमें कंपनी को इस प्लेटफॉर्म को बनाने के लिए जारी रखने की आवश्यकता है। ”

माइक्रोसॉफ्ट के स्वामित्व वाली लिंक्डइन भी छंटनी की इस पूरी प्रक्रिया में एक उम्मीद जगाती है। रोसलांस्की की राय है कि कर्मचारी नए और बेहतर अवसरों की तलाश में अपने प्लेटफॉर्म की ओर रुख कर रहे हैं और यहां तक ​​कि बेहतर संभावनाओं के लिए खुद को उन्नत भी कर रहे हैं।

रोसलांस्की ने भारत में लिंक्डइन के विकास के बारे में कुछ आंकड़ों का भी खुलासा किया। उन्होंने कहा, "जब हम भारत पर एक नज़र डालते हैं, तो यह आगे बढ़ रहा है, भारत में राजस्व 84 प्रतिशत के उत्तर में साल दर साल 50 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। हम भारत में लगभग 10 करोड़ सदस्य होने के करीब पहुंच रहे हैं।"

टेक बूम का अंत?

ट्विटर और मेटा ने विभिन्न बाजारों और व्यावसायिक क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर छंटनी की पुष्टि की है। ट्विटर ने अपने आधे से अधिक कर्मचारियों को निकाल दिया है, और मेटा ने लगभग 13 प्रतिशत कर्मचारियों को हटा दिया है, जो कि 11,000 कर्मचारियों के बराबर है। मेटा और ट्विटर के कर्मचारियों को विच्छेद वेतन मिल रहा है लेकिन यह कदम अमेरिका में छुट्टियों के मौसम की शुरुआत से ठीक पहले आया है। यह लागत पर लगाम लगाने और लाभ मार्जिन बढ़ाने के लिए तकनीकी कंपनियों की हताशा को दर्शाता है। ऐप्पल और गूगल जैसे अन्य बड़े खिलाड़ियों ने भी विभिन्न वर्टिकल में अपनी हायरिंग को धीमा करने का फैसला किया है।

निचले स्तर से शानदार सुधार के बाद बाजार दिन के ऊपरी स्तर पर बंद

वैश्विक बाजारों से मिले-जुले संकेत देखने को मिले। अमेरिकी बाजार की 2 दिनों की तेजी थमती दिखी। डाओ जोंस 200 अंक फिसलकर दिन के निचले स्तर पर बंद। कारोबार के आखिरी घंटे में बिकवाली का दबाव, ऊंचाई से डाओ जोंस 430 अंक लुढ़का।

वहीं नैस्डैक में 1% की गिरावट दर्ज हुई। यूरोप के बाजारों में 0.5-1% तक की बढ़त देखी गई। वहीं एसजीएक्स (SGX) निफ्टी की हल्की मजबूती के साथ शुरुआत हुई। वैश्विक बाजारों से मिले संकेतों से भारतीय बाजार की सुस्त शुरुआत हुई। हालाकि कारोबार के आखिरी घंटे में बाजार में निचले स्तर से शानदार सुधार देखने को मिला और निफ्टी बैंक ने 42,450 का रिकॉर्ड ऊपरी स्तर छुआ। वहीं निफ्टी भी 18400 के ऊपर बंद होने में कामयाब रहा।

सेंसेक्स (Sensex 30) ने 61,437 का निचला स्तर जबकि 61,956 का ऊपरी स्तर छुआ। वहीं निफ्टी 50 (Nifty 50) ने 18,282 का निचला स्तर जबकि 18,428 का ऊपरी स्तर छुआ। वहीं निफ्टी बैंक ने 42,079 का निचला स्तर जबकि 42,450 का रिकॉर्ड ऊपरी स्तर छुआ। सेंसेक्स 0.40% या 249 अंक चढ़ कर 61,624 पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी (50) 0.41% या 74 अंक चढ़ कर 18,403 पर बंद हुआ। निफ्टी बैंक 0.14% या 60 अंक गिर कर 42,077 पर बंद हुआ। सेंसेक्स निचले स्तर से करीब 430 अंक सुधरा। निफ्टी निचले स्तर से 120 अंक सुधरा। निफ्टी बैंक निचले स्तर से करीब 300 अंक सुधरा।

निफ्टी के चढ़ने वाले शेयरों में ओएनजीसी (ONGC) 2.23%, पावर ग्रिड 2.20%, आईसीआईसीआई (ICICI बैंक) 1.87% और भारती एयरटेल 1.62% तक चढ़ कर बंद हुए। भारती एयरटेल ने आज रिकॉर्ड स्तर छुआ। इसके अलावा फ्यूचर्स ऐंड ऑप्शंस में चढ़ने वाले शेयरों में गुजरात गैस 6.04%, मुथुट फाइनेंस 3.01%, आईजीएल (IGL) 4.05% और बाजार के लिए वैश्विक रणनीति यूनाइटेड स्पिरिट्स 2.75% तक चढ़ कर बंद हुए। इसके अलावा चढ़ने वाले शेयरों में रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) 11.18%, एनसीसी (NCC) लिमिटेड 6.97%, मझगांव डॉक 4.87% और केईसी इंटरनेशनल (KEC) 4.95% तक चढ़ कर बंद हुए।फ्यूजन माइक्रो फाइनेंस की आज सुस्त लिस्टिंग हुई। 368 रुपये के इश्यू प्राइस के मुकाबले एनएसई (NSE) पर 359.50 पर लिस्ट हुई। वहीं एनएमडीसी (NMDC) पर नतीजों का असर दिखा और शेयर 4.01% तक के नुकसान के साथ बंद हुआ।

वहीं बेहतर नतीजों से टायर शेयरों में तेजी दिखी। बालकृष्ण इंडस्ट्रीज 4.67% और अपोलो टायर्स 4.33% तक की मजबूती के साथ बंद हुए। इसके अलावा गिरने वाले दूसरे शेयरों में एचडीएफसी (HDFC) लाइफ 1.10%, सिप्ला 0.95%, इंफो एज 4.73% और पोलीकैब इंडिया 2.61% तक के नुकसान के साथ बंद हुए। वहीं नायका 9.24%, एस्टर डीएम हेल्थकेयर 6.13%, यूनियन बैंक 2.55% और विजया डायग्नोस्टिक 2.92% तक के नुकसान के साथ बंद हुए।

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