विदेशी मुद्रा संकेत मालेगांव

विदेशी मुद्रा संकेत मालेगांव
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मुम्बई
मुम्बई शहर, भूतपूर्व बंबई, महाराष्ट्र राज्य की राजधानी है। मुम्बई को भारत का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। यह दक्षिण-पश्चिम भारत देश का वित्तीय व वाणिज्यिक केंद्र और अरब सागर में स्थित प्रमुख बंदरगाह है। मुम्बई दुनिया के विशालतम व सबसे घनी आबादी वाले शहरों में से एक है।
मुम्बई एक प्राचीन बस्ती के स्थल पर बसा हुआ है और इसका नामकरण भगवान शंकर की पत्नी पार्वती देवी के एक रूप, स्थानीय देवी मुंबा के नाम पर किया गया है जिनका मंदिर उस स्थल पर था, जहाँ पर अब नगर का दक्षिण-पूर्वी हिस्सा अवस्थित है। मुम्बई लंबे समय से भारत के सूती वस्त्र उद्योग के केंद्र के रूप में विख्यात रहा है, लेकिन अब यहाँ विविध निर्माण उद्योग भी हैं और इसके वाणिज्यिक व वित्तिय संस्थान सशक्त और सबल हैं। इस शहर में अधिकांश बड़े, विकासशील औद्योगिक नगरों की पुरानी समस्या वायु व जल प्रदूषण, झुग्गी, बस्ती और अत्यधिक भीड़भाड़ मौजूद है। द्वीपीय अवस्थिति के कारण मुम्बई का विस्तार सीमित है।
मछुआरों की मूल जनजाति, कोली यहाँ के आरम्भिक ज्ञात निवासी थे, हालाँकि वृहद मुम्बई के कान्दीवली में पाए गए पुरापाषाण काल के पत्थर के औज़ार यहाँ पाषाण काल के दौरान मानव बस्ती की ओर संकेत करते हैं। प्राचीन यूनानी खगोलशास्त्री व भूगोलविज्ञानी टॉलमी के समय में यह क्षेत्र हेप्टेनिशिया के रूप में जाना जाता था और यह 1000 वर्ष ई. पू. में फ़ारस व मिस्र के साथ समुद्री व्यापार का प्रमुख केन्द्र था। तीसरी शताब्दी ई. पू. में यह अशोक के साम्राज्य का हिस्सा था और छठी से आठवीं शताब्दी में यहाँ चालुक्यों का शासन रहा, जिन्होंने अपनी छाप घरपुरी (एलीफ़ेन्टा द्वीप) पर छोड़ी। मालाबार पॉइन्ट पर बना वाकेश्वर मन्दिर सम्भवतः कोंकण तट के शिलाहर प्रमुखों के शासन (9वीं से 13वीं शताब्दी) के दौरान निर्मित विदेशी मुद्रा संकेत मालेगांव किया गया था। दोगिरि के यादवों (1187-1318) के समय में इस द्वीप (जो बाम्बे द्वीप बना) पर महिकावती (माहिम) बस्ती की स्थापना हुई, जो 1924 में हिन्दुस्तान के ख़िलजी वंश के आक्रमणों के जवाब में बनाई गई। इन्हीं के वंशज वर्तमान मुम्बई में पाए जाते हैं और बहुत से स्थानों के नाम आज भी उसी युग से हैं। 1348 में आक्रमणकारी मुस्लिम सेनाओं ने इस द्वीप को जीत लिया और यह गुजरात राज्य का हिस्सा बन गया। माहिम को जीतने की पुर्तग़ाली कोशिश 1507 में असफल रही, लेकिन 1534 में गुजरात के शासक सुल्तान बहादुरशाह ने यह द्वीप पुर्तग़ालियों को सौंप दिया। 1661 में किंग चार्ल्स द्वितीय व पुर्तग़ाल के राजा की बहन कैथरीन आफ़ ब्रैगेंज़ा के विवाह के बाद यह ब्रिटिश नियंत्रण में आ गया। राजा ने इसे 1668 में ईस्ट इंडिया कम्पनी को सत्तांतरित कर दिया। शुरुआत में कलकत्ता (वर्तमान कोलकाता) व मद्रास (वर्तमान चेन्नई) की तुलना में बंबई कम्पनी की बहुत बड़ी सम्पत्ति ने होकर केवल पश्चिमी तट पर कम्पनी की पैर जमाए रखने में सहायता करता था।
आधुनिक ढंग की सूती वस्त्र की पहली मिल की स्थापना 1818 में कोलकाता के समीप फोर्ट ग्लास्टर में की गयी थी, किन्तु यह असफल रही। पुनः 1851 में मुंबई में एक मिल स्थापित की गयी, जो असफल रही। सबसे पहला सफल आधुनिक कारख़ाना 1854 में मुम्बई में ही कावसजी डाबर द्वारा खोला गया, जिसमें 1856 में उत्पादन प्रारम्भ हुआ। इसके बाद तो भारत में सूती वस्त्र उद्योग के विकास का मार्ग प्रशस्त हो गया एवं वर्ष 1988 तक भारत में इस उद्योग से सम्बन्धित 1227 (1995 में) मिलों की स्थापना की जा चुकी थी, जिसमें 771 मिलों मे केवल सूत की कताई होती थी, जबकि 283 मिलें कताई के साथ ही वस्त्र निर्माण करने का भी काम करती थीं।
बिज़नेस केपिटल ऑफ़ इंडिया
मुम्बई को पहले बॉम्बे के नाम से जाना जाता था। मुम्बई शहर को बिजनेस केपिटल ऑफ इंडिया के नाम से भी जाना जाता है। यहां देश के प्रमुख वित्तीय और संचार केन्द्र है। भारत का सबसे बड़ा शेयर बाज़ार, जिसका विश्व में तीसरा स्थान है, मुम्बई में ही स्थित है। मुम्बई भारत के पश्चिमी समुद्र तट पर स्थित है। यह अरबियन समुद्र के सात द्वीपों का एक हिस्सा है। इसलिए इसे सात टापुओं का नगर भी कहा जाता है। मुम्बई सामान्य रूप से सात द्वीपों जिनके नाम कोलाबा, माजागांव, ओल्ड वूमन द्वीप, वाडाला, माहीम, पारेल और माटूंगा-सायन पर स्थित है।
सन् 1661 में इंग्लैंड के महाराजा चार्ल्स ने पुर्तग़ाल की राजकुमारी कैटरीना डे ब्रिगेंजा से शादी की थी। शादी में दहेज के रूप में चार्ल्स को बम्बई शहर मिला था, जो वर्तमान समय में मुम्बई के नाम से जाना जाता है। लेकिन सन् 1668 में मुम्बई ईस्ट इंडिया कम्पनी के हाथों में चला गया। सन् 1868 में महारानी विक्टोरिया ने शहर के प्रशासन को ईस्ट इंडिया कम्पनी से वापस ले लिया। [1]
भौतिक एवं मानव भूगोल
मुम्बई शहर प्रायद्विपीय स्थल पर बसा हुआ है, जो मूलतः पश्चिम भारत के कोंकण तट के पास स्थित सात द्वीपिकाओं से मिलकर बना है। 17 वीं शताब्दी से अपवाह व भूमि फिर से हासिल करने की परियोजनाओं और जलमार्गों व जल अवरोधकों के निर्माण के कारण ये द्वीपिकाएं मिलकर एक बड़े भूभाग का निर्माण करती हैं, जिसे बंबई द्वीप के नाम से जाना जाता था। इस द्वीप के पूर्व में मुम्बई बंदरगाह का स्थिर जलक्षेत्र है। यह द्वीप निम्न मैदान से बना है, जिसका एक चौथाई हिस्सा समुद्र तल से भी नीचा है; इस मैदान के पूर्वी और पश्चिमी किनारों में निचली पहाड़ियों की दो समानांतर पर्वतश्रेणियाँ हैं। इनमें से लंबी पर्वतश्रेणी द्वारा सुदूर दक्षिण में निर्मित कोलाबा पॉइंट मुम्बई बंदरगाह को खुले समुद्र से बचाता है। पश्चिमी पर्वतश्रेणी मालाबार हिल पर समुद्र तल से 55 मीटर की ऊँचाई पर समाप्त होती है, जो मुम्बई की सबसे ऊँचे इलाकों में से एक है। इन दो पर्वत श्रेणियों के बीच पश्च खाड़ी (बैक बे) का छिछला विस्तार है। इस खाड़ी के शीर्ष और बंदरगाह के बीच कुछ ऊँची भूपट्टिकाओं पर दुर्ग स्थित है, मूलतः इसी के चारों ओर शहर का विस्तार हुआ। अब यहाँ मुख्यतः सार्वजनिक एवं वाणिज्यिक कार्यालय हैं। पश्च खाड़ी से उत्तर की ओर भूतल मध्यवर्ती मैदान की दिशा में ढलान वाली है। बंबई के सुदूर उत्तर में विशाल खारे दलदल हैं।
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उन्होंने कहा कि उन्हें 1 अप्रैल से शुरू हुए चालू वित्त वर्ष में विकास दर मध्यम से लगभग 6.5% से 7% होने की उम्मीद है। जनवरी में सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए 8% से 8.5% की आर्थिक वृद्धि का अनुमान लगाया था, लेकिन तब से अधिकांश एजेंसियों सहित विदेशी मुद्रा संकेत मालेगांव भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने वार्षिक विकास अनुमान को घटाकर लगभग 7% कर दिया है।
नागेश्वरन ने यह भी कहा कि बैंक ऑफ कनाडा, यूरोपीय सेंट्रल बैंक और रिजर्व बैंक ऑफ ऑस्ट्रेलिया सहित कुछ केंद्रीय बैंकों ने कम आक्रामक मौद्रिक नीति का संकेत दिया था जो उभरते देशों की मदद करेगी।
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मालेगांव विस्फोट: जानें, NIA कोर्ट ने क्यों दिया कर्नल पुरोहित और प्रज्ञा ठाकुर को विदेशी मुद्रा संकेत मालेगांव हर सप्ताह पेश होने का आदेश
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मालेगांवविस्फोटजानेंNIAकोर्टनेक्योंदियाकर्नलपुरोहितऔरप्रज्ञाठाकुरकोहरसप्ताहपेशहोनेकाआदेशलेकिन उन्होंने एक चेतावनी भी दीमालेगांवविस्फोटजानेंNIAकोर्टनेक्योंदियाकर्नलपुरोहितऔरप्रज्ञाठाकुरकोहरसप्ताहपेशहोनेकाआदेशवह बोले कि अगर माता-पिता कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाएंगे तो उनके बच्चे पर भी कोरोना का खतरा बना रहेगामालेगांवविस्फोटजानेंNIAकोर्टनेक्योंदियाकर्नलपुरोहितऔरप्रज्ञाठाकुरकोहरसप्ताहपेशहोनेकाआदेशदिल्ली-एनसीआर की बात करें तो यहां कोरोना के मामले बड़ी तेजी से बढ़ रहे हैं
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