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रुझान निर्देश

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उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता जानते हैं कि वह बड़ी हार का सामना करने वाले हैं। इसलिए वह जनता का ध्यान भटकाने का कार्य कर रहे हैं। कभी EVM की बात करते हैं तो कभी हॉर्स ट्रेडिंग की बात कर रहे हैं।

कसुम्प्टी से कांग्रेस विधायक एवं प्रत्याशी अनिरुद्ध सिंह

जबरन बदलने की कोशिश: ‘कन्वर्जन थेरेपी’ के खिलाफ राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग का फैसला

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने एक अहम और स्वागत योग्य कदम उठाते हुए, एलजीबीटीक्यूआईए+ समुदाय के खिलाफ भेदभाव की एक और परत को खत्म कर दिया है। आयोग ने ‘कन्वर्जन थेरेपी’ को “पेशेवर कदाचार” घोषित किया है और राज्य चिकित्सा परिषदों को दिशानिर्देश का उल्लंघन करने वालों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का अधिकार दिया है। लेस्बियन (महिला समलैंगिक), पुरुष समलैंगिक (गे), उभयलिंगी (बाइसेक्सुअल), परलैंगिक (ट्रांसजेंडर), क्वीर, इंटरसेक्स, अलैंगिक (असेक्सुअल) या किसी और तरह के यौन रुझान रखने वालों को अक्सर रूपांतरण या ‘रिपेरेटिव’ थेरेपी दी जाती है, ताकि उनके यौन रुझान या लैंगिक पहचान में जबरन बदलाव लाया जा सके। यह थेरेपी खासकर कम उम्र के लोगों को दी जाती है। ऐसी थेरेपी में मनोरोग संबंधी उपचार, मनोदैहिक दवाओं का इस्तेमाल, इलेक्ट्रोशॉक थेरेपी, झाड़-फूंक और हिंसा तक शामिल हैं। इससे लोगों को सदमा पहुंच सकता है। साथ ही, वे अवसाद और चिंता की चपेट में आ सकते हैं या फिर नशीली दवाओं के इस्तेमाल और यहां तक कि आत्महत्या जैसे कदम उठा सकते हैं। अमेरिकी बाल और किशोर मनोचिकित्सा अकादमी का मानना है कि कन्वर्जन थेरेपी के तहत उपचार “इस झूठे आधार के तहत किए जाते हैं कि समलैंगिकता और अलग तरह की लैंगिक पहचान एक मनोविकार है”। “मनोविकार रुझान निर्देश न होने” का सीधा मतलब है कि कन्वर्जन या ऐसे ही किसी दूसरे हस्तक्षेप की जरूरत ही नहीं है। इस आइने में देखें, तो इस दिशा में एक समेकित प्रयास की दरकार होगी। जून 2021 के ऐतिहासिक फैसले में मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एन आनंद वेंकटेश ने कहा था कि समुचित कानून के अभाव में, वह इस समुदाय की सुरक्षा के लिए, पुलिस, राज्य और केंद्र सरकार के सामाजिक कल्याण मंत्रालयों और चिकित्सा परिषद को एक दिशा-निर्देश जारी कर रहे हैं। इसके बाद, अदालत ने इससे जुड़े सभी हितधारकों को समय-समय पर ताजा स्थिति से अवगत कराने की हिदायत दी थी।

कांग्रेस को अपने MLA बिकने का डर: राजीव शुक्ला की सभी कैंडिडेट्स के साथ मीटिंग, BJP की तोड़फोड़ से बचने की रणनीति पर चर्चा

कांग्रेस पार्टी को हिमाचल विधानसभा चुनाव के लिए 8 दिसंबर को होने वाली काउंटिंग के बाद अपने विधायकों के खरीद-फरोख्त रुझान निर्देश का डर सताने लगा है। पार्टी नेतृत्व को अंदेशा है कि मतगणना में पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलने के बावजूद BJP अन्य राज्यों की तर्ज पर हिमाचल में भी धनबल के बूते उसके विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर सकती है।

इसी चिंता के चलते कांग्रेस पार्टी के हिमाचल प्रभारी राजीव शुक्ला ने मंगलवार को राज्य की सभी 68 विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ने वाले पार्टी कैंडिडेट्स के साथ ऑनलाइन मीटिंग की। इस मीटिंग में भाजपा के धनबल से निपटने की रणनीति पर चर्चा की गई। मीटिंग में शुक्ला ने सभी कैंडिडेट्स को अपने-अपने इलाके में EVM के स्ट्रॉन्ग रूम की निगरानी सुनिश्चित बनाने के निर्देश भी दिए।

DAVV Indore : एमबीए डिजास्टर-रूरल मैनेजमेंट और एमए पत्रकारिता पाठ्यक्रम में रुझान कम

DAVV Indore : फर्स्ट ईयर में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की कक्षाएं 10 नवंबर से लगेंगी, कुलपति ने दिए निर्देश। दस विभागों से संचालित 18 पीजी कोर्स की 1085 सीटों के लिए 1 से 5 नवंबर के बीच काउंसलिंग की गई थी।

DAVV Indore : एमबीए डिजास्टर-रूरल मैनेजमेंट और एमए पत्रकारिता पाठ्यक्रम में रुझान कम

DAVV Indore : इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की विभिन्न अध्ययनशालाओं से संचालित स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में प्रवेश को लेकर काउंसलिंग रुझान निर्देश का पहला चरण खत्म हो गया है। एमबीए डिजास्टर मैनेजमेंट, रूरल मैनेजमेंट, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और एमए पत्रकारिता में विद्यार्थियों का कम रुझान देखने को मिला है। इसके चलते सीटें भरने में विश्वविद्यालय को परेशानी आई है। 30 फीसद सीटों पर विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है।

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