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भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही

भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही
यहा से आप क्रिप्टोकरेंसी के बारे में लाभ व नुकसान जान सकते है ।

Is Crypto banned in India? क्या क्रिप्टोकरेंसी भारत मे बैन है?

नमस्कार दोस्तो आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कि क्या क्रिप्टोकरेंसी भारत मे प्रतिबंधित है या हो जाएगी (Is Crypto banned in India?) । भारत मे क्रिप्टोकरेंसी को सरकार द्वारा वैध घोषित नही किया गया है जिसके कारण क्रिप्टोकरेंसी के हर निवेशक यह सवाल जरूर करता है कि क्या क्रिप्टोकरेंसी भारत मे प्रतिबंधित होगी या क्रिप्टोकरेंसी निवेश करने के लिए सुरक्षित है । आज के इस आर्टिकल में हमने क्रिप्टोकरेंसी के प्रतिबंधित होने या नही होने के बारे में हमने सम्पूर्ण चर्चा की है इसलिए इस आर्टिकल पूरा जरूर पढ़ें जिससे आपको क्रिप्टो में निवेश करने से पहले क्रिप्टो के बारे में जानकारी प्राप्त हो जाएगी ।

क्या क्रिप्टोकरेंसी भारत मे प्रतिबंधित या बैन हो जाएगी Crypto banned भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही in India:

हाल के वर्षों में क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग भारत समेत दुनिया भर में अत्यधिक तेजी से बढ़ रहा है । क्रिप्टोकरेंसी मूल रूप से एक डिजिटल मुद्रा है जिसे विनिमय के माध्यम के रूप में उपयोग किया जा रहा है । क्रिप्टोकरेंसी को क्रिप्टोग्राफी से मजबूत सुरक्षा मिलती है जिसके कारण क्रिप्टोकरेंसी के साथ नकली या दोहरा खर्च करना लगभग असंभव हो जाता है । भारत में क्रिप्टो की शुरुआत 2013 के आसपास हुई मानी जाती है हालांकि अभी तक क्रिप्टोकरेंसी को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का समर्थन नहीं मिला है । शुरुआत में केंद्रीय बैंक ने स्पष्ट चेतावनी दी थी कि, “आभासी मुद्राएं ( क्रिप्टोकरेंसी ) भारत में कानूनी निविदा नहीं हैं । ” भारत मे अप्रैल 2018 में भारत के वित्त मंत्रालय ने क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में एक विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति का गठन किया गया था । भारत के वित्त मंत्रालय ने क्रिप्टोकरेंसी के सम्बंध में कहा कि “प्रतिबंध के पक्ष में नहीं था” । भारत मे सन 2019 में, एक मसौदा विधेयक जारी किया गया था जिसके तहत क्रिप्टोकरेंसी को रखने ( Long Time Investment ), खनन ( Mining ), बिक्री ( Sell ), जारी करने ( Launch ), स्थानांतरित करने ( Transfer ) या उपयोग करने ( Use ) पर 10 साल तक के जुर्माना या कारावास, या दोनों के साथ दंडनीय कानून बनाया गया था । भारत मे मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी से सम्पूर्ण तरीके से प्रतिबंध हटा दिया था फिर सन 2021 में, भारत के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में कहा कि सरकार ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया है, लेकिन आरबीआई और सेबी के माध्यम से, यह क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जागरूकता फैलाएगा । भारत के वर्तमान केंद्रीय बजट 2022-23 में, सरकार ने स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि किसी भी क्रिप्टोकरेंसी परिसंपत्ति के हस्तांतरण पर 30 प्रतिशत कर लगाया जाएगा । भारत के कई निवेशकों ने इस नियम का सर्मथन किया, क्योंकि इस नियम के अनुसार क्रिप्टोकरेंसी को एक वैध संपत्ति के रूप में पहचानने का पहला कदम था । वर्तमान समय में भारत में लगभग 15 मिलियन निवेशक ( अनुमानित ) क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं । भारतीय क्रिप्टो बाजार पिछले कई वर्षों से सुरक्षित दर से बढ़ रहा है और इसी दर के अनुसार 2030 तक 241 मिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है । 15 मिलियन भारतीय क्रिप्टोकरेंसी पर अपना पैसा निवेश कर रहे है और उन्हें यह आशा है कि क्रिप्टोकरेंसी को जल्द ही विनिमय के वैध माध्यम के रूप में स्वीकार किया जाएगा और उन्हें अधिक मुनाफे का लालच है लेकिन इसके लिए सरकार द्वारा क्रिप्टोकरेंसी को वैध मानना आवश्यक है हालाँकि, यह तभी होगा जब सरकार खुले तौर पर क्रिप्टो में अपना विश्वास प्रदर्शित करेगी और क्रिप्टो को भारत मे वेध घोषित करेगी । क्रिप्टो में निवेश करने व क्रिप्टो को खरीदने के अनेक फायदे व नुकसान है । क्रिप्टो में निवेश करने से पहले क्रिप्टो के फायदों को समझना जरूरी है । क्रिप्टोकरेंसी के फायदे में क्रिप्टो के पास मध्यस्थ लागत को खत्म करने की क्षमता है । एक सामान्य बैंकिंग प्रणाली द्वारा सीमा पार धन हस्तांतरित करने की लागत 7-10 प्रतिशत जितनी अधिक हो सकती है लेकिन क्रिप्टो द्वारा लेन-देन शुल्क में $7.5-10 बिलियन की एक राशि को बचाया जा सकता है लेकिन क्रिप्टो के कुछ नुकसान भी होते है ।

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आज के समय मे क्रिप्टो पर आधारित स्टार्टअप अत्यधिक शुरू हो रहे है व अत्यधिक निवेशक क्रिप्टो में निवेश कर रहे है । क्रिप्टो के बढ़ते क्रेज के कारण सरकार क्रिप्टो पर कानून बनाना चाहती है । यदि क्रिप्टो भारत मे बैन नही होता है तो सरकार जल्द ही क्रिप्टो पर कानून बनाएगी जिससे क्रिप्टो को वैध घोषित किया जा सके और क्रिप्टो से देश को भी फायदा मिल सके । यदि क्रिप्टो को बैन किया जाता है तो भारत के निवेशकों को कई मिलियन डॉलर का नुकसान होता है जिससे भारत की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होगी । इस प्रकार भारत की अर्थव्यवस्था में क्रिप्टो करेंसी का भी योगदान है । वर्तमान में निवेशक 10 प्रतिशत राशि क्रिप्टो में निवेश कर रहे है जो कि एक बड़ा नम्बर है ।

निष्कर्ष –

क्रिप्टो करेंसी के बारे में विस्तृत चर्चा करने के बाद अब हम यह कह सकते हैं कि क्रिप्टो करेंसी के भारत में बैन लगने या प्रतिबंधित होने के चांस बहुत कम है क्योंकि क्रिप्टो करेंसी पर भारत सरकार शुल्क ( TAX ) लगाती है जिसके कारण भारत सरकार को मुनाफा होता है । इसी बात को ध्यान रखते हुए अब हमें कह सकते हैं क्रिप्टो करेंसी से भारत सरकार को मुनाफा हो रहा है जिससे क्रिप्टो करेंसी के भारत में प्रतिबंधित होने के चांस कम हो जाते हैं । इस प्रकार हम यह भी कह सकते हैं कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी वर्तमान में सुरक्षित है । यदि क्रिप्टो करेंसी को भारत की केंद्र सरकार सम्पूर्ण तरीके से बैन करती है तो इससे भारत की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होगी और भारत के निवेशकों के पैसे भी डूब जाएंगे जिसके कारण भारत सरकार क्रिप्टो को बैन नही करना चाहती है और क्रिप्टो पर कानून बनाना चाहती है ।

चर्चित कानून: भारत में आत्महत्या को लेकर क्या कानून है और इस पर क्यों है विवाद?

चर्चित कानून: भारत में आत्महत्या को लेकर क्या कानून है और इस पर क्यों है विवाद?

भारत के संविधान में हर नागरिक को जीने का अधिकार है, लेकिन जीवन को खुद समाप्त करने का अधिकार किसी को नहीं है। यही कारण है देश में आत्महत्या के प्रयास को अपराध घोषित करते हुए सजा का प्रावधान किया गया है। हालांकि, इस कानून को लेकर देश में लंबे समय से विवाद रहा है और इसे खत्म करने की मांग चल रही है। आइए जानते हैं कि आत्महत्या के खिलाफ क्या कानून है और इस पर विवाद क्यों है।

इस कानून को लेकर लंबे समय से विवाद रहा है। विभिन्न कानूनी विशेषज्ञ, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक संगठन लंबे समय से इसे खत्म करने की मांग करते आए हैं। इन संगठनों का कहना भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही है कि कोई भी व्यक्ति शौक से मरना नहीं चाहता। जीवन से पूरी तरह हताश, गहन अवसाद से पीड़ित या फिर आर्थिक तंगी, पारिवारिक कलह जैसे अन्य कारण ही उसे यह कदम उठाने को मजबूर करते हैं। ऐसे में उसे सजा देना गलत है।

भारतीय दंड संहिता प्रक्रिया (IPC) की धारा 309 के तहत आत्महत्या के प्रयास को अपराध घोषित किया गया है। ऐसा करने वाले को एक साल तक की सजा या जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है।

इस कानून को हटाने के प्रयास काफी पहले से चल रहे हैं। साल 1978 में IPC संशोधन बिल में धारा 309 को हटाने का प्रावधान किया गया था और यह बिल राज्यसभा में पास भी हो गया था, लेकिन लोकसभा में पहुंचने से पहले ही संसद भंग हो गई। इसी तरह 1987 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने 'राइट ऑफ लाइफ' में जीने और जान देने, दोनों अधिकारों को समाहित मानते हुए इस धारा को खत्म करने का आदेश दिया था।

इस कानून के तहत अब तक किसी पर भी अपराध सिद्ध तो नहीं हो सका है, लेकिन इस कानून के कारण आत्महत्या भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही का प्रयास कर चुके सैकड़ों लोगों को कानूनी पचड़ों से जरूर जूझना पड़ा है।

बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के बाद इस धारा को हटाने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। जिसके बाद साल 1994 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसले को सही ठहराया था, लेकिन इसे फिर से चुनौती दे दी गई। इसके बाद 1996 में पांच जजों की पीठ ने फैसला दिया कि संवैधानिक तौर पर मिले 'राइट टू भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही लाइफ' में जान देने का अधिकार शामिल नहीं है और धारा 309 वैध है। ऐसे में इसे नहीं हटाया जा सका।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी कानून का विरोध जारी रहा। साल 2008 में लॉ कमिशन ने आत्महत्या को अपराध के दायरे से बाहर के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने के बाद अपनी 210वीं रिपोर्ट में कानून को खत्म करने का सुझाव दिया था।

लॉ कमिशन की सिफारिश को देखते हुए केन्द्र भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही सरकार ने 10 दिसंबर, 2014 को संसद में गृह मंत्रालय के हवाले से कहा था कि आत्महत्या के प्रयास के खिलाफ धारा 309 पूरी तरह से अनुचित है और इसे हटाया जा सकता है। देश के 18 राज्य और 4 केंद्र शासित प्रदेश इस धारा को खत्म करने के पक्ष में हैं, लेकिन उसके बाद भी आज तक IPC में संशोधन कर इस निरर्थक धारा को खत्म नही किया जा सका है।

वर्तमान में आत्महत्या का प्रयास करने के बाद जिंदा बचे लोगों का मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम, 2017 की धारा 115 के तहत कार्रवाई से बचाव किया जा रहा है। दरअसल, यह अधिनियम सुनिश्चित करता है कि देश का कानून दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCRPD) के अनुरूप हो। भारत में दिव्यांगों की के हितों की रक्षा के लिए 2017 में यह अधिनियम बनाया गया था और साल 2018 में इसे लागू किया गया था।

मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम, 2017 की धारा 115 के आत्महत्या का प्रयास करने वाले का बचाव करते हुए कहती है कि कोई भी इंसान आत्महत्या जैसा भयावह कदम भारी तनाव में उठाता है, ऐसे में उसे अपराधी मानकर दंडित नहीं किया जाना चाहिए। सरकार का यह दायित्व है कि वह आत्महत्या की कोशिश करने वाले लोगों का पर्याप्त उपचार कराए, उनका ख्याल रखे और उनका पुनर्वास करने के लिए आवश्यक सभी कदम उठाए।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों पर गौर करें तो देश में आत्महत्या के मामलों में इजाफा हो रहा है। 2020 में देश में 1,53,052 लोगों ने आत्महत्या की थी। यह संख्या भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही 2019 की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है। आत्महत्या करने वालों में से 14.6 प्रतिशत यानी 22,372 शादीशुदा महिलाएं शामिल रही। इसी तरह 2020 में कुल 12,500 छात्रों ने आत्महत्या की थी, यानी रोज औसतन 34 छात्र खुदकुशी कर रहे थे।

आत्महत्या एक गंभीर समस्या है। अगर आप या आपके जानने वाले किसी भी प्रकार के तनाव से गुजर रहे हैं तो आप नीचे दिए नंबरों पर फोन कर मदद प्राप्त कर सकते हैं। आसरा: यह मुंबई स्थित NGO है, जो परेशान और अवसाद से घिरे लोगों की मदद करता है। हेल्पलाइन नंबर- 91-22- 27546669 स्नेहा इंडिया फाउंडेशन: यह संस्था हफ्ते के सातों दिन 24 घंटे सेवा देती है। हेल्पलाइन नंबर- 91-44-24640050 वंद्रेवाला फाउंडेशन फॉर मेंटल हेल्थ: हेल्पलाइन नंबर- 18602662345

Cryptocurrency पर बने ठोस नीति

Cryptocurrency

बीते दिनों क्रिप्टोकरेंसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बयान देकर क्रिप्टो की दुनिया में तहलका मचा भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही दिया। यही नही अब केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ एक व्यापक विधेयक पेश करने के लिए मसौदा भी तैयार कर लिया जिसे संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर वित्त संबंधी स्थाई समिति बनाकर हर पहलू पर विचार करेगी। बीते सोमवार क्रिप्टो के बढ़ते व्यापार व उससे उत्पन्न चुनौतियों व संभावनाओं पर प्रधानमंत्री द्वारा आयोजित बैठक में भाजपा सांसद व पूर्व वित्त मंत्री जयंत सिन्हा की अध्यक्षता में क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज,ब्लाकचेन व क्रिप्टो चलाने वाली कंपनियों के संगठनों के अलावा व्यापारिक समूहों व अन्य पक्षकारों के साथ गहनता के साथ चर्चा की। लेकिन सरकार की ओर से अभी कोई संतुष्टि भरा उत्तर नही मिला।

क्रिप्टो के सभी पैरोकारों ने एक ही स्वर में कहा कि क्रिप्टो करेंसी को अब कानूनी नियमन में लाने का समय आ गया है। क्रिप्टो की विपक्ष में यह बात कही गई कि क्रिप्टो एक्सचेंज को पोंजी स्कीम के तहत काम नही करना चाहिए,चूंकि मोटी कमाई के लालच में पूरी रकम डूब जाती है जिस पर पीड़ित कहीं कोई शिकायत नही कर सकता और यह किसी भी रूप से प्रमाणित नही हैं। इसके अलावा संचालको व कंपनियों को इस तरह विज्ञापन नही देने चाहिए जिससे बहुत कम समय में अधिक कमाई दर्शाई गई हो और निवेशक ललचाकर अपनी सारी पूंजी इसमें निवेश कर दें और वह डूब जाए तो कौन जिम्मेदार होगा। यह एक तरह का सट्टा भी माना जा सकता है।

यदि मौटे तौर पर सोचा जाए तो क्रिप्टो करेंसी विस्तार इतना हो चुका है कि इसे प्रतिबंध करने में कई समस्याएं आ सकती हैं चूंकि अभी तों इंटरनेट का ही नियमन नही हो पाया है तो क्रिप्टो का नियमन इतनी जल्दी कैसे संभव है। लेकिन इसको लेकर इस तरह ही स्पष्टता होनी चाहिए कि वास्तविक मुद्रा और क्रिप्टो का मिलान हो चूंकि बीते दिनों सप्ताह आरबीआई गवर्नर डा. शक्तिकांत दास ने क्रिप्टो के बढते प्रसार व प्रचार पर चिंता जताई थी। हाल ही में क्रिप्टो के बढ़ते प्रचलन पर दास ने ही सरकार भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही का ध्यान इस ओर केंद्रित कहा था जिसके बाद गवर्नर,वित्त मंत्रालय और गृह मंत्रालय के बीच एक अहम बैठक हो चुकी है जिसमें क्रिप्टो को लेकर एक बुनियादी खाका बनाया चुका है।

Cryptocurrency करीब चार-पांच वर्षों पहले तक यह एक वर्ग तक ही सीमित थी लेकिन पिछले कुछ दिनों इसके हर सोशल माध्यम पर इतने विज्ञापन आने लगे कि मानो यह हमारे देश में वैध हो। पाठकों को बता दिया जाए कि हमारे देश में जितनी भी क्रिप्टो करेंसी हैं वो सभी पूर्ण रुप से अवैध है। क्रिप्टो करेंसी में सबसे बडी करेंसी बिटकॉइन है जो पूरे विश्व में अपना प्रभाव रखती है। बिटकॉइन हमारे देश में लगभग पांच-छ साल से सक्रियता में हैं लेकिन इसकी शुरुआत 3 जनवरी 2009 में हुई थी और यह एक विकेंद्रीकृत डिजिटल मुद्रा है अर्थात इस कैश में परिवर्तित नही किया जा सकता।

बिटकॉइन शुरुआत जापान के सतोषी नाकामोतो नामक इंजीनियर ने की थी। प्रारंभिकता में निवेशकों ने इसे ज्यादा गंभीरता से नही लिया था लेकिन आज के जमाने में यह सबसे ज्यादा महंगी क्रिप्टो करेंसी है। बीते दशक भर में लगभग 900 से ज्यादा क्रिप्टो करेंसी बाजार में उपलब्ध है। इसके काम करने का तरीका पीयर-टू-पीयर इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम है। क्रिप्टोग्राफी की मदद से क्रिप्टोकरेंसी बनती हैं।

इसको माइनिंग भी कहा जाता है और यह सॉफ्टवेयर से बनती है। यह करेंसी डिजिटल वॉलेट में सेव व स्टोर हो जाती है जिसे क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट कहते हैं। इसमें अकाउंट बनने के बाद यदि यूजर भूल जाता है तो इसको किसी भी तकनीकी से रिकवर नही किया जा सकता। इस घटना का एक बहुत बडा उदाहरण है कि एक बार एक व्यक्ति के करोडो रुपये के सात हजार से भी ज्यादा क्वाइन थे और वह भूल गया और वह तमाम कोशिशों के बाद भी उन्हें प्राप्त नही कर सका। हालांकि ऐसे तमाम उदाहरण है लेकिन यह सबसे अब तक का सबसे बडा है।

सरकार ने पहले भी इस करेंसी के खिलाफ अपने तेवर सख्त किये हैं लेकिन अभी तक भी कोई कानूनी एक्शन नही लिया गया। भारत में इसकी शुरु मात्र बीस हजार रुपये से हुई थी व बहुत ही कम समय में यह लगभग पैंतालीस लाख रुपये तक पहुंच गया था। पूरी दुनिया में इसको लेकर हाहाकार मच गया था। आज लोग गोल्ड व प्रॉपर्टी में ज्यादा बेहतर व सुरक्षित बिटकॉइन को समझते हैं। दो वर्ष पहले तक लोग इसको लेकर पांच सितारा होटलों में इसको लेकर सेमिनार कर लगाते थे लेकिन कभी इसको खुले तौर पर नही बेचा जाता था चूंकि अवैध होने के कारण लोगों में डर भी था। लेकिन पिछले कुछ समय से इसके विज्ञापन हर सोशल माध्यम पर दिखने लगे। एक बार को तो ऐसा लगा कि यह भारत वैध हो गया हो लेकिन बीते सप्ताह से प्रधानमंत्री ने इस पर बयान देकर तख्ता पलट कर दिया।

बिटकॉइन के प्रचलन के बाद आज दुनियाभर में तमाम तरह की क्रिप्टो करेंसी आ चुकी। एक बहुत बडे वर्ग ने इस ओर निवेश करना शुरु कर दिया। क्रिप्टो करेंसी की विशेषता यह है कि इसको लेने की शुरुआत मात्र सौ रुपये से भी शुरु की जा सकती है और अधिकतम सीमा का कोई अंत नही हैं। इसके अलावा इसमें निवेश किया गया पैसा सरकार की निगाह में भी नही आता। क्रिप्टो करेंसी को खरीदते व बेचते समय कोई टैक्स नही लगता। देसी भाषा में समझे तो आपका अकाउंट आसमान में खुल जाता है जिसका एक यूनिक क्रमांक होता है और उसको संचालित करते हुए आप करेंसी की खरीद-फरोख्त कर सकते हो।

कुछ लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी की एक व्यापार के रूप में स्थापित कर लिया इसके अलावा जिस तरह कॉल सेंटरों द्वारा किसी प्रोडक्ट को बेचा व खरीदा जाता है,ठीक उस ही तरह इसको लेकर भी खरीद-फरोख्त की जाती है। क्रिप्टो करेंसी बेचने वाले आप सबसे इस तरह की बात करेंगे कि इस करेंसी का भविष्य बहुत अच्छा है और इसमें निवेश करने से आप किसी टैक्स के दायरे में नही आओगे। स्पष्ट शब्दों में समझा जाए तो इसको काला धन भी कह सकते हैं। दशकभर पहले कुछ लोग इसको पॉजिटिव खबर छपवाने व दिखाने के लिए मीडिया संस्थानों के चक्कर काटते थे। उनका एक ही उद्देश्य था कि क्रिप्टो करेंसी को हिंदुस्तान में स्थापित करना जिसमें वह बहुत हद तक कामयाब भी हो गए। हालांकि तकनीकी दृष्टिकोण से समझा जाए तो यह भारत के परिवेश में सुरक्षित नही हैं।

यदि सरकार ने इस बार इसको लेकर हुंकार भरी है तो इस बार क्रिप्टो का कोई स्थाई समाधान निकाले चूंकि इसमें लोगों ने इतना निवेश कर दिया कि यह हमारे तंत्र की गले की हड्डी न बन जाए। यदि इस बार इसका समाधान नही निकला तो इसका व्यापार व बढ़ावा देने वालों की बात सच हो जाएगी कि इसमें शासन-प्रशासन दखल नही दे सकता।

Bitcoin Kya Hai l बिटकॉइन क्या होता है ?

Bitcoin

Bitcoin(बिटकॉइन) क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में 3 जनवरी, 2009 में आया था। अभियंता सातोशी नाकामोतो के द्वारा 2008 में बिटकॉइन का आविष्कार किया गया था और 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में इसे लाया गया था। जानकारी के अनुसार पहला बिटकॉइन जापान में बनाया गया था। यह ब्लोकचेन टेक्नोलॉजी पर काम करता है। बड़ी बड़ी कंपनिया बिटकॉइन को एक्सचेंज के तौर पे अपनाया गया है जैसे कि – माइक्रोसॉफ्ट(Microsoft), पेपल(PayPal), ओवरस्टोक(Overstock), टेस्ला(Tesla), होल फुड्स(Whole Foods) , एट्शी(Etsy) इत्यादि।

बिटकॉइन विश्व का पहला पूर्णतया इलेक्ट्रॉनिक खुला भुगतान तंत्र है। अभी देखा जाए तो बिटकॉइन विश्व में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है।

बिटकॉइन का मूल्य इतना ज्यादा क्यों है l

बिटकॉइन का मूल्य बहुत सी चीजों पर निर्भर करता है। उनमें से दो सबसे बड़ी चीजें आपूर्ति (Supply) और मांग (Demand) है। बिटकॉइन की गिनती सीमित संख्या में है। जानकारी के अनुसार 21 मिलीयन बिटकॉइन ही माइन किया जा सकता है। ऐसे में अगर देखा जाए अगर आपूर्ति से कम मांग हो तो बिटकॉइन का मुल्य घट जाता है और अगर मांग ज्यादा हो आपूर्ति से तो इसका उल्टा होता है मतलब कि बिटकॉइन का मुल्य बढ़ जाता है । आज की तारीख में देखा जाए तो बिटकॉइन का मुल्य 42000 डॉलर के करीब है।

बिटकॉइन कैसे काम करता है l

बिटकॉइन कंप्यूटर प्रोग्राम डिजिटल रिकार्ड को ब्लॉकचैन कहा जाता है और यह दुनिया भर में 10,000 से अधिक कंप्यूटरों पर चलता है। हर 10 मिनट में 1 नया बिटकॉइन कंप्यूटर प्रोग्राम के द्वारा बनाया जाता है। बना हुआ नया बिटकॉइन उस कंप्यूटर में पहले जाता है जो कठिन गणितीय गणना को हल करता है। वह कंप्यूटर आमतौर पर “बिटकॉइन माइनिंग” कंपनी के होते हैं जो इसे “क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज” को बेचता है। वे क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज कंपनी बिटकॉइन को हम जैसे खरीदार को बेच देते हैं। कुछ सेवाओं के बदले हम बिटकॉइन को किसी और को ट्रांसफर कर सकते हैं।

बिटकॉइन कहां से ख़रीद सकते हैं ?

अगर आप बिटकॉइन खरीदना चाहते हैं तो सबसे पहले आप इसके बारे में अच्छे से जानकारी प्राप्त कर लें कि कौन सा एक्सचेंज वाॅलेट सही रहेग। आप गुगल या युट्युब के मदद से जानकारी ले सकते हैं, इसके बाद आप कदम आगे बढ़ाएं। भारत में देखा जाए तो CoinSwitch, WaziRX, Unocoin, Zebpay इत्यादि प्लेटफार्म पर जाकर बिटकॉइन खरीद सकते हैं। इस प्लेटफार्म पर जाने से पहले आपको एक वैध पहचान पत्र, बैंक अकाउंट, पेन कार्ड, ई-मेल आईडी होना अनिवार्य है, इसके बिना आप इस प्लेटफार्म पर अकाउंट नहीं खोल सकते।

क्रिप्टोकरेंसी में सबसे ज्यादा निवेश करने वाले शीर्ष 5 देश

  1. भारत (100 मिलीयन निवेशक)
  2. अमेरिका (27 मिलीयन निवेशक)
  3. नाइजीरिया (13 मिलीयन निवेशक)
  4. विएतनाम (5.9 मिलीयन निवेशक)
  5. इंग्लैंड (3.3 मिलीयन निवेशक)

क्रिप्टोकरेंसी को पूर्ण रूप से प्रतिबंध करने वाले देश

  1. चाइना
  2. बांग्लादेश
  3. इजिप्ट
  4. अल्जेरिया
  5. नेपाल
  6. इराक
  7. मोरक्को
  8. कटर

बिटकॉइन के फायदे

  1. बिटकॉइन के किसी भी ट्रांजेक्शन पर सरकार या कोई भी बैंक इसपर नजर नहीं रखती है ।
  2. बिटकॉइन के लेन-देन पर ट्रांजेक्शन फीस क्रडिट या डेबिट कार्ड के द्वारा बहुत ही कम फीस भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही लिया जाता है।
  3. बिटकॉइन को दुनिया भर में कहीं भी और किसी को भी ओनलाइन भेज सकते हैं।
  4. बिटकॉइन अकाउंट ब्लॉक नहीं किया जाता है, जैसे कि कभी-कभी बैंक अकाउंट ब्लॉक कर दिए जाते हैं।
  5. इसमें थर्ड पार्टी की भूमिका नहीं रहती है जिससे कम खर्च में लेन देन किया जाता है।

बिटकॉइन के नुकसान

  1. इलेक्ट्रिसिटी की खपत सबसे बड़ा नुक़सान बिटकॉइन को बनाने में है।
  2. क्योंकि यह डिसेंटरालाइज्ड(विकेन्द्रीकृत) डिजिटल मुद्रा है इसलिये इसपे कोई सरकार नियम नहीं है, इससे गैर-गानुनी काम होने का बड़ा खतरा माना जाता है।
  3. बिटकॉइन का सीमित उपयोग l
  4. बिटकॉइन अपरिवर्तनीय है l
  5. डिजिटल वॉलेट गलती से डिलीट हो जाना, इसके कोड की का भूल जाना, वॉलेट को सुरक्षित ना रखना इत्यादि l

Q.1- दुनिया का सबसे महंगा क्रिप्टोकरेंसी कौनसा है ?

Q.2- बिटकॉइन कब लॉन्च किया गया था ?

Q.3- बिटकॉइन किसने लॉन्च किया ?

उत्तर- सातोशी नाकामोतो l

Q.4- क्या बिटकॉइन को हम छू सकते हैं ?

Q.5- क्या बिटकॉइन खरीदना सुरक्षित है?

उत्तर- बिटकॉइन का कीमत घटता बढ़ता रहता है और भारत में इसे वैध नहीं किया गया है, इसलिये यह सुरक्षित नहीं है l

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