मार्केटिंग की परिभाषा

इन्टरनेट को सशक्त माध्यम की तरह प्रयोग कर के किसी कंपनी या व्यवसाय के विज्ञापन को लक्षित इन्टरनेट उपभोक्ताओं तक पहुचने की प्रक्रिया को डिजिटल मार्केटिंग कहते हैं
विपणन का अर्थ, परिभाषा, क्षेत्र, महत्व
vipnan ka arth paribhasha kshara mahatva;विपणन के वास्तविक अर्थ से अधिकांश व्यक्ति परिचित है तो वही दुसरी और विपणन से बहुत से लोग अपरिचित है विपणन के अन्तर्गत वस्तु के क्रय एवं विक्रय के पहले एवं बाद की सभी क्रयिाओं को शामिल किया जाता है। साधारण शब्दों में किसी वस्तु के क्रय व विक्रय को विपणन कहा जाता है।
विपणन की परिभाषा (vipnan ki paribhasha)
विपणन की परीभाषाएं इस प्रकार से है--
क्लार्क एवं क्लार्क के अनुसार," विपणन में वे सभी प्रयत्न सम्मिलित है जो वस्तु एवं सेवाओं के स्वामित्व हस्तांतरण एवं उनके भौतिक वितरण कार्य में सहायक होते है।"
प्रों पाइल के शब्दों में," विपणन में क्रय एवं विक्रय दोंनों क्रियाए शामिल है।"
फिलिप्स कोटलर के शब्दों में," विपणन मानवीय क्रियाओं के उस समूह को कहते है जो विनिमय को सरल उपयोगी और लाभप्रद बनाती है।"
पॅाल मजूर के अनुसार," विपणन का अर्थ समाज को जिवन स्तर प्रदान करना है। विपणन की यह परीभाषा सरल एवं सामाजिक संदर्भो में विपणन को पारिभाषित करती है साथ ही उपभोक्ता प्रधान भी है एवं सामाजिक संतुष्टि को विपणन का प्रमूख कार्य मानती है इस प्रकार इस परीभाषा में विपणन के विस्तृत अर्थ को व्यक्त करने की क्षमता है हालाकि यह परीभाषा विपणन के क्रार्यकलापों की प्रकृति को स्पष्ट नही करती।"
व्हीलर के अनुसार," विपणन उन समस्त संसाधनों एवं क्रियाओं से संबंधित है जिनसे वस्तु एवं सेवाए उत्पादन से उपभोक्ता तक पहूचती है। व्हीलर ने काफी समय तक अपने द्वारा दी गई परीभाषा में समेटने का प्रयास किया है किन्तु इसके के बाद भी यह परीभाषा विपणन की उपयुक्त परीभाषा नही कही जा सकती है।"
अमेरिकन मार्केटिंग एसोसिएशन समिति के शब्दों में," विपणन उन व्यावसायिक क्रियाओं का निष्पादन है जो की वस्तुओं एवं सेवाओं के प्रवाह को उत्पादन से उपभोक्ताओं तक अथवा उपयोगकर्ताओं की और निर्देशित करता है।"
विपणन की यह परीभाषा एक लंबी अवधी तक प्रचलित रही एवं इसे मान्यता भी मिली किंतु इस परीभाषा को भी संकीर्ण एवं प्राचीन वर्ग के अंतर्गत ही रखा गया क्योंकि यह परीभाषा ग्राहकोन्मूखी न होकर उत्पादोंन्मूखी है। यह परीभाषा बाजार अनुसंधान को विपणन का हिस्सा नही मानती।
विपणन का क्षेत्र
विपणन के क्षेत्र को संकुचति व विस्तृत दोंनो अर्थों में प्रयुक्त किया जाता है। वास्तव में संकुचति अर्थ विपणन संबंधी पुरानी विचार धारा का प्रतीक है संकुचित अर्थ में विपणन क्रिया में वस्तु या सेवा को उत्पादक से उपभोक्ता तक पहुचाने में की जाती है इन विपणन क्रियाओं को वितरण संबंधी क्रिया कहते है। जबकि वही दुसरी और विस्तृत अर्थ आधुनिक विचारधारा का प्रतीक है विपणन के विस्तृत क्षेत्र के अनुसार वस्तु का उत्पादन पूर्ण करने के साथ प्रारंभ नही होती है न ही वस्तु के अंतिम बिक्री के साथ समाप्त हो जाती है अपितु विक्रय के बाद भी विपणन क्रियाए सेवा के रूप में पूर्ण की जाती है ।
विपणन के क्षेत्र की निम्न क्रियाएं इस प्रकार से है--
1. ग्राहक सम्बन्धी निर्णय एवं अनुसंधान
आज के युग में ग्राहक को बाजार का राजा माना जाता है आज के युग में हर उत्पादक और व्यापारि यह जानना चाहता है कि ग्राहकों कि रूचि का स्तर क्या है ग्राहकों कि मूल्य चुकाने कि क्षमता क्या है इन सभी बातों का ध्यान रखकर उत्पादक वस्तु का निमार्ण कर ग्राहकों तक पहुंचाकर उनकी संतुष्टि के लिए लाभ पाना चाहता है।
2. वस्तु के संबंध में विभिन्न बातों का निर्णय लेना
उत्पादक को वस्तु के निमार्ण से पहले विभिन्न बातों के निर्णय लेने होते है जैसे वस्तु का आकार रंग पैकिंग मार्केटिंग की परिभाषा डिजाइन क्या होगा? यह भी विपणन क्षेत्र का प्रमुख अंग है।
उत्पादन एवं उपभोग केन्द्रों के मध्य भैागोंलिक दूरी होती है जिसे कम करने में परिवहन ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है परिवहन का काम वस्तु को उत्पादन स्थान उपभोक्ता तक पहुचाना है परिवहन ने वृहत उत्पादन विशाल वितरण एवं विश्ष्टिीकरण को संभव बनाया है आज के युग में परिवहन के बिना विपणन कि कल्पना भी नही कि जा सकती है। जैसे रेल ट्रक वायुयान डाक सेवा के द्वारा वस्तुओं को एक स्थान से दुसरे स्थान तक पहुंचाया जा सकता है।
4. मूल्य नीति सम्बन्धी निर्णय
विपणन क्रिया में हर उत्पादक और व्यापारिक संस्थान को वस्तु का विपणन करने से पहले एक निणर्य यह भी लेना होता है कि उनकी वस्तु कि कीमत क्या होगी वस्तु कि कीमत तय करते समय ग्राहक कि देय क्षमता तथा वस्तु कि लागत को ध्यान में रखना पडता है।
विपणन क्रियाओं में एक क्रिया यह भी है उत्पादकों को उनके उत्पादन का उचित मूल्य मिल सके इस के लिए भण्डारण कि सुविधा का होना आवश्यक है। भण्डारण कि सुविधा न होने के करण फल दूध शीघ्र खराब होने वाली वस्तुएं मांग व पूर्ति के अनुसार अधिक कम दाम मे बिकती है विपणन कार्य में भण्डारण क्रिया समय उपयोगीता का सृजन करती है।
विपणन का महत्व
vipnan ka mahatva;पहले के समय में मानव की आवश्यकता कम थी मानव अपनी आवश्यकता की वस्तु को स्वयं तैयार करते थे। धीरे-धीरे मानव सुविधाभोंगी होता गया आज के युग में मानव कि आवश्यकता अनेक एवं विविधा पूर्ण है आज के युग में मानव आवश्यकताओं कि पूर्ति के लिए विशाल पैमानें पर उत्पादन कि गतिविधियों में संलगन है। इसी का परिणाम है कि विपणन गतिविधियों का महत्व बढ़ता ही जा हा है। विपणन के महत्व को निम्म शीर्षकों द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है--
1. अनेक वस्तुयें उपयोग के लिए उपलब्ध है
आज के युग में विपणन का क्षेत्र अन्तर्राष्ट्रीय हो गया है जिसके कारण हमें विदेशों में निर्मित वस्तुयें उपयोग के लिए उपलब्ध हो जाती है ।
2. मांग के आधार पर सुचनाएं प्राप्त करना
विपणन के अध्ययन से हमे पता चलता है कि उत्पादक के बदलती हुए मांग एवं परिस्थितियों के बारे में सुचनाएं प्राप्त होती है।
3. अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करना
विपणन के अंतर्गत उत्पाद कि जानकारी उपभोक्ता के पास पहुंचाकर उसके विक्रय को निश्चित किया जाता है यदि विपणन गतिविधियों कें माध्यम से वस्तु विक्रय हेतु कार्यवाही न कि जाए इस कारण यदि उत्पादन विक्रय न हो सके तो इस से अर्थव्यवस्था के विकास में दुविधा उत्पन्न हो सकती है इस प्रकार से विपणन अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाएं रखने में अपना योगदान देती है।
4. अनेक व्यक्तियों को रोजगार
विपणन के कारण वस्तुओं का निर्माण होता है जिसके लिए अधिक मात्रा में मजदरों कि आवश्यकता होती है इसी तहत लोगों को रोजगार प्राप्त होता है। इस तरह यह कहा जा सकता है कि विपणन के अंतर्गत रोजगार का सृजन होता है ।
5. अधिक लाभ अर्जित करने में सहायक
विपणन में कोई भी उत्पादक जब किसी वस्तु का उत्पादन करता है तो उसे वस्तु को उपभोक्ता तक पहुचाने में लोगों की मदद लेनी पडती है मार्केटिंग की परिभाषा जैसे मध्यस्थों माल गोंदामों के मालिकों परिवहन व्यापारियों इत्यादि। विपणन के माध्यम से इन सेवाओं कि जानकारी प्राप्त कर ज्यादा लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
रीमार्केटिंग क्या है?
भले ही आप “रीमार्केटिंग” की परिभाषा नहीं जानते हैं, लेकिन शायद आपको इसका कॉन्सेप्ट पता होगा. रीमार्केटिंग का मतलब यह है कि ऐसी ऑडियंस को दोबारा एंगेज करना जो पहले ही आपके ब्रैंड के साथ इंटरैक्ट कर चुकी है, ताकि उन्हें उनकी दिलचस्पी के हिसाब से ऐक्शन लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके, जैसे कन्वर्ज़न.
जैसे, कस्टमर आपकी साइट पर लॉग इन कर सकते हैं और अपने शॉपिंग कार्ट में प्रोडक्ट जोड़ते हैं, लेकिन उन्हें खरीदते नहीं हैं. कस्टमर की ओर से उनके अकाउंट में दिए गए ईमेल पते का इस्तेमाल करके, आप उन प्रोडक्ट के बारे में याद दिलाते हुए ईमेल भेज कर रीमार्केटिंग कर सकते हैं, जिससे कार्ट को छोड़ने से रोकने में मदद मिलती है.
रीमार्केटिंग क्यों ज़रूरी है?
रीमार्केटिंग डिजिटल मार्केटिंग का एक ज़रूरी हिस्सा है क्योंकि कस्टमर के खरीदारी के सफ़र में समय लगता है. ज़्यादातर खरीदार नए ब्रैंड को नहीं खोजते हैं, उसके कुछ प्रोडक्ट चुनते हैं और एक ही सेशन में अपनी खरीदारी पूरी कर लेते हैं. कई संभावित कस्टमर को किसी ब्रैंड या प्रोडक्ट पर विचार करने में समय लगेगा, वे अपना फ़ैसला लेने से पहले ऑनलाइन कहीं और ब्राउज़ करेंगे या कस्टमर रिव्यू पढ़ेंगे.
इस प्रक्रिया के दौरान, आप चाहते हैं कि खरीदार मार्केटिंग की परिभाषा आपके ब्रैंड को याद रखें, ताकि एक बार जब वे अपनी खरीदारी करने का फ़ैसला लें, तो आपका ब्रैंड उनके टॉप ऑफ़ माइंड में रहे. रीमार्केटिंग से संबंधित डिस्प्ले ऐड ऐसी अन्य साइट और ऐप पर दिखाई देते हैं, जहां आपकी ऑडियंस समय बिता रही है. आप अपने प्रोडक्ट की खास विशेषताओं के बारे में मैसेजिंग शामिल कर सकते हैं या खरीदारों को आपके ब्रैंड पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए डिस्काउंट प्रोमो कोड दे सकते हैं.
बिक्री के बाहर, रीमार्केटिंग ब्रैंड के बारे में जागरूकता, उसे खरीदने पर विचार और विश्वसनीयता को बढ़ाने में भी मदद कर सकती है. हो सकता है कोई खरीदार घर को सुंदर बनाने का सामान देखना शुरू कर रहा है और आप ऐसी कंपनी है जो DIY प्रोजेक्ट के टूल बेचती है. खरीदार आपके ब्रैंड की वेबसाइट पर एजुकेशनल आर्टिकल पढ़ता है, लेकिन उनकी ओर से प्रोजेक्ट को चुनने और टूल खरीदने की अभी कोई संभावना नहीं है. अगर आपका आर्टिकल उपयोगी और जानकारी देता है, तो उन पर आपके ब्रैंड का अच्छा इम्प्रेशन पड़ने की संभावना है. अन्य वेबसाइट, ऐप या सोशल मीडिया पर रीमार्केटिंग ऐड देने से उन्हें आपके ब्रैंड के बारे में याद दिलाने में मदद मिल सकती है और उन्हें आपके और आर्टिकल पढ़ने के लिए फिर से आपकी वेबसाइट पर जाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है. हालांकि अभी भी उनके कन्वर्ज़न होने की संभावना नहीं है, यह स्टेप आपकी ऑडियंस को बढ़ाने और भविष्य के संभावित कस्टमर तक पहुंचने के लिए ज़रूरी है.
मार्केटिंग की परिभाषा
डिजिटल मार्केटिंग आज के समय में प्रयोग की जाने वाली एक महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजी है जिसके माध्यम से कोई भी व्यवसाय अपने उत्पादों या सेवाओं को इन्टरनेट के ऊपर प्रमोट करता है |
डिजिटल मार्केटिंग में डिजिटल का अर्थ है “इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क” या साधारण भाषा में कहा जाये तो इन्टरनेट | मार्केटिंग का शाब्दिक अर्थ है “विपणन” |
इन्टरनेट करोड़ों उपभोक्ताओं द्वारा प्रयोग किया जाने वाला संपर्क और सूचना पाने का माध्यम है | इन्टरनेट पे यदि कोई भी सूचना प्रकाशित होती है तो उसे लाखों लोगो तक पहुचाया जा सकता है, बहुत कम समय में |
फेसबुक, गूगल,यू ट्यूब इत्यादि कुछ प्रमुख वेबसाइट हैं जिनके पास १०० करोड़ से भी अधिक यूजर हैं |
यदि किसी कंपनी को अपने नए या पहले से चल रहे बिज़नस को इन १०० करोड़ से अधिक यूजर तक पहुचना है तो कंपनी फेसबुक, गूगल इत्यादि वेबसाइट पर अपना विज्ञापन कर सकती है |
इन्टरनेट को सशक्त माध्यम की तरह प्रयोग कर के किसी कंपनी या व्यवसाय के विज्ञापन को लक्षित इन्टरनेट उपभोक्ताओं तक पहुचने की प्रक्रिया को डिजिटल मार्केटिंग कहते हैं
Digital Marketing ek aisa process hai jisme kisi product ya service ko digital media ki help se promote kiya jata hai.
डिजिटल मार्केटिंग के क्या फायेदे हैं ?
१. डिजिटल मार्केटिंग में कंपनी अपने व्यवसाय के लिए यूजर को लक्षित कर सकती है |
उदाहरण – १८ – २४ वर्ष की आयु, व्यक्ति का मूल स्थान, व्यक्ति द्वारा बोले जनि वाली भाषा इत्यादि |
इस प्रकार लक्षित व्यक्ति के उत्पादों या सेवाओं को खरीदने की सम्भावना बढ़ जाती है |
२. डिजिटल मार्केटिंग का पूरी तरह से विश्लेषण किया जा सकता है | यूजर की जानकारियां जैसे कि – कितने यूजर ने हमारी वेबसाइट देखी, कितने यूजर ने हमारे विज्ञापन को देखा, कितने यूजर ने विज्ञापन को देख के प्रोडक्ट को ख़रीदा, यूजर किस स्थान से आया, यूजर को किस वेबसाइट ने रेफेरल दिया इत्यादि |
इस प्रकार के विश्लेषण से कोई भी व्यवसाय पदोनात्ति कर सकता है |
३. डिजिटल मार्केटिंग अन्य मार्केटिंग के तरीकों से अधिक किफायती है | यदि आपको खुद डिजिटल मार्केटिंग आती है तो आप बिना किसी पूँजी के इसे प्रारंभ कर सकते हैं |
"macromarketing" शब्दकोश में अंग्रेज़ी का अर्थ
मैक्रोमार्केटिंग विपणन और समाज की गठजोड़ में बड़े / महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित करती है। मैक्रोमर्केटिंग रिसर्च के लिए प्रमुख विद्वानों वाला आउटलेट, जर्नल ऑफ़ मैक्रोमार्केटिंग है मार्केट्स, मार्केटर्स और उनके हितधारकों की एक अधिक परस्पर दुनिया में, मैक्रोमार्केटिंग एक मार्केटिंग के दोनों अवसरों और कमियों का अध्ययन करने के लिए एक महत्वपूर्ण तंत्र है, और दोनों इसके इरादे वाले सकारात्मक प्रभाव और अनदेखी हानिकारक प्रभाव हैं। Macromarketing इसलिए एक आशावादी दृष्टिकोण शामिल हैं; यह विपणन प्रक्रियाओं और प्रणालियों को बढ़ाने के लिए कार्यात्मक तंत्रों की तलाश करता है, जो कि हितधारकों की सबसे बड़ी संख्या के लाभ के लिए, दुनिया भर में है निम्नलिखित पाठ को शल्लत से भारी मात्रा में उधार मिलता है Macromarketing addresses big/important issues at the nexus of marketing and society. The principal scholarly outlet for macromarketing research is the Journal of Macromarketing. In a more interconnected world of markets, marketers, and their stakeholders, macromarketing is an important mechanism to study both opportunities and shortcomings of marketing, and both its intended positive effects and unintended deleterious effects. Macromarketing therefore includes an optimistic perspective; it seeks functional mechanisms to enhance marketing processes and systems, to the benefit of the largest number of stakeholders, the world over. The following text borrows heavily from Shultz.
अंग्रेज़ीशब्दकोश में macromarketing की परिभाषा
शब्दकोश में मैक्रोमार्केटिंग की परिभाषा पूरी विपणन, विपणन प्रणाली और विपणन और अन्य परस्पर प्रभाव के रूप में सभी मार्केटिंग से संबंधित है जो कि समाज और विपणन प्रणालियों के एक दूसरे पर है।
The definition of macromarketing in the dictionary is marketing concerning all marketing as a whole, marketing systems, and the mutual effect that society and marketing systems have on each other.
ध्यान दें: परिभाषा का अंग्रेज़ीमें स्वचालित अनुवाद किया गया है। अंग्रेज़ी में «macromarketing» की मूल परिभाषा देखने के लिए क्लिक करें।
विपणन का अर्थ, परिभाषा, क्षेत्र, महत्व
vipnan ka arth paribhasha kshara mahatva;विपणन के वास्तविक अर्थ से अधिकांश व्यक्ति परिचित है तो वही दुसरी और विपणन से बहुत से लोग अपरिचित है विपणन के अन्तर्गत वस्तु के क्रय एवं विक्रय के पहले एवं बाद की सभी क्रयिाओं को शामिल किया जाता है। साधारण शब्दों में किसी वस्तु के क्रय व विक्रय को विपणन कहा जाता है।
विपणन की परिभाषा (vipnan ki paribhasha)
विपणन की परीभाषाएं इस प्रकार से है--
क्लार्क एवं क्लार्क के अनुसार," विपणन में वे सभी प्रयत्न सम्मिलित है जो वस्तु एवं सेवाओं के स्वामित्व हस्तांतरण एवं उनके भौतिक वितरण कार्य में सहायक होते है।"
प्रों पाइल के शब्दों में," विपणन में क्रय एवं विक्रय दोंनों क्रियाए शामिल है।"
फिलिप्स कोटलर के शब्दों में," विपणन मानवीय क्रियाओं के उस समूह को कहते है जो विनिमय को सरल उपयोगी और लाभप्रद बनाती है।"
पॅाल मजूर के अनुसार," विपणन का अर्थ समाज को जिवन स्तर प्रदान करना है। विपणन की यह परीभाषा सरल एवं सामाजिक संदर्भो में विपणन को पारिभाषित करती है साथ ही उपभोक्ता प्रधान भी है एवं सामाजिक संतुष्टि को विपणन का प्रमूख कार्य मानती है इस प्रकार इस परीभाषा में विपणन के विस्तृत अर्थ को व्यक्त करने की क्षमता है हालाकि यह परीभाषा विपणन के क्रार्यकलापों की प्रकृति को स्पष्ट नही करती।"
व्हीलर के अनुसार," विपणन उन समस्त संसाधनों एवं क्रियाओं से संबंधित है जिनसे वस्तु एवं सेवाए उत्पादन से उपभोक्ता तक पहूचती है। व्हीलर ने काफी समय तक अपने द्वारा दी गई परीभाषा में समेटने का प्रयास किया है किन्तु इसके के बाद भी यह परीभाषा विपणन की उपयुक्त परीभाषा नही कही जा सकती है।"
अमेरिकन मार्केटिंग एसोसिएशन समिति के शब्दों में," विपणन उन व्यावसायिक क्रियाओं का निष्पादन है जो की वस्तुओं एवं सेवाओं के प्रवाह को उत्पादन से उपभोक्ताओं तक अथवा उपयोगकर्ताओं की और निर्देशित करता है।"
विपणन की यह परीभाषा एक लंबी अवधी तक प्रचलित रही एवं इसे मान्यता भी मिली किंतु इस परीभाषा को भी संकीर्ण एवं प्राचीन वर्ग के अंतर्गत ही रखा गया क्योंकि यह परीभाषा ग्राहकोन्मूखी न होकर उत्पादोंन्मूखी है। यह परीभाषा बाजार अनुसंधान को विपणन का हिस्सा नही मानती।
विपणन का क्षेत्र
विपणन के क्षेत्र को संकुचति व विस्तृत दोंनो अर्थों में प्रयुक्त किया जाता है। वास्तव में संकुचति अर्थ विपणन संबंधी पुरानी विचार धारा का प्रतीक है संकुचित अर्थ में विपणन क्रिया में वस्तु या सेवा को उत्पादक से उपभोक्ता तक पहुचाने में की जाती है इन विपणन क्रियाओं को वितरण संबंधी क्रिया कहते है। जबकि वही दुसरी और विस्तृत अर्थ आधुनिक विचारधारा का प्रतीक है विपणन के विस्तृत क्षेत्र के अनुसार वस्तु का उत्पादन पूर्ण करने के साथ प्रारंभ नही होती है न ही वस्तु के अंतिम बिक्री के साथ समाप्त हो जाती है अपितु विक्रय के बाद भी विपणन क्रियाए सेवा के रूप में पूर्ण की जाती है ।
विपणन के क्षेत्र की निम्न क्रियाएं इस प्रकार से है--
1. ग्राहक सम्बन्धी निर्णय एवं अनुसंधान
आज के युग में ग्राहक को बाजार का राजा माना जाता है आज के युग में मार्केटिंग की परिभाषा हर उत्पादक और व्यापारि यह जानना चाहता है कि ग्राहकों कि रूचि का स्तर क्या है ग्राहकों कि मूल्य चुकाने कि क्षमता क्या है इन सभी बातों का ध्यान रखकर उत्पादक वस्तु का निमार्ण कर ग्राहकों तक पहुंचाकर उनकी संतुष्टि के लिए लाभ पाना चाहता है।
2. वस्तु के संबंध में विभिन्न बातों का निर्णय लेना
उत्पादक को वस्तु के निमार्ण से पहले विभिन्न बातों के निर्णय लेने होते है जैसे वस्तु का आकार रंग पैकिंग डिजाइन क्या होगा? यह भी विपणन क्षेत्र का प्रमुख अंग है।
उत्पादन एवं उपभोग केन्द्रों के मध्य भैागोंलिक दूरी होती है जिसे कम करने में परिवहन मार्केटिंग की परिभाषा ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है परिवहन का काम वस्तु को उत्पादन स्थान उपभोक्ता तक पहुचाना है परिवहन ने वृहत उत्पादन विशाल वितरण एवं विश्ष्टिीकरण को संभव बनाया है आज के युग में परिवहन के बिना विपणन कि कल्पना भी नही कि जा सकती है। जैसे रेल ट्रक वायुयान डाक सेवा के द्वारा वस्तुओं को एक स्थान से दुसरे स्थान तक पहुंचाया जा सकता है।
4. मूल्य नीति सम्बन्धी निर्णय
विपणन क्रिया में हर उत्पादक और व्यापारिक संस्थान को वस्तु का विपणन करने से पहले एक निणर्य यह भी लेना होता है कि उनकी वस्तु कि कीमत क्या होगी वस्तु कि कीमत तय करते समय ग्राहक कि देय क्षमता तथा वस्तु कि लागत को ध्यान में रखना पडता है।
विपणन क्रियाओं में एक क्रिया यह भी है उत्पादकों को उनके उत्पादन का उचित मूल्य मिल सके इस के लिए भण्डारण कि सुविधा का होना आवश्यक है। भण्डारण कि सुविधा न होने के करण फल दूध शीघ्र खराब होने वाली वस्तुएं मांग व पूर्ति के अनुसार अधिक कम दाम मे बिकती है विपणन कार्य में भण्डारण क्रिया समय उपयोगीता का सृजन करती है।
विपणन का महत्व
vipnan ka mahatva;पहले के समय में मानव की आवश्यकता कम थी मानव अपनी आवश्यकता की वस्तु को स्वयं तैयार करते थे। धीरे-धीरे मानव सुविधाभोंगी होता गया आज के युग में मानव कि आवश्यकता अनेक एवं विविधा पूर्ण है आज के युग में मानव आवश्यकताओं कि पूर्ति के लिए विशाल पैमानें पर उत्पादन कि गतिविधियों में संलगन है। इसी का परिणाम है कि विपणन गतिविधियों का महत्व बढ़ता ही जा हा है। विपणन के महत्व को निम्म शीर्षकों द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है--
1. अनेक वस्तुयें उपयोग के लिए उपलब्ध है
आज के युग में विपणन का क्षेत्र अन्तर्राष्ट्रीय हो गया है जिसके कारण हमें विदेशों में निर्मित वस्तुयें उपयोग के लिए उपलब्ध हो जाती है ।
2. मांग के आधार पर सुचनाएं प्राप्त करना
विपणन के अध्ययन से हमे पता चलता है कि उत्पादक के बदलती हुए मांग एवं परिस्थितियों के बारे में सुचनाएं प्राप्त होती है।
3. अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करना
विपणन के अंतर्गत उत्पाद कि जानकारी उपभोक्ता के पास पहुंचाकर उसके विक्रय को निश्चित किया जाता है यदि विपणन गतिविधियों कें माध्यम से वस्तु विक्रय हेतु कार्यवाही न कि जाए इस कारण यदि उत्पादन विक्रय न हो सके तो इस से अर्थव्यवस्था के विकास में दुविधा उत्पन्न हो सकती है इस प्रकार से विपणन अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाएं रखने में अपना योगदान देती है।
4. अनेक व्यक्तियों को रोजगार
विपणन के कारण वस्तुओं का निर्माण होता है जिसके लिए अधिक मात्रा में मजदरों कि आवश्यकता होती है इसी तहत लोगों को रोजगार प्राप्त होता है। इस तरह यह कहा जा सकता है कि विपणन के अंतर्गत रोजगार का सृजन होता है ।
5. अधिक लाभ अर्जित करने में सहायक
विपणन में कोई भी उत्पादक जब किसी वस्तु का उत्पादन करता है तो उसे वस्तु को उपभोक्ता तक पहुचाने में लोगों की मदद लेनी पडती है जैसे मध्यस्थों माल गोंदामों के मालिकों परिवहन व्यापारियों इत्यादि। विपणन के माध्यम से इन सेवाओं कि जानकारी प्राप्त कर ज्यादा लाभ प्राप्त किया जा सकता है।