Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है?

आपने भी लगाया है इक्विटी फंड में पैसा? जानें कब निकलें पोर्टफोलियों से बाहर
नई दिल्ली. वित्तीय सलाहकार अक्सर किसी के करियर में जितनी जल्दी हो सके एक निवेश रणनीति शुरू करने की सलाह देते हैं. वैसे तो मार्केट में निवेश के कई ऑप्शन हैं लेकिन म्यूचुअल फंड निवेश (Mutual Funds Investment) को लेकर पिछले कुछ सालों में निवेशकों का रुझान काफी तेजी से बढ़ा है. लंबी अवधि के लक्ष्य के साथ म्यूचुअल फंड में निवेश पर कम्पाउंडिंग के साथ-साथ रुपी कॉस्ट एवरेजिंग का फायदा निवेशकों को होता है.
म्यूचुअल फंड की खासियत यह है कि आप एकमुश्त निवेश के अलावा SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के जरिए मंथली निवेश भी कर सकते हैं. अगर लंबी अवधि में अच्छा-खासा फंड बनाना चाहते हैं, तो म्यूचुअल फंड एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है. हालाँकि, इक्विटी म्यूचुअल फंड बाज़ार-आधारित जोखिमों से संबंधित हैं, कोई भी निरंतर रिटर्न की उम्मीद नहीं कर सकता है. आपके म्यूचुअल फंड रिटर्न बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित होते हैं.
इसके लिए स्टॉक म्युचुअल फंड इकाइयों को कब बेचना है और कब इक्विटी बाजार में फिर से प्रवेश करना है, इसके बारे में भी जानकारी होनी चाहिए. अगर आप भी म्यूचुअल फंड से पैसा निकालने की सोच रहे हैं तो ऐसा करने से पहले आपको उसके कारणों का पता करना चाहिए.
>> सबसे पहले अपने निवेश पोर्टफोलियो में शेयरों के एक्सपोजर का पता लगाएं. पैसा बनाने के लिए एसेट एलोकेशन का अनुशासन बहुत जरूरी है.
>> इक्विटी में निवेश करने पर लॉन्ग टर्म में अधिक पैसा बनाने में मदद मिलती है. मार्केट में तो उतार-चढ़ाव होता रहता है. लेकिन, लंबी अवधि में यह सामान्य हो जाता है. सच तो यह है कि सिप से आपको इन उतार-चढ़ावों का लाभ उठाने में मदद मिलती है.
>> फंड का प्रदर्शन खराब हो तो उसे बेच देना ठीक रहता है. हालांकि, कम से कम दो-तीन साल की अवधि को सामने रखकर तुलना करें. अगर फंड ने पिछले कुछ वर्षों में बेंचमार्क इंडेक्स या प्रतिद्वंद्वी फंडों से कमतर प्रदर्शन किया हो तो उसका साथ छोड़ना ठीक होगा.
>> कुछ निवेशक सेफ्टी के लिए ज्यादा विकल्पों में पैसा लगाते हैं. कई सूची में शीर्ष पर रहने वाले विकल्प चुनते हैं. अंत में उनके पोर्टफोलियो में घालमेल हो जाता है जो उन पर नजर रखना मुश्किल बना देता है. आपको एक जैसे फंडों में कुछ को निकाल देना चाहिए. अगर आपके पास 3-4 लार्ज इक्विटी फंड हैं Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है? तो उनमें से 2-3 को हटा देना चाहिए.
ELSS में करना है निवेश तो ध्यान रखें ये बातें वरना हो जाएगा नुकसान
ELSS: बाजार में ऐसी बहुत सी स्कीम हैं, जहां निवेश करने पर आपको टैक्स का फायदा मिलता है। डाकघर, बैंक से लेकिर कैपिटल मार्केट में ऐसी बहुत सी स्कीम हैं. हालांकि ज्यादातर स्कीम में लॉक इन के भी नियम हैं, जहां एक समय के पहले पैसे नहीं निकाल सकते हैं।
बाजार में ऐसी कई Equity Linked Saving Scheme स्कीम हैं, जिन्होंने निवेशकों को लंबी अवधि में शानदार रिटर्न दिया है। इन्हीं में एक है SBI म्यूचुअल फंड की SBI Long Term Equity Fund स्कीम।
ELSS में निवेश करते वक्त इन बातों का रखें ध्यान
- Lock-in period
- Investment Limit
- Systematic investment
- Lump sum investment
- Top-up option available
- Diversification and risk mitigation
- Taxes on capital gains from ELSS
- How to select the right ELSS fund
ELSS Mutual Fund में निवेश करते वक्त इन आठ बातों को ध्यान में रखकर निवेश करने से काफी बेनेफिट्स मिल सकते हैं. वहीं निवेश के साथ ही टैक्स में बचत का लाभ भी उठाया जा सकता है.
ELSS में कितना होगा निवेश
इस फंड में कम से कम एकमुश्त निवेश 500 रु किया जा सकता है। वहीं कम से कम SIP भी 500 रु है. अचछी बात यह है कि इसका लॉक इन पीरियड 3 साल का ही है। फंड का कुल एसेट्स 31 दिसंबर 2021 तक 10192 करोड़ रुपय है। जबकि उसी डेट तक एक्सपेंस रेश्यो 1.75 फीसदी है।
20 साल में 21% CAGR
SBI Long Term Equity Fund ने लंबी अवधि में निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया है। यह फंड 31 मार्च 1993 में लॉन्च हुआ था। लॉन्च के बाद से ही इसने 16.34 फीसदी सीएजीआर के हिसाब से रिटर्न दिया है। यहां 20 साल में निवेशकों को 21 फीसदी सीएजीआर के हिसाब से रिटर्न मिला है।
20 साल में इस फंड ने निवेशकों के पैसे करीब 50 गुना कर दिए हैं. यानी जिन्होंने यहां 1 लाख रुपये लगाए थे, उनके पैसे 20 साल में 50 लाख रुपये से ज्यादा हो गया है। वहीं 20 साल में 500 रुपये मंथली SIP करने वालों को 1 करोड़ रुपये का फंड मिला।
इस फंड में जिसने हर महीने की 10 हजार की SIP, 27 साल बाद इतने करोड़ हो गई उसकी रकम
अगर आप भी शेयर मार्केट में पैसा इन्वेस्ट करना चाहते हैं, लेकिन इसमें होने वाले अप एंड डाउन का रिस्क नहीं उठा सकते तो म्युचुअल फंड (Mutual Fund) आपके लिए सबसे बेस्ट ऑप्शन है। म्युचुअल फंड में आप चाहें तो हर महीने अपनी बचत का एक हिस्सा SIP (Systematic Investment Plan) में लगा सकते हैं।
Nippon India Growth Fund: अगर आप भी शेयर मार्केट में पैसा इन्वेस्ट करना चाहते हैं, लेकिन इसमें होने वाले अप एंड डाउन का रिस्क नहीं उठा सकते तो म्युचुअल फंड (Mutual Fund) आपके लिए सबसे बेस्ट ऑप्शन है। म्युचुअल फंड में आप चाहें तो हर महीने अपनी बचत का एक हिस्सा SIP (Systematic Investment Plan) में लगा सकते हैं। यहां हर महीने किया गया छोटा-छोटा इन्वेस्टमेंट कुछ सालों में आपको बहुत बड़ा रिर्टन दे सकता है।
हर महीने लगाएं 10 हजार, मिल सकते हैं 13 करोड़ :
SIP में आप अलग-अलग म्युचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं। यहां तक कि आप अगर हर महीने 10 हजार रुपए का निवेश 27 साल तक करते हैं तो आपको करीब 13 करोड़ रुपए मिल सकते हैं। बता दें कि 4 स्टार रेटिंग वाले एक म्यूचुअल फंड ने 27 साल में 10,000 रुपए की एसआईपी के इन्वेस्टमेंट को 13 करोड़ रुपए बना दिया। अगर कोई शख्स 30 साल की उम्र से भी इस फंड में निवेश करता है तो रिटायरमेंट यानी 60 साल की उम्र तक उसे बड़े आराम से 13 करोड़ रुपए मिल सकते हैं।
आखिर कौन सा है ये फंड?
निप्पॉन इंडिया ग्रोथ फंड (Nippon india growth fund) एक मिड कैप फंड है, जो मिड कैप स्टॉक्स (Mid Cap Stocks) में आपके पैसे को इन्वेस्ट करता है। इन्वेस्टर्स को लॉन्गटर्म में शानदार रिटर्न चाहिए तो यह फंड काफी अच्छा हो सकता है। यह म्युचुअल फंड 27 साल पहले यानी 8 अक्टूबर, 1995 को लॉन्च किया गया था। लॉन्च से लेकर अब तक अगर किसी ने इस फंड में पैसा लगाया है तो पिछले 27 सालो में उसे 22.29% का सीएजीआर (Compound Annual Growth Rate) मिल चुका है।
अब तक ऐसी रही परफॉर्मेंस :
निप्पॉन Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है? इंडिया ग्रोथ फंड (Nippon india growth fund) ने पिछले तीन सालों में 27.53% का एनुअल Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है? SIP रिटर्न दिया है। ऐसे में अगर आपने इसमें 10,000 रुपए महीने की एसआईपी की है तो तीन साल में आपका कुल जमा पैसा 3.60 लाख रुपए होता है, जो कि 27.53% के रिटर्न के हिसाब से बढ़कर 5.31 लाख रुपए होता है। वहीं, पिछले 5 सालों में इस फंड ने 21.10% का रिटर्न दिया है। इस हिसाब से हर महीने आपके 10,000 रुपए का निवेश 6 लाख रुपए होता है, जो कि 21.10% के रिटर्न के बाद 10 लाख रुपए हो जाता है।
Disclaimer: बताया गया रिटर्न म्युचुअल फंड की परफॉर्मेंस पर निर्भर करता है। निवेश करने से पहले सभी तरह के रिस्क फैक्टर्स को जांच लें।
ELSS में करना है निवेश तो ध्यान रखें ये बातें वरना हो जाएगा नुकसान
ELSS: बाजार में ऐसी बहुत सी स्कीम हैं, जहां निवेश करने पर आपको टैक्स का फायदा मिलता है। डाकघर, बैंक से लेकिर कैपिटल मार्केट में ऐसी बहुत सी स्कीम हैं. हालांकि ज्यादातर स्कीम में लॉक इन के भी नियम हैं, जहां एक समय के पहले पैसे नहीं निकाल सकते हैं।
बाजार में ऐसी कई Equity Linked Saving Scheme स्कीम हैं, जिन्होंने निवेशकों को लंबी अवधि में शानदार रिटर्न दिया है। इन्हीं में एक है SBI म्यूचुअल फंड की SBI Long Term Equity Fund स्कीम।
ELSS में निवेश करते वक्त इन बातों का रखें ध्यान
- Lock-in period
- Investment Limit
- Systematic investment
- Lump sum investment
- Top-up option available
- Diversification and risk mitigation
- Taxes on capital gains from ELSS
- How to select the right ELSS fund
ELSS Mutual Fund में निवेश करते वक्त इन आठ बातों को ध्यान में रखकर निवेश करने से काफी बेनेफिट्स मिल सकते हैं. वहीं निवेश के साथ ही टैक्स में बचत का लाभ भी उठाया जा सकता है.
ELSS में कितना होगा निवेश
इस फंड में कम से कम एकमुश्त निवेश 500 रु किया जा सकता है। वहीं कम से कम SIP भी 500 रु है. अचछी बात यह है कि इसका लॉक इन पीरियड 3 साल का ही है। फंड का कुल एसेट्स 31 दिसंबर 2021 तक 10192 करोड़ रुपय है। जबकि उसी डेट तक एक्सपेंस रेश्यो 1.75 फीसदी है।
20 साल में 21% CAGR
SBI Long Term Equity Fund ने लंबी अवधि में निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया है। यह फंड 31 मार्च 1993 में लॉन्च हुआ था। लॉन्च के बाद से ही इसने 16.34 फीसदी सीएजीआर के हिसाब से रिटर्न दिया है। यहां 20 साल में निवेशकों को 21 फीसदी सीएजीआर के हिसाब से रिटर्न मिला है।
20 साल में इस फंड ने निवेशकों के पैसे करीब 50 गुना कर दिए हैं. यानी जिन्होंने यहां 1 लाख रुपये लगाए थे, उनके पैसे 20 साल में 50 लाख रुपये से ज्यादा हो गया है। वहीं 20 साल में 500 रुपये मंथली SIP करने वालों को 1 करोड़ रुपये का फंड मिला।