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Crypto Price: क्रिप्टो मार्केट में हाहाकार, BitCoin फिसलकर आया 19 हजार डॉलर के नीचे, चेक करें टॉप-10 करेंसीज के भाव

Crypto Price: BitCoin के भाव पिछले 24 घंटे में कमजोर हुए हैं लेकिन क्रिप्टो मार्केट में स्थिति मजबूत हुई है

Crypto Price: क्रिप्टो मार्केट में आज हाहाकार मचा हुआ है। मार्केट कैप के हिसाब से टॉप-10 क्रिप्टो में लगभग सभी करेंसीज के भाव औंधे मुंह गिरे पड़े हैं। (Image- Pixabay)

Crypto Price: क्रिप्टो मार्केट में आज (13 अक्टूबर) हाहाकार मचा हुआ है। मार्केट कैप के हिसाब से टॉप-10 क्रिप्टो में लगभग सभी करेंसीज के भाव औंधे मुंह गिरे पड़े हैं। मार्केट कैप के हिसाब से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (BitCoin) की बात करें तो इसके भाव एक बार फिर 19 हजार डॉलर के नीचे फिसल गए हैं।

एक बिटकॉइन अभी 0.96 फीसदी की गिरारवट के साथ 18,989.36 डॉलर (15.63 लाख रुपये) के भाव (खबर लिखे जाने के समय) पर मिल रहा है। वहीं पूरे क्रिप्टो मार्केट की बात करें तो पिछले 24 घंटे में वैश्विक मार्केट कैप में 2.08% की गिरावट क्रिप्टो कोड आई है और अब यह 90.60 हजार करोड़ डॉलर (74.59 लाख करोड़ रुपये) पर है।

Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए

Crypto Trading : क्रिप्टोकरेंसी ट्रेड ब्लॉकचेन तकनीक पर काम करती है और निवेश को सुरक्षित रखने के लिए एन्क्रिप्शन कोड का इस्तेमाल करती है. आप अपने क्रिप्टो टोकन या तो सीधे बायर को बेच सकते हैं या फिर ज्यादा सुरक्षित रहते हुए एक्सचेंज पर ट्रेडिंग कर सकते हैं.

Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए

Cryptocurrency Trading : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर है बहुत से भ्रम. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एन्क्रिप्शन के जरिए सुरक्षित रहने वाली एक डिजिटल करेंसी है. माइनिंग के जरिए नई करेंसी या टोकन जेनरेट किए जाते हैं. माइनिंग का मतलब उत्कृष्ट कंप्यूटरों पर जटिल गणितीय समीकरणों को हल करने से है. इस प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं और इसी तरह नए क्रिप्टो कॉइन जेनरेट होते हैं. लेकिन जो निवेशक होते हैं, वो पहले से मौजूद कॉइन्स में ही ट्रेडिंग कर सकते हैं. क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव का कोई हिसाब नहीं रहता है. मार्केट अचानक उठता है, अचानक गिरता है, इससे बहुत से लोग लखपति बन चुके हैं, लेकिन बहुतों ने अपना पैसा भी उतनी ही तेजी से डुबोया है.

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अगर आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग को लेकर कुछ कंफ्यूजन है कि आखिर यह कैसे काम करता है, तो आप अकेले नहीं हैं. बहुत से लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि वर्चुअल करेंसी में कैसे निवेश करें. हम इस एक्सप्लेनर में यही एक्सप्लेन करने की कोशिश कर रहे हैं कि आप क्रिप्टोकरेंसी में कैसे निवेश कर सकते हैं, और क्या आपको निवेश करना चाहिए.

क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी क्या है, ये समझने के लिए समझिए कि यह क्या नहीं है. यह हमारा ट्रेडिशनल, सरकारी करेंसी नहीं है, लेकिन इसे लेकर स्वीकार्यता बढ़ रही है. ट्रेडिशनल करेंसी एक सेंट्रलाइज्ड डिस्टिब्यूशन यानी एक बिंदु से वितरित होने वाले सिस्टम पर काम करती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नॉलजी, ब्लॉकचेन, के जरिए मेंटेन किया जाता है. इससे इस सिस्टम में काफी पारदर्शिता रहती है, लेकिन एन्क्रिप्शन के चलते एनॉनिमिटी रहती है यानी कि कुछ चीजें गुप्त रहती हैं. क्रिप्टो के समर्थकों का कहना है कि यह वर्चुअल करेंसी निवेशकों को यह ताकत देती है कि आपस में डील करें, न कि ट्रेडिशनल करेंसी की तरह नियमन संस्थाओं के तहत.

क्रिप्टो एक्सचेंज का एक वर्चुअल माध्यम है. इसे प्रॉडक्ट या सर्विस खरीदने के लिए इस्तेमाल में लिया जा सकता है. जो क्रिप्टो ट्रांजैक्शन होते हैं. उन्हें पब्लिक लेज़र यानी बहीखाते में रखा जाता है और क्रिप्टोग्राफी से सिक्योर किया जाता है.

क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग कैसे होती है?

इसके लिए आपको पहले ये जानना होगा कि यह बनता कैसे है. क्रिप्टो जेनरेट करने की प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं. और ये काम बहुत ही उत्कृष्ट कंप्यूटर्स में जटिल क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन्स यानी समीकरणों को हल करके किया जाता है. इसके बदले में यूजर को रिवॉर्ड के रूप में कॉइन मिलती है. इसके बाद इसे उस कॉइन के एक्सचेंज पर बेचा जाता है.

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कौन कर सकता है ट्रेडिंग?

ऐसे लोग जो कंप्यूटर या टेक सैवी नहीं हैं, वो कैसे क्रिप्टो निवेश की दुनिया में प्रवेश कर सकते हैं? ऐसा जरूरी नहीं है कि हर निवेशक क्रिप्टो माइनिंग करता है. अधिकतर निवेशक बाजार में पहले से मौजूद कॉइन्स या टोकन्स में ट्रेडिंग करते हैं. क्रिप्टो इन्वेस्टर बनने के लिए माइनर बनना जरूरी नहीं है. आप क्रिप्टो कोड असली पैसों से एक्सचेंज पर मौजूद हजारों कॉइन्स और टोकन्स में से कोई भी खरीद सकते हैं. भारत में ऐसे बहुत सारे एक्सचेंज हैं तो कम फीस या कमीशन में ये सुविधा देते हैं. लेकिन यह जानना जरूरी है क्रिप्टो कोड कि क्रिप्टो में निवेश जोखिम भरा है और मार्केट कभी-कभी जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखता है. इसलिए फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स निवेशकों से एक ही बार में बाजार में पूरी तरह घुसने की बजाय रिस्क को झेलने की क्षमता रखने की सलाह देते हैं.

यह समझना भी जरूरी है कि सिक्योर इन्वेस्टमेंट, सेफ इन्वेस्टमेंट नहीं होता है. यानी कि आपका निवेश ब्लॉकचेन में तो सुरक्षित रहेगा लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव का असर इसपर होगा ही होगा, इसलिए निवेशकों को पैसा लगाने से पहले जरूरी रिसर्च करना चाहिए.

क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल क्या है?

यह डिजिटल कॉइन उसी तरह का निवेश है, जैसे हम सोने में निवेश करके इसे स्टोर करके रखते हैं. लेकिन अब कुछ कंपनियां भी अपने प्रॉडक्ट्स और सर्विसेज़ के लिए क्रिप्टो में पेमेंट को समर्थन दे रही हैं. वहीं, कुछ देश तो इसे कानूनी वैधता देने पर विचार कर रहे हैं.

Crypto News: सॉफ्टवेयर बग की वजह से यूजर को मिली नौ करोड़ डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी, हाथ जोड़कर सीईओ मांग रहा वापस

Cryptocurrency एक बग आ जाने की वजह से किसी यूजर के पास 9 करोड़ डॉलर की क्रिप्‍टोकरेंसी चली गई। अब इसे वापस लेने के लिए कंपनी के सीईओ हाथ जोड़कर निवेदन कर रहे हैं।

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क्या है गड़बड़ी की वजह?
फाइनेंस प्लेटफार्म कंपाउंड में आई तकनीकी खराबी की वजह से किसी अनजान यूजर के अकाउंट में क्रिप्टो करेंसी ट्रांसफर हो जाना वास्तव में क्रिप्टो करेंसी प्लेटफॉर्म के लिए ब्लैक आई की तरह है। यह ट्रेडिशनल फाइनेंस सिस्टम की तुलना में क्रिप्टो को अधिक जोखिम भरा बनाता है। DeFI प्लेटफार्म में कोई बैंक या अन्य मिडलमैन शामिल नहीं होता, जो फंड पर नजर रख सके। इसलिए स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट पर ही भरोसा करना पड़ता है। यहां यूजर्स पर कंप्यूटर कोड द्वारा ही नियंत्रण किया जा सकता है।

कोड ही है कानून
इस मामले में क्रिप्टो करेंसी ट्रांसफर होने से जुड़ी गड़बड़ियों के बारे में कहा गया है कि क्रिप्टो करेंसी की दुनिया में कोड ही कानून है। कंप्यूटर कोड ही पूरे सिस्टम को गवर्न करते हैं। आलोचकों का कहना है कि इस कोड में गलतियां हो सकती हैं जिसकी वजह से अन्य यूजर्स को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

COMP की वजह क्या?
कंपाउंड में यह समस्‍या बुधवार को शुरू हुई थी, जब यूजर्स ने कंपाउंड के प्लेटफॉर्म के अपडेट को मंजूरी दे दी, जिसमें एक बग था। कंपाउंड लैब्स इंक के सीईओ रॉबर्ट लेशनर ने ट्विटर पर लिखा कि बग कुछ यूजर्स के लिए बहुत अधिक सीओएमपी (COMP) का कारण बना, लेकिन चूंकि मंच विकेंद्रीकृत है और वेटिंग पीरियड की जरूरत है, तो न उनकी कंपनी और न ही किसी और के पास टोकन बांटने को रोकने की क्षमता है। सीओएमपी एक प्रकार का टोकन है, जिसकी शुक्रवार को कीमत 319 डॉलर प्रति कॉइन थी।

एक्सपर्ट की राय
अमेरिकंस फॉर फाइनेंशियल रिफॉर्म के सीनियर पॉलिसी एनालिस्‍ट एंड्रयू पार्क ने कहा, "मौजूदा बैंकिंग प्रणाली की आलोचना करने की कई वजहें हैं, लेकिन क्रिप्टो कोड इस तरह की चीजों को होने से रोकने के लिए बहुत सारे सुरक्षा उपाय हैं। अगर मेरे पास कंपाउंड में मेरा पैसा जमा है, तो अब मुझे उस सिस्टम में कितना विश्वास रहेगा?"
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कैसे क्रिप्टो ट्रेडिंग एक्सचेंज Unocoin से आप कमा सकते हैं ट्रेडिंग फीस का 51%

कैसे क्रिप्टो ट्रेडिंग एक्सचेंज Unocoin से आप कमा सकते हैं ट्रेडिंग फीस का 51%

क्रिप्टो ट्रेडिंग एक्सचेंज Unocoin ने अपने प्लेटफॉर्म के जरिए ट्रेडिंग करने वाली यूजर्स के लिए रेफर एंड अर्न प्रोग्राम (Refer and Earn programme) की घोषणा की है. यह प्रोग्राम मौजूदा यूजर्स को उनके रेफरी [जिसे रेफर किया गया है] द्वारा किए गए प्रत्येक ट्रांजेक्शन की ट्रेडिंग फीस का 51% कमाने देता है. इसके अलावा, ट्रांजेक्शन पूरा होने के बाद यूजर्स अपने वॉलेट से इस रेफरल इनकम का उपयोग कर सकते हैं. 2013 में बेंगलुरु में शुरू हुआ Unocoin स्टार्टअप YourStory की 'TECH30' लिस्ट में शुमार है.

रेफर एंड अर्न प्रोग्राम के जरिए क्रिप्टो कोड मौजूदा यूजर्स अपने ग्रुप के अन्य लोगों को Unocoin के बारे में बता सकते हैं. इससे वे बिटकॉइन समेत अन्य क्रिप्टो एसेट्स और यूनोकॉइन जैसे प्लेटफॉर्म के बारे में जान पाएंगे. इस प्लेटफॉर्म पर वे 87+ क्रिप्टो एसेट्स में ट्रेडिंग कर सकते हैं.

प्लेटफ़ॉर्म का इंटरफ़ेस उपयोग में आसान और सरल है. मान लीजिए एक ट्रेडर अतिरिक्त पैसे कमाना चाहते हैं. उस स्थिति में, वे अपना यूनिक यूनोकॉइन रेफरल कोड शेयर कर सकते हैं और अपने दोस्तों या परिवार के सदस्यों को रेफर कर सकते हैं. जब रेफरी साइन अप करते समय रेफरर [रेफर करने वाले] के कोड का उपयोग करता है, तो रेफरर और रेफरी का अकाउंट लिंक हो जाएगा.

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सांकेतिक चित्र (freepik)

रेफरी को Unocoin पर किसी भी प्रकार की ट्रेडिंग करने के लिए अपना KYC वैरिफिकेशन करवाना होगा. एक बार जब वे ट्रेडिंग शुरू कर देते हैं, तो संबंधित रेफरल इनकम संबंधित रेफरर के Unocoin अकाउंट में जमा कर दी जाएगी. रेफरर क्रिप्टो कोड को उनके रेफ़री द्वारा प्लेटफ़ॉर्म पर की गई किसी भी खरीदारी से होने वाली कमाई का 51% प्राप्त होगा.

प्रत्येक यूजर के सफल साइनअप पर, Unocoin को 10,000 SHIBA INU का वेलकम बोनस दिया जाता है. नये यूजर इस वेलकम बोनस का उपयोग किसी भी ट्रेडिंग के लिए कर सकते है. SHIBA INU सबसे लोकप्रिय मीम कॉइन्स (meme coins) में से एक है जिसे मशहूर हस्तियों और अनुभवी क्रिप्टो खिलाड़ियों से बहुत प्रचार मिल रहा है.

Unocoin के सीईओ और को-फाउंडर सात्विक विश्वनाथ ने कहा, "हमें रेफरल प्रोग्राम के लॉन्च की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है. यह मौजूदा यूजर्स के लिए कमाई करने का सुनहरा मौका है. Unocoin पर वैरिफाइड अकाउंट वाला कोई भी Unocoiner किसी को भी ऐप के बारे में रेफर कर सकता है. रेफरी रेफरर के यूनिक रेफरल कोड का उपयोग करके यूनोकॉइन में साइन अप कर सकता है. सफल KYC [know your customer] वैरिफिकेशन के बाद, एक वेलकम बोनस के रूप में 10,000 SHIBA INU प्राप्त कर सकता है. उपयोग में आसान इंटरफेस और कम लागत पर हाई क्वालिटी वाली सर्विसेज के साथ, यूनोकॉइन अपने यूजर्स को सबसे अच्छा ट्रेडिंग अनुभव और कम फीस, हाई सिक्योरिटी, और निर्बाध डिपोजिट्स और विद्ड्रॉल जैसी विभिन्न सुविधाएं देता है."

Binance के बॉस ने कहा क्रिप्टो कारोबार के लिए भारत में स्थितियां अनुकूल नहीं

भारत में क्रिप्टोकारोबार पर लागू भारी टैक्स ने ग्लोबल कंपनियों के लिए भारत में कारोबार करना मुश्किल बना दिया है

क्रिप्टो एक्सचेंज बिनांस (crypto exchange Binance) के को-फाउंडर और सीईओ चांगपेंग झाओ (Changpeng Zhao) ने कहा है कि उनको वर्तमान में भारत में क्रिप्टो मार्केट के लिए कोई बड़ी संभावना नजर नहीं आ रही है। उन्होंने आगे कहा "मुझे नहीं लगता है कि भारत में बहुत अच्छा क्रिप्टो फ्रेंडली माहौल है"। बता दें कि चांगपेंग झाओ को क्रिप्टो इंडस्ट्री का सबसे प्रभावशाली व्यक्तित्व माना जाता है। उन्होंने ये बातें TechCrunch क्रिप्टो क्रॉन्फ्रेंस के दौरान कही।

झाओं की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब क्रिप्टो बाजार बिनांस के प्रतिद्वंदी FTX के ढ़हने के दर्द से गुजर रहा है। यह क्रिप्टो इंडस्ट्री के किसी दिग्गज द्वारा आया अपनी तरह की पहला सार्वजनिक बयान है। गौरतलब है कि भारत की क्रिप्टो इंडस्ट्री सरकार के टैक्स और रेगुलेटरी रूल्स के अनिश्चितता से लगातार दबाव में है। गुरुवार को झाओ ने भारत में क्रिप्टो कारोबार पर लगने वाले टैक्स पर भी टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि “भारत में क्रिप्टोकारोबार पर लागू भारी टैक्स ने ग्लोबल कंपनियों के लिए भारत में कारोबार करना मुश्किल बना दिया है।”

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