मार्केटप्लेस

मार्केटप्लेस
CSC SPV द्वारा कृषि सेवा ई-मार्केटप्लेस लॉन्च किया गया
कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) ई–गवर्नेंस इंडिया लिमिटेड ने एक अद्वितीय कृषि सेवा पोर्टल का अनावरण किया है जो छोटे किसानों के लिए वन-स्टॉप डेस्टिनेशन और मार्केटप्लेस के रूप में कार्य करेगा।
उद्देश्य:
छोटे और सीमांत किसानों को सशक्त बनाना, जो भारत मार्केटप्लेस के कृषक समुदाय का 86 प्रतिशत हिस्सा हैं।
कृषि सेवा ई–मार्केटप्लेस के बारे में:
पोर्टल “www.मार्केटप्लेस cscagri.in” किसानों को आसानी से और सस्ती कीमत पर सेवाएं प्रदान करेगा।
छोटे और सीमांत किसान, जिनकी डिजिटल दुनिया तक आसान पहुंच नहीं है, इस पोर्टल के माध्यम से आवश्यक कृषि सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
प्रदान की गई सुविधाएं:
i.किसान ई-मार्ट के माध्यम से विलेज लेवल एन्त्रेप्रेंयूर्स(VLE) और फार्मर प्रोडूसर ओर्गानिसेशंस(FPO) की मदद से कृषि-इनपुट उत्पादों को खरीदना।
ii.पोर्टल पर होस्ट किए गए MOVR एप्लिकेशन के माध्यम से कृषि उपकरणों और मशीनरी को किराए पर देना और किराए पर लेना।
iii.मृदा परीक्षण
iv.कृषि उपज की बिक्री।
v.ICAR के कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिकों के साथ टेली-परामर्श।
vi.ऋण और बीमा सुविधा।
किसानों के लिए विभिन्न सरकारी योजनाएं भी उपलब्ध होंगी जिनमें शामिल हैं,
- किसान क्रेडिट कार्ड
- PM फसल बीमा योजना
- PM किसान सम्मान निधि
- PM किसान मान धन योजना
CSC SPV के बारे में:
i.CSC SPV इलेक्ट्रॉनिक्स और IT मंत्रालय के तहत एक स्पेशल पर्पस व्हीकल (SPV) है जो उपभोक्ताओं को अपने सामान्य सेवा केंद्रों के माध्यम से कई इलेक्ट्रॉनिक सेवाएं प्रदान करता है।
ii.CSC SPV वर्तमान में लगभग 3.74 लाख CSC संचालित करता है, जिनमें से 80 प्रतिशत ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में कार्यरत हैं।
iii.CSC SPV ने इस साल देश के प्रत्येक ब्लॉक में 6,000 FPO तक पहुंचने की योजना बनाई है और इस नए प्लेटफॉर्म पर पहले ही 1,000 FPO को शामिल कर लिया है।
हाल के संबंधित समाचार:
15 अप्रैल 2021 को, कॉमन सर्विसेज सेंटर(CSC), सरकार की ई-गवर्नेंस सेवा आर्म ने देशभर के ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा से चलने वाले माइक्रो ग्रिड और वाटर पंप स्थापित करने के लिए टाटा पावर के साथ साझेदारी की।
डिजिटल मार्केटप्लेस सॉल्व ने लॉन्च किया 'सॉल्व ईवॉल्व', जानिये इसकी खासियतें
बेंगलुरू, 25 मई 2022। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए भारत के विश्वसनीय बी2बी डिजिटल मार्केटप्लेस सॉल्व ने घोषणा की कि वह आज से एमएसएमई को अपनी डिलीवरी सेवाओं के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) में स्थानांतरित हो जाएगा। सॉल्व को उम्मीद है कि एमएसएमई को अगले 1 वर्ष में अपने सभी माल की कुल डिलीवरी का 25 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहनों द्वारा की जायेगी। बीटूबी ईकॉमर्स स्टार्ट-अप कंपनी सॉल्व का लक्ष्य अगले 3-5 वर्षों में अपनी 100 फीसदी डिलीवरी इलेक्ट्रिक वाहनों द्वारा करने का है।
पर्यावरण के अनुकूल कदम से ईंधन से होने वाली महंगी लागत की कम होगी, ग्राहकों के लिए कीमतों पर नियंत्रण रहेगा जिससे मुद्रास्फीति को रोकने में मदद मिलेगी और सॉल्व और एमएसएमई क्षेत्र के कार्बन फुटप्रिंट को कम करने और जिम्मेदारी से आगे बढऩे में मदद मिलेगी। वर्तमान में, देश मार्केटप्लेस का परिवहन क्षेत्र कुल राष्ट्रीय ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन का लगभग 10 प्रतिशत योगदान देता है और सड़क परिवहन क्षेत्र में कुल उत्सर्जन का लगभग 87 प्रतिशत योगदान देता है।
सिर्फ 18 माह पहले वाणिज्यिक लॉन्च के बाद से सॉल्व तेजी से बढ़ रहा है। इसके प्लेटफॉर्म पर केवाईसी-सत्यापित एमएसएमई की संख्या केवल पिछली तिमाही में 1 लाख से 2 लाख से ज्यादा तक होकर दोगुनी हो गई है, जबकि इसी अवधि के दौरान इसकी जीएमवी रन-रेट 1200 करोड़ रुपये से बढ़कर लगभग 2000 करोड़ रुपये हो गया है।
सॉल्व की ग्रोथएमएसएमई उपयोगकर्ताओं मार्केटप्लेस के लिए किये वाले इनोवेशंस और नए उत्पादों के रोल-आउट के चलते हो रही है। सॉल्व वर्तमान में भारत में 200 से अधिक शहरों में किराना और एफएमसीजी, परिधान, होटल-रेस्टोरेंट-कैफे, कंजूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, फुटवियर एवं एसेसरीज और होम फर्निशिंग जैसे वॉल्यूम वाले उपभोक्ता क्षेत्रों में एमएसएमई को सेवा प्रदान करता है।
सॉल्व ईवॉल्व के लॉन्च पर टिप्पणी करते हुए, सॉल्व के सीईओ, अमित बंसल ने कहा, '' सॉल्व ईवॉल्व को लॉन्च करते हुए बेहद गर्व महसूस कर रहा है। विशेष रूप से भारत के असंगठित एमएसएमई क्षेत्र की रिटेल सप्लाई-चैन में उत्पन्न कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए हमारी यह पहले पर्यावरण के अनुकूल है।
हमारा एक महत्वाकांशी लक्ष्य है कि हम कुछ वर्षों के भीतर अपने 100 फीसदी माल की डिलीवरी इलेक्ट्रिक वाहनों के माध्यम से एमएसएमई को करें। हर साल देश के खुदरा क्षेत्र में एमएसएमई क्षेत्र द्वारा अनुमानित यूएस डॉलर 800 बिलियन मूल्य के सामान आपूर्ति होता है। हमें उम्मीद है कि यह कदम एमएसएमई बी2बी क्षेत्र में और अधिक पर्यावरण अनुकूल पहल को अपनाने में तेजी लाएगा’
आईबीओबी - एसएफ इंटरनेशनल के एमडी और सीईओ डॉ.अरुणाचलम ने कहा, '' हम भारत के सबसे तेजी से बढ़ते और सबसे प्रगतिशील बी2बी मार्केटप्लेस, सॉल्व के साथ 'सॉल्व इवॉल्व’ लॉन्च करके सम्मानित महसूस कर रहे हैं। जीवाश्म ईंधन की कमी, उच्च प्रदूषण स्तर और उद्योगों मार्केटप्लेस में कीमतों में बढ़ोतरी के साथ, इलेक्ट्रिक वाहनों में क्रमिक बदलाव लॉजिस्टिक का भविष्य है। इस तरह की पहल से न केवल सॉल्व बल्कि सारा एमएसएमई क्षेत्र और देश को मध्यम और दीर्घावधि में लाभ होगा।‘
एक नज़र :
सॉल्व को उम्मीद है कि 12 महीनों के भीतर 25 फीसदी आपूर्ति ईवी द्वारा होगी व 3-5 वर्षों में ईवी द्वारा आपूर्ति का 100 फीसदी लक्ष्य।
1. सॉल्व अपने प्लेटफॉर्म पर 2 लाख से ज्यादा सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम आकार के उद्यमों के ऑर्डर की पूर्ति के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों तरजीह रहा है।
2. लॉन्च के एक साल के भीतर सॉल्व द्वारा ईवी के माध्यम से 50 हजार टन से अधिक माल ले जाया जाएगा।
3. इस कदम से एमएसएमई के लिए लागत कम रखने, मुद्रास्फीति से बचने और क्षेत्र के कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में मदद मिलेगी।
4. सॉल्व की हरित लॉजिस्टिक्स पहल 'ईवॉल्वÓ को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है और भारत के कई शहरों में चरणों में लॉन्च किया जाएगा।
RIL: अमेज़न-फ्लिपकार्ट से मुक़ाबले के लिए अलग मार्केटप्लेस बना रही है जियो, दिवाली तक लांच हो सकता है जियो मार्केट
जियो मार्केट के रूप में रिलायंस इंडस्ट्रीज एक अलग प्लेटफार्म बना रही है, जहां थर्ड पार्टी सेलर अपना धंधा कर सकें.
मुकेश अंबानी जियो मार्ट को अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे मार्केट लीडर से मुकाबला करने लायक बनाना चाहते हैं.
नई दिल्ली: दिग्गज कारोबारी मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने थर्ड पार्टी सेलर के लिए सेपरेट ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस बनाने का फैसला किया है. इसके मौजूदा इकॉमर्स प्लेटफॉर्म जियोमार्ट पर हजारों इंडिपेंडेंट सेलर मौजूद हैं. वास्तव में भारत सरकार की प्रस्तावित ई-कॉमर्स पॉलिसी में लेटलतीफी की वजह से रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इस मौके का फायदा उठाने की कोशिश की है. इस मामले से जुड़े दो सीनियर एग्जीक्यूटिव ने यह जानकारी दी है. मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी जियो मार्ट को फुल फ्लैज्ड मार्केटप्लेस बनाने पर काम कर रही है.
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मुकेश अंबानी जियो मार्ट को अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे मार्केट लीडर से मुकाबला करने लायक बनाना चाहते हैं. रिलायंस जियो मार्केट के रूप में एक अलग प्लेटफार्म बना रही है, जहां थर्ड पार्टी सेलर अपना धंधा कर सकें.
भारत सरकार की ड्राफ्ट ई कॉमर्स पॉलिसी में प्रस्ताव किया गया था कि मार्केटप्लेस ऑपरेटर को रिलेटेड पार्टी एसोसिएटेड एंटरप्राइजेज को सेलर के रूप में अपने प्लेटफार्म पर डालने से बचना चाहिए. जियो मार्केट दिवाली से पहले लांच हो सकता है.
इस मामले से जुड़े एक एग्जीक्यूटिव ने कहा, "जियो मार्ट भारत सरकार की प्रस्तावित ई-कॉमर्स पॉलिसी के नियमों के हिसाब से बनाया गया है. भारत सरकार ने ड्राफ्ट ई-कॉमर्स पॉलिसी को ठंडे बस्ते में डाल दिया है, इसलिए रिलायंस चाहती है कि जियोमार्ट जैसे एक सिंगल मार्केटप्लेस प्लेटफार्म के रूप में ऐसा प्लेटफार्म तैयार किया जाए जो अमेजन और फ्लिपकार्ट से मुकाबला कर मार्केटप्लेस सके."
अगर रिलायंस इंडस्ट्रीज दो अलग-अलग प्लेटफार्म बनाकर कारोबार करने की कोशिश करती है तो इससे उसके सामने कारोबार में मुश्किलें आ सकती हैं. भारत सरकार ने ई-कॉमर्स पॉलिसी को ठंडे बस्ते में डाल दिया है. इसकी वजह यह है कि अलग-अलग मंत्रालयों का इस मार्केटप्लेस पर अलग-अलग विचार सामने आ रहा है.
जियो मार्ट ने अब तक 15000 थर्ड पार्टी इंडिपेंडेंट सेलर को अपने प्लेटफार्म पर शामिल कर लिया है. इसमें कई direct-to-consumer ब्रांड भी मार्केटप्लेस है. रिलायंस रिटेल ने पिछले तीन चार महीने में जियो मार्केट में बहुत से सेलर को जोड़ा है. हाल तक रिलायंस रिटेल की सहयोगी कंपनी रिलायंस स्मार्ट, रिलायंस डिजिटल और रिलायंस ट्रेंड्स की अपनी कंपनियां ही जियो मार्केट पर सेलर के रूप में रजिस्टर्ड थे. इस बारे में रिलायंस रिटेल से पूछे गए सवाल का जवाब नहीं मिल सका. जियो मार्ट ने 1 महीने चलने वाला फेस्टिव सेल लगाया है, इसमें अमेजन और फ्लिपकार्ट की तर्ज पर ही बंपर डिस्काउंट दिया जा रहा है.
सरकार ने भारतीय व्यापार पोर्टल लॉन्च किया मार्केटप्लेस - ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस लॉन्च किया
यह छोटे और मध्यम उद्यम (एसएमई) निर्यातकों, कारीगरों और किसानों को अपने उत्पादों के लिए नए बाजारों की पहचान करने और वैश्विक स्तर पर अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए सशक्त बनाने के लिए एक बी2बी डिजिटल मार्केटप्लेस है।
यह एमएसएमई का समर्थन करेगा और भारत में निर्मित उत्पादों के अधिक निर्यात को प्रोत्साहित करेगा।
पोर्टल भारतीय निर्यातकों को वैश्विक दृश्यता प्राप्त करने में मदद करने के लिए ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस के रूप में कार्य करेगा।
पोर्टल के उद्देश्य
भारतीय निर्यातकों को डिजिटाइज़ करना और उन्हें ऑनलाइन खोज के लिए सक्षम बनाने में मदद करना