हर दिन बाजार विश्लेषण

लोकतंत्र के अहम संस्थानों के साथ सरकारी दखल और छेड़छाड़ का न कोई तुक है और न कोई तर्क!
लोकतंत्र के सबसे महत्वपूर्ण संस्थानों को लगभग बिना प्रतिरोध के खत्म कर दिया गया है, या फिर किया जा रहा है। ऐसे में आशंका हर समय यही बनी रहती है कि आने वाले वक्त में और न जाने क्या होगा।
अभी हाल में अखबार की हेडलाइन थी, ‘न्यायिक नियुक्तियों पर केंद्र की चुप्पी निंदनीय: सुप्रीम कोर्ट’। इस शीर्षक से प्रकाशित खबर में कहा गया था कि केंद्र सरकार न तो न्यायपालिका द्वारा तय किए गए नामों पर हामी भरती है और न ही इस बारे में कोई संवाद करती है कि उसे इन नामों पर कोई आपत्ति है या नहीं।
अदालत ने कहा कि 'प्रतिष्ठित व्यक्तियों को कोर्ट बेंच में आमंत्रित करने के लिए राजी करना' पहले ही एक चुनौती थी और सरकार का यह रवैया तो ऐसे लोगों को आमंत्रण स्वीकार करने में और बाधा बन सकता है। मेरा एक मित्र है जिसने हाल ही में इसका सामना किया है।
अदालत का एक तरह से निष्कर्ष है कि बिना स्पष्टीकरण के महीनों तक नामों को बेवजह रोके रखने के सरकार के रवैया से 'कानून का शासन और न्याय प्रभावित होता है।
हां, ऐसा होता है। और मैं इस बात को पुख्ता तरीके से सामने रखता हूं।
मेरे घर के नजदीक मद्रास सैपर्स रेजिमेट है। इसके द्वार पर 1780 नंबर लिखा है। यह वह साल है जब इस रेजिमेंट की स्थापना 3 सितंबर को हुई थी। यानी इसे स्थापित हुए 242 साल हो चुके हैं। पूरे उपमहाद्वीप में इतनी पुरानी कोई सरकार नहीं है। लेकिन फिर भी सेना इतने लंबे समय से अस्तित्व में है, तो सिर्फ इसलिए क्योंकि वह सक्षम और सक्रिय है।
इस दो सदी पुराने सेना भर्ती के तरीके को इस साल बदल दिया गया। अब नई भर्ती के नियमों के मुताबिक सेना में शामिल हुए युवाओं को चार साल में रिटायर कर दिया जाएगा। उन्हें इस दौरान 6 महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी और इसके बाद उन्हें उन हथियारों और सैन्य उपकरणों का इस्तेमाल करने की छूट होगी जिन्हें हासिल करने और खऱीदने में करोड़ों डॉलर खर्च हुए हैं।
सरकार की भर्जी योजना की आलोचना करते हुए सेना एक रिटायर मेजर जनरल ने कहा कि दरअसल सरकार की मंशा सेना के रेजिमेंट सिस्टम को खत्म करने की है, जबकि यही सेना में युद्ध और भाईचारे की बुनियाद है। उनका कहना है कि सेना के नारे ‘नाम, नमक, निशान’ को सबका साथ, सबका विकास से बदलने की कोशिश है। ऐसे में राजपूताना रेजिमेंट, गोरखा रेजिमेंट, सिख रेजिमेंट आदि को क्या कहा जाएगा? क्या उन्हें भी पुलिस जैसा कोई नाम या नंबर दिया जाएगा, या फिर जैसाकि व्हाट्सऐप पर चर्चा चल रही है कि उनके नाम भी सावरकर रेजिमेंट, मंगल पांडे रेजिमेंट, दीन दयाल उपाध्याय रेजिमेंट आदि होंगे?'
सेना, नौसेना और वायुसेना में यह योजना लागू होगी, जिसके तर्कों को अभी तक पूरी तरह से सामने नहीं रखा गया है। ऐसी सरगोशियां हैं कि सरकार ऐसा इसलिए कर रही है क्योंकि सका पेंशन बिल काफी बढ़ गया है और उसे पूरा करना मुश्किल पड़ रहा है। लेकिन सवाल है कि हम एक ऐसी संस्था से छेड़छाड़ कर रहे हैं जिसे बनने में दो सदी से अधिक वक्त लगा है और जिसका एक खास मकसद और उद्देश्य था। लेकिन बिना इस पारदर्शिता के सरकार ऐसा क्यों कर रही है, क्या ही मतलब निकाला जाए। खैर.
सरकार का सांख्यिकी कार्यक्रम एक ऐसा शानदार कार्यक्रम है जिसकी स्थापना भी निश्चित रूप से जवाहर लाल नेहरू ने की थी। इसकी प्रतिष्ठा भी एक ठोस और भरोसेमंद संस्थान के रूप में है। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव से ऐन पहले नेशनल सैंपल सर्वे से सामने आया कि देश में बेरोजगारों की संख्या इतिहास में पहली बार दो गुने से ज्यादा हो गई है, और यह 2.2 फीसदी से बढ़कर 6 फीसदी पर पहुंच गई। इस रिपोर्ट को दबा दिया गया है, यहां तक कि संसद में भी इसे नहीं रखा गया। वैसे नोटबंदी के बाद सरकार की तरफ से कराया गया यह पहला रोजगार सर्वे था।
नेशनल स्टेटिस्टिकल कमीशन के दो सदस्यों, जिनमें इसके अंतरिम अध्यक्ष भी थे, ने कहा कि सरकार ने एनएससी की मंजूरी के बावजूद इस रिपोर्ट को दबा लिया। नीति आयोग ने सामने आकर सरकार की अपनी ही रिपोर्ट को गलत साबित करने की कोशिश की, लेकिन 2019 के चुनाव के नतीजे आने के बाद इसी रिपोर्ट को बिना किसी बदलाव के जारी कर दिया गया।
सरकार द्वारा जुलाई 2017 और जून 2018 के बीच कराए गए सर्वे में कुछ और चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। और वह ये थे कि भारतीयों द्वारा 2012 के मुकाबले मासिक खर्च में काफी कमी आई थी। इसे महंगाई के साथ जोड़कर देखें तो मासिक खर्च 1501 रुपए से गिरकर 1446 रुपए पर आ गया था। जिस रिपोर्ट से यह तथ्य सामने आया उसी में कहा गया था कि बीते 50 साल में ऐसा कभी नहीं हुआ कि लोगों को उपभोग में ऐसी कमी आई हो, और इस कमी के चलते देश में गरीबी में 10 फीसदी का इजाफा हुआ।
इस रिपोर्ट में सबसे चिंताजनक आंकड़ा और रुख खाद्य उपभोग में कमी का था। इसके मुताबिक शहरों में भारतीयों द्वारा खाद्य उपभोग पर खर्च 2012 में हर माह के 943 रुपए के मुकाबले 2018 में भी सिर्फ 946 ही था। यानी इसमें कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई। लेकिन ग्रामीण इलाकों में यह आंकड़ा 2012 के 643 से घटकर 2018 में 580 रुपए पर पहुंच गया।
भारत में उपभोग पर आमतौर पर 3 फीसदी की बढ़ोत्तरी होती है। लेकिन 5 साल में इसमें करीब 20 फीसदी की कमी दर्ज हुई। यानी प्रगति के साले वर्षों की मेहनत पर पानी फिर गया। इस रिपोर्ट को एक कमेटी ने 19 जून 2019 को जारी करने की मंजूरी दे दी थी। लेकिन बेरोजगारी के आंकड़ों की तरह ही इसे भी न उस वक्त और अभी तक जारी नहीं किया गया है। वैसे पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग कर चुके हैं।
हमने नोटबंदी लागू कर दी, जबकि रिजर्व बैंत ने साफ तौर पर सरकार से कहा था कि यह बहुत गलत होगा और इसे लागू नहीं करना चाहिए। आरबीआई ने कहा था कि कालाधन को अधिकतर सोने के रूप में जमा है न कि नकदी के रूप में, और मौजूदा करेंसी को अवैध घोषित करने से कालेधन पर कोई अंकुश नहीं लगेगा। साथ ही कहा था कि नोटबंदी का जीडीपी पर भी असर पड़ेगा क्योंकि सिर्फ 400 करोड़ रुपए की नकली करेंसी बाजार में होना कोई बड़ी बात नहीं है क्योंकि यह 18 लाख करोड़ की कुल नकदी का मात्र 0.02 फीसदी है।
लेकिन फिर भी आरबीआई को सरकार के इस फैसले पर मुहर लगानी पड़ी और फिर इसके बाद इसने उस बैठक के मिनट्स जारी करने से इनकार कर दिया जिसमें इस विषय पर चर्चा हुई थी। उस समय नोटबंदी की पूरी प्रक्रिया की जिस अधिकारी ने निगरानी की थी, वही आज रिजर्व बैंक के गवर्नर है। और इसी से वह तथ्य साबित हो जाता है, जिसका जिक्र मैंने ऊपर किया है।
हमारे लोकतंत्र के सबसे महत्वपूर्ण संस्थानों को लगभग बिना प्रतिरोध के खत्म कर दिया गया है, या फिर किया जा रहा है। ऐसे में आशंका हर समय यही बनी रहती है कि आने वाले वक्त में और न जाने क्या होगा।
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Twitter: ब्लू टिक के लिए 8 डॉलर वसूलने के फैसले से नई मुसीबत, कंपनी ने रोकी सब्सक्रिप्शन सेवा
नई दिल्ली। ट्विटर (Twitter) के ब्लू टिक (blue tick) के लिए 8 डॉलर (charge $8) वसूलने का एलन मस्क का फैसला (Elon Musk’s decision ) नई मुसीबत (new trouble) में घिर गया है। अमेरिका (America) में कई फर्जी खाताधारकों ने 8 डॉलर का भुगतान कर ब्लू टिक हासिल कर लिया हर दिन बाजार विश्लेषण और इसके बाद इन खातों से फेक ट्वीट किए गए। इससे परेशान ट्विटर ने शुक्रवार को फिलहाल ब्लू टिक सब्सक्राइबर सेवा (blue tick subscriber service) रोक दी है। मस्क के ट्विटर खरीदने से पहले ब्लू टिक सिर्फ सेलिब्रिटीज, पत्रकारों, नेताओं आदि को ही मिलता था और ट्विटर इन खातों को प्रमाणित करता था। मस्क के नए नियम के अनुसार अब एक फोन, क्रेडिट कार्ड और हर महीने 8 डॉलर खर्च करने की क्षमता रखने वाला कोई भी शख्स ब्लू टिक हासिल कर सकता है।
अमेरिका में ऐसे ही एक शख्स ने दवा कंपनी एली लिली एंड कंपनी का फर्जी खाता बनाकर ब्लू टिक हासिल किया और फिर ट्वीट कर दिया कि इंसुलिन मुफ्त में उपलब्ध है। इसके बाद दवा कंपनी को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी पड़ी। सिर्फ इसी कंपनी नहीं, नाइनटेनडू, लॉकहीड मार्टिन, मस्क की अपनी कंपनी टेस्ला और स्पेस एक्स आदि के फर्जी खाते लोगों ने बना लिए हैं। ट्विटर पर कारोबार करने वाले ऐसे विज्ञापनदाता जो पहले ही अपना कारोबार रोककर स्थिति का जायजा ले रहे हैं, उनके लिए फर्जी खाते बड़ा झटका हो सकते हैं।
यह भी पढ़ें | Twitter के एक और कर्मचारी पर गिरी गाज, एलन मस्क ने नौकरी से निकाला
कंपनी ने हाल ही में अपने प्लेटफॉर्म पर ब्लू टिक फीचर के लिए यूजर्स से आठ अमेरिकी डॉलर वसूलने की बात कही थी। साथ ही इन आठ डॉलर्स के बदले कंपनी अपने यूजर्स को कई तरह के एक्सक्लूसिव फायदे भी देने वाली थी। यानि पैसे देकर कोई भी ब्लू टिक हासिल कर सकता है।
वहीं ट्विटर ब्लू सत्यापन को लेकर खबरें आई थी कि पैसा चुकाने को लेकर सिस्टम लॉन्च करने के बाद कुछ यूजर्स ने इसका दुरुपयोग कर रहे हैं। वहीं ट्विटर भी अपने एल्गोरिदम के जरिए गलत लोगों की पहचान कर रहा है। वहीं इससे कई लोग प्रभावित भी हुए, इनमें अमेरिकी प्रोफेशनल बास्केटबॉल प्लेयर लीब्रोन जेम्स हैं।
ट्विटर का नया फीचर ‘ऑफिशियल’ चंद घंटों में वापस
कंपनी ने बताया था कि बड़ी हस्ती और ब्लू टिक वाले ट्विटर अकाउंट में ही नाम नीचे ‘ऑफिशियल’ लिखा नजर आएगा। लेकिन नया फीचर ‘ऑफिशियल’ चंद घंटों में ट्विटर ने वापस ले लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश की प्रमुख राजनीतिक और खेल जगत से जुड़ी हस्तियों के ट्विटर प्रोफाइल में टिक के साथ ऑफिशियल लेबल जोड़ा गया। मोदी के अलावा, बुधवार शाम को गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई सरकारी विभागों और मंत्रियों के साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी, कुछ अन्य विपक्षी दल के नेताओं के साथ-साथ सचिन तेंदुलकर को भी वह लेबल दिया गया था।
मस्क के ट्विटर खरीदने के बाद से 3 गुना बढ़े हेट स्पीच ट्वीट
डिजिटल नागरिक अधिकार समूह ने बताया कि जब से दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी एलन मस्क ने ट्विटर खरीदा है तब से इस पर नस्ली गालियों (हेट स्पीच) की संख्या बढ़ गई है। सेंटर फॉर काउंटरिंग डिजिटल हेट के शोधकर्ताओं ने पाया कि मस्क द्वारा ट्विटर खरीदी के बाद अश्वेतों पर हमले के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक नस्ली विशेषण 26,000 से अधिक बार पाया गया। यह 2022 के औसत से तीन गुना अधिक था।
ट्रांस लोगों को लक्षित करने वाले भद्दे शब्दों के उपयोग में 53 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि समलैंगिक पुरुषों के लिए आक्रामक शब्दावली में 39 प्रतिशत की वृद्धि हुई। शोधकर्ताओं के अनुसार, दुनिया भर के लगभग 80,000 अंग्रेजी भाषा के ट्वीट और रीट्वीट को देखा गया जिसमें आपत्तिजनक शब्दों का भरपूर इस्तेमाल किया गया। ट्विटर के ट्रस्ट और सुरक्षा के प्रमुख, योएल रोथ ने दावा किया था कि ट्विटर ट्रेंडिंग पेज पर नफरत भरे भाषणों की संख्या को कम करने में सफल रहा है, लेकिन इसके बावजूद नफरती ट्वीट्स की वास्तविक मात्रा में वृद्धि हुई है।
एलन ने की मीडिया की आलोचना
ट्विटर के सीईओ एलन मस्क ने मीडिया अभिजात वर्ग की आलोचना की है और कहा है कि नागरिक पत्रकारिता से बढ़ती प्रतिस्पर्धा मुख्यधारा के मीडिया की सूचनाओं को बाधित करेगी। मस्क ने शुक्रवार को ट्विटर पर कुछ ट्वीट्स साझा किए, जो पत्रकारिता की वर्तमान स्थिति पर उनके विचारों को दर्शाते हैं। पहले ट्वीट में उन्होंने नागरिक पत्रकारिता को ऊपर उठाने के ट्विटर के लक्ष्य के बारे में बात की और लिखा कि जैसा कि ट्विटर नागरिक पत्रकारिता को ऊपर उठाने के लक्ष्य का पीछा करता है, मीडिया अभिजात वर्ग ऐसा होने से रोकने के लिए सब कुछ करने की कोशिश करेगा। इसके बाद दूसरे ट्वीट में, उन्होंने कहा कि हालांकि “मुख्यधारा का मीडिया अभी भी फलेगा-फूलेगा, लेकिन नागरिकों से बढ़ती प्रतिस्पर्धा उन्हें अधिक सटीक बनाएगी।
चार अधिकारियों के इस्तीफे
मस्क के ट्विटर खरीदने के बाद से उथल-पुथल का दौर जारी है। कुछ और बड़े इस्तीफे हुए हैं। इस्तीफा देने वालों में ट्विटर के मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी ली किसनर, मुख्य गोपनीयता अधिकारी डेमियन कीरन और मुख्य अनुपालन अधिकारी मैरियन फॉगर्टी शामिल हैं। इनके साथ ही ट्विटर के चीफ ऑफ मॉडरेशन एंड सेफ्टी यीओल रोथ ने भी इस्तीफा दे दिया है। पूरे मामले पर राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि मस्क के अन्य देशों के साथ संबंधों की जांच होनी चाहिए।
व्यावसायिक अर्थशास्त्र
बिजनेस इकोनॉमिक्स, व्यापार की नीतियों और उसकी रणनीतियों के विकास को निर्धारित करने में माइक्रोइकॉनॉमिक्स सिद्धांत और अवधारणाओं के अनुप्रयोग को निर्धारित करता है और यह निर्धारित करता है कि किसी दिए गए व्यवसाय की लाभप्रदता या राजस्व पर एक आर्थिक कारक में एक निश्चित परिवर्तन का प्रभाव कितना है और इस विश्लेषण का उपयोग करें। फर्म के निर्णय लेने के लिए स्टीयरिंग।
यह सभी हितधारकों के दृष्टिकोण से एक दृष्टिकोण विकसित करने में मदद करता है, चाहे वह कर्मचारी हो या कच्चे माल के आपूर्तिकर्ता, और मांग पक्ष यानी उपभोक्ता पर चर भी। सब कुछ को ध्यान में रखते हुए, एक व्यवसाय अपनी दृष्टि विकसित करता है कि अपने सभी हितधारकों के लिए अधिकतम धन बनाने के लिए अपने सीमित संसाधनों का उपयोग कैसे करें।
व्यवसाय अर्थशास्त्र का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह सकारात्मक और प्रामाणिक अर्थशास्त्र का एक आत्मसात है, क्योंकि इसका उद्देश्य बाजार का उद्देश्यपूर्ण तरीके से विश्लेषण करना है, जो सकारात्मक अर्थशास्त्र के करीब है, और साथ ही, यह व्यवसाय तैयार करने से संबंधित है निर्णय लेने वाली नीतियां जो व्यक्तिपरक हैं और व्यवसाय के लक्ष्य अभिविन्यास या परिप्रेक्ष्य को बदल देती हैं, जो कि मानक अर्थशास्त्र के करीब है।
बिजनेस इकोनॉमिक्स की प्रक्रिया
ब्रेकडाउन के बाद केवल समझ के लिए है, लेकिन प्रक्रिया आम तौर पर अनुक्रमिक नहीं है, और इनमें से बहुत सारे कदम वास्तविक दुनिया में एक साथ होते हैं:
# 1 - बाजार विश्लेषण
किसी व्यवसाय को अपने उत्पादों की मांग या मात्रा में किसी भी बदलाव के लिए लगातार बाजार की निगरानी करने की आवश्यकता होती है। इस निगरानी का उपयोग करते हुए, व्यवसाय लगातार उत्पादन के स्तर और पूर्वानुमानित स्तर के उत्पादन के लिए आवश्यक उत्पादन के कारकों को भी संशोधित करता है।
# 2 - उत्पादन विश्लेषण
एक बार बाजार विश्लेषण समय की पूर्व निर्धारित अवधि के लिए पूरा हो जाने के बाद, व्यवसाय एक उत्पादन योजना विकसित करता है और पूर्वानुमानित मांग की पूर्ति के लिए इष्टतम तरीके के फैसले लेता है। यदि व्यवसाय बहुत अधिक भविष्य की मांग की अपेक्षा करता है, तो यह थोक छूट और इसके विपरीत के लिए एक मध्यस्थ से सीधे आपूर्तिकर्ताओं से कच्चे माल की सोर्सिंग करने के बारे में सोचेगा।
# 3 - लागत-लाभ विश्लेषण
एक बार जब व्यापार मांग के पूर्वानुमान प्राप्त करने के बाद उत्पादन की लागत का अनुमान लगाने में सक्षम होता है, तो वह अपने उत्पादों के लिए मूल्य निर्धारण नीति की ओर मुड़ जाता है। इसमें, यह वांछित लाभ प्रतिशत पर आने के लिए लागत और लाभ को एक साथ लाता है। यह ब्रेक-ईवन विश्लेषण को भी समाहित करता है, जो व्यवसाय को एक लक्ष्य देता है जिसकी ओर वह अपने संसाधनों को केंद्रित करता है।
# 4 - प्रतियोगिता विश्लेषण
हालांकि, अलगाव में उपरोक्त विश्लेषण तब तक भ्रामक हो सकता है जब तक कि प्रतियोगिता आयाम का विश्लेषण नहीं किया जाता है। यदि किसी फर्म को पता है कि बाजार में कई खिलाड़ी हैं, तो प्राप्त लाभ प्रतिशत वांछित एक से कम है, या दूसरी ओर, एक एकाधिकार फर्म को वांछित एक से अधिक प्राप्त करने योग्य लाभ प्रतिशत हो सकता है
# 5 - कार्यशील पूंजी विश्लेषण
उपरोक्त सभी कारकों का अनुमान लगाने के बाद, व्यवसाय को वास्तव में चीजों को बनाने के लिए आवश्यक चलने वाली पूंजी की मात्रा पर भी विचार करना होगा। व्यवसाय अपने आपूर्तिकर्ताओं से लंबी ऋण अवधि की नीति और क्रेडिट बिक्री की छोटी संग्रह अवधि, या शायद सभी नकद बिक्री पर मोलभाव कर सकता है। अधिकांश व्यवसायों में मौजूदा परिसंपत्तियों को कम करने और वर्तमान देनदारियों को बढ़ाने का मंत्र है ताकि उच्च स्तर की कार्यशील पूंजी हाथ में उपलब्ध हो और एक व्यवसाय का चलना आसान हो।
व्यवसाय में कई महत्वपूर्ण निर्णय जैसे 'बनाना या खरीदना', 'खुद या पट्टे पर देना', 'पूँजी विस्तार या तकनीकी नवाचार', व्यवसाय के अर्थशास्त्र के दायरे में आते हैं क्योंकि यह व्यवसाय की दृष्टि से आर्थिक दृष्टिकोण को जोड़ता है और सक्षम बनाता है एक सूचित निर्णय लेने के लिए उद्यमी या प्रबंधन।
व्यापार अर्थशास्त्र का उदाहरण
प्रारंभ में, जब उबेर शुरू हुआ, तो उसने निश्चित निवेश पर अधिक होने की योजना नहीं बनाई क्योंकि उस समय यह सुनिश्चित नहीं था कि यह बाजार में कितना प्रवेश करेगा। इसलिए, यह एक एग्रीगेटर के एक बिजनेस मॉडल के साथ शुरू हुआ, जहां यह ड्राइवरों को सवारों से जोड़ता था, जो अपनी निजी कारों को जब चाहे और जैसे चाहे निकाल सकते थे। इन ड्राइवरों को प्रति सवारी शर्तों के अनुसार साप्ताहिक भुगतान किया गया था।
जैसे-जैसे इसका बाजार बढ़ता गया, उबेर ने एक नीति में परिवर्तन किया, जहां इसने ड्राइवरों को कार के बेड़े मालिकों से जोड़ा और स्थायी आधार पर ड्राइवरों को काम पर रखा, ताकि यह ड्राइवरों की उपलब्धता पर निर्भर होने के बजाय इसे प्राप्त होने वाले कई राइडर अनुरोधों को पूरा कर सके।
इस परिवर्तन में व्यावसायिक अर्थशास्त्र की अवधारणाएँ हैं। बाजार का विश्लेषण करने पर, उबेर ने महसूस किया कि उसे आपूर्ति में वृद्धि करनी चाहिए और लागत-लाभ विश्लेषण करने के बाद और यह कि खोए हुए राजस्व की अवसर लागत के लिए, यह अपने कर्मचारी आधार के विस्तार के एक निष्कर्ष पर पहुंचा, ताकि यह सवारी की बढ़ती मांग को पूरा कर सके।
व्यापार अर्थशास्त्र के लाभ और सीमाएं
अधिकांश प्रक्रियाओं के साथ, नियोजित दृष्टिकोण और उपलब्ध संसाधनों के बीच एक व्यापार बंद है, और प्रत्येक के पास अपने पेशेवरों और विपक्ष हैं, जैसा कि नीचे बताया गया है। एक व्यवसाय को यह जानने की आवश्यकता है कि सही संतुलन कैसे प्राप्त करें जिससे उसके लक्ष्य अभिविन्यास के दृष्टिकोण से सर्वोत्तम हो।
- योजना और संरचना: यह प्रक्रिया हर दिन बाजार विश्लेषण व्यवसाय के लिए एक संरचना लाती है और सभी नीतियों को एक ही साथ संरेखित किया जाता है, इसलिए यह निष्क्रियता संबंधी त्रुटियों को कम करता है और अर्थव्यवस्था के आगामी चरणों के लिए व्यवसाय को मजबूत करता है।
- वर्तमान और भविष्य दृश्य: जैसा कि व्यवसाय योजनाबद्ध तरीके से काम करता है, यह एक तरह से अपने संसाधनों का प्रबंधन करता है, जो वर्तमान आवश्यकताओं को पूरा करता है और भविष्य की आवश्यकताओं को भी पूरा करता है। यह अल्पावधि और दीर्घकालिक उद्देश्यों के लिए कुछ निश्चित संसाधनों को अलग करता है ताकि समय आने पर यह धन पर कम न हो।
- केवल एक अनुमान: हालांकि यह प्रक्रिया मुनाफे या राजस्व को प्रभावित करने वाले विभिन्न आर्थिक कारकों को दूर करने का प्रयास करती है, यह अप्रत्याशित घटनाओं की भविष्यवाणी नहीं कर सकती है और यह केवल एक अनुमान है जो भ्रामक हो सकता है। अचानक हुए व्यवधान से सभी अनुमान बंद हो सकते हैं। इसलिए व्यावसायिक अर्थशास्त्र की प्रक्रिया पूर्ण सुनिश्चितता नहीं लाती है।
- हमेशा आसानी से उपलब्ध नहीं: सिद्धांत में, एक प्रक्रिया को चाक करना आसान हर दिन बाजार विश्लेषण है लेकिन वास्तविकता में, मांग की भविष्यवाणी करना एक आसान प्रक्रिया नहीं है। कई बार व्यवसायों को यह पता नहीं चल सकता है कि मांग क्या है और इसलिए इसकी भविष्यवाणी करना असंभव के बगल में है।
- समय और लागत-संवेदनशील: जैसा कि प्रक्रिया समय हर दिन बाजार विश्लेषण लेने वाली है, निर्णय लेने में अक्सर पिछड़ सकता है। इस प्रक्रिया को तेज करने के लिए कुशल कार्यबल या अनुसंधान बुनियादी ढांचे में भारी निवेश की आवश्यकता हो सकती है, जो लागत-गहन हो सकता है। इसलिए सभी व्यवसाय इस प्रक्रिया को वहन नहीं कर सकते हैं, यह व्यवसाय के जीवन चक्र में मंच पर निर्भर करता है, चाहे वह वास्तव में नियोजन प्रक्रिया को अपने दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों पर लागू कर सकता है या नहीं।
निष्कर्ष
व्यावसायिक अर्थशास्त्र, व्यापार के निर्णय लेने के साथ अर्थशास्त्र के सिद्धांत का विलय करता है, सीमित संसाधनों के उपयोग को अनुकूलित करने और संरचनात्मक तरीके से लक्ष्यों और उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए। यह प्रकृति में सकारात्मक और प्रामाणिक दोनों है।
यद्यपि लाभकारी, इसकी वास्तविक-विश्व प्रयोज्यता लागत और समय की कमी के कारण हर व्यवसाय के लिए प्राप्त नहीं हो सकती है, हालांकि, यह परिहार्य नुकसान को कम करने का प्रयास करता है जिससे त्रुटि की संभावना कम हो जाती है।
रियल विजन की दैनिक ब्रीफिंग – गहन, विशेषज्ञ विश्लेषण के साथ वित्त, व्यापार और वैश्विक अर्थव्यवस्था की दुनिया को समझें
रियल विजन की पत्रकारों की टीम आपको वैश्विक अर्थव्यवस्था को नेविगेट करने में मदद करने के लिए दिन के बाजार की घटनाओं के बारे में गहन, विशेषज्ञ विश्लेषण लाती है।.
मुख्यधारा का वित्तीय मीडिया केवल निष्पक्ष और गहन बाजार विश्लेषण प्रदान नहीं करता है। इसलिए हमने रियल विजन "डेली ब्रीफिंग" शुरू किया। यदि आप परीक्षण के लिए $1 का भुगतान करने के लिए तैयार नहीं हैं, तो Real Vision सदस्यों को हर दिन मिलने वाले गुणवत्ता विश्लेषण के एक छोटे से स्वाद के साथ हमें जानने का यह सबसे अच्छा तरीका है। आज ही साइन अप करें और जानें कि क्यों रियल विजन वित्तीय पत्रकारिता में सबसे सम्मानित नाम है। यह सिर्फ आपके जीवन को बदल सकता है।
वास्तविक दृष्टि की निःशुल्क दैनिक ब्रीफ़िंग प्राप्त करें
बाजार बंद होने के बाद हर दिन सीधे आपके इनबॉक्स में डिलीवर किया जाता है
नवीनतम जानकारी प्राप्त करें क्योंकि हम अपनी नई वैश्विक अर्थव्यवस्था के पहले चरण का विश्लेषण करते हैं और चर्चा करते हैं कि हम क्या सोचते हैं।
2022-23] अपने व्यवसाय के लिए बाजार विश्लेषण | Market Analysis for your business in Hindi
एक बाजार विश्लेषण एक विशिष्ट उद्योग के भीतर एक बाजार का संपूर्ण मूल्यांकन है। आप अपने बाजार की गतिशीलता का अध्ययन करेंगे, जैसे कि मात्रा और मूल्य, संभावित ग्राहक खंड, खरीद पैटर्न, प्रतिस्पर्धा और अन्य महत्वपूर्ण कारक। एक संपूर्ण विपणन विश्लेषण को निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर देना चाहिए:
- मेरे संभावित ग्राहक कौन हैं?
- मेरे ग्राहकों की खरीदारी की आदतें क्या हैं?
- मेरा लक्षित बाजार कितना बड़ा है?
- मेरे मुख्य प्रतियोगी कौन हैं?
- मेरे प्रतिस्पर्धियों की ताकत और कमजोरियां क्या हैं?
Table of Contents
मार्केटिंग विश्लेषण चलाने के क्या लाभ हैं?
एक विपणन विश्लेषण जोखिम को कम कर सकता है, उभरते रुझानों की पहचान कर सकता है और परियोजना राजस्व में मदद कर सकता है। आप अपने व्यवसाय के कई चरणों में एक विपणन विश्लेषण का उपयोग कर सकते हैं, और बाजार में किसी भी बड़े बदलाव के साथ अद्यतित रहने के लिए हर साल एक का संचालन करना भी फायदेमंद हो सकता है।
एक विस्तृत बाजार विश्लेषण आमतौर पर आपकी व्यावसायिक योजना का हिस्सा होगा, क्योंकि यह आपको अपने दर्शकों और प्रतिस्पर्धा की अधिक समझ देता है। इससे आपको अधिक लक्षित मार्केटिंग रणनीति बनाने में मदद मिलेगी।
बाजार विश्लेषण करने के ये कुछ अन्य प्रमुख लाभ हैं:
• जोखिम में कमी: अपने बाजार को जानने से आपके व्यवसाय में जोखिम कम हो सकता है, क्योंकि आपको बाजार के प्रमुख रुझानों, आपके उद्योग के मुख्य खिलाड़ियों और सफल होने के लिए क्या करना होगा, यह सभी आपके व्यावसायिक निर्णयों को सूचित करेंगे। अपने व्यवसाय को और सुरक्षित रखने में आपकी मदद करने के लिए, आप एक SWOT विश्लेषण भी कर सकते हैं, जो आपके व्यवसाय की ताकत, कमजोरियों, अवसरों और खतरों की पहचान करता है।
• लक्षित उत्पाद या सेवाएं: आप अपने ग्राहकों की सेवा करने के लिए बेहतर स्थिति में होते हैं जब आपको इस बात पर दृढ़ समझ होती है कि वे आपसे क्या ढूंढ रहे हैं। जब आप जानते हैं कि आपके ग्राहक कौन हैं, तो आप उस जानकारी का उपयोग अपने व्यवसाय की पेशकशों को अपने ग्राहकों की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाने के लिए कर सकते हैं।
• उभरते रुझान: व्यवसाय में आगे रहना अक्सर एक नए अवसर या प्रवृत्ति को खोजने के लिए सबसे पहले होता है, और उद्योग के रुझानों के शीर्ष पर बने रहने के लिए मार्केटिंग विश्लेषण का उपयोग करना इस जानकारी का लाभ उठाने के लिए खुद को स्थापित करने का एक शानदार तरीका है।
• राजस्व अनुमान: एक बाजार पूर्वानुमान अधिकांश विपणन विश्लेषणों का एक प्रमुख घटक है, क्योंकि यह आपके लक्षित बाजार में भविष्य की संख्या, विशेषताओं और प्रवृत्तियों को प्रोजेक्ट करता है। इससे आपको उस मुनाफे का अंदाजा हो जाता है जिसकी आप उम्मीद कर सकते हैं, जिससे आप अपनी व्यावसायिक योजना और बजट को उसके अनुसार समायोजित कर सकते हैं।
• मूल्यांकन बेंचमार्क: शुद्ध संख्याओं के बाहर आपके व्यवसाय की सफलता का आकलन करना मुश्किल हो सकता है। एक बाजार विश्लेषण बेंचमार्क या प्रमुख प्रदर्शन संकेतक (केपीआई) प्रदान करता है जिसके खिलाफ आप अपनी कंपनी का न्याय कर सकते हैं और आप अपने उद्योग में दूसरों की तुलना में कितना अच्छा कर रहे हैं।
• पिछली गलतियों का संदर्भ: मार्केटिंग एनालिटिक्स आपके व्यवसाय की पिछली गलतियों या उद्योग की विसंगतियों की व्याख्या कर सकता है। उदाहरण के लिए, गहन विश्लेषण यह बता सकता है कि किसी विशिष्ट उत्पाद की बिक्री पर क्या प्रभाव पड़ा, या किसी निश्चित मीट्रिक ने ऐसा क्यों किया। यह आपको उन गलतियों को दोबारा करने या समान विसंगतियों का सामना करने से बचने में मदद कर सकता है, क्योंकि आप विश्लेषण और वर्णन करने में सक्षम होंगे कि क्या गलत हुआ और क्यों हुआ।
• विपणन अनुकूलन: यह वह जगह है जहां एक वार्षिक विपणन विश्लेषण काम आता है – नियमित विश्लेषण आपके चल रहे विपणन प्रयासों को सूचित कर सकता है और आपको दिखा सकता है कि आपके विपणन के किन पहलुओं को काम करने की आवश्यकता है, और जो आपके उद्योग की अन्य कंपनियों की तुलना में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।
मार्केटिंग विश्लेषण चलाने में क्या कमियां हैं? | What are the Drawbacks to running a Marketing Analysis?
बाजार विश्लेषण चलाने की नीचे दी गई कमियां इसके लिए आवश्यक संसाधनों की तुलना में विधि से कम संबंधित हैं।
बाजार विश्लेषण महंगा हो सकता है।
यदि आप बाजार की मात्रा और ग्राहक विभाजन जैसी विपणन अवधारणाओं से परिचित नहीं हैं, तो आप अपने बाजार विश्लेषण को आउटसोर्स करना चाह सकते हैं। ऐसा करना आपके विश्लेषण की गुणवत्ता के लिए बहुत अच्छा हो सकता है, लेकिन यह आपके बजट में एक बड़ी सेंध भी छोड़ सकता है। अपनी लागत कम करने के लिए अपने बाजार विश्लेषण को एक निश्चित समूह – शायद वर्तमान ग्राहकों तक सीमित करें।
बाजार विश्लेषण समय लेने वाला हो सकता है।
बाजार विश्लेषण अधिक सीधे व्यापार से संबंधित कार्यों से कीमती समय निकाल सकता है। आप अपने दिन-प्रतिदिन के कार्यक्रम को मुक्त करने के लिए एक समय में एक क्षेत्र का विश्लेषण कर सकते हैं – जैसे, पैटर्न खरीदना या प्रतिस्पर्धा करना।
बाजार विश्लेषण के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की आवश्यकता हो सकती है।
कुछ बड़ी कंपनियां इन-हाउस मार्केट एनालिसिस स्टाफ को बनाए रखती हैं, और आप उनके नेतृत्व का अनुसरण कर सकते हैं। हालांकि, ऐसा करने से नए कर्मचारी को काम पर रखने की सभी सामान्य लागतें आती हैं। प्रश्न तब बन जाता है: क्या आप अपना बाजार विश्लेषण स्वयं करते हैं, इसे आउटसोर्स करते हैं, या इन-हाउस किराए पर लेते हैं? अधिक महंगे विकल्प अक्सर अधिक सार्थक अंतर्दृष्टि प्राप्त कर सकते हैं।
बाजार विश्लेषण संकीर्ण हो सकता है।
सबसे सफल बाजार विश्लेषण वास्तविक ग्राहक प्रतिक्रिया का उपयोग करते हैं, जो विश्लेषकों को अक्सर ग्राहक सर्वेक्षणों के माध्यम से मिलता है। ये सर्वेक्षण आपके संपूर्ण ग्राहक आधार के केवल एक हिस्से तक पहुंच सकते हैं, जिससे गलत नमूना आकार हो सकता है। इसका परिणाम यह होता है कि बाजार विश्लेषण आपके ग्राहकों का पूरी तरह से विवरण नहीं दे सकता है और आपको उनके बारे में क्या पता होना चाहिए।