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मंच का चयन

मंच का चयन
Written By: Priyam Sinha @PriyamSinha4
Updated on: September 11, 2022 12:01 IST

मंच का चयन

संगठनात्‍मक ढांचा

उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अध्‍याय 4 में त्रिस्‍तरीय उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोगों की स्‍थापना के उपबंध हैं जिसके अन्‍तर्गत राष्‍ट्र स्‍तर पर 'राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग' नई दिल्‍ली तथा प्रत्‍येक राज्‍य स्‍तर पर ''राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग'' एवं प्रत्‍येक जिले में कम से कम एक 'जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग' गठित किये जाने का प्रावधान है। राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग को संक्षेप में 'राष्‍ट्रीय आयोग', राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग को संक्षेप में 'राज्‍य आयोग' व जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग को संक्षेप में 'जिला आयोग' के नाम से जाना जाता है।

उपभोक्‍ता संरक्षण (जिला आयोग , राज्‍य आयोग और राष्‍ट्रीय आयोग की अधिकारिता) नियम , 2021 के नियम 3 के अनुसार जिला आयोग की अधिकारिता , ऐसी शिकायतों पर होगी , जिनमें माल एवं सेवाओं के प्रतिफल के रूप में भुगतान किया गया मूल्‍य पचास लाख रूपये से अधिक न हो , नियम-4 में राज्‍य आयोग की अधिकारिता अधिनियम के अन्‍य उपबन्‍धों के अधीन और धारा 47 की उप-धारा (1) के खण्‍ड (क) के उप खण्‍ड ( i ) के परन्‍तुक के अनुसरण में , राज्‍य आयोग की अधिकारिता , ऐसी शिकायतों पर होगी , जिनमें माल एवं सेवाओं के प्रतिफल के रूप में भुगतान किया गया मूल्‍य पचास लाख रूपये से अधिक हो किन्‍तु दो करोड़ रूपये से अधिक न हो , राष्‍ट्रीय आयोग की अधिकारिता अधिनियम के अन्‍य उपबन्‍धों के अध्‍यधीन और धारा 58 की उप धारा (1) के खण्‍ड (क) के उप खण्‍ड ( i ) के परन्‍तुक के अनुसरण में , राष्‍ट्रीय आयोग की अधिकारिता , ऐसी शिकायतों पर होगी , जिनमें माल एवं सेवाओं के प्रतिफल के रूप में भुगतान किया गया मूल्‍य दो करोड़ रूपये से अधिक हो।

प्रदेश में राज्‍य आयोग / जि‍ला मंचों की स्‍थापना

वर्तमान समय में प्रदेश में 01 राज्‍य आयोग तथा प्रदेश के 75 जिलों में कुल 79 जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग गठित है। लखनऊ , आगरा , बरेली एवं मुरादाबाद में दो जिला आयोग गठित है।

राज्‍य आयोग/जिला आयोगों के अध्‍यक्ष व सदस्‍यगण की नियुक्ति का प्रावधान

राज्‍य आयोग एवं जिला आयोगों के अध्‍यक्ष और सदस्‍यों की नियुक्ति आदि मंच का चयन के सम्‍बंध में केन्‍द्र सरकार ने उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम , 2019 (2019 का 35) की धारा 101 की उपधारा (2) के खण्‍ड (ढ) और (ब) के साथ पठित धारा 29 और 43 के अधीन प्रदत्‍त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उपभोक्‍ता संरक्षण (राज्‍य आयोग और जिला आयोग के अध्‍यक्ष और सदस्‍यों की नियुक्ति के लिये अर्हता , भर्ती की पद्धति , नियुक्ति की प्रक्रिया , कार्यकाल , पद से त्‍यागपत्र और हटाना) नियम 2020 प्रख्‍यापित किया है।

अध्‍यक्ष / सदस्‍यगण को देय वेतन / मानदेय एवं सुवि‍धाएं

उत्‍तर प्रदेश उपभोक्‍ता संरक्षण (राज्‍य आयोग और जिला आयोग के अध्‍यक्ष और सदस्‍यों का वेतन भत्‍ते एवं सेवा शर्तें) नियमावली 2021 प्रख्‍यापित है।

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अध्‍यक्ष/सदस्‍यगण के भरे व रिक्‍त पदों की स्थिति

राज्‍य आयोग में अध्‍यक्ष एवं सदस्‍यगण के पद भरे हुए है। दिनांक 31.03.2022 की स्थिति के अनुसार जिला मंचों में अध्‍यक्ष के 70 पद भरे व 09 पद रिक्‍त है, सामान्‍य सदस्‍य के 71 पद भरे व 08 पद रिक्‍त हैं एवं महिला सदस्‍य के 58 पद भरे व 21 पद रिक्‍त है। इस प्रकार अध्‍यक्ष के 09 पद , सामान्‍य सदस्‍य के 08 पद एवं महिला सदस्‍य के 21 पद रिक्‍त है। रिक्‍त पदों के भरे जाने की कार्यवाही प्रक्रिया में है।

राज्‍य आयोग/जिला मंचों हेतु स्‍वीकृत अधिकारी/कर्मचारी वर्ग

राज्‍य आयोग का सीधा प्रशासनिक नियंत्रण जिला मंचों पर स्‍थापित करने व उनके कार्यो को अधिक गतिशील बनाये जाने हेतु राज्‍य आयोग के अध्‍यक्ष को राज्‍य आयोग एवं जिला मंचों का विभागाध्‍यक्ष घोषित किया गया है। राज्‍य आयोग में प्रशासनिक गतिविधियों को संचालित करने एवं जिला मंचों पर प्रभावी नियंत्रण रखने हेतु उच्‍चतर न्‍यायिक सेवा संवर्ग के अन्‍तर्गत राज्‍य आयोग में निबन्‍धक का पद सृजित है, जो जिला मंचों और राज्‍य आयोग के नैत्यिक कार्यो के निष्‍पादन हेतु सृजित अराजपत्रित पदों के नियुक्‍त प्राधिकारी भी हैं। विभाग के समूह 'ख' एवं 'ग' के कार्मिकों की सेवानियमावली अधिसूचना संख्‍या 563/29-8-2006-सीपी 49/97टीसी दिनांक 24.5.2006 द्वारा प्रख्‍यापित की गयी है और वेतन समिति , 2008 के नवम प्रतिवेदन (भाग-1) में राजकीय विभागों के आशुलिपिक संवर्गो में की गयी संस्‍तुतियों पर लिये गये निर्णयों के कार्यान्‍वयन के संबंध में राज्‍य आयोग/जिला आयोगों के आशुलिपिक संवर्ग का पुनर्गठन किया गया है। इस प्रकार प्र‍त्‍येक जिला मंच में अध्‍यक्ष एवं सदस्‍यगण के अतिरिक्‍त वरिष्‍ठ सहायक , आशुलिपिक , कनिष्‍ठ सहायक , अर्दली तथा चपरासी के एक-एक पद अर्थात प्रति जिला मंच कुल पांच पद सृजित है , 3 जिला मंचों संतरविदासनगर , कुशीनगर एवं महोबा में एक-एक चौकीदार का भी पद सृजित है तथा 4 जिला मंचों कन्‍नौज , बागपत , औरैया एवं संतकबीरनगर में एक-एक पद चौकीदार कम सफाईकर्मी का पद भी सृजित है। इस प्रकार अध्‍यक्ष एवं सदस्‍यगण के पदों के अतिरिक्‍त राज्‍य आयोग एवं 79 जिला आयोगों में कुल मिलाकर 497 विभिन्‍न श्रेणी के पद (आउटसोर्स के पदों को सम्मिलित करते हुए) सृजित हैं जिनके सापेक्ष 428 पद भरे हुए हैं।

T20 World Cup 2022: भारत के दो स्टार गेंदबाजों की होगी वापसी! जानिए कब होगा विश्व कप के लिए टीम इंडिया का चयन

T20 World Cup 2022: भारतीय टीम टी20 वर्ल्ड कप 2022 से पहले ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के खिलाफ 3-3 मैचों की टी20 सीरीज खेलेगी।

Priyam Sinha

Written By: Priyam Sinha @PriyamSinha4
Updated on: September 11, 2022 12:01 IST

भारत के दो स्टार. - India TV Hindi News

Image Source : TWITTER भारत के दो स्टार गेंदबाजों की होगी वापसी

Highlights

  • 16 अक्टूबर से 13 नवंबर तक ऑस्ट्रेलिया में खेला जाएगा टी20 वर्ल्ड कप 2022
  • टी20 वर्ल्ड कप से पहले साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया से टी20 सीरीज खेलेगा भारत
  • 16 सितंबर को टी20 वर्ल्ड कप के लिए हो सकता है टीम इंडिया का चयन

T20 World Cup 2022: टीम इंडिया एशिया कप 2022 (Asia Cup 2022) के फाइनल में नहीं पहुंच पाई लेकिन टी20 वर्ल्ड कप 2022 टीम का प्रमुख मिशन है। उसके लिए अभी टीम का 15 सदस्यीय स्क्वॉड चुना जाना है, उससे पहले एक बड़ी खुशखबरी भारतीय क्रिकेट फैंस के लिए आती दिख रही है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो टीम इंडिया के दो स्टार गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और हर्षल पटेल ने फिटनेस टेस्ट पास कर लिया है। एशिया कप में टीम को गेंदबाजी आक्रमण में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।

आपको बता दें कि हर्षल पटेल इंग्लैंड सीरीज के बाद से चोट के कारण टीम से बाहर हैं। वहीं जसप्रीत बुमराह को भी इंग्लैंड दौरे पर शानदार प्रदर्शन के बाद पीठ में समस्या के कारण टीम से बाहर होना पड़ा था। एशिया कप 2022 में टीम इंडिया को इन दोनों ही गेंदबाजों की कमी खली है। लेकिन अब जब टीम 16 अक्टूबर से शुरू होने वाले टी20 वर्ल्ड कप के लिए जीतोड़ मेहनत में जुट गई है तो इन दोनों खिलाड़ियों की फिटनेस को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। कहा जा रहा है कि, फिटनेस मंच का चयन टेस्ट पास करने के बाद यह दोनों स्टार गेंदबाज टीम सेलेक्शन के लिए मौजूद रहेंगे।

क्या है फाइनल रिपोर्ट?

हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि, चोट से ठीक होने के लिए जसप्रीत बुमराह और हर्षल पटेल दोनों नेशनल क्रिकेट एकेडमी (NCA) में रिकवरी के लिए मौजूद थे। यहीं उन्होंने शनिवार (10 सितंबर) को फिटनेस टेस्ट दिया और BCCI की मेडिकल टीम दोनों की रिकवरी से संतुष्ट है। यह भी कहा गया कि, दोनों गेंदबाजों ने अपना-अपना फिटनेस टेस्ट पास किया और अब दोनों को टी20 वर्ल्ड कप के लिए होने वाले टीम सेलेक्शन के लिए उपलब्ध रहेंगे।

कब होगा टीम इंडिया का चयन?

हाल ही में खबरें सामने आई थीं कि टीम इंडिया का चयन 16 सितंबर को टी20 वर्ल्ड कप के लिए किया जा सकता है। वर्ल्ड कप से पहले टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की और साउथ अफ्रीका के खिलाफ भी तीन मैचों की टी20 सीरीज अपने घर पर खेलनी है। उम्मीद है इन दोनों सीरीज में टीम उसी स्क्वॉड के साथ बिना कोई प्रयोग करते हुए उतरेगी जिसे टी20 वर्ल्ड कप के लिए ऑस्ट्रेलिया भेजा जाएगा। इसी बीच साउथ अफ्रीका के खिलाफ होने वाली मंच का चयन तीन मैचों की वनडे सीरीज में शिखर धवन की अगुआई में भारत की बी टीम नजर आ सकती है।

टी20 वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया का संभावित स्क्वॉड

  • बल्लेबाज: रोहित शर्मा (कप्तान), विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव, दीपक हुड्डा, केएल राहुल
  • विकेटकीपर: ऋषभ पंत, दिनेश कार्तिक
  • ऑलराउंडर: अक्षर पटेल, हार्दिक पंड्या
  • गेंदबाज: भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमराह, हर्षल पटेल, युजवेंद्र चहल, अर्शदीप सिंह/मोहम्मद शमी, रविचंद्रन अश्विन

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राजर्षि पुरुषोत्तमदास टंडन मंच द्वारा प्रतिभागियों का किया सम्मान

थांदला/झाबुआ/अयोद्धया 7 मार्च ।
“भारत रत्न”, महान स्वतंत्रता सेनानी “राजर्षि पुरुषोत्तमदासजी टंडन” की जन्मजयंती 1 अगस्त को सम्पूर्ण देश मे “राजर्षि टंडन मंच” द्वारा मनाई गई थी । इस अवसर पर मंच द्वारा स्व.टंडनजी के जीवन पर राष्ट्रीय स्तर पर एक आलेख प्रतियोगिता का आयोजन रखा गया था । इस प्रतियोगिता में देश के अनेक विभिन्न प्रान्तों से सेकड़ो प्रतिभागियों ने भाग लिया था ।
“राजर्षि पुरुषोत्तमदासजी टंडन विचार मंच” द्वारा उक्त आलेख प्रतियोगिता के विजेताओं के चयन हेतु वरिष्ठ साहित्यकारों की एक तीन सदस्यीय निर्णायक समिति का गठन किया था जिसमे सर्वश्री शिवअवतार सरस, डॉ सतीश चौहान व डॉ अजय अनुपम को परिणाम के निर्णय की जिम्मेदारी दी गई थी ।
चयन समिति द्वारा सभी प्राप्त आलेखो के निरीक्षण पश्चात प्रथम, द्वितीय व तृतीय के अलावा 3 सात्वना पुरस्कारों के लिए नामो का चयन कर परिणाम घोषित किये गए थे ।
मंच के राष्ट्रीय सचिव मोहनकुमार मेहरोत्रा ने बताया कि घोषित परिणामो में प्रथम स्थान पर सर्वश्रेष्ठ सम्मान पुरस्कार मिर्जापुर उत्तरप्रदेश की 16 वर्षीय बालिका कु. कृतिका मनोचा, द्वितीय स्थान “राष्ट्र की महान विभूति” वरिष्ठ समाज सेविका डॉ स्वराज ग्रोवर अमृतसर पंजाब तथा

*तृतीय स्थान पर मध्यप्रदेश के झाबुआ के वरिष्ठ पत्रकार कुन्दन अरोड़ा के नाम का चयन किया गया था*

इसकेअलावा तीन सात्वना सम्मान पुरस्कार के लिए राजस्थान बीकानेर से श्री पूनमचंद छुछ, जोधपुर से संतोषकुमार गिराछ तथा मुरादाबाद यूपी से रेणु खत्री का चयन किया गया था ।

आयोजक विचार मंच द्वारा सभी चयनित प्रतिभागियों को सम्मान पुरस्कार प्रदान किया जाना था परन्तु “कोरोना महामारी प्रकोप” के चलते तत्समय आयोजन नही किया जा सका था ।
6 मार्च को राजर्षि पुरुषोत्तमदास टंडन मंच द्वारा अ. भा. महासभा के अयोद्धया में आयोजित होने जा रहे राष्ट्रीय अधिवेशन पर विजेता प्रतिभाओ को सम्मान पुरस्कार से उपकृत करने का निर्णय लिया गया ।
6 मार्च को श्री जानकीमहल ट्रस्ट अयोद्धया में आयोजित कार्यक्रम में सभी चयनित प्रतिभागिताओ का मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष केके सेठ, राष्ट्रीय महामंत्री संजय महेंद्रा, मुख्य संरक्षक निर्भयचंद्र सेठ द्वारा पुष्पमालाओं से सम्मानकर स्मृतिचिन्ह व पुरस्कार प्रदान किये गए ।

भोजपुरी,मगही व हिंदी को झारखण्ड राज्य कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षाओं में शामिल करने की मांग, एकता विकास मंच झारखण्ड हाईकोर्ट में करेगा पीआइएल.

जमशेदपुर:- झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग ने भोजपुरी, मगही व हिंदी को क्षेत्रीय भाषा से हटा दिया है। इससे यहां के एक मजबूत और अधिक जनसंख्या को किनारे पर डालने की राजनीति साजिश की गई है। यह आरोप एकता विकास मंच ने लगाया है। अब मंच ने इसे लेकर झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करने की घोषणा की है।

मंच का कहना है कि ऐसा इसलिए किया गया है ताकि मगही भोजपुरी और हिंदी भाषी वालों का अस्तित्व खत्म किया जा सके। इसको लेकर एकता विकास मंच के पदाधिकारियों कार्यकर्ताओं में काफी आक्रोश है। एकता विकास मंच आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर इसको लेकर शीघ्र ही हाईकोर्ट में पीआइएल करेगा ताकि हिंदी मगही भोजपुरी को क्षेत्रीय भाषाओं में राज्य कर्मचारी चयन आयोग में शामिल कर लोगों को नियोजन के परीक्षाओं में शामिल किया जा सके। इसको लेकर एकता विकास मंच सभी क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाएगा ताकि लोगों में सरकार के प्रति जो दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है। उसे जगजाहिर कर लोगों को बताया जा सके कि झारखंड में कैसे भेदभाव की रणनीति के तहत कार्य हो रहे हैं।

सरकार ने 12 क्षेत्रीय व जनजातीय भाषा को दी स्वीकृति

मंच के केंद्रीय अध्यक्ष एके मिश्रा का कहना है कि पांच अगस्त को झारखंड कैबिनेट की बैठक में झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षाओं के लिए कुल 12 क्षेत्रीय व जनजातीय भाषाओं को चिन्हित कर स्वीकृति दी गई। इसमें पलामू प्रमंडल के तीन जिलों तथा चतरा जिले में प्रमुखता से उपयोग की जाने वाली क्षेत्रीय भाषा भोजपुरी, हिंदी व मगही को शामिल नहीं किया गया है। भोजपुरी तथा मगही हिंदी भाषाओं को क्षेत्रीय भाषाओं की सूची में सम्मिलित नहीं किए जाने से लोगों में काफी रोष है। झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षाओं में पलामू प्रमंडल के तीनों जिलों तथा चतरा जिले के अभ्यर्थियों को समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए क्षेत्रीय भाषाओं की सूची में भोजपुरी मगही तथा हिंदी भाषा को शामिल किया जाए। ज्ञात हो कि झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षाओं में झारखंड राज्य से मैट्रिक व इंटर पास छात्र ही शामिल हो सकते हैं। ऐसी परिस्थिति में बिहार और उत्तरप्रदेश के अभ्यर्थियों के शामिल नहीं होने के लिए यह रणनीति के तहत नियम बनाई गई है।

मुख्यमंत्री से किया आग्रह

एकता विकास मंच ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह किया है कि 15 नवंबर 2000 की पूर्व संध्या तक झारखंड में निवास करने वालों सभी अभ्यर्थियों को शामिल किया जाए। राज्य के विभिन्न जिलों में भोजपुरी, हिंदी तथा मगही भाषा प्रमुखता से प्रचलन में है। मुख्यमंत्री से एकता विकास मंच का विनम्र आग्रह है कि उपरोक्त बिंदुओं पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर भोजपुरी हिंदी तथा मगही भाषाओं को क्षेत्रीय भाषाओं की स्वीकृत सूची में शामिल करने का निर्देश निर्गत करें, अन्यथा एकता विकास मंच बाध्य होकर आंदोलन करने एवं कोर्ट जाने के लिए मजबूर होगा।

एक विस्तृत साक्षात्कार

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एक विस्तृत साक्षात्कार किसी समूह विशेष के एक या एक से अधिक व्यक्तियों के साथ एक विस्तृत बातचीत करना है, जो कुछ मानदंडों के अनुसार या बिना किसी मानदंड के आयोजित की जाती है। एक विस्तृत साक्षात्कार एक व्यवहारिक शोध पद्धति है जिसके माध्यम से दर्शकों के एक वर्ग, उसकी प्राथमिकताओं, जरूरतों और जनसांख्यिकीय का अध्ययन करना संभव होता है और उनके आधार पर एक उत्पाद या आईडिया तैयार किया जा सकता है।

सरल शब्दों में, लोगों को बेहतर ढंग से जानने-समझने के लिए विस्तृत साक्षात्कार आयोजित किये जाते हैं। आप सामाजिक कार्यक्रमों का विश्लेषण करने के लिए मार्केटिंग विशेषज्ञ, मनोवैज्ञानिक या समाजशास्त्रियों का इस्तेमाल करके भी विस्तृत साक्षात्कार का आयोजन कर सकते हैं। आधुनिक दुनिया में, विस्तृत साक्षात्कार की तकनीक तब उपयोगी होती है जब किसी उत्पाद के उपभोक्ताओं के बारे में जानकारी प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।

विस्तृत साक्षात्कार आयोजित करना

एक विस्तृत साक्षात्कार एक व्यक्ति विशेष या समूह के साथ एक विस्तृत बातचीत करना है। यह एक अपूर्ण -औपचारिक अनुसंधान पद्धति है जिसका मानकीकरण करना कठिन है। विस्तृत साक्षात्कार के लिए प्रश्न पूछना आवश्यक है, लेकिन उतना ही ज़रूरी है साक्षात्कारकर्ता की साक्षात्कारदाता से बात करने की योग्यता, संबंधित प्रश्न पूछने के लिए सही समय का चुनाव और साक्षात्कारदाता को बोलने का अवसर देना और स्वयं चुप रहना।

विस्तृत साक्षात्कार आयोजित करने के लिए एक अच्छे साक्षात्कारकर्ता और एक प्रतिवादी का चयन करने की आवश्यकता होती है जो लोगों के किसी समूह विशेष का प्रतिनिधित्व कर सकता है और अपने समूह की आम राय व्यक्त कर सकता है। विस्तृत साक्षात्कार के विश्लेषण में प्रतिवादी के प्रश्नों के उत्तर और गैर-मौखिक संकेतों पर विचार करना चाहिए, जैसे चेहरे के भाव, बोलने का लहज़ा, हावभाव, आदि। इसलिए, साक्षात्कारकर्ता को प्रतिवादी की भावभंगिमा को अच्छी तरह से देखना-समझना चाहिए और उस पर ध्यान देना चाहिए।

विस्तृत साक्षात्कारों के उद्देश्य

विस्तृत साक्षात्कार का मुख्य उद्देश्य मंच का चयन किसी समूह विशेष से विशेष जानकारी प्राप्त करना है, लेकिन विस्तृत साक्षात्कार की प्रकृति विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न हो सकती है। उदाहरण के लिए, समाजशास्त्र में, वैज्ञानिक अनुसंधान संबंधी सामग्री जुटाने करने के लिए अक्सर विस्तृत साक्षात्कारों का इस्तेमाल किया जाता है। दूसरी ओर, मार्केटिंग में, विस्तृत साक्षात्कारों का इस्तेमाल अक्सर विशेष व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है

मार्केटिंग रिसर्चर, एक नये उत्पाद के लॉन्च से पहले विस्तृत साक्षात्कार तकनीक का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, यह तकनीकी अन्य स्थितियों में भी लाभदायक सिद्ध हो सकती है: उदाहरण के लिए, जब मार्केटर्स को यह समझने-समझाने की ज़रूरत होती है कि कोई विशेष उत्पाद उसके दर्शकों द्वारा क्यों पसंद नहीं किया जा रहा है।

विस्तृत साक्षात्कार की तकनीक

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एक मार्केटिंग रिसर्च के लिए विस्तृत साक्षात्कार आमतौर पर बी 2 बी यानी (बिज़नेस टू बिज़नेस) क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जाता है, जबकि उपभोक्ताओं की राय जानने के लिए विस्तृत साक्षात्कार कम प्रचलित है। आमतौर पर, आप इसका इस्तेमाल उन मामलों में होता जहाँ कुछ विवादास्पद विषय होते हैं जिनके बारे में उत्तरदाताओं को सामान्य नतीजों संबंधी सवालों के माध्यम से खुद को ईमानदारी से व्यक्त करना मुश्किल होता है। इसलिए, इसके बजाय, विस्तृत साक्षत्कारों के तरीके किसी विशेष समूह के प्रतिनिधि के साथ विस्तृत बातचीत करने के लिए गुणात्मक साक्षात्कार का इस्तेमाल करते हैं।

विस्तृत साक्षात्कार व्यक्तिगत (यानी कि, एक व्यक्ति के साथ) और दो लोगों के साथ, या यहाँ तक कि एक साथ लोगों के समूह के साथ भी हो सकते हैं। जिन शर्तों के मुताबिक विस्तृत साक्षात्कार आयोजित किये जाते हैं वो भी भिन्न-भिन्न हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, विस्तृत साक्षात्कार के लिए निर्धारित विषय, शुरुआती परीक्षण या कम संख्या में उत्तरदाताओं से नज़दीकी तौर पर परिचित होने का संकेत देते हैं। ये साक्षात्कार उत्पाद और उसके इस्तेमाल से संबंधित अनुभव के बारे में निष्पक्ष राय बनाने की अनुमति देते हैं।

उपभोक्ताओं के साथ विस्तृत साक्षात्कार

किसी मार्केटिंग रिसर्च के लिए, उपभोक्ताओं के साथ विस्तृत साक्षात्कार आयोजित करना सबसे मूल्यवान तरीका हैं। इस प्रकार के साक्षात्कार आपको अपने ग्राहक के बारे में ज़्यादा जानने, और आपकी बिक्री बढ़ाने में मदद करते हैं। आप किसी उपभोक्ता की जानकारी का इस्तेमाल उत्पाद से संबंधित समस्याओं की पहचान करने के लिए भी कर सकते हैं। इस मामले में, एक उपभोक्ता को किसी उत्पाद से संबंधित विस्तृत ज्ञान हो सकता है, जो किसी विशेषज्ञ की परिभाषा से अधिक उपयुक्त हो। कंपनी के मुखिया के साथ एक विस्तृत साक्षात्कार आमतौर पर बी2बी क्षेत्र में इस्तेमाल की जाने वाली एक तकनीक है क्योंकि यह बी2बी कंपनियों के लिए अपने संभावित मंच का चयन ग्राहकों का अध्ययन करने का सबसे उपयुक्त तरीका है।

किसी कंपनी के मालिक के साथ साक्षात्कार के लिए विशेष रूप से सावधानीपूर्वक तैयारी करने की ज़रूरत होती है। एक नियम के रूप में, ऐसे प्रतिवादी बातचीत के लिए अधिक समय नहीं देते हैं । इसलिए आपको हर मिनट का भलीभांति इस्तेमाल करना चाहिए। साथ ही, हमें प्रतिवादी की परिस्थिति के बारे में नहीं भूलना चाहिए। कंपनी के मालिक के आपत्तिजनक शब्दों से व्यवसाय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, और उनके लापरवाही भरे बयानों की वजह से कंपनी को नुकसान हो सकता है। इसलिए कंपनी के सीईओ के साक्षात्कार से पहले इस बात की गारंटी देनी बहुत महत्वपूर्ण है कि बातचीत पूरी तरह से गोपनीय होगी और कंपनी के प्रमुख के साक्षात्कार से जुड़े बयानों को सार्वजनिक नहीं किया जायेगा

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