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मेटा व्यापारी 4

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Facebook Parent Meta layoffs

Lay off news: फेसबुक वाले जकरबर्ग ने तो डरा दिया! बोले- मेटा में अब नई नौकरियां नहीं, जल्द ही छंटनी जरूर होगी

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शेयरों में गिरावट
जकरबर्ग के साथ मीटिंग में शामिल हुए कर्मचारियों के मुताबिक सभी मैनेजरों से बजट में कटौती करने को कहा गया है। उन्होंने नई भर्तियां नहीं करने या छंटनी करने को कहा गया है। फेसबुक ने मेटावर्स प्रॉडक्ट्स को आक्रामक तरीके से प्रमोट कर रहा है। यही कारण है कि कंपनी का फाइनेंस प्रभावित हुआ है। साथ ही फेसबुक को दूसरी कंपनियों से भी कड़ी टक्कर मिल रही है। इस कारण कंपनी की विज्ञापन से होने वाली कमाई प्रभावित हुई है।

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फेसबुक (अब मेटा प्लेटफॉर्म्स) को टिकटॉक (TikTok) और यूट्यूब (YouTube) जैसे प्लेटफॉर्म्स से कड़ी टक्कर मिल रही है। करीब 18 साल पुरानी इस कंपनी से यूजर्स टिकटॉक और यूट्यूब की तरफ शिफ्ट हो रहे हैं। इस कारण कंपनी का रेवेन्यू बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस साल कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट आई है। इस गिरावट के कारण जकरबर्ग की नेटवर्थ भी प्रभावित हुई है। लंबे समय तक दुनिया के टॉप तीन अमीरों की लिस्ट में शामिल रहे जकरबर्ग अब 23वें नंबर पर खिसक गए हैं। ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स के मुताबिक उनकी नेटवर्थ 50.9 अरब रह गई है। इस साल उनकी नेटवर्थ में 74.6 अरब डॉलर की गिरावट आई है।

Facebook बना Meta, ऐसे शुरू हुआ था सफर, ये विवाद भी जुड़े

फेसबुक की ओर से 15 सेकेंड का एक वीडियो जारी किया गया है जिसमें यह दिखाया गया है कि फेसबुक का नाम बदलकर अब मेटा कर मेटा व्यापारी 4 दिया गया है. इस वीडियो में मेटा का लोगो भी जारी किया गया है.

October 30, 2021

Facebook change name to Meta

नई दिल्ली: फेसबुक (Facebook) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg ) ने गुरुवार को बड़ी घोषणा करते हुए फेसबुक का नाम बदलकर ‘मेटा’ कर दिया. उन्होंने कहा कि यह कदम इस तथ्य को दर्शाता है कि कंपनी सोशल मीडिया मंच (जिसे अभी भी फेसबुक कहा जाएगा) की तुलना में बहुत व्यापक है. ये कदम कंपनी और मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg ) द्वारा ‘मेटावर्स’ पर कई महीनों के विचार-विमर्श के बाद उठाया गया है. फेसबुक की ओर से 15 सेकेंड का एक वीडियो जारी किया गया है जिसमें यह दिखाया गया है कि फेसबुक का नाम बदलकर अब मेटा कर दिया गया है. इस वीडियो में मेटा का लोगो भी जारी किया गया है. वर्टिकल ‘आठ’ (8) के तर्ज पर मेटा का लोगो ब्लू कलर में जारी किया गया है.

  • 4 फरवरी 2004: जुकरबर्ग ने thefacebook.com नाम से एक नई वेबसाइट शुरू की.
  • 2005: फेसबुक को एक्सेल से $12.7m और वेंचर कैपिटलिस्ट जिम ब्रेयर के व्यक्तिगत भाग्य से $1m का निवेश प्राप्त हुआ.
  • अगस्त 2005: नाम बदलकर फेसबुक कर दिया गया और $200,000 की लागत से facebook.com डोमेन खरीदा.
  • सितंबर 2006: मंच वैश्विक हो गया और सभी के लिए खुला हो गया.
  • मई 2007: फेसबुक ने अपना मार्केटप्लेस शुरू किया, यहां उपयोगकर्ता अपने उत्पादों और सेवाओं मेटा व्यापारी 4 को बेचने के लिए विज्ञापन पोस्ट कर सकते थे. 2007 के अंत तक एक लाख से अधिक कंपनियां अपने व्यवसाय से संबंधित पेज लॉन्च करने के लिए फेसबुक से जुड़ीं.
  • 2008: फेसबुक चैट, पीपल यू मे नो, फेसबुक वॉल और फेसबुक कनेक्ट जैसी सुविधाओं के साथ आया, जो उसी वर्ष रिलीज हुई, जिसने इसकी लोकप्रियता में इजाफा किया.
  • दिसंबर 2009: फेसबुक ने 350 मिलियन पंजीकृत उपयोगकर्ताओं और 132 मिलियन अद्वितीय मासिक उपयोगकर्ताओं के साथ बहुत बड़ी सफलता हासिल की.
  • 2012: Google और Amazon के बाद Facebook अमेरिका की तीसरी सबसे बड़ी वेब कंपनी बन गई.
  • 2012: फेसबुक ने 1 अरब डॉलर खर्च कर इंस्टाग्राम को खरीदा.
  • 2014: फेसबुक ने व्हाट्सएप को 19 अरब डॉलर में खरीदा, इससे कंपनी को युवा व्हाट्सएप यूजर बेस और उनके विदेशी यूजर्स तक पहुंचने में मदद मिली.
  • 2015: फेसबुक ने बिजली उपयोगकर्ताओं के लिए कंपनी के ऐप से लाइव वीडियो स्ट्रीम प्रसारित करने के लिए एक फीचर शुरू किया, फेसबुक मेंशन. छह महीने बाद, फेसबुक लाइव ब्रांडेड फीचर को सामान्य यूजर्स के लिए रोल आउट किया गया
  • 2021: फेसबुक इंक. अब मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक है. कंपनी ने कहा कि मेटा, मेटावर्स बनाने में मदद करेगा. एक ऐसी जगह जहां हम खेलेंगे और 3डी तकनीक के जरिए एक मेटा व्यापारी 4 दूसरे से जुड़ेंगे. सामाजिक जुड़ाव के अगले चैप्टर में आपका स्वागत है.
  • 2012: फेसबुक को इस रहस्योद्घाटन के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा कि वह 70,000 गैर-सहमति वाले प्रतिभागियों पर मनोवैज्ञानिक परीक्षण कर रहा था, उपयोगकर्ताओं के न्यूज़फ़ीड से कुछ शब्दों को हटाकर यह परीक्षण करने के लिए कि यह पोस्ट पर उनकी प्रतिक्रियाओं को कैसे प्रभावित करता है.
  • 2016: साल 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान, बज़फीड की एक रिपोर्ट ने दिखाया कि झूठी खबरों ने वास्तविक समाचारों से बेहतर प्रदर्शन किया. मार्क जुकरबर्ग ने फेसबुक पर माफी मांगी और सुधार करने की योजना बनाई.
  • 2018: कैम्ब्रिज एनालिटिका स्कैंडल: यह खुलासा करता है कि डेटा-एनालिटिक्स फर्म ने लाखों फेसबुक उपयोगकर्ताओं से गलत तरीके से डेटा प्राप्त किया. यह आरोप लगाया गया था कि कैंब्रिज एनालिटिका ने मतदाताओं को लक्षित करने के लिए फेसबुक उपयोगकर्ता डेटा का इस्तेमाल किया, जुकरबर्ग ने अप्रैल 2018 में कांग्रेस के सामने गवाही दी.
  • 2018: फेसबुक पर आरोप कि देश के सैन्य अधिकारियों द्वारा म्यांमार में मुस्लिम रोहिंग्या अल्पसंख्यक के खिलाफ नरसंहार को उकसाने के लिए सोशल नेटवर्क का इस्तेमाल किया गया था.
  • 2018: फ्रांसिस हौगेन, व्हिसल-ब्लोअर ने अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) और वॉल स्ट्रीट जर्नल को हजारों आंतरिक दस्तावेज लीक किए. दस्तावेज़ से पता चलता है – फेसबुक अपने उत्पादों के कारण होने वाले नकारात्मक प्रभाव से अवगत था, लेकिन उसने बड़े पैमाने पर उन्हें नजरअंदाज कर दिया.
  • 2019: संघीय व्यापार आयोग (FTC) ने उपयोगकर्ता गोपनीयता के उल्लंघन पर फेसबुक पर $ 5 बिलियन का मेटा व्यापारी 4 जुर्माना लगाया, जो एक तकनीकी कंपनी के लिए रिकॉर्ड-तोड़ जुर्माना था.
  • 2020: अमेरिकी अखबार ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ की एक रिपोर्ट से भारतीय राजनीति में भूचाल आ गया था. इस रिपोर्ट में फेसबुक के अनाम सूत्रों के हवाले से दावा किया गया था कि फेसबुक के वरिष्ठ भारतीय नीति अधिकारी ने कथित तौर पर सांप्रदायिक आरोपों वाली पोस्ट डालने के मामले में तेलंगाना के एक भाजपा विधायक पर स्थायी पाबंदी को रोकने संबंधी आंतरिक पत्र में दखलंदाजी की थी.
  • अप्रैल 2021: सोफी झांग, एक अन्य व्हिसल-ब्लोअर ने “हजारों खातों” के एक नेटवर्क की खोज की, जिसका उपयोग आप समर्थक राजनीतिक संदेशों को फैलाने के लिए किया जा रहा था. ये सारे अकाउंट्स खुद को बीजेपी समर्थकों के रूप में प्रस्तुत कर रहे थे जिन्होंने पीएम मोदी को वोट दिया था और वे दिल्ली में आम आदमी पार्टी का समर्थन करने की बात कह रहे थे.

‘मेटावर्स एक नया ईकोसिस्टम होगा’

जुकरबर्ग ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मेटावर्स एक नया ईकोसिस्टम होगा, जिससे कंटेंट तैयार करने वालों के लिये लाखों नौकरियां सृजित होंगी. हालांकि आलोचकों का कहना है कि यह हाल में फेसबुक पेपर्स से दस्तावेज लीक होने से उत्पन्न विवाद से ध्यान भटकाने का एक प्रयास हो सकता है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यह जनसंपर्क की एक कवायद मात्र है, जिसमें जुकरबर्ग कई साल से जारी विवादों के बाद फेसबुक को नए रंग-रूप में पेश करने की कोशिश कर रहे हैं या फिर यह कंपनी को सही दिशा में स्थापित करने की एक कोशिश है जिसे वह कंप्यूटिंग के भविष्य के रूप में देखते हैं?

Twitter के नक्शे कदम पर Meta, हजारों लोगों की नौकरी जाने का खतरा

फेसबुक-पैरेंट मेटा भी ट्विटर के राह पर चलने जा रही है. मेटा इस सप्ताह हजारों कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है. ऐसा होने पर मेटा में काम करने वाले हजारों लोगों के ऊपर नौकरी जाने की तलवार लटकने लगी है. मेटा की तरह ही अमेजन भी जल्द ही अपने कॉर्पोरेट ऑफिस में भर्ती पर रोक लगा देगा.

Facebook Parent Meta layoffs

Facebook Parent Meta layoffs

gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 07 नवंबर 2022,
  • (Updated 07 नवंबर 2022, 1:29 PM IST)

मेटा की एक साल में बाजार मूल्य 600 अरब डॉलर तक गिरी

मेटा का साल-दर-साल कम हो रहा मुनाफा

फेसबुक-पैरेंट मेटा इस सप्ताह हजारों कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है. अगर मेटा ऐसा करती है तो वह अपने कर्मचारियों की संख्या को कम करने वाली नई कंपनी बन जाएगी. इसके बारे में अमेरिकी मीडिया वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है. जिसमें उनकी तरफ से कहा गया है कि मेटा के जरिए कर्मचारियों की छंटनी होने पर कई हजारों लोगों पर प्रभाव पड़ेगा.

एक रिपोर्ट के मुताबिक 30 सितंबर तक मेटा के दुनिया भर में कई प्लेटफार्म पर करीब 87,000 कर्मचारी काम करते थे. इस प्लेटफॉर्म में फेसबुक और इंस्टाग्राम के साथ व्हाट्सएप भी शामिल हैं. मेटा में कर्मचारियों के कम करने को लेकर इसके सीईओ मार्क जुकरबर्ग की तरफ से साफ कर दिया गया है. दरअसल हाल ही में जुकरबर्ग ने कहा था कि 2023 तक कंपनी के कर्मचारी नहीं बढ़ेगे, बल्कि कम जरूर हो सकते हैं.

ये कंपनियां भी कर रही छंटनी
मेटा से इसी सप्ताह ही अपने कर्मचारियों की छंटनी कर सकता है. मेटा से पहले सिलिकॉन वैली मेटा व्यापारी 4 फर्म स्ट्राइप और लिफ़्ट ने बड़े पैमाने पर छंटनी की घोषणा कर चुकी है. इसके साथ ही अमेजन की तरफ से पहले ही साफ किया जा चुका है कि जल्द ही अपने कॉर्पोरेट ऑफिस में भर्ती पर रोक लगा देगा. वहीं जब से एलोन मस्क ट्विटर के मालिक बने हैं तब से वह अभी तक करीब 7,500 कर्मचारियों में से आधे को निकाल चुके हैं.

मेटा का मुनाफा गिरकर 4.4 बिलियन डॉलर हुआ
रिपोर्ट के अनुसार मेटा का तीसरी तिमाही में मुनाफा काफी गिरा है. तीसरी तिमाही में मुनाफा गिरकर 4.4 बिलियन डॉलर हो गया. इतना ही नहीं यह साल-दर-साल कम होता जा रहा है. साथ ही मेटा के शेयर में भी 25 फीसद तक गिरे है. जिसके चलते कंपनी पर काफी बड़ा प्रभाव पड़ा है. रिपोर्ट के अनुसार मेटा कंपनी का मुनाफा पिछले एक साल में बाजार मूल्य 600 अरब डॉलर तक गिर गया है. मुनाफा गिरने के चलते फेसबुक-पैरेंट मेटा कई कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा सकती है.

सर्वे: इंटरनेट यूजर्स ने Facebook या Meta को माना दुनिया की सबसे खराब कंपनी

Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। आज Facebook और Instagram ऐसे प्लेटफार्म बन चुके हैं। जिसके माध्यम से हर कोई अपनी बात खुलेआम रख सकता है। इसके बावजूद भी इस प्लेटफार्म का संचालन करने वाली कंपनी Facebook या मेटा दुनिया की सबसे खराब कंपनी बताई जा रही है। ऐसा हम नहीं याहू फाइनेंस द्वारा करवाए गए सर्वे का कहना है।

याहू फाइनेंस का सर्वे :

दरअसल, याहू फाइनेंस द्वारा एक सर्वे करवाया गया था। इस सर्वे का मकसद बड़ी कंपनियों के बारे में यूजर्स की राय जानना था और जब यूजर्स की राय सामने आई तो वह हैरान कर देने वाली थी। क्योंकि, Facebook को दुनिया की सबसे खराब कंपनी बताया गया है। इस सर्वे के अनुसार याहू फाइनेंस ने दुनिया की सबसे अच्छी और सबसे खराब कंपनियों की रैंकिंग और लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में सबसे ख़राब कंपनी का दर्जा Facebook को और सबसे अच्छी कंपनी का स्थान Microsoft को दिया गया है। बता दें, इसी साल Facebook ने अपना नाम बदलकर मेटा रख लिया है। फिलहाल कंपनी मल्टीवर्स जैसे नए प्रोजेक्ट्स पर फोकस कर रही है।

यूजर्स का फीडबैक :

बताते चलें, याहू फाइनेंस द्वारा किए गए सर्वे में शामिल लोगों द्वारा दी गई वोटिंग के अनुसार, इस साल की बेस्ट कंपनी के तौर पर Microsoft को चुना गया है। जबकि, Facebook या Meta को सबसे खराब कंपनी मानते हुए फीडबैक दिया है। वहीं यूजर्स ने दुनिया की दूसरी सबसे खराब कंपनी चाइना की ई-कॉमर्स कंपनी Alibaba को बताया है। उसे 50% वोट्स मिले। बता दें, याहू फाइनेंस द्वारा यह ओपन एंडेड सर्वे अपने होमपेज पर 4 दिसंबर और 5 दिसंबर को सर्वे मंकी द्वारा कराया गया था। इसमें 1,500 से ज्यादा इंटरनेट यूजर्स ने इसमें हिस्सा लिया।

सबसे खराब कंपनी बताने का कारण :

इंटरनेट यूजर्स द्वारा Facebook या Meta को सबसे खराब कंपनी बताने के पीछे कई कारण बताए गए हैं। इतना ही नहीं इसके सेंसरशिप को लेकर भी यूजर्स कंपनी से खुश नहीं हैं। यूजर्स का मानना है कि, Facebook पर 'फ्री स्पीच' का ऑप्शन उन्हें दिया जाता। प्लेटफॉर्म को यूजर्स को उनके विचार रखने और अपनी पसंद, नापसंद शेयर करने की पूरी स्वतंत्रता देनी चाहिए। जबकि कई यूजर्स तो Facebook को भड़काने वाले विचार फैलाने वाले प्लेटफॉर्म मानते है। इंटरनेट यूजर्स ने तो Facebook पर 'दुनियाभर में लोकतंत्र' को कमतर आंकने का आरोप लगा और इसे यूजर्स में निगेटिव बदलाव लाने के लिए जिम्मेदार तक माना है। इसके अलावा कुछ का मानना है कि, Instagram कम उम्र वाले यूजर्स के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है।

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