रुझान आईडी

जिला निर्वाचन कार्यालय
मतदाताओं के लिए सूचना के स्वतंत्र और निष्पक्ष प्रसारण और रुझान आईडी मतदाताओं के लिए मतदाता तथ्यों और मतदाता पहचान पत्र की ऑन-लाइन उपलब्धता प्रदान करने रुझान आईडी के उद्देश्य से 7 विधानसभा क्षेत्र में मतदाता पंजीकरण केंद्र स्थापित किए गए हैं। जिले के सभी नागरिकों से एक मजबूत लोकतंत्र की भागीदारी में अमूल्य सहयोग और सुझावों का अनुरोध किया जाता है।
Gujarat Elections 2022: आईबी की रिपोर्ट में आम आदमी पार्टी को मिल रही जीत? अरविंद केजरीवाल के दावे में कितना दम?
Gujarat Elections 2022: आईबी की रिपोर्ट में आम आदमी पार्टी को मिल रही जीत? अरविंद रुझान आईडी केजरीवाल के दावे में कितना दम?
शशि तुषार शर्मा
- नई दिल्ली,
- 04 अक्टूबर 2022,
- अपडेटेड 1:34 PM IST
गुजरात में चुनावी तारीखों का ऐलान होने में कुछ ही दिन बचे हैं. बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में मुकाबला दिलचस्प होता जा रहा है. आईबी की रिपोर्ट के हवाले से रुझान आईडी अरविंद केजरीवाल ने गुजरात में जीत का दावा किया है, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी 150 प्लस के मिशन में लगी है. सवाल है कि आखिर गुजरात के किले को कौन फतेह करेगा? देखिए ये रिपोर्ट
Voter ID to link with Aadhar:फर्जी वोटिंग पर लगेगी लगाम, क्लीन होगा सिस्टम ! जानें क्या कहते हैं पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त
Voter ID to link with Aadhar: सरकार ने वोटर आईडी को आधार से लिंक करने का अहम फैसला किया है। चुनाव सुधारों की दिशा में यह बड़ा कदम है। इसके जरिए फर्जी वोटिंग पर लगाम लग सकती है। हालांकि डाटा प्राइवेसी को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं।
- आधार से वोटर आई डी को लिंक करना ऑप्शनल होगा।
- पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस.वाई. कुरैशी के अनुसार आधार से वोटर आईडी लिंक होने से डाटा प्राइवेसी का मौटे तर पर खतरा नहीं दिखता है।
- डुप्लीकेसी और फर्जी वोटिंग पर लगाम लगेगी, लेकिन प्रवासी श्रमिकों को फायदा देने के लिए कानून में बदलाव करना होगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। दावा है कि इसके जरिए डुप्लीकेसी रूकेगी और फर्जी वोटिंग पर भी लगाम लगेगी। आधार को लिंक करने की प्रक्रिया, चुनाव आयोग ने साल 2015 में शुरू में की थी, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को देखते हुए इस पर रोक लगा दी थी। अब कैबिनेट ने नए सिरे से इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है। जिसके आधार पर कानून में संशोधन भी किया जाएगा। सरकार के फैसले पर टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल ने पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस.वाई.कुरैशी से बात की है। पेश है उसके प्रमुख अंश:
क्या डुप्लीकेट वोटर की समस्या खत्म होगी
वर्षों से चुनाव आयोग डुप्लीकेट वोटर की समस्या से जूझ रहा है। ऐसी सूरत में आधार के जरिए डुप्लीकेट वोटर की पहचान हो सकेगी और सिस्टम को साफ करना आसान हो जाएगा। क्योंकि देश में बड़े पैमाने पर बोगस वोटर है। मेरे कार्यकाल में डुप्लीकेसी रोकने के लिए ,वोटर को यह प्रावधान दिया गया कि अगर उसके पास दो जगहों पर वोटर आईडी है तो वह आयोग को सूचना देकर एक जगह की वोटर आईडी को रुझान आईडी निरस्त करा सकता है। वोटर को यह भी समझना चाहिए कि दो जगह वोटिंग करना अपराध है।
ऑप्शनल सिस्टम क्यों रखा
वोटर आई को आधार से लिंक करना ऑप्शनल होगा। अब इसके तहत यह समझना होगा कि ये ऑप्शन कैसे इस्तेमाल होगा। क्योंकि अभी यह नहीं पता है कि वोटर आईडी कार्ड धारक के पास विकल्प आएगा या फिर यह प्रक्रिया खुद चुनाव आयोग करेगा। अगर चुनाव आयोग इसको करता है तो देश में करीब 90 करोड़ वोटर है। उसे बहुत लंबी प्रक्रिया अपनानी होगी। मुझे समझ में नहीं आता है कि ऑप्शनल की प्रक्रिया कैसे पूरी की जाएगी।
क्या प्रवासी श्रमिकों को फायदा मिलेगा
आधार आईडी स्थायी होती है। जबकि वोटर आईडी अस्थायी होती है। क्योंकि मौजूदा कानून के तहत अगर कोई व्यक्ति अपना निवास रुझान आईडी बदलता है और छह महीने तक उस जगह रहता है, तो वह नए निवास रुझान आईडी स्थान के आधार पर वोटर आईडी बनवा सकता है। अगर आधार के प्रमाण पर वोट देने का विकल्प आएगा, तो इसके लिए मौजूदा कानून में बदलाव करना होगा। ऐसा होने के बाद प्रवासी श्रमिकों को स्थान बदलने पर भी वोट देने का मौका मिल सकता है। इसके लिए हमें कानूनी प्रक्रिया का इंतजार करना होगा।
डर क्या
मुझे तो समझ में नहीं आता है कि आधार को वोटर आईडी से लिंक करने में डर क्या है। हो सकता है कोई खास वजह हो लेकिन मोटे तौर पर मुझे कोई दिक्कत नहीं दिखती है। इसके अलावा वोटर आई डी में नाम, पता, जन्म तिथि और पिता का नाम दर्ज होता है। जो कि पहले से ही सार्वजनिक है। ऐसे में डरने की कोई जरुरत नहीं है।
रुझान आईडी
विभाग | किसान कल्याण और कृषि विकास |
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कार्यालय | उप संचालक कृषि राजगढ़ |
कार्यालय का पता | एसपी कार्यालय के सामने, केंद्रीय विद्यालय राजगढ़ के पीछे |
कार्यालय ई-मेल | [email protected] |
कार्यालय का फोन | |
अधिकारी का नाम | उपसंचालक कृषि |
अधिकारी मोबाइल |
योजनाओ के लिये आवेदन
क्रमांक | योजना का नाम /(वेबसाइट/लिंक) | आवेदन का प्रकार (ऑनलाइन/ऑफ़लाइन) | रिमार्क (कोई अन्य विवरण) | मोबाइल एप्लिकेशन डाउनलोड लिंक |
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1 | ई-कृषि यंत्र अनुदान | ऑनलाइन | कृषि उपकरण अनुदान पर लेने हेतु आवेदन | e-कृषियंत्र सेवा |
2 | प्रधान मंत्री कृषि सिचाई योजना | ऑनलाइन | कृषि सिंचाई उपकरण अनुदान पर लेने हेतु आवेदन | e-कृषियंत्र सेवा |
3 | बलराम तालाब | ऑनलाइन | बलराम तालाबअनुदान पर बनवानेहेतु आवेदन | e-कृषियंत्र सेवा |
4 | लोकसेवा गारंटी मध्य प्रदेश | ऑनलाइन | उर्वरक, कीटनाशक रुझान आईडी एवं बीज लाइसेंस के आवेदन | एमपी मोबाइल |
5 | सी.एम. हेल्पलाइन | ऑनलाइन | कृषको द्वारा विभागीय योजनाओ से सम्बंधित समस्याओ हेतु मोबाइलसे 181 पर कॉल करने पर शिकायत का निराकरण | सी.एम. हेल्पलाइन |
6 | प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना | ऑनलाइन | प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) सरकार (कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय) प्रायोजित फसल बीमा योजना है | |
7 | उर्वरक और कीटनाशक लाइसेंस | ऑनलाइन | उर्वरक एवं कीटनाशक के विनिर्माण लायसेंस हेतु आनलाईन आवेदन | |
8 | माइक्रो सिचाई | ऑनलाइन | माइक्रो सिचाई/उद्यानिकी उपकरण – रुझान आईडी रुझान आईडी उद्यानिक एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग-ऑनलाइन आवेदन |
योजनाओ की प्रगति
एगमार्कनेट पोर्टल कृषि विपणन से संबंधित विभिन्न संगठनों की वेबसाइटों के आकलन के लिए एकल खिड़की के रूप में भी कार्य करता है। यह प्रमुख कृषि जिंसों के संबंध में महत्वपूर्ण बाजारों के लिए साप्ताहिक मूल्य प्रवृत्ति रिपोर्ट भी प्रदान करता है। यह महत्वपूर्ण वस्तुओं के लिए स्पॉट और भविष्य की कीमतें प्रदान करने के लिए ऑनलाइन एक्सचेंज पोर्टल्स के साथ जुड़ा हुआ है। इस पोर्टल के माध्यम से विभिन्न कृषि जिंसों के अंतर्राष्ट्रीय मूल्य रुझान भी सुलभ हैं।
पीएम- किसान सम्मान निधि भारत सरकार से 100% वित्त पोषण के साथ एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है , यह 1-12-2018 से चालू हो गई है। योजना के तहत तीन समान किस्तों में रु .6000 / – प्रति वर्ष की आय सहायता दी जाएगी ,राज्य सरकार उन किसान परिवारों की पहचान करेगी जो योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार समर्थन के पात्र हैं। फंड सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में स्थानांतरित किया जाएगा।
आधार नियमों में संशोधन; सहायक दस्तावेज़ को 10 वर्षों में कम से कम एक बार अद्यतन किया जा सकता है | भारत की ताजा खबर
“आधार संख्या धारक, आधार के लिए नामांकन की तारीख से हर 10 साल पूरे होने पर, आधार में अपने सहायक दस्तावेजों को कम से कम एक बार, पहचान का प्रमाण (पीओआई) और पते का प्रमाण (पीओए) दस्तावेज जमा करके अपडेट कर सकते हैं। ताकि समय-समय पर प्राधिकरण द्वारा निर्दिष्ट तरीके से सीआईडीआर में उनकी जानकारी की निरंतर सटीकता सुनिश्चित की जा सके।
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आधार (नामांकन और अद्यतन) विनियमों में बदलाव करके बदलाव किए गए हैं।
पिछले महीने, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) – सरकारी एजेंसी जो आधार संख्या जारी करती है – ने लोगों से पहचान और निवास प्रमाण दस्तावेजों को अपडेट करने का रुझान आईडी आग्रह किया था, अगर उन्हें 10 साल से अधिक समय पहले विशिष्ट आईडी जारी किया गया था, लेकिन उन्हें अपडेट नहीं किया था तब से विवरण। तदनुसार, इस संबंध में आधार धारकों को सुविधा प्रदान करने के लिए, यूआईडीएआई ने ‘अपडेट दस्तावेज़’ की एक नई सुविधा विकसित की है।
इस सुविधा को myAadhaar पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन एक्सेस किया जा सकता है, और myAadhaar ऐप या निवासी इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए किसी भी आधार नामांकन केंद्र पर जा सकते हैं।