वैश्विक संकेत

वैश्विक संकेतों से चाल पकड़ेगा घरेलू शेयर बाजार, आर्थिक आंकड़ों पर टिकी रहेगी नजर
घरेलू शेयर बाजार इस सप्ताह भी विदेशी बाजारों से मिलने वाले संकेतों से चाल पकड़ेगा। हालांकि सप्ताह के आखिर में जारी होने वाले प्रमुख आर्थिक आंकड़ों पर निवेशकों की नजर टिकी रहेगी। कच्चे तेल के दाम, फेड की बैठक के नतीजे, डॉलर के मुकाबले देसी करेंसी रुपये की चाल और बांड बाजार के रुखों से भी देश के शेयर बाजार की दिशा तय होगी।
अमेरिका में रोजगार के अच्छे आंकड़े आने के बाद बीते सप्ताह वैश्विक शेयर बाजार में जोरदार तेजी रही, जिसका असर भारतीय शेयर बाजार में इस सप्ताह के आरंभिक वैश्विक संकेत सत्र में देखने को मिलेगा। अमेरिका में बीते सप्ताह जारी आंकड़ों के अनुसार, फरवरी में 3.79 लाख लोगों को नई नौकरियां मिलीं, जिससे बेरोजगारी दर में घटकर 6.2 फीसदी रह गई जोकि अर्थव्यवस्था की सेहत में सुधार के अच्छे संकेत हैं।
हालांकि, अमेरिकी बांड की यील्ड में आगे किसी तेजी से शेयर बाजार फिर सकते में आ सकता है। अमेरिका में बांड से अच्छे रिटर्न मिलने की उम्मीदों में विदेशी निवेशक भारत जैसी उभरती हुई अर्थव्यवस्था के बाजार से अपने पैसे निकालने लगते हैं। लिहाजा, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की बिकवाली बढ़ने से बाजार में कारोबारी रुझान सुस्त पड़ सकता है।
वहीं, अमेरिकी केंद्रीय बैंक-फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजे बुधवार को आएंगे जिसका बाजार को इंतजार रहेगा। इस बैठक के नतीजों की घोषणा के बाद मौद्रिक नीति के मोर्चे पर फेड के रुख को लेकर बाजार की असमंजस की स्थिति दूर होगी। इसके एक दिन बाद गुरुवार को यूरोपियन सेंट्रल बैंक ब्याज दरों को लेकर अपने फैसले की घोषणा करेगा। भारतीय शेयर बाजार में इस सप्ताह गुरुवार को महाशिवरात्रि पर अवकाश होने के कारण कारोबार बंद रहेगा।
अगले दिन शुक्रवार को औद्योगिक उत्पादन और विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन के आंकड़ों के साथ-साथ उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा महंगाई दर के फरवरी के आंकड़े भी जारी होंगे। इन प्रमुख आर्थिक आंकड़ों पर बाजार की निगाहें टिकी रहेंगी। वहीं, विदेशी मोर्चे पर जारी होने वाले आंकड़ों का भी असर देश-विदेश के शेयर बाजारों पर देखने को मिलेगा। इस सप्ताह के दौरान बुधवार को चीन में फरवरी महीने की महंगाई के आंकड़े जारी होंगे। इसी दिन अमेरिका में भी फरवरी महीने की महंगाई के आंकड़े जारी होंगे।
तेज वैश्विक संकेतों से भारतीय बाजारों में तेजी
भारतीय बाजार मंगलवार को अपनी रैली जारी रखते हुए एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स 374 अंक बढ़कर 61,121.35 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 50 133 अंक बढ़कर 18,145.40 पर पहुंच गया। व्यापक बाजार सूचकांकों में, बीएसई लार्जकैप 54 अंक बढ़कर 7,051.06 पर पहुंच गया। अदानी एंटरप्राइज, एनटीपीसी, पावरग्रिड और नायका इंडेक्स के कुछ सबसे सक्रिय स्टॉक हैं।
बीएसई मिडकैप में दिल्लीवरी, अदानी पावर, वोल्टास, लौरस लैब्स के साथ सूचकांक में सबसे सक्रिय शेयरों में से कुछ के रूप में लगभग 263 अंक की वृद्धि देखी गई। बीएसई स्मॉलकैप 73 अंक बढ़कर 28,891.11 पर पहुंच गया, जिसमें रेणुका शुगर्स, इक्विटास, इंफीबीम, आईटीआई, ओरिएंट होटल्स और यूनिकेम लैब इंडेक्स के कुछ सबसे सक्रिय स्टॉक रहे।
भारतीय शेयर सूचकांकों में तेजी का रुख लगातार तीसरे सप्ताह जारी रहा क्योंकि सोमवार को कई हफ्तों के बाद बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स 60,000 को पार कर गया।
अधिकांश एशियाई बाजारों ने रैली की और हरे रंग में कारोबार किया क्योंकि निवेशकों ने इस खबर को खुश किया कि फेडरल रिजर्व अपनी दरों में बढ़ोतरी पर धीमी गति से आगे बढ़ेगा जो घोषित होने के कारण हैं। फेडरल रिजर्व के सुस्त रुख की खबरों के संकेतों से यूरोपीय बाजार भी तेजी के साथ खुले।
सुबह 9.41 बजे सेंसेक्स 339.46 अंक यानी 0.56 फीसदी की तेजी के साथ 61,086.05 अंक पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 109.50 अंक यानी 0.61 फीसदी की तेजी के साथ 18,121.70 अंक पर कारोबार कर रहा था.
निफ्टी 50 शेयरों में, डॉ रेड्डीज, एनटीपीसी, डिविज लैब्स, अदानी एंटरप्राइजेज और अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइज आज सुबह शीर्ष पांच लाभ प्राप्त करने वाले थे।
"आज, बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के साथ-साथ स्थिर विदेशी प्रवाह द्वारा समर्थित एक आशावादी नोट पर नए महीने की शुरुआत होने की संभावना है।
निवेशकों का ध्यान इस सप्ताह (1-2 नवंबर) को फेडरल रिजर्व की नीति बैठक पर केंद्रित होने से कल अमेरिकी बाजार निचले स्तर पर बंद हुए।'' हेम सिक्योरिटीज के पीएमएस प्रमुख मोहित निगम ने कहा। जिसमें मुख्य क्षेत्र सितंबर में 7.9 प्रतिशत की दर से बढ़ने के लिए बरामद हुआ - तीन महीने का उच्च - अनुकूल आधार और उर्वरक, सीमेंट और बिजली के उत्पादन में दो अंकों की वृद्धि के कारण, मोहित निगम ने कहा।
हालांकि, विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट निवेशकों के लिए चिंता का विषय है। रुपये की गिरावट को रोकने के लिए बाजार में आरबीआई के हस्तक्षेप के कारण भारत का विदेशी मुद्रा भंडार महीनों से कम हो रहा है।
21 अक्टूबर को समाप्त वैश्विक संकेत सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार गिरकर दो साल के निचले स्तर 524.520 अरब डॉलर पर आ गया, जो पिछले सप्ताह के मुकाबले 3.85 अरब डॉलर कम है।
फरवरी के अंत में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 100 बिलियन वैश्विक संकेत अमरीकी डालर की गिरावट आई है, जब विश्व स्तर पर ऊर्जा और अन्य वस्तुओं का आयात महंगा हो गया था। पिछले 12 महीनों में, संचयी आधार पर भंडार में लगभग 115 बिलियन अमरीकी डालर की गिरावट आई है।
Share Market Fall: अचनाक क्यों धड़ाम हुआ सेंसेक्स, आगे भी बाजार की राह आसान नहीं
Sensex Fall: क्या नकारात्मक वैश्विक संकेत भारतीय शेयर बाजार पर हावी हैं.
हफ्ते की शुरुआत यानी सोमवार 29 अगस्त को शेयर बाजार ने निवेशकों को झटका दे दिया. BSE का Sexsex शुरुआती कारोबार में 1220 अंक फिसल गया और NSE का Nifty 355 अंक गिरा.
सोमवार को सेंसेक्स 861 अंक या 1.46 फीसदी वैश्विक संकेत गिर कर 57,972 पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी50 में 246 अंक या 1.40 फीसदी की गिरावट के बाद यह 17,312 पर बंद हुआ. लेकिन बाजार अचानक इतनी तेजी से क्यों गिरा?
सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 1,220.76 अंक गिरकर 57,613 पर था, इसके सभी 30 शेयर लाल निशान में कारोबार कर रहे थे. निफ्टी 355 अंक गिरकर 17,203 पर था. दोनों सूचकांक 2% से ज्यादा गिरे. सेंसेक्स में टेक महिंद्रा, इंफोसिस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, विप्रो, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा स्टील और पावर ग्रिड के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज हुई.
Biz2Credit के को फाउंडर रोहित अरोड़ा ने क्विंट को बताया कि, "ऐसी अपेक्षा थी कि अमेरिकी फेड अब धीरे-धीरे ब्याज दरों में बढ़ोतरी करेगा, लेकिन अब ऐसा नहीं है. अमेरिकी फेडलर रिजर्व के चीफ जेरोम पॉवेल के भाषण ने शुक्रवार को ही साफ कर दिया था कि ब्याज दरें तब तक बढ़ाई जाएगी जब तक कि महंगाई 2 फीसदी के आसपास न आ जाए. लोन महंगा होने से कोई सेंसेक्स में निवेशकों की संख्या कम होगी, इसलिए आगे सेंसेक्स अभी और गिरेगा."
वेल्थमिल्स सिक्योरिटीज में इक्विटी स्ट्रेटेजी के डायरेक्टर क्रांति बथिनी ने भी यूएस फेड के चीफ के भाषण का हवाल देते हुए कहा कि, "इस वजह से अमेरिकी शेयर बाजार भी शुक्रवार को वैश्विक संकेत तेजी से गिरा, Dow Jones में तो 1000 अंकों से भी ज्यादा की गिरावट दर्ज हुई. इसके बाद एशिया के बाजार भी गिरे."
इन नेगेटिव वैश्विक संकेतों की वजह से भारतीय शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली. हलांकि भारत की अर्थव्यवस्था में स्थिरता है, इसलिए निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं. अगर आप 3 से 5 साल तक यानी लॉन्ट टर्म के लिए निवेश का सोच रहे हैं तो यह अच्छा अवसर है.
Reliance AGM: मुकेश अंबानी का बड़ा ऐलान,दिवाली तक 4 शहरों में Jio 5G सर्विस शुरू
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)
वैश्विक संकेत
Hit enter to search or ESC to close
वैश्विक बाजार से सकारात्मक संकेत, एशियाई बाजारों में भी उछाल
- अमेरिका में महंगाई दर के आंकड़े आने के पहले यूएस फ्यूचर्स पर दबाव
नई दिल्ली, 07 नवंबर (हि.स.)। ग्लोबल मार्केट से सोमवार को मजबूती के संकेत नजर आ रहे हैं। एशियाई बाजारों ने भी आज मजबूती के साथ कारोबार की वैश्विक संकेत शुरुआत की है, लेकिन अमेरिका में महंगाई दर के आंकड़े आने के पहले यूएस फ्यूचर्स पर दबाव बना हुआ नजर आ रहा है।
पिछले कारोबारी सत्र में अमेरिकी मार्केट उतार-चढ़ाव के बावजूद मजबूती के साथ बंद हुए थे। डाओ जोंस 400 अंक की मजबूती के साथ और नैस्डेक 132 अंक की मजबूती के साथ बंद हुए थे, जबकि एसएंडपी 500 इंडेक्स 1.36 प्रतिशत की तेजी के साथ 3,770 अंक के स्तर पर बंद हुआ था। माना जा रहा है कि भविष्य की आशंका के बावजूद बेहतर जॉब डेटा के कारण अमेरिकी बाजार की मजबूती कायम रही है। पिछले सप्ताह आए अमेरिकी जॉब डेटा उम्मीद से बेहतर रहे हैं।
अनुमान की तुलना में जॉब डेटा में करीब 25 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। इसके बावजूद अमेरिका में बेरोजगारी दर अभी भी 3.7 प्रतिशत के स्तर पर बनी हुई है, जो दिसंबर 2020 के बाद का सबसे कमजोर स्तर है। इसी सप्ताह 9 नवंबर को यूएस कांग्रेस के मिड टर्म चुनाव के नतीजे आने वाले हैं। इसके साथ ही 10 नवंबर को महंगाई के आंकड़े आने वाले हैं। चुनाव के नतीजों और महंगाई के आंकड़ों का असर अमेरिकी बाजार पर पड़ेगा, जिससे ग्लोबल मार्केट भी प्रभावित होगा।
एशियाई बाजारों में भी आज सुबह से मजबूती का रुख बना हुआ है। एसजीएक्स निफ्टी 2 अंक की सांकेतिक मजबूती के साथ 18,205 अंक के स्तर पर बना हुआ है, जबकि निक्केई इंडेक्स 1.26 प्रतिशत की तेजी के साथ 27,543.66 अंक के स्तर पर है। स्ट्रेट टाइम्स इंडेक्स भी 0.21 प्रतिशत की तेजी के साथ 3,136.59 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसी तरह हैंग सेंग इंडेक्स 543.43 अंक यानी 3.42 प्रतिशत की जबरदस्त उछाल के साथ 16,714.57 अंक के स्तर पर कारोबार करता नजर आ रहा है।
अभी तक के कारोबार में ताइवान वेटेड इंडेक्स में भी 211.10 अंक की तेजी आ चुकी है, जिसके कारण ये इंडेक्स 13,237.81 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा है। वहीं कोस्पी इंडेक्स 0.97 प्रतिशत की तेजी के साथ 2,371.24 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसके अलावा सेट कंपोजिट इंडेक्स 0.23 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,630.06 अंक के वैश्विक संकेत स्तर पर, जकार्ता कंपोजिट इंडेक्स 0.23 प्रतिशत की तेजी के साथ 7,061.65 अंक के स्तर पर और शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 0.46 प्रतिशत की तेजी के साथ 3,084.87 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहे हैं।
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।